नहीं घटे पेट्रो-पदार्थों के दाम, शराब की दुकानों का समय बदला

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    देहरादून। उतराखंड सरकार की मंत्री परिषद की बैठक में कई अहम मुद्दों पर मुहर लगी। अब पहले की तरह पर्वतीय क्षेत्रों में भी शराब की दुकानें रात्रि 10 बजे तक खुलेंगी। पूर्व में सरकार ने मैदानी जिलों को छोड़कर राज्य के नौ जिलों में शराब की दुकानों के खुलने का समय दिन में 12 से शाम छह बजे तक ही था। वहीं, गुजरात और महाराष्ट्र के बाद उत्तराखंड में भी पेट्रोलियम पदार्थों में पर वैट और सेस में दो फीसद की कमी की चर्चाएं रहीं, लेकिन कैबिनेट में इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई।

    बुधवार को कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए गए, लेकिन पेट्रो पदार्थों की कीमतों में कमी का मुद्दा कोरी अफवाह ही साबित हुआ। वहीं, सरकार के शराब की दुकानों के समय पर बैकफुट पर आने को लेकर विपक्ष ने प्रहार शुरू कर दिया। दरअसल, शराबबंदी के नाम पर वोट मांगे जाने और बाद में शराब की दुकानों के खोलने के समय में बदलाव को लेकर राज्य सरकार शुरू से ही विपक्ष के निशाने पर रही है। राज्य में शराब की दुकानों के विरोध में महिलाओं के लंबे आंदोलन को लेकर भी विपक्ष सरकार को घेरता रहा है। ऐसे में इस मामले पर एक बार फिर विपक्ष सरकार पर हमलावर होगा। राजस्व घाटे को देखते हुए सरकार ने दुकानों के समय में बदलाव कर पूर्ववर्ती व्यवस्था लागू कर दी है।
    कैबिनेट बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि कैबिनेट में निकाय और निगमों के कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ दिए जाने, उज्जवला योजना के तहत शेष परिवारों को एलपीजी कनेक्शन देने, निगमों के विस्तार, शासकीय संस्थानों, निकायों में एलईडी बल्बों के इस्तेमाल समेत विभिन्न फैसले लिए गए। वहीं, डीजल व पेट्रोल वैट में दो फीसद कमी की दिनभर चली चर्चा के बाद वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि पेट्रो पदार्थों पर वैट या सेस कम करने का कोई फैसला अभी नहीं लिया गया है।
    कैबिनेट के प्रमुख फैसले
    -महिला शसक्तीकरण बाल विकाश के कर्मियों की पूर्व में चली 37 दिन की हड़ताल की अवधि को उपार्जित अवकाश में तब्दील किया जायेगा।
    -म्रतक आश्रित कोटे में तलाकशुदा पुत्री को भी शामिल किया गया।
    -आपदा प्रबंधन विभाग के अधीन प्राधिकरण में सेवा शर्तों को अनुमति तथा पदों को स्वीकृति दी गयी।
    -शासकीय अर्धशासकीय शैक्षणिक संस्थाओं, निकायों आदि में एलईडी बल्बो आदि को अनिवार्य किया गया।
    -रुड़की नगर निगम में ग्राम रहीमपुर व शिवम् विहार कालोनी के क्षेत्र को शामिल करने का निर्णय लिया गया। पाडली गुज्जर व रामपुर को नगर निगम से बाहर करने का निर्णय लिया गया।
    -उज्वला योजना के तहत लाभ न पाने वाले शेष 4 लाख गरीब परिवारों को एलपीजी कनेक्शन वितरित किए जाएगे।
    -उत्तरखंड सचिवालय अपर निजी सचिव पद के रिक्त पदों पर पदोंनत्ति को कमिटी के सुपुर्द किया गया।
    -राज्य में अराजपत्रित कर्मचारियों को अधिकतम 7 हजार रुपये बोनस देने का निर्णय लिया गया।
    -जिला पंचायत कर्मचारियों को सातवां वेतनमान देने की अनुमति, जीएमवीन, केएमवीएन को सातवां वेतनमान देने का निर्णय लिया गया।
    -आबकारी विभाग में मदिरा शुल्क निर्धारण का आध्यादेश लाने की कैबिनेट की मंजूरी, आबकारी विभाग को ही मूल्य निर्धारण का अधिकार होगा।
    -हरिद्वार नगर निगम में ज्वालापुर, बहरहादूत, जगजीतपुर, देवपुरा आंशिक, अहमदपुर कड़क के 665 हेक्टेयर क्षेत्र को शामिल करने का निर्णय लिया गया।
    -राजकीय महाविद्यालयों में अध्यापकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति हेतु सम्बंधित प्रधानाचार्य को अधिकृत किया गया की 500 रुपये प्रति पीरियड के हिसाब से टीचर की अस्थाई व्यवस्था करें।
    -जीएसटी प्रणाली के अंतर्गत पंजीयन हेतु राज्य के लिए वार्षिक आवर्त की सीमा बढ़ाए जाने का निर्णय लिया गया।