इन्वेस्टर्स समिट का पूरा कार्यक्रम फाइनल, जानिए कब क्‍या होगा

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देहरादून में सात व आठ अक्टूबर को आयोजित होने वाली इन्वेस्‌र्ट्स समिट का पूरा कार्यक्रम फाइनल कर लिया गया है। समिट के दौरान दो दिनों में 12 सत्र आयोजित किए जाएंगे। इनमें पर्यटन, ढांचागत सुविधा, निर्माण, फिल्म उद्योग, कृषि, औद्यानिकी, स्वास्थ्य, वेलनेस, सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग विषयों पर विशेषज्ञ विचार रखेंगे। हर सत्र की अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री अथवा विषय विशेषज्ञ करेंगे। इन्वेस्टर्स समिट के लिए कार्यक्रम स्थल में थीम पवेलियन बनाया गया है। इसमें 70 पांडाल लगाए गए हैं। इन पांडाल में उत्तराखंड के उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी।

उद्घाटन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व सीआइआइ के डीजी चंद्रजीत बैनर्जी, जापान व चेक गणराज्य के राजदूत तथा सिंगापुर के मंत्री एस ईश्वरन के अलावा तमाम नामी उद्योगपतियों का संबोधन होगा। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम से रवानगी के बाद तकनीकी सत्र शुरू होंगे। पहले चरण में निर्माण, पर्यटन, ढांचागत सुविधा व चेक गणराज्य के चार सत्र होंगे।

यह सत्र सामानांतर रूप से अलग-अलग हॉल में चलाए जाएंगे। चेक गणराज्य के सत्र में वहां के राजदूत मिलान होवरका और चेक गणराज्य के वित्त मामलों के प्रथम सचिव मिलान टोस संबोधित करेंगे। दूसरे चरण में फिल्म, सूचना एवं प्रौद्योगिकी और जापान का सत्र होगा। जापान के सत्र में वहां के राजदूत कैंजी हिरामात्सु के अलावा जापानी प्रतिनिधिमंडल के तोरू उमाची, तकाशी व सूची उमेकी भी निवेशकों को संबोधित करेंगे। शाम को सभी निवेशक ऋषिकेश जाएंगे, जहां प्रसिद्ध गायिका अनुराधा पौड़वाल गंगा आरती की प्रस्तुति देंगी। समिट के दूसरे दिन यानी सोमवार आठ अक्टूबर को सुबह तीन सत्र आयोजित किए जाएंगे।

इनमें कृषि और औद्यानिकी, स्वास्थ्य और वेलनेस तथा एमएसएमई व सीआइआइ के सत्र समानांतर रूप से चलाए जाएंगे। अपराह्न को दूसरे चरण में शिक्षा व स्टार्ट अप विषय पर विषय विशेषज्ञ चर्चा करेंगे। दोपहर बाद समापन सत्र आयोजित किया जाएगा। 1600 लोगों के आने की संभावना इस समिट में सरकार 1600 उद्योगपतियों व उनके प्रतिनिधियों के आने की संभावना जता रही है। सरकार की ओर से इन सभी प्रतिनिधियों के खाने की व्यवस्था की गई है।

यह अपने रहने की व्यवस्था स्वयं करेंगे। 12 कमरे किए गए हैं तैयार आयोजन स्थल पर 12 कमरे तैयार किए गए हैं। यहां उद्योगपति विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ मुलाकात कर निवेश के संबंध में, मसलन भूमि की उपलब्धता, संबंधित उद्योग के संबंध में जानकारी आदि पर चर्चा करेंगे।

मुख्‍यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि प्रदेश में पहला इन्वेस्टर्स समिट होने जा रहा है। इसके लिए उत्तराखंड पूरी तरह तैयार है। इस समिट में 77 हजार करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है। सम्मेलन में विभिन्न क्षेत्रों में निवेशक अपनी भागीदारी निभाएंगे। राज्य में न सिर्फ ऑटोमोबाइल सेक्टर बल्कि हॉस्पिटेलिटी, टूरिज्म, योगा, सौर ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में भी निवेश लाने की कोशिश होगी। इससे तराई के साथ-साथ पहाड़ी क्षेत्रों में भी रोजगार के अवसर पैदा होंगे तथा राज्य की आर्थिकी को मजबूती मिलेगी।’

