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बॉलीवुड को लुभा रही उत्तराखण्ड की वादियांःहेमन्त

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पिथौरागढ़ , उत्तराखण्ड की हसीन वादियों से अब तक अछूता रहा बालीवुड अब उत्तराखण्ड की ओर अग्रसर हो रहा है, यहां की वादियां और धार्मिक स्थल अब बालीवुड को अपनी ओर खींच रही है, यही वजह है कि पिथौरागढ मे हो रही फिल्म की शुटिंग लोगों को लुभाेगी, और निर्देश उत्तराखण्ड के सौंदर्य से रुबरु होकर फिल्मों के निर्देश के लिए यहां आयेंगे, बॉलीवुड कलाकार एवं उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद के उपाध्यक्ष हेमंत पांडे ने ये बात पत्रकार वार्ता करते हुए कहीं।
उन्होने कहा कि पिथौरागढ़ में हो रही फिल्म की शूटिंग से पूरे राज्य को फायदा मिलेगा। भविष्य में और फिल्म निर्माता राज्य में आएंगे। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने के साथ ही पर्यटन कारोबार भी बढ़ेगा।  पांडे ने कहा कि राज्य में फिल्मों की शूटिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रयासरत है।
इसी उद्देश्य से मुख्यमंत्री की पहल पर 17 जनवरी को फिल्म निर्माताओं, कलाकारों और इससे जुड़े लोगों का राज्य स्तरीय सम्मेलन देहरादून में आयोजित किया जा रहा है। सम्मेलन के दौरान राज्य के लघु फिल्म निर्माताओं को सम्मानित किया जाएगा। फिल्म निर्माताओं को जीएमवीएन और केएमवीएन की आवासीय सुविधाओं में विशेष छूट दी जा रही है। परिषद फिल्मों के लिए लोकेशन के चयन, फिल्म निर्माण और प्रदर्शन के माध्यम से रोजगार और पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयास कर रही है।

पाला जमने से सफर में बढ़ा जोखिम

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चकराता, चकराता त्यूणी मार्ग पर लोखंडी के पास सड़क पर हल्की बर्फ पर पाला जमने से रास्ते में फिसलन हो रही है। इससे लोगों को जोखिम भरा सफर करना पड़ रहा है।

दिसंबर माह के पहले ही सप्ताह में चकराता की ऊंची पहाड़ी और लोखंडी, खडंबा मुंडाली आदि क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी हो गई है। वहीं, बर्फ पर पाला जमने से वाहनों को चलाने को लेकर लोगों के सामने दिक्कतें आ रही हैं। सफर करने में परेशानी हो रही है। दो दिनों से मौसम फिर से बदल गया है। बादल छाने व मौसम ठंडा होने से जनजीवन प्रभावित हो रहा है। 8000 फीट की ऊंचाई पर बसे चकराता त्यूणी मार्ग के लोंखडी में पाले की मोटी परत रोजाना जम रही है। जिसके कारण रोड पर भारी फिसलन हो रही और चलते बड़े वाहनों को वहां से गुजरने पर खाई में जाने का खतरा बढ़ रहा है।

क्षेत्र के जागरूक कुछ लोगों ने एसडीएम चकराता व लोनिवि चकराता के ईई को मार्गो से पाला हटाने के लिए जेसीबी की मांग की है ताकि मार्गो पर लोग सुकून से सफर कर सके। एसडीएम चकराता बृजेश तिवारी ने कहा कि लोनिवि के ईई को दोनों मार्गो से पाला हटाने के निर्देश दिए गए हैं और जल्द ही रास्ते को साफ कर दिया जाएगा।

कोहरे के कारण कई ट्रेनें लेट

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देहरादून, घने कोहरे के कारण दून आने जाने वाली लंबी दूरी की कई गाड़ियां अपने निर्धारित समय से काफी विलंब से पहुंचीं। इस कारण शुक्रवार को दून काठगोदाम एक्सप्रेस के समय में फेरबदल किया गया। स्टेशन अधीक्षक सीताराम सोनकर ने बताया कि मैदानी इलाकों में घने कोहरे के कारण लंबी दूरी की कई गाड़ियां अपने तय समय से विलंब चल रही हैं। लिंक एक्सप्रेस लगभग 10:30 घंटे की देरी से पहुंची। इसके चलते देहरादून काठगोदाम के समय में फेरबदल किया गया है और यह रात 2:30 बजे रवाना होगी।

