देहरादून। डाटकाली सुरंग निर्माण में मिट्टी घोटाला सामने आया है। निर्माण कंपनी ने कार्यदाई संस्था राष्ट्रीय राजमार्ग खंड रुड़की के अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर करीब 3650 घनमीटर मिट्टी को मनमाने ढंग से ठिकाने लगा दिया। जबकि इसकी नियमानुसार नीलामी की जानी थी ताकि सरकार को राजस्व प्राप्त हो पाता। अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) अरविंद पांडे के औचक निरीक्षण में यह घपला पकड़ा गया।
प्रशासन को लंबे समय से शिकायत मिल रही थी कि डाटकाली सुरंग निर्माण निकलने वाली मिट्टी को अधिकारी व ठेकेदार मिट्टी को मनमाने ढंग से ठिकाने लगा रहे हैं। इसको लेकर कुछ दिन पहले जिलाधिकारी ने सुरंग निर्माण की प्रगति की समीक्षा के बहाने साइट का निरीक्षण भी किया था। जबकि गुरुवार को जिलाधिकारी के निर्देश पर अपर जिलाधिकारी अरविंद पांडे ने तहसीलदार सदर एमसी रमोला के साथ निर्माण साइट का औचक निरीक्षण किया। अपर जिलाधिकारी ने साइट पर काम कर रहे इंजीनियरों से सुरंग निर्माण में निकली मिट्टी की डंपिंग साइट के बारे में पूछा तो वे बगलें झांकने लगे। अपर जिलाधिकारी ने डंपिंग साइट पर सख्ती से पूछा और कार्रवाई की चेतावनी दी तो बताया गया कि मिट्टी को हरिद्वार बाईपास रोड पर सत्संग भवन के पास के निर्माण कार्य में प्रयोग किया गया है। यह बात अधिकारियों के गले नहीं उतरी क्योंकि यहां पहले से ही निर्माण कार्य चल रहा है, लिहाजा यहां से भी मिट्टी की निकासी होनी चाहिए। वहीं, अपर जिलाधिकारी के निर्देश पर तहसीलदार सदर ने निरीक्षण पर रिपोर्ट तैयार करनी शुरू कर दी है। तहसीलदार सदर के अनुसार अब तक करीब 50 मीटर सुरंग की खुदाई में 3650 घनमीटर के आसपास मिट्टी की निकासी हो चुकी होगी। नियमानुसार यहां से निकली मिट्टी को विशेष डंपिंग साइट पर डंप किया जाना था। इसके बाद मिट्टी की नीलामी करने का प्रावधान है। यदि राजमार्ग खंड के अधिकारी ऐसा करते तो सरकार को लाखों रुपये का राजस्व प्राप्त होता है तो रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी, जिस पर उन्हीं के स्तर से कार्रवाई की जाएगी।




















































