यहां मुर्दे जिन्दा होकर कराते है बीमा

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मुर्दे जिन्दा हो गये बीमा कराने के लिए और फिर बीमे की रकम लेने के लिए कुछ ही महिनों में मुर्दे जमींदोज हो गये, जो बीमे की रकम मुर्दों के जिन्दा होने लगाई गयी उनके मरने पर मिल बांट कर सभी ने ठिकाने लगा दी, शायद आप चौक रहे होंगे कि क्या है सम्भव है कि मुर्दों का बिमा होना, मगर उधमसिंह नगर जिले में सब कुछ सम्भव है, यहां खेती की जमीं पर भवन दिखाकर करोडों का घोटाला हो सकता है तो फिर मुर्दे को जिन्दा कर उनका बिमा भी हो सकता है और उनको फिर से मुर्दा दिखाकर कागजों का फर्जीवाडा भी हो सकता है।

कागजों का खेल इस कदर भी हो सकता है ये शायद किसी ने सोचा भी ना होगा, सरकारी दफ्तरों में कागजों का पेट भरने के लिए कुछ एसे एसे प्रमाण पत्र बना दिये गये जिसमे मुर्दे को पहले तो जिन्दा दिखाया गया फिर उसके नाम पर लाखों का बिमा किया गया, यही नहीं फर्जीवाडा करने वालों ने कुछ माह तक बिमें की रकम भी अदा की, फिर उसी मुर्दे को मरा हुआ बताकर बिमें की रकम हडप ली। ये खेल लम्बे समय से जिले के जसपुर क्षेत्र में चल रहा था, बिमे की रकम के बंदरबांट के इस खेल में परिवार के लोगों को भी शामिल किया जाता था, जिसका हिस्सा उनको भी दिया जाता था, मगर जिनको हिस्सा कम मिला उन्होने इसकी शिकायत पुलिस को की अब जसपुर पुलिस ने इस पुरे मामले की जांच शुरु कर दी है, जिसके लिए अब तक दो लोगों को जेल भेजा जा चुका है और बिमा कम्पनी के अधिकारियों सहित फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने वालों के गिरेबां तक पहुंचने के लिए भी पुलिस इस पुरे मामले की गहता से छानबीन कर रही है।

20 अक्टूबर को पुलिस ने राकेश सैनी उर्फ हरकेश पुत्र त्रिलोक सिंह, ग्राम नारायाणपुर व सिमरन जीत उर्फ हैप्पी पुत्र सूबा सिंह निवासी ग्राम मलपुरी को मुर्दो का बीमा कर लाखों रुपये हड़पने के मामले में जेल भेजा था। संबंधित मुकदमे में इनके अलावा ब्लॉक क्षेत्र के दस लोग नामजद हैं। पुलिस चाहती है कि उन पर भी शिकंजा कसा जाए। इसके लिए पुलिस को मजबूत साक्ष्य की तलाश है। मृत लोगों के बैंक खाते व उनके मृत्यु प्रमाण पत्र, बीमा कंपनी समेत मुकदमे से जुड़ी अन्य जानकारी जुटाने के लिए पुलिस ने तत्कालीन बैंक शाखा प्रबंधक बीमा कंपनियों के अधिकारियों को कोतवाली बुलाया। आरोपियों ने स्थानीय अल्मोड़ा अर्बन बैंक शाखा में मृतक रामसिंह का खाता खुलवाकर 42 हजार रुपये जमा कर 4 अप्रैल 2015 को बिरला लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से बीमा कराकर 14,900 रुपये की किस्त का 2 मई 2015 मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी का बीमा कराकर 25,773 रुपये प्रधानमंत्री जनधन बीमा योजना से बीमा कराकर 330 रुपये की मृतक के खाते से किस्त दी थीं। इसके पश्चात 16 जून 2015 को राम सिंह को मृत घोषित कर दिया था।