लंबी दूरी की कई गाड़ियां शुक्रवार को अपने निर्धारित समय से काफी विलंब से देहरादून पहुंचीं। इलाहाबाद से चलकर देहरादून आने वाली वाली लिंक एक्सप्रेस 10:30 मिनट की देरी से चल रही है। इसक चलते देहरादून से काठगोदाम को जाने वाली देहरादून काठगोदाम एक्सप्रेस को निर्धारित समय 10:55 से रिशेड्यूल कर 16 दिसम्बर को रात 2:30 पर रवाना किया जाएगा।

हावड़ा से चलकर देहरादून आने वाली दून हावड़ा एक्सप्रेस का देहरादून आने का समय 7:35 मिनट है, लेकिन वह लगभग 4:30 मिनट की देरी से आइ। नई दिल्ली से चलकर देहरादून आने वाली नंदा देवी एक्सप्रेस 1:45 मिनट की देरी से पहुंची। अमृतसर देहरादून लाहौरी एक्सप्रेस एक घंटे विलंब से आई। 

सड़क का पुशता ढहने से आवाजाही में हो रही दिक्कत

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गोपेश्वर। चमोली जिले के गोपेश्वर-पोखरी मोटर मार्ग पर देवर कडेडी के समीप सड़क का पुस्ता ढहने से वाहनों की आवाजाही में भारी दिक्कत आ रही हैं। यदि समय रहते इस पुस्ते का निर्माण न किया गया तो कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।

गोपेश्वर-पोखरी मोटर मार्ग पर देवर कंडरी के समीप एक सप्ताह से अधिक समय से सड़क का पुस्ता ढहा हुआ है। पोखरी जाने वाले वाहन भी यहां पर सवारियों को उतार कर वाहनों को पास कर रहे है। क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता मनोज सिंह का कहना है कि इस संबंध में विभाग के आलाधिकारियों को सूचना दी जा चुकी है, लेकिन अभी तक इस पुस्ते के निर्माण के लिए कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। यहां पर पुस्ता ढहने से सड़क इतनी संकरी हो गई है कि कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से अविलंब इस पुस्ते के निर्माण की मांग की है।

मानव संसाधन की कमी का दंश झेल रहा विश्वविद्यालय

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देहरादून। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के सरकार के तमाम दावे हकीकत की जमीन पर केवल दावे ही साबित हो रहे हैं। घोषणाओं की होड़ में संस्थानों को अस्थित्व तो दे दिया गया, लेकिन संसाधनों के मामले में गौर करना भूल गए। तमाम संस्थान किसी न किसी पहलू पर संसाधनों की कमी झेल रहे हैं, लेकिन प्रदेश की श्रीदेव सुमन विवि इनमें पहले स्थान पर आता है। विश्वविद्यालय में स्थाई कर्मचारियों का आंकड़ा कभी भी आधा दर्जन को पार नहीं करता।  प्रदेश में करीब पांच साल पहले जब एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय ने प्राइवेट परीक्षाएं कराने से इनकार कर दिया तो सरकार ने आनन-फानन में श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय की स्थापना कर प्राइवेट परीक्षाओं का जिम्मा उसको सौंपा था। केंद्रीय विवि के कुलसचिव डॉ. उदय सिंह रावत को विवि का पहला कुलपति नियुक्त किया गया। तब कुलपति और फाइनेंस कंट्रोलर के स्थाई पद सृजित किए गए। विवि में कुलपति का पदभार संभालने के साथ ही डॉ. यूएस रावत ने शासन को 137 पदों के सृजन का प्रस्ताव सरकार को भेजा, लेकिन इस पर अब तक कोई विचार नहीं किया गया। यूजीसी के प्राइवेट परीक्षाओं को अवैध घोषित करने के बाद यह जिम्मा विवि पर नहीं रहा, लेकिन इसके अलावा राज्य के अन्य कॉलेज और व्यवसायिक कोर्स संचालित करने वाले संस्थानों की जिम्मेदारी विवि को दी गई। इसके चलते विवि की समस्याएं जस की तस हैं। मौजूदा स्थिति पर गौर करें तो विवि के अंतर्गत छात्रों की संख्या लाखों में है।  लगातार बढ़ रहे कॉलेज और छात्र वर्ष 2015 से 28 बीएड कॉलेज भी श्रीदेव सुमन विवि से संबद्ध हुए। वहीं 35 प्रोफेशनल कॉलेज भी विवि से बीते दो सालों में संबद्ध हुए। साथ ही गढ़वाल विवि से डी-एफिलिएट होने वाले कॉलेज भी विवि से जोड़ दिए गए। ऐसे में श्री देव सुमन विवि में कॉलेज व छात्र संख्या बढ़ने के साथ ही जिम्मेदारियों में भी कई गुना इजाफा हुआ। छात्रों के परीक्षा फॉर्म, परीक्षाओं व कागजी कार्यवाही करने के लिए ही सैंकड़ों कर्मचारियों की आश्यकता है। विवि में 19 दिसम्बर से सेमेस्टर परीक्षाएं आयोजित होनी हैं। इसको लेकर विवि में मानव संसाधन की भारी कमी है।  विवि के कुलपति डॉ. उदय सिंह रावत ने शुक्रवार को बताया कि लगभग 30,000 परीक्षार्थी सेमेस्टर परीक्षा में सम्मिलित होंगे। सभी परीक्षाएं पांच जनवरी तक समाप्त हो जाएंगी। फरवरी में परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे, लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में काफी संख्या में मानव संसाधन की आवश्यकता होगी, जो विवि के पास उपलब्ध नहीं है। ऐसे में परेशानी होना लाजमी है।

