कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार से महकमों में सन्नाटा

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    देहरादून। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद से जुड़े कर्मचारियों ने एसीपी (एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन) की नई व्यवस्था और वेतन समिति की रिपोर्ट के खिलाफ सोमवार को प्रदेशभर में कार्य बहिष्कार करने पर सरकारी महकमों में सन्नाटा पसरा रहा। मंगलवार और बुधवार को भी कार्य बहिष्कार जारी रहेगा।
    परिषद के प्रतिनिधि मंडल ने वित्त मंत्री प्रकाश पंत को उनके आवास पर 23 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा। उन्होंने मुख्य सचिव को फोन कर कहा कि वार्ता के माध्यम से कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान निकाला जाए। प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास राधा रतूड़ी को निर्देश दिया कि सुपरवाइजरों की पदोन्नति का मामला शीघ्र निस्तारित किया जाए। राजधानी में कर्मचारी विकास भवन परिसर में एकत्र होकर सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया। प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर प्रहलाद सिंह ने कहा कि वेतन विसंगतियों के संबंध में वेतन समिति की जो रिपोर्ट कैबिनेट से अनुमोदित हुई, वह कर्मचारी विरोधी है। क्योंकि, सुनवाई तो 300 संवर्गों की हुई, लेकिन विसंगतियों का निस्तारण केवल 28 संवर्गों का हुआ। इससे कर्मचारियों में आक्रोश है।
    परिषद के प्रदेश प्रवक्ता अरुण पांडे ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने 10, 16 और 26 वर्ष की सेवा पर मिलने वाले पदोन्नत्ति वेतनमान की व्यवस्था आचार संहिता के दौरान की समाप्त कर दी थी। इससे कार्मिक आर्थिक रूप से प्रभावित हो रहे हैं। क्योंकि, नई व्यवस्था में पदोन्नत्ति वेतनमान या एसीपी का लाभ 10, 20, 30 वर्ष की सेवा पर मिलेगा। इसका हवाला सातवें वेतनमान की आदेशों में दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार व शासन स्तर पर सरकार से सकारात्मक वार्ताएं हो रही हैं, लेकिन समस्याओं का हल होने तक आंदोलन जारी रहेगा। इस दौरान नंदकिशोर त्रिपाठी, आरएस बिष्ट, भोपाल सिंह, आरपी जोशी, सीपी जुयाल आदि मौजूद रहे।