उत्तराखंडी संस्कृति से सराबोर होगी इन्वेस्टर्स समिट

‘डेस्टिनेशन उत्तराखंड: इन्वेस्टर्स समिट’ राज्य की आर्थिक खुशहाली के दरवाजे तो खोलेगी ही, इसमें संपूर्ण उत्तराखंड की संस्कृति की झलक से रूबरू होने का मौका भी देश-विदेश के मेहमानों को मिलेगा। समिट के उद्घाटन पर प्रस्तुत होने वाले ‘मांगल गीत’ में जहां गढ़वाल, कुमाऊं और जौनसार के आंचलिक लोकजीवन की छवि दिखेगी, वहीं भोजन में झंगोरे की खीर, कुमाऊंनी रायता, चैंसू, फाणा, अर्सा जैसे पहाड़ी व्यंजनों का स्वाद भी अतिथि लेंगे।

यही नहीं, अतिथियों को प्रदान किए जाने वाले स्मृति चिह्न विशुद्ध रूप से उत्तराखंड के हस्तशिल्प और हैंडलूम पर केंद्रित होंगे। अतिथि सत्कार उत्तराखंड की परंपरा है और इन्वेस्टर्स समिट में यह नुमायां भी होगी। सरकारी मशीनरी इसकी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटी है। समिट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होना है तो इसमें देश-विदेश के नामी उद्योगपति भी शिरकत कर रहे हैं।

समिट के जरिये आर्थिक तरक्की की ओर कदम बढ़ाने जा रही सरकार इस मौके पर उत्तराखंड की समृद्ध लोक विरासत से अतिथियों को रूबरू कराने से चूकना नहीं चाहती। फिर चाहे वह आतिथ्य सत्कार हो या अथवा स्थानीय उत्पाद, इसी के लिहाज से कार्ययोजना तय की गई है। सूत्रों के अनुसार समिट के उद्घाटन के मौके पर मांगल गीत प्रस्तुत होगा। गढ़वाली, कुमाऊंनी व जौनसारी पारंपरिक परिधान और वाद्य यंत्रों के साथ लोक कलाकार यह प्रस्तुति देंगे।

संस्कृति विभाग इसकी तैयारियों को अंतिम रूप दे चुका है। यही नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अतिथियों को भेंट किए जाने वाले स्मृति चिह्न उत्तराखंड के हस्तशिल्प और हैंडलूम पर केंद्रित होंगे। इसमें सीमांत क्षेत्रों में तैयार होने वाले ऊनी शॉल शामिल हैं तो चारधाम की प्रतिकृति, तांबे व मैटल से बने उत्पाद भी। उत्तराखंड के पर्यटन, क्राफ्ट समेत अन्य विषयों पर केंद्रित पुस्तकें भी अतिथियों को भेंट की जाएंगी। समिट में पारंपरिक पहाड़ी व्यंजनों का स्वाद अतिथि लेंगे। इसमें चैंसू (उड़द के चूरे से बनी दाल) फाणा (कुलथ को पीसकर बनाया गया व्यंजन), पहाड़ी आलू के गुटके, कुमाऊंनी रायता, अर्सा, तिल की चटनी जैसे व्यंजन मुख्य हैं।

बेस्ट आफ उत्तराखंड 

समिट की थीम ‘बेस्ट आफ उत्तराखंड’ रखी गई है, जिसमें आधुनिकता और पारंपरिकता के समावेश की झलक देखने को मिलेगी। समिट में स्थापित किए जाने वाले स्टालों में उत्तराखंड के सभी प्रमुख उत्पाद प्रदर्शित किए जाएंगे। साथ ही जैविक उत्पाद, सगंध उत्पाद, पर्यटन, वेलनेस समेत अन्य सेक्टरों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी जाएगी।

इन्वेस्टर समिट से पहले सीएम करेंगे इलेक्ट्रिक बस को रवाना

मसूरी मार्ग पर ट्रायल रन के लिए देहरादून पहुंची इलेक्ट्रिक बस अब गुरूवार को नहीं बल्कि इन्वेस्टर समिट के मौके पर मसूरी जाएगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बस को झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। इससे पहले इसका स्थानीय मार्ग पर ट्रायल होगा। बताया जा रहा कि ट्रायल के लिए कंपनी के अफसर भी तमिलनाडू से दून पहुंचेंगे।

