दुबई में खिलेंगे उत्तराखंडी संस्कृति के रंग

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    यूएई एसोसियेशन आॅफ उत्तराखंड इस साल आंठवें साल में प्रवेश कर चुके “उत्तराखंड होटलियर गेट टुगेदर 2017” का आयोजन करने जा रही है। इसमें उत्तराखंड के चर्चित कलाकारों को आमंत्रित्त करके लोकल कलाकारों के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। ये भारत के बाहर होने वाले उत्तराखंड का सबसे बड़ा सांस्कृतिक आयोजनों में से एक हैं। इस बार ‘उत्तराखंड होटेलियर गेट टुगेदर’ में सप्रुसिद्ध लोक गायक मकुेश कठैत और उत्तराखंडी गायका बीना बोरा हिस्सा लेंगे। उनके साथ दबुई में रहनेवाले गायक अनिल गैरोला, गरिमा सदुंररयाल, पुरण राठौर और देवेंद्र बिष्ट भी अपनी प्रस्तुित स्वतंत्रता दिवस की  पूर्व संध्या यानि की 14 अगस्त को दबुई में किया जायेगा।

    इस कार्यक्रम में संगीत के अलावा उत्तराखंडी भोजन भी परोसे जायेगें।  इस ‘उत्तराखंड होटेलिएर गेटटुगेदर 2017’ के माध्यम से खाड़ी देशो में रहनेवाले 50 हज़ार उत्तराखंडी प्रवासी अपनी सांस्कृतिक झलक देखेगें और उत्तराखंड को महससू करेगें। दबुई एवं विभिन्न देशो में व्यवसाय करने वाले उद्योगपतियों में चाँद मौला बक्श, लष्मण बटुोला और सांस्कृतिक सामाज के क्षेत्र में अग्रणी कार्य करनी वाली संस्था हंस फाउंडेशन ने अपना सहयोग प्रदान किया हैं

    अपने गांव से ही नहीं बल्कि अपने देश से भी दूर रहकर अपनी मिट्टी की खुशबू बचा के रखना एक जटिल काम है। इसी कोसिश में यूएई में रहने वाले उत्तराखंडी लगे हैं। इसके लिये बकायदा वहां रहने वाले हजारों पहाड़ियों ने एक एसोसियेशन बनाई है।उत्तराखंड एसोससएशन ऑफ़ यूएई का गठन दबुई में 1 मई 2009 को यूएई में रहने वाले तमाम उत्तराखंडी प्रवासियों ने किया। इस संगठन को तमाम पहाड़ के लोगों को एक करने और भाषा-संस्कृति का प्रचार प्रसार करने के उद्देश्य से किया गया। पिछसे तरीब 8 साल के सफर में संस्था के साथ 4000 से ज्यादा उत्तराखंडी जुड़े हैं और निरंतर अपनी संस्कृतिक विरासत को सभाँलने का प्रयास कर रहे हैं।

    पिछले कुछ सालों में इस संस्था ने समाज और  उत्तराखंड के लोगों के मदद के लिये काफी काम किये हैं। इनमे

    • जो लोग एजेंटो के जाल में फंस के धोखे से गलत जगह आ जाते हैं या उनकी कंपनी उन्हें वीजा या सैलरी नहीं देती उनकी मदद करना।
    • 2013 की उत्तराखंड आपदा के समय भी संस्था ने उत्तराखंड के 3 गाँव को गोद लिया और आज भी वहां रोज़गार के क्षेत्र में मदद कर रहे हैं।
    • संस्कृत के प्रचार प्रसार के लिए संस्था “उत्तराखंड फ़ूड फेजस्टवल’, “छलड़ी”, “बग्वाल”, “उत्तराखंड काव्य एवं सांस्कृतिक सम्मलेन”, “उत्तराखंड होटेलिएर गेट टुगेदर” एवं “यूएई कौथिग” का सालाना आयोजन करती हैं।

    इस संस्था का मुख्य मकसद है लोगों को अपनी भाषा, सस्कृति, खान पान, वेश भूषा, संगीत व नृत्य आदि से जोड़ के रखना।इसके लिये संस्था ने चार टीमें भी बनाई हैं। “बाघ”, “बरुांस, “खमीरा” एवं “कंडाली” नाम की टीमें विभिन्न सांस्कृतिक और खेल कूद की प्रतियोगिताऐं कराती हैं।