उत्तराखंड राजनीति: अभी से सब ‘बाईस’ फतह को बेकरार

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उत्तराखंड
उत्तराखंड के राजनीतिक दलों की जमीनी मजबूती की परीक्षा तो विधानसभा चुनाव के दौरान 2022 में ही होगी पर अभी से सभी के दावे सामने आने लगे हैं। इसी के साथ दलों की तैयारी भी तेज हो गई है। संगठनात्मक रूप से उत्तराखंड में सबसे मजबूत भाजपा को ही सामने रखकर सियासी दल अपनी चुनावी तैयारियों पर आगे बढ़ रहे हैं। भाजपा-कांग्रेस के बीच ही राज्य बनने के बाद मुकाबला होता रहा है, लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी (आप) चुनावी दंगल में उतरने और चुनौती पेश करने के लिए ज्यादा ही उतावली नजर आ रही है।
-भाजपा-कांग्रेस को एक-दूसरे से ही भिड़ंत होने का अनुमान
-आप का दावा, भाजपा और उसमें ही होगा  मुकाबला
उत्तराखंड के चुनावी इतिहास पर नजर दौड़ाएं तो 20 साल में भाजपा और कांग्रेस ने बारी-बारी से सत्ता की अदला-बदली की है। सिर्फ 2012 का विधानसभा चुनाव ऐसा रहा , जब सत्तासीन भाजपा सरकार में बहाली करने से जरा सी चूक गई। इस चुनाव से इतर अन्य चुनावों के नतीजों को देखें, तो सत्ता तक पहुंचने वाली पार्टी के प्रति जनता का करीब करीब स्पष्ट रुझान ही सामने आया है। 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को अपनी टक्कर भाजपा के साथ स्पष्ट तौर पर दिखाई दे रही है। उसके प्रमुख नेताओं के इस संबंध में बयान सामने आए हैं। भाजपा ने अपना नजरिया जाहिर नहीं किया है, लेकिन उसका अनुमान भी यही है कि कांग्रेस ही चुनाव में उसे टक्कर देगी, यह अलग बात है कि रणनीतिक तौर पर उसके नेता कह रहे हैं कि भाजपा की टक्कर में कोई नहीं होगा।
इन स्थितियों के बीच आम आदमी पार्टी के प्रमुख नेता दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने दावा किया है कि आप और भाजपा के बीच चुनाव में मुख्य मुकाबला होगा। उत्तराखंड में आप का वजूद नहीं है, लेकिन वह हलचल मचाने के लिए पूरा जोर लगा रही है। मनीष हलचल मचाने के लिए अब बार-बार उत्तराखंड का दौरा कर रहे हैं। सरकार को पांच काम गिनाने के लिए चैलेंज करके उन्होंने आप की उसी आक्रामक सियासी रणनीति के दर्शन कराए हैं, जिसे उसने दिल्ली में कांग्रेस राज के दौरान अपनाया था।
हालांकि दिल्ली जैसी स्थिति उत्तराखंड में नजर नहीं आ रही है। केजरीवाल की तरह उत्तराखंड में आप का कोई ऐसा नेता नहीं है, जो 24 घंटे सातों दिन उत्तराखंड में रहते हुए ही हर छोटी-बड़ी बात पर सरकार को घेर सके। महसूस किया जा रहा है कि आप को उत्तराखंड में एक पूर्णकालिक वजूद वाले चेहरे की दरकार है। हालांकि पार्टी कह रही है कि जल्द ही पूर्णकालिक, ईमानदार चेहरा उत्तराखंड में आप की तरफ से नजर आएगा।