पेयजल निगम को झटका, श्रीकोट गंगनाली को नमामि गंगे में नहीं मिली मंजूरी

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    नेशनल मिशन क्लीन गंगा (एनएमसीजी) ने पेयजल निगम को झटका देते हुए श्रीकोट गंगनाली प्रोजेक्ट को नमामि गंगे में शामिल करने से इन्कार कर दिया है। बताया जा रहा है कि एनएमसीजी ने इस प्रोजेक्ट को कुछ खामियों के चलते अनुमति नहीं दी है।

    प्रोजेक्ट में श्रीकोट में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने के साथ ही वहां गंगा में गिर रहे सभी नालों को ट्रीटमेंट प्लांट से जोड़ने का प्रस्ताव है। इसमें करीब 10 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। पेयजल निगम ने इस योजना को भी नमामि गंगे में शामिल करते हुए एनएमसीजी को प्रस्ताव भेजा था। मगर जब एनएमसीजी ने इस प्रस्ताव का अध्ययन किया तो उन्हें इसमें तमाम खामियां नजर आईं। इस कारण एनएमसीजी ने उक्त प्रस्ताव पर अनुमति देने से इन्कार कर दिया। अब पेयजल निगम उक्त प्रस्ताव को दोबारा तैयार करने में जुट गया है। निगम की ओर से अगले दो माह में नया प्रस्ताव एनएमसीजी के समक्ष रखा जाएगा। अगर एनएमसीजी नए प्रस्ताव से संतुष्ट हुआ तो पेयजल निगम की इस योजना को मंजूरी मिल पाएगी।
    हरिद्वार के लिए टेंडर जारी
    श्रीकोट गंगनाली को छोड़कर नमामि गंगे की बाकी 20 योजनाओं को चार माह पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। इनमें से हरिद्वार की योजनाओं के लिए पेयजल निगम ने टेंडर जारी कर दिए हैं। निगम का दावा है कि दो माह के भीतर इन योजनाओं पर काम शुरू हो जाएगा। वहीं पेयजल निगम के प्रबंध निदेशक भजन सिंह ने बताया कि हमें नमामि गंगे में सिर्फ श्रीकोट गंगनाली योजना पर मंजूरी मिलना बाकी है। इस संबंध में निगम की कार्यवाही गतिमान है। जल्द ही नया प्रस्ताव एनएमसीजी के समक्ष पेश किया जाएगा।