किसान के बेटे ने जीता अंतर्राष्ट्रीय मैदान में सिलवर मेडल

0
1614
एशियन बाॅक्सिंग चैम्पियनशिप में घाट के लाल का दबदबा,गढ़वाल राइफल के ब्वाइज स्पोर्टस कंपनी में तैनात हैं सतेन्द्र
भले ही विकास खंड घाट का नाम लोगों को बोलने में व सूनने में कुछ अटपटा सा जरूर लगे लेकिन यहां के युवाओं के बुलंद हौसलों एवं नेक इरादों से इस क्षेत्र का नाम हमेशा से आगे रहा है। इन दिनों एक बार फिर घाट चमोली का ही नहीं पूरे उत्तराखंड का नाम युवा बाॅक्सर सतेंद्र सिंह रावत ने पूरे एशिया में ऊंचा किया है। फिलीपींस में चल रही जूनियर एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप -2017 के 80 किलो भार वर्ग में सतेन्द्र सिंह रावत ने सिल्वर मेडल अपने नाम कर लिया है। उन्होने  5-0 से कांस्य पदक व 5-0 से रजत पदक पर कब्जा कर लिया था। सोमवार को वे स्वर्ण पदक के लिए उज्वेकिस्तान से लडे। उनके बेहतरीन प्रदर्शन से विकास खंड़ घाट में हर्ष एवं खुशी का माहौल बना हुआ है।
jogendra bora teacher satendra bora
जोगेन्द्र बोरा जिन्होंने दिखाई सतेन्द्र को राह
मूल रूप से विकास खंड घाट के ग्राम धूनी के सतेन्द्र ने प्राथमिक शिक्षा के दौरान अपने शिक्षक जोगेन्द्र बोरा से बाॅक्सिंग का प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसके बाद सतेन्द्र का चयन महाराणा प्रताप स्पोर्टस काॅलेज के लिए हुआ। जहां से उन्होंने अपनी तैयारी पूरी की। इसके बाद सतेन्द्र ने भारतीय सेना ज्वाइंन कर ली। जिसके बाद सतेन्द्र ने पीछे मूड कर नहीं देखा। जूनियर नेशनल चैंपियनशिप स्वर्ण पदक जीतने के बाद सतेन्द्र का चयन वर्ष 2017-18 की एशियन बॉक्सिंग चैम्पियनशिप के लिए हुआ। सतेन्द्र गढ़वाल राईफल के ब्वाइज स्पोर्टस कंपनी के खिलाडी है। सतेन्द्र की जीत पर उनके कोच सूबेदार जीवन सिंह ने भी खुशी व्यक्त की है। वहीं उनके जीत पर विकास नगर घाट में खुशी का मौहाल बना हुआ है। वहीं सतेन्द्र ने अपनी जीत श्रेय अपने कोच को दिया है। वे इस जीत से काफी खुश हैं और देश के लिए फाइनल में भी बेहतर करने का प्रयास करेंगे।
satendra father
सतेन्द्र के किसान पिता महेन्द्र सिंह
किसान का बेटा है सतेन्द्र : चमोली जनपद के विकास खंड घाट के सुदूरवर्ती ग्राम घूनी के रहने वाले सतेन्द्र के पिता महेन्द्र सिंह खेती करते हैं। सतेन्द्र ने राजकीय जूनियर हाईस्कूल चैन घाट में अपनी शिक्षा ग्रहण की। इसी दौरान उन्हें अपने शिक्षक जोगेन्द्र बोरा से बाक्सिंग खेलने की प्रेणा मिली। उनकी इस जीत पर उनके पिता महेन्द्र सिह, उनकी बहन गंगोत्री, उनके गढ़वाल राइफल लेंसडाउन के कोच सूबेदार जीवन सिंह ने उन्हें बधाई देते हुए फाइनल के लिए शुभकामनाए दी है।