खत्म हुई इस साल की कैलाश मानसरोवर यात्रा

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    18वें जत्थे के उत्तराखंड के लीपूलेख पास से होते हुए गूंजी वापस आने के साथ साथ 2017 की कैलाश मानसरोवर यात्रा भी समाप्त हो गई। यात्रा से जुड़े अधिकारियों के अनुसार इस साल 24 राज्यों के 919 श्रद्धालुओं ने कुमाऊं की तरफ से इस तीर्थ यात्रा में हिस्सा लिया। ये संख्या 1981 में इस तरफ से रास्ते की शुरुआत होने के बाद से अब तक की सबसे ज्यादा संख्या है।

    शनिवार को आकिरी जत्था जिसमें 33 श्रद्धालू हैं उन्हें जिनमें नौ महिलाऐं भी हैं उन्हें धारचूला ले जाया गया। इस दल में शुरूआत में 34 लोग थे पर एक यात्री को टोटिल होने के कराण यात्रा को आदे में ही छोड़ के वापस आना पड़ा। जून 12 को सुरू हुई यात्रा के आकिरी दल के लोग सितंबर 11 तक अपने अपने गंतव्य स्थानों तक पहुंच जायेंगे।

    मूलत: इस साल की यात्रा सामान्य रही। हांलाकि 14 अगस्त को मालपा में बादल फटने के कारण हुए भूस्खलन के चलते तीन दलों के शड्यूल में बदलाव लाना पड़ा। ट्रैक रूट के भूस्खलन के कारण टूटने के चलते आखिरी तीनों दलों को जो भारत लौट रहे थे उन्हें गूंजी से एयरलिफ्ट करके धारचूला पहुंचाया गया।