सेंसर बोर्ड से नाराज उम्मीद की टीम

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मेडिकल घोटालों पर बनी फिल्म ‘उम्मीद’ की टीम इस बात से निराश है कि सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को एडल्ट फिल्म का सार्टिफिकेट दिया है। सेंसर बोर्ड के इस फैसले से निराश फिल्म के निर्देशक रजत एस मुखर्जी का कहना है कि, “मुझे ऐसा महसूस हो रहा है कि सेंसर बोर्ड नहीं चाहता कि देश की दवा कंपनियों के घोटालों की बात देश की जनता तक न पंहुचे। हम फिल्म के लिए यूए सार्टिफिकेट चाहते थे, ताकि ज्यादा से ज्यादा युवा इस फिल्म को देखें। सेंसर बोर्ड ने हमें पत्र भेजा है, जिसमें इस बात की कोई वजह नहीं बताई गई है कि हमारी फिल्म को यूए सार्टिफिकेट क्यों नहीं दिया गया?” उनका कहना है कि, “सेंसर बोर्ड द्वारा भेजे गए पत्र में सिर्फ ये लिखा गया है कि हमें एडल्ट सार्टिफिकेट पाने के लिए फिल्म में कौन कौन से बदलाव करने हैं। हमारे पास सेंसर बोर्ड के निर्देशों का पालन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। प्रसून जोशी के सेंसर बोर्ड का चेयरमैन बनने के बाद हमें सकारात्मक बदलाव की उम्मीद थी, लेकिन इस फैसले ने हमें निराश किया है।”

रजत एस मुखर्जी के अनुसार, सेंसर ने फिल्म से सच्ची घटनाओं पर आधारित टैग को हटाने के लिए भी कहा है। उनका कहना है कि हमने बरसों की रिसर्च के बाद कहानी तैयार की है, जिसमें मेडिकल कंपनियों के घोटाले हैं, लेकिन सेंसर हमारा रास्ता रोक रहा है। इस फिल्म को पहले सितंबर में रिलीज करने की योजना थी, लेकिन सेंसर बोर्ड के आदेश के बाद इसकी रिलीज को आगे बढा दिया गया है। फिल्म की प्रमुख भूमिकाओं में फैडी दारुवाला, अंजलि पाटिल, हर्ष छाया, दलीप ताहिल, अंचित कौर और मिलिंद गुणाजी हैं।