परिवहन सुविधाओं में बढ़ोत्तरी के साथ ही पर्यटन व पर्यावरण का ख्याल रखते हुए सरकार ने प्रदेश में इलेक्ट्रिक रोडवेज बसों के संचालन को मंजूरी दी है। इसके पहले चरण में दून-मसूरी और हल्द्वानी-नैनीताल मार्ग 25-25 बसें संचालित करने को कहा गया। इसके तहत रोडवेज ने बस कंपनियों से प्रस्ताव मांगे गए थे। तमिलनाडू की एक कंपनी ने करीब एक करोड़ की कीमत की एक बस ट्रायल करने के लिए दून भेज दी है। पर्वतीय मार्गों को देखते हुए बस 166 व्हीलबेस की है।

तय कार्यक्रम के अंतर्गत गुरूवार को इलेक्ट्रिक बस का दून-मसूरी मार्ग पर ट्रायल रन होना था, मगर ऐन वक्त पर यह कार्यक्रम बदल दिया गया। सूत्रों ने बताया कि सरकार व उच्चाधिकारियों द्वारा अभी ट्रायल रन तीन दिन टालने का निर्देश दिया है। दरअसल, सात अक्टूबर से प्रदेश की पहली इन्वेस्टर समिट दून में होने जा रही। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश के बड़े उद्योगपति अंबानी व अडानी जैसी हस्तियां शामिल होंगी। ऐसे में सरकार इस मौके का लाभ प्रदेश की पहली इलेक्ट्रिक बस के उद्घाटन पर लेना चाह रही। यही वजह है कि अब इस बस का ट्रायल सात अक्टूबर की सुबह होगा।

परिवहन निगम सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व परिवहन मंत्री यशपाल आर्य बस को ट्रायल रन पर रवाना करेंगे। फिलहाल अगले दो-तीन दिन बस की स्थानीय मार्ग पर टेस्टिंग की जाएगी। महाप्रबंधक दीपक जैन ने बताया कि अभी कंपनी के अफसर दून नहीं पहुंचे हैं। वे यहां आकर तकनीक की जानकारी देंगे। उसके बाद ही बस को सात अक्टूबर को ट्रायल पर भेजा जाएगा।

बस के लोड लेने पर संशय

भले सरकार की मंशा के अनुसार दून से मसूरी के लिए इलेक्ट्रिक बस मंगा ली गई हो लेकिन तकनीकी विशेषज्ञ पर्वतीय मार्ग पर बस के लोड पर संशय जता रहे। नाम नहीं छापने की शर्त पर परिवहन विभाग के तकनीकी अधिकारियों ने बताया कि मसूरी के मौसम में नमी है। इलेक्ट्रिक बस बैटरी पर संचालित होती है। ऐसे में बैटरी ज्यादा खर्च होगी। साथ ही इसकी गति भी सीमित है। ऐसे में मसूरी पहुंचने में इस बस को डीजल बसों की अपेक्षा ज्यादा समय लग सकता है।

इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियों में जुटा प्रशासन

सात व आठ अक्टूबर को प्रदेश में होने वाले इन्वेस्टर्स समिट को लेकर तीर्थनगरी में प्रशासनिक अमला तैयारियों में जुटा है। बुधवार को जिलाधिकारी टिहरी ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर तैयारियों का जायजा लिया। बुधवार को मुनिकीरेती के कैलाश गेट स्थित गढ़वाल मंडल विकास निगम के गंगा रिसार्ट में जिलाधिकारी टिहरी सोनिका ने संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने सभी विभागों को जल्द से जल्द कार्यों को अंतिम रूप देने के लिए निर्देशित किया।

उन्होंने बताया कि देहरादून व जौलीग्रांट से इन्वेस्टर्स के वाहनों को गंगा रिसार्ट तक पहुंचाने के लिए नटराज से दो मार्ग रहेंगे। जिसमें नटराज वाया भद्रकाली, पीडब्ल्यूडी तिराह होते हुए जीएमवीएन तक का मार्ग वीआइपी मार्ग होगा। सभी वीआइपी व वीवीआइपी वाहनों को इसी मार्ग से गंगा रिसार्ट पहुंचाया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों के साथ रूट, वाहन पार्किंग, आरती स्थल, कार्यक्रम स्थल व रात्रि भोज स्थल का स्थलीय निरीक्षण भी किया। उल्लेखनीय है कि सात व आठ अक्टूबर को हो रहे इन्वेस्टर्स समिट में ऋषिकेश के मुनिकीरेती में गंगा आरती व सांस्कृति संध्या का कार्यक्रम रखा गया है। गंगा रिसार्ट के निकट घाट पर संध्याकालीन गंगा आरती में निवेशक शिरकत करेंगे। जबकि इसके पश्चात गंगा रिसार्ट के निकट ही कुंभ मेला मैदान में सांस्कृतिक संध्या आयोजित की जाएगी। जिसमें प्रख्यात पा‌र्श्व गायिका अनुराधा पौडवाल प्रस्तुति देंगी। इसके साथ ही गंगा रिसार्ट में निवेशकों को रात्रि भोज भी दिया जाएगा।