सौंदर्यीकरण को लेकर मंत्री ने दिए अधिकारियों को निर्देश

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हरिद्वार। राज्य के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने नगर निगम हरिद्वार के सौन्दर्यीकरण को लेकर जिला प्रशासन, लोनिवि, विद्युत, जल संस्थान आदि सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों व अर्बन एंड ट्रांसपोर्ट प्लानिंग एक्सपर्ट के साथ शुक्रवार को बैठक की।

कौशिक द्वारा अर्बन एंड ट्रांसपोर्ट प्लानिंग एक्सपर्ट जगमोहन सिंह दत्ता द्वारा शहर सौन्दर्यीकरण को लेकर तैयार की गई रिपोर्ट का प्रोजेक्टर पर निरीक्षण किया गया। उन्होंने उप जिलाधिकारी हरिद्वार मनीष कुमार सिंह को निर्देश दिए कि वे 12 दिनों के भीतर ज्वालापुर के जटवाड़ा पुल से तहसील क्षेत्र तक सड़क मार्ग का अर्बन एंड ट्रांसपोर्ट प्लानिंग एक्सपर्ट, लोनिवि, विद्युत, सिंचाई, जल संस्थान, बीएसएनल, जल निगम आदि सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों के साथ संयुक्त सर्वे कर कार्योंं की रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होंने निर्देश दिए कि इस क्षेत्र के सड़क मार्ग में ऐसे स्थानों का चिह्नीकरण कर लिया जाए, जहां पर वेन्डर जोन, पार्किंग स्थल व डिवाइडर बनाए जा सकते हैं।
मंत्री ने लोनिवि के अधिकारियों को निर्देश दिए कि सड़क मार्ग की जो भूमि विभाग की है, उसका सफेद अथवा पीली पट्टी से चिह्नीकरण कर लिया जाए, ताकि लोगों को यह पता रहे कि यह सरकारी भूमि है।उन्होंने यातायात को प्रभावित करने वाले वृक्षों को भी चिह्नित करने के निर्देश दिए।
बैठक में जिलाधिकारी दीपक रावत, नगर आयुक्त नितिन भदौरिया, एडीएम ललित नारायण मिश्र, सचिव विकास प्राधिकरण बंशीधर तिवारी, एसडीएम मनीष कुमार सिंह, ईई यूपीसीएल वीएस पंवार, एजीएम बीएसएनएल कमलेश्वर मिश्रा, परियोजना प्रबन्धक निर्माण एवं अनुरक्षण ईकाई गंगा आरके जैन, एई लोनिवि आरपी नैथानी, एई सिंचाई निर्देश कुमार सिंह सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। 

गंगा की निर्मलता के लिए एन. जी.टी सख्त, प्लास्टिक-पॉलीथिन पर लगा प्रतिबन्ध 

ऋषिकेश, करोड़ों लोगों की आस्था की प्रतीक गंगा आज अपनी निर्मलता और शुद्धता को खोती जा रही है, पहाड़ों से निकलकर गंगा जब मैदानी इलाकों में आती है तो उसकी छवि बिलकुल ही उलटी दिखती है, रोजाना श्रद्धालु गंगा माँ की पूजा करते है लेकिन वहीँ लोग इस पवन नदी को लगातार मेला भी करते जा रहे है जिसको रोकने के लिए एन. जी.टी.एक बार फिर सख्त होती दिख रही है।

देव भूमि के प्रवेश द्वार ऋषिकेश, जो अपनी सुंदरता, मंदिरो और योग के लिए जाना जाता है यही कारण है यहाँ साल भर धार्मिक यात्रा और उत्सव में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में तीर्थ यात्री और पर्यटक आते है जिसके चलते इन सबका बोझ मैली गंगा को उठाना पड़ता है।

