उत्तराखंड संस्कृत विवि के कुलपति की डिग्री का मामला पहुंचा कोर्ट

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हरिद्वार,। उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति पीयूषकांत दीक्षित की फर्जी डिग्रियों के मामले में मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इस मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। रुड़की निवासी पवन उपाध्याय ने कुलपति की उपाधियों को गलत बताते हुए कोर्ट में चुनौती दी है। कोर्ट ने इस मामले में कुलपति से जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई चार अक्टूबर को होगी।
उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति पीयूषकांत दीक्षित की नियुक्ति का मामला अब कोर्ट पहुंच गया है। इस मामले में रुड़की के पवन ने चुनौती देते हुए जनहित याचिका दायर की है। याचिका में कुलपति की नियुक्ति पर प्रश्नचिह्न लगाते हुए कहा गया है कि पीयूषकांत दीक्षित ने 11 वर्ष की आयु में 10वीं की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली थी। पवन कुमार ने कुलपति की नियुक्ति को गलत बताते हुए चुनौती दी है।
मुख्य न्यायाधीश केएम जोसफ और न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खण्डपीठ ने पीयूष कांत दीक्षित को तीन अक्टूबर तक जवाब देने को कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई चार अक्टूबर को होगी।