त्रिवेंद्र सरकार की साल की पहली ई मन्त्रिमण्डल बैठक,और उसके अहम फैसले

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मुख्यमंत्री रावत ने सचिवालय में ई-मंत्रिमण्डल प्रणाली का शुभारम्भ किया। ई-कैबिनेट का उद्देश्य समयबद्ध ढंग से कार्रवाई करना, लेस पेपर व्यवस्था को प्रोत्साहित करना एवं संस्थागत मेमोरी को विकसित करना है। इसके प्रयोग से जहाँ पर्यावरण मित्र के माध्यम से कागज की बचत होगी वहीं संस्थागत मेमोरी द्वारा पूर्व की कैबिनेट जानकारी को प्राप्त करना भी आसान होगा। ई-कैबिनेट, ई-गवर्नेंस और पारदर्शिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

प्रदेश में आज से कैबिनेट की बैठकों के लिए ई मंत्रिमंडल प्रणाली लागू हो गई है। भविष्य में होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में कागज की जगह अब ऑनलाइन प्रस्ताव बनकर जाएगा। गोपन विभाग ने ई मंत्रिमंडल के लिए पोर्टल तैयार कर दिया है। बैठक से संबंधित सामान्य सूचनाएं, स्थान और समय पोर्टल, एसएमएस और ईमेल के माध्यम से मंत्रिमंडल को अवगत करवाया जाएगा। प्रणाली का इस्तेमाल करने वालों का ई-अकाउंट होगा। इस पर सभी का लॉगइन आईडी तैयार की गई हैं।

बैठक का कार्यवृत्त एवं निर्णयों को ऑनलाइन अपलोड और जारी किया जाएगा। मंत्रिमंडल की टिप्पणियां की केवल दो प्रतियां गोपन विभाग के लिए जारी होंगी, जबकि विभागों को डिजिटल स्वीकृतियां मिलेंगी। त्रिवेंद्र कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक खत्म, कई बड़े फैसलों मुहर लगी।

आज उत्तराखंड राज्य की प्रथम ई कैबिनेट की जानकारी शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने दी। कुल 6 प्रस्ताव स्वीकृत किये गए।

1- विधान सत्र के समापन को स्वीकृति।                                                                                          2 – डेयरी विकास की गंगा गाय डेयरी योजना में सहकारी समिति के सदस्यों को अनुदान लाभ दिया जाएगा। महिला सदस्यों को प्राथमिकता दी जाएगी।
3- महाविद्यालय में रिक्त पदों पर गेस्ट फेकेलिटी के रूप प्राचार्य को 11 माह के लिये अधयापक नियुक्त का अधिकार दिया गया।
4 – वकेदारपुरी मास्टर प्लान में सी एस आर के अतिरिक्त राज्य सरकार भी पूर्व अधिगृहित भवन के स्थान पर भवन बना कर देगी।
5 – कैलाश मानसरोवर यात्रा की अनुदान राशि राज्य निवासी के लिये 2 गुनी, 25 हजार से बढ़ाकर 50 हजार की गई।
6 – गन्ने के समर्थन मूल्य 327 अगेती और 317 पछेती प्रजाति के प प्रति कुन्तल की दर स्वीकृत का अनुमोदन।