लेकिन अपने ही घर में मैली हो रही गंगा को स्वछ निर्मल और अविरल बनाने के लिए एन. जी.टी. ने कड़ा कदम उठाते हुए ऋषिकेश और हरिद्वार में गंगा के किनारे प्लास्टिक और पॉलीथिन को बैन कर दिया है जिसके बाद अगर कोई भी इन चीजों का गंगा में इस्तमाल करता पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ दिखाई जाएगी और 5000 रुपए तक का जूर्माना भी लगाया जायेगा।

ये पहली बार नहीं है जब  ने गंगा की निर्मलता के लिए सख्ती दिखाई है इससे पहले भी कई बार एन. जी.टी ने गंगा की स्वछता और निर्मलता के लिए जुर्माने और नियम बनती रही है लेकिन इसके बावजूद करोड़ो पैसे खर्च होने के बाद भी गंगा की निर्मलता की स्थिति जस की तस है, एन. जी.टी.  द्वारा पहले भी प्लास्टिक ,पॉलीथीन और गंगा किनारे निर्माण को लेकर निर्देश देती रही है नमामि गंगा जैसी योजना के बवाजूद लोगो उतने जागरूक नहीं हो रहे जितने होना चाहिए।

स्थानीय लोगो का कहना है की जब तक हम लोग खुद गंगा की स्वछता और निर्मलता के लिए आगे नहीं आयंगे  गंगा स्वच्छ नहीं हो सकती अपने ही घर में मेली हो रही गंगा को स्वछ करने के लिए हर एक व्यक्ति की भागीदारी बहुत अहम  है और साथ ही साथ एन. जी.टी. के दिए गए निर्देशों का पालन करना भी अनिवार्य है , तभी  गंगा की अविरलता और स्वछता  बनी रहेगी, जिससे गंगा जल आचमन योग्य हो पायेगा।

 

चीन सीमा से शिफ्ट नहीं होंगी चौकियां

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पिथौरागढ़, माइनस दस डिग्री में भी सीमा के जवान चीन बार्डर पर तैनात रहेंगे, इस बार सीमा की कोई भी चोकी शिफ्ट नहीं की जाएगी, बार्डर पर हालातों की गम्भीरता को देखते सेना ने ये निर्णय लिया है। सातवीं वाहिनी के कमांडेंट महेंद्र प्रताप ने बताया कि, “इस वर्ष वाहिनी के अंतर्गत आने वाली गुंजी, छियालेक, कालापानी, नाभीढांग में स्थित चौकियों को शिफ्ट नहीं किया जाएगा।”

भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल इस बार चीन सीमा पर स्थित अपनी अग्रिम चौकियों को बर्फबारी और कड़ाके की ठंड में भी शिफ्ट नहीं करेगा। पिथौरागढ़ जिले की सीमा चीन सीमा से सटी होने के कारण संवेदनशील मानी जाती है जिसके चलते सीमा पर बारह हजार फिट से अधिक की ऊंचाई पर आइटीबीपी की अग्रिम चौकियां हैं, जिनमें तैनात जवान 24 घंटे मुस्तैद रहते हैं।

पिछले वर्षो तक 15 दिसंबर के बाद इन चौकियों को निचले इलाकों में शिफ्ट कर दिया जाता था, लेकिन इस बार सीमा से चौकियां शिफ्ट नहीं होंगी। चौकियां पूरे शीतकाल में कार्यरत रहेंगी। कमांडेट ने बताया कि चौकी पर तैनात जवानों को बर्फीली हवाओं और शून्य से नीचे के तापमान में कार्य करने के लिए सभी सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं।

उत्तराखण्ड में अगले तीन दिनों तक रहेगा ठंड का असर, दून में निकली धूप

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देहरादून। राजधानी देहरादून सहित प्रदेशभर में ठंड का प्रकोप जारी है। मौसम विभाग की ओर से राज्य में अगले तीन दिनों तक कड़ाके की ठंड की संभावना को देखते हुए प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया गया है।

