अब आपको सड़क पर चलते समय एक बात का ध्यान रखना पड़ेगा की कहीं आप किसी एंबुलेंस का रास्ता तो नहीं रोक रहे।उत्तराखंड ट्रैफिक पुलिस की एक और पहल ‘निरोग’ में एंबुलेंस का रास्ता रोकने वाले के ऊपर कड़ी कार्रवाई का प्रवधान किया जा रहा है।शहर में बढ़ते ट्रैफिक और लोगों के रवैये को देखते हुए ट्रैफिक पुलिस ने यह कड़ा कदम उठाया है जिसमें जो कोई भी पीछे से आ रही एंबुलेंस को रास्ता नहीं देगा उसे अपने लाइसेंस से हाथ धोना पड़ेगा।
इस पायलट प्रोजेक्ट के बारे में न्यूजपोस्ट से बात करते हुए ट्रैफिक निदेशक केवल खुराना ने बताया कि ,”इस प्रोजेक्ट को शुरु करने का सबसे बड़ा कारण था कि लोग आगे या पीछे से आने वाली एंबुलेंस को रास्ता नहीं देते हैं जिसकी वजह से किसी की जान जा सकती है, और यह मैने कई बार अपनी गाड़ी में सफर करते हुए खुद देखा है।इस समय देहरादून में 157 एंबुलेंस चल रहे हैं और एंबुलेंस में चल रहे मरीज़ के लिए एक-एक मिनट जरुरी हैं ।ऐसे में लोगों का एंबुलेंस को रास्ता नहीं देना किसी की जान ले सकता है, इसी सोच के साथ हमने ‘निरोग’ की पहल करी ताकि सड़क में चल रहे लोग एंबुलेंस को जगह दें और उसमें चल रहे मरीज़ को समय से इलाज मिल सके।”
इसके अलावा खुराना ने बताया कि आने वाले 10 फरवरी से यह ‘निरोग’ प्रोजेक्ट देहरादून में शुरु कर दिया जाएगा और फिर दूसरे जिलों में भी लागू किया जायेगा।
उत्तराखंड ट्रैफिक पुलिस आए दिन कुछ अलग हटकर कर रही है जिससे आम जनता को फायदा मिल सके।इससे पहले बीते रविवार यानि 28 जनवरी को ‘सुखद’ नाम से एक सुविधा दी गई जिसमें सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक महिलाओं को शहर में पिक-अप और ड्रॉप की सुविधा दी गई थी जिसको तकरीबन 1800 लोगों ने इस्तेमाल किया।
आने वाले 10 फरवरी से शुरु होने वाले ‘निरोग’ योजना के लिए प्रशासन ने तो कमर कस ली है। अगली बार से एंबुलेंस को रास्ता दें और मानवता की मिसाल पेश करें।





















































