अच्छी ख़बरः गंदगी फैलाई तो ”ढ़ीली होगी जेब”

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    यूपी के बाद अब उत्तराखंड राज्य में भी एक नई पहल शुरु होने वाली है। यूपी में योगी आदित्यनाथ के पान और गुटखों पर बैन के बाद अब उत्तराखंड सीएम त्रिवेंद्र ने भी इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है। आपको बता दें कि अब सरकारी दफ्तर या किसी भी पब्लिक प्लेस पर गुटखा खाने के बाद थूकने वाले पर 5000 रुपये के जुर्माना के साथ ही 6 महीने तक की जेल हो सकती है।

    शहरी विकास डिर्पाटमेंट में अफसरों के मुताबिक यह नया कानून सभी म्यूनिसिपल आफिस में ”एंटी-लीटरिंग ला” जो नवंबर में पास हुआ था उसके अंर्तगत लागू कर दिया जाएगा।इस फैसले से शहर के लोगों को उम्मीद है कि स्वच्छता रहेगी और यह लंबे समय तक प्रदेश के लिए लाभकारी होगा।सीनियर आफिसर का कहना है कि इस नए नियम को लागू करने के लिए सब कुछ तैयार है और इस फैसले से सभी नागरिकों में स्वच्छता रखने की एक अच्छी आदत का विकास होगा और जो इस नियम को नहीं मानेगा उसके ऊपर 5000रुपये जुर्माना के साथ 6 महीने का जेल भी हो सकता है।

    शहरी विकास प्राधिकरण के सेक्रेटरी अरविंद सिंह हयांकि ने बताया कि ‘’हमारे डिर्पाटमेंट को सख्त आदेश मिला है कि नवंबर में लागू इस एक्ट को जल्दी से जल्दी धरातल पर लाने का समय आ गया है और अभी यह नियम केवल शहरी क्षेत्रों में ही लागू किया गया है”।उन्होंने कहा कि इस नियम के बाद हम आशा करते हैं कि लोग सड़कों और आफिस को कम गंदा करेंगे और कहीं भी कूड़ा नहीं फेकेंगें।अरविंद सिंह ने बताया कि बार-बार गंदगी फैलाने वाले आरोपी को 6 महीने के जेल के साथ पांच हजार का जुर्माना भी भरना पड़ेगा।

    देहरादून नगर निगम के स्वास्थ अधिकारी डा.कैलाश गुंज्याल ने कहा कि ”हमने कुछ टीम का गठन किया है जिसमें सफाई इंस्पेक्टर, सुपरवाईज़र और वर्कर शामिल है जो हर रोज़ शहर की सड़कों और अलग अलग क्षेत्रों का मुआयना करेंगे”।इन सभी आफिसर के पास एक फाईन बुकलेट होगी जिसमें वह ”आन द स्पाट” लोगों से जुर्माना ले सकेंगे और अगर कोई बार बार नियम तोड़ता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी।

    नई सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए देहरादून के विजेंद्र सिंह ने कहा कि यह कानून तो बहुत पहले आ जाना चाहिए था लेकिन कभी नहीं से देरी भली, यह सिर्फ उत्तराखंड ही नहीं बल्कि हर जगह की एक धारणा है कि लोग थूकने से पहले नहीं सोचते जो हमारे देश की प्रमुख समस्या है।आज के समय में ज्यादातर सरकारी दफ्तर पान और गुटकों के पीक से सने हुए है जो गंदगी की पहचान है।सरकारी दफ्तर में काम करने वाले कार्मिकों को अपने अंदर भी यह बदलाव लाना चाहिए तभी दशा सुधर सकती है।