पक्षियों का घर कहे जाने वाले आसन बैराज को इस साल अबतक कुल 6,008 प्रवासी पक्षियों ने अपना घर बनाया है। विशेषज्ञों का कहना है कि 2017 से पक्षियों का दौरा करने की संख्या में 20% की वृद्धि हुई है। वन विभाग और बर्ड वॉचरों ने बताया कि जनवरी में आसन रिर्जन में 63 अलग-अलग प्रजातियों के पक्षी देखे गए है।
प्रवासी पक्षियों की संख्या में वृद्धि एक अच्छी खबर है क्योंकि बर्ड वॉचर्स ने पहले बताया कि कुमाऊं में बदलते मौसम ने प्रवासी पक्षियों की उड़ान के पैर्टन को प्रभावित किया है, जिसकी वजह से क्षेत्र में कई स्थानों के अलावा कॉर्बेट नेशनल पार्क में भी पक्षियों के आने में देरी हुई है।
तितली ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष संजय सोंधी ने बताया कि, “बर्डर्स ने 6,008 पक्षीयों में 63 नई प्रजातियों को गिना है। इसमें से 5,832 प्रजाति 43 वेटलैंड प्रजातियों से संबंधित थे जबकि बाकि 176 वेटलैड प्रजातियों पर आधारित थी। एक ही प्रजाति से संबंधित सबसे ज्यादा चिड़िया 1495 यूरेशियन कूट है। रेड-क्रस्टेड पोचार्ड भी सबसे बड़ी संख्या में देखा गया था, जिसमें 1035 पक्षी बैराज में थे, जो पिछले साल के 585 की तुलना में लगभग दोगुना है।“
इसका दूसरा पहलू प्रतीक पंवार ने भी बताया जो काफी समय से बर्ड वॉचिंग कर रहे है और एआरसीएच संस्था से संबंध ऱखते है।प्रतीक का कहना है कि, “यह कोई चौकने वाली बात नही है कि माइग्रेटरी पक्षियों की संख्या में वृद्धि हुई है, लेकिन पक्षियों के प्रजाति में कमी हुई है जिसका कारण ग्लोबल क्लाईमेट बदलाव है जिसकी वजह से पक्षियों के माइग्रेशन पैर्टन में भी बदलाव आया है।”
गौरतलब है कि आसन बैराज भारत का पहला वेटलैड कर्न्जवेशन रिर्ज़व है और इसका दायरा काफी बड़ा है जिसके चलते सालों से प्रवासी पक्षी इसे अपनी पसंदीदा आरामगाह बनाते आ रहे हैं।





















