राजधानी देहरादून सहित मैदानी इलाकों में शुक्रवार सुबह खिली धूप निकली। जबकि गुरुवार रात दून सहित आपस के क्षेत्रों में घना कोहरा छाया रहा। मौसम विभाग के अनुसार राज्य में अगले 72 घंटे तक घना कोहरा बना रहेगा। राज्य प्रशासन की ओर से प्रदेशभर में बर्फबारी के कारण बढ़ती ठंड को ध्यान में रखते हुए सभी जिलाधिकारियों को ठंड से बचाव के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए है। जिलाधिकारी सभी रैन बसेरों का सघन निरीक्षण कर वहां ठहरने वाले सभी व्यक्तियों को सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने को कहा गया है।
देहरादून मौसम केंद्र से के अनुसार फिलहाल प्रदेश में मौसम सूखा बना रहेगा। पहाड़ में इस दौरान धूप खिली रहेगी, लेकिन हरिद्वार, यूएस नगर सहित मैदानी इलाकों में अगले तीन दिन घना कोहरा छा सकता है। वहीं पहाड़ी क्षेत्र उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़ बागेश्वर, टिहरी, धनौल्टी सहित अन्य उच्च क्षेत्रों में हिमपात भी होने की संभावना है। इधर, गुरुवार को दून का अधिकतम तापमान सामान्य से दो डिग्री अधिक 23.5 दर्ज किया गया। हालांकि सुबह घना कोहरा होने से लोगों को ठंड का सामना करना पड़ा।

बढ़ी ठंड, शहर में जलने लगे अलाव: ठंड बढ़ते ही नगर निगम की ओर से शहर में जरूरतमंद लोगों के लिए अलाव जलाने की व्यवस्था शुरू कर दी गई है। शहर के नगर आयुक्त ने मुताबिक झुग्गी झोपड़ियों और चौराहों पर सोने वालों को ठंड न लगे, इसके लिए अलाव की व्यवस्था की गई है। दूरदराज से देर रात आए लोग भी ठंड में कुछ देर अलाव के पास बैठकर गर्मी का एहसास ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि दिलाराम बाजार, घंटाघर, प्रिंस चौक, रेलवे स्टेशन, आराघर, धर्मपुर, रिस्पना पुल, निरंजनपुर सब्जी मंडी, चंदन नगर तथा दून अस्पताल चौक के पास अलाव जलाने की व्यवस्था शुरू कर दी गई है।
कोहरे के कारण यातायात परिचालन पर बुरा असर पड़ रहा है। राज्य से चलने वाली बस, रेल और हवाई जहाज की उड़ानें प्रभावित हो रही हैं, जिस कारण यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी रही है।

सीपीयू कर्मियों ने नाबालिग को जड़े थप्पड़

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हरिद्वार। पुलिस की सीपीयू टीम का गठन यूं तो को क्राइम रोकने के लिए हुआ था, लेकिन आए दिन किसी ना किसी विवाद के चलते सीपीयू की कार्यशैली विवादों के घेरे में आती रही है। ताजा मामला व्यस्तम चौराहे शंकर आश्रम का है, जहां ट्यूशन जा रहे नाबालिग को सीपीयू कॉस्टेबल ने चालान काटने के दौरान जमकर पीटा। इसके बाद वहां मौजूद लोगों ने सीपीयू को घेर लिया। बामुश्किल अन्य सीपीयू टीम के वहां आने और माफी मांगने पर लोगों द्वारा सीपीयू को छोड़ा गया।

शंकर आश्रम तिराहे पर सीपीयू अपना रूटीन चैकिंग अभियान चला रही थी। इसी दौरान रानीपुर मोड़ के व्यापारी राधेश गुप्ता का पुत्र नमन अपनी स्कूटी से ट्यूशन जा रहा था। उसे सीपीयू कांस्टेबल अमित कुमार ने रोका तो नमन थोड़ा घबरा गया और उसकी स्कूटी अनियत्रित हो गयी। इस पर सीपीयू कांस्टेबल अमित और एक अन्य ने बालक को थप्पड मारते व बाल खींचते हुए रौब गालिब किया। इस पार आप पास खड़े और शंकर आश्रम के व्यापारियों ने सीपीयू की टीम को बच्चे को मारने के विरोध में घेर लिया और काफी हंगामा काटा। इस पर सीपीयू को अपनी अन्य टीमों को भी शंकर आश्रम बुलाना पड़ा, जिसके बाद सीपीयू के अन्य टीम द्वारा बामुश्किल व्यापारियों और बच्चे के परिजनों को समझा कर वहां से जाम खुलवाया। सीपीयू की इस हरकत पर शहर में हर तरफ इसकी निंदा की जा रही है। शंकर आश्रम व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजेश कुमार ने कहा कि सीपीयू को चालान काटने का अधिकार है, लेकिन उन्हें बच्चों के साथ मारपीट करने का अधिकार नहीं। उन्हें इस तरह की हरकत नहीं करनी चाहिए। राजेश कुमार ने कहा कि वे इस मामले में पुलिस के आलाधिकारीयों से मांग करेगें की सीपीयू पर लगाम लगाई जाए।