देहरादून। बेरोजगार इंजीनियर समिति के तत्वावधान में इंडियन इंजीनियर सोसायटी एंड डिप्लोमा इंजीनियर संगठन ने जूनियर एवं सहायक इंजीनियर की भर्ती उपनल के माध्यम से कराने के विरोध में सचिवालय कूच किया। हालांकि पुलिस ने बेरिकेटिंग लगाकर सचिवालय से पहले सुभाष रोड पर रोक लिया। वहीं, छात्र-छात्रों ने बैठकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
सोमवार को समिति के अध्यक्ष पुरुषोत्तम सिंह ने कहा कि कई बार सरकार के सामने यह प्रस्ताव रखा गया कि आउट सोर्सिग द्वारा रिक्त पदों पर भर्ती न की जाए। इसके बाद भी सरकार बेरोजगारों के हितों की अनदेखी करते हुए मनमाने ढंग से रिक्त पदों को अस्थाई रूप से भरने का काम रही है। उन्होंने कहा कि बेरोजगार इंजीनियर अपनी मांगों को लेकर पिछले कई वर्षों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। जिससे छात्र-छात्रों में रोष है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि उत्तराखंड राज्य की उन्नति को ध्यान में रखते हुए इंजीनियरिंग के क्षेत्र में नियमित रूप से रिक्त पदों को आयोग द्वारा भरा जाए। इससे पहले भी सरकार द्वारा नवंबर 2017 में भर्ती करने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन सरकार अपने वादे से पलट गई और सभी विभागों में आउटसोर्स द्वारा भर्ती की जा रही है, जिसमें काफी समय से इंतजार कर रहे युवाओं के साथ सरकार ने बड़ा धोखा किया है। यदि सरकार द्वारा बेरोजगार इंजीनियर की जल्द भर्ती नहीं की जाती तो आगामी एक फरवरी से संघ के अध्यक्ष पुरुषोत्तम सिंह एवं अन्य बेरोजगार इंजीनियर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे, जिसकी जिम्मेदार पूर्ण रूप से सरकार होगी। इस दौरान कुलदीप चौहान, सरवीन राणा, नवीन चौहान, कुलदीप राठौर, कपिल राठौर, महेंद्र, अरविंद आदि उपस्थित रहे।
इंजीनियरों की मांग: जूनियर इंजीनियर की भर्ती उपनल द्वारा बंद कराई जाए। सभी विभागों में अस्थाई भर्ती आयोग द्वारा कराई जाए।
आयोग के लिए भर्ती के लिए समय सीमा तय हो। सभी इंजीनियरिंग के पदों को मैरिट एवं इंटरव्यू के माध्यम से भरा जाए। उत्तराखंड में भविष्य में संविदा व उपनल से इंजीनियरिंग के कोई पद न भरे जाएं। आईटीआई संस्थानों में प्रवक्ता के पदों को नियमित रूप से भरा जाए।























