जिलाधिकारी सोनिका ने बताया कि यातायात, सुरक्षा व अन्य व्यवस्थाओं को लेकर सभी विभागों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने बताया कि अपर जिलाधिकारी टिहरी शिव चरण द्विवेदी व हविप्रा के सचिव कृष्ण कुमार मिश्रा को नोडल अधिकारी बनाया गया है। बैठक में उप जिलाधिकारी लक्ष्मीराज चौहान, पुलिस क्षेत्रधिकारी जेपी जुयाल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे। प्रधानमंत्री के स्वागत को हो रही तैयारी सात अक्टूबर को इन्वेस्टर्स समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ऋषिकेश पहुंचेंगे। हालांकि अभी प्रशासन ने इसकी पुष्टि नहीं की है।

मगर, तैयारियों की बात करें तो इन्वेस्टर्स समिट में प्रधानमंत्री के आगमन को देखते हुए तैयारियां की जा रही हैं। उल्लेखनीय है कि सात अक्टूबर को देहरादून के महाराणा प्रताप इंटनेशनल स्टेडियम में होने वाले इन्वेस्टर्स समिट के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के पहुंचने का कार्यक्रम तय है। मगर, अभी ऋषिकेश को लेकर उनके कार्यक्रम पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। जिलाधिकारी सोनिका ने बताया कि प्रधानमंत्री के संभावित कार्यक्रम को देखते हुए तैयारियां की जा रही हैं। इससे पूर्व प्रधानमंत्री बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 सितंबर 2016 को ऋषिकेश आए थे।

तब उनके आध्यात्मिक गुरु संत दयानंद सरस्वती अस्वस्थ थे। उत्तरकाशी की पनघा संस्था संवार रही दीवारें मुनिकीरेती के कैलाशगेट स्थित गंगा रिसार्ट में सात अक्टूबर को होने वाले कार्यक्रम को लेकर यहां तक पहुंचने वाले मार्ग को सजाने-संवारने का काम जारी है। इतना ही नहीं कैलाश गेट मुख्य मार्ग से गंगा रिसार्ट को जाने वाले मार्ग के दोनों ओर की दीवारों को भी आकर्षक रूप दिया जा रहा है। इसकी जिम्मेदारी उत्तरकाशी की पहघा संस्था को सौंपा गया है।

पनघा संस्था के चित्रकार उत्तम रावत, मुकुल बडोनी, कविता भारती, सोभित व सुलोचना यहां दीवारों पर खूबसूरत चित्रकारी कर इन बेजान दीवारों पर रंग भर रहे हैं। चित्रकार उत्तम रावत ने बताया कि वह इन दीवारों पर एपर्ण लोक कला में पहाड़ी शैली के तिवार, कोठार व विरासत से जुड़ी चित्रकारी उकेर रहे हैं। हरिद्वार व वाराणसी के गंगा घाटों के दृश्य भी दीवारों पर उकेरे जा रहे हैं। बर्ली जनजाति की लोककला व मार्डन आर्ट पर आधारित चित्रकारी को स्थान दिया गया है। गंगा घाट पर तैनात रहेंगे गोताखोर इन्वेस्टर्स समिट को लेकर पुलिस ने भी सुरक्षा व ट्रैफिक को लेकर प्लान तय कर किया है।

पुलिस क्षेत्राधिकारी जेपी जुयाल ने बताया कि गंगा तट पर स्थित आरती स्थल पर गंगा की ओर बैरिकेडिंग लगाई जाएगी। इसके अलावा गंगा घाट पर जल पुलिस, फ्लड कंपनी व एसडीआरएफ के कुशल तैराक व गोताखोर राफ्ट के साथ तैनात रहेंगे। वहीं मुख्य आयोजन स्थल पर पुलिस गार्ड व फायर यूनिट की तैनाती की जाएगी। उन्होंने बताया कि देहरादून व जौलीग्रांट से आने वाले अतिथियों के लिए नटराज से भद्रकाली होते हुए मुनिकीरेती का रूट तय किया गया है। जबकि वाया ऋषिकेश रूट को भी जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल किया जाएगा।