सरकार के कैशलेस अभियान को ठेंगा दिखा रहे दून के निजी स्कूल

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    देहरादून के निजी स्कूल केंद्र सरकार की कैशलेस योजना को ठेंगा दिखाने का काम कर रहे हैं। स्कूलों ने अभी तक कैशलेस मोड में फीस जमा करने की प्रक्रिया को नहीं अपनाया है। अधिकतर अभिभावक स्कूलों के काउंटर और बैंकों की लाइनोें में लगकर फीस जमा करने को मजबूर हैं।

    सेंट्रल बोर्ड आॅफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने देशभर के स्कूलों को काफी पहले कैशलेस योजना को आगे बढ़ाते हुए आॅनलाइन मोड में पैसे का लेन-देन किए जाने के निर्देश दिए थे। इतना ही नहीं शिक्षकों के वेतन से लेकर बच्चों की फीस आदि को भी आॅनलाइन माध्यम से जमा किए जाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे। लेकिन, इसके बाद भी स्कूल निर्देशों की जमकर नाफरमानी कर रहे हैं। आलम यह है कि दून के दर्जनों स्कूलों में अभी तक फीस जमा करने की आॅनलाइन व्यवस्था नहीं की गई।
    निजी स्कूल खुद को भले ही कितना भी हाईटेक कहें, लेकिन तकनीकि के उपयोग में सरकारी स्कूल इनसे कहीं आगे दिखाई दे रहे हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक ओर जहां सुविधा संपन्न हाईप्रोफाइल निजी स्कूलों में अब तक आॅनलाइन फीस जमा करने की व्यवस्था तक नहीं है, वहीं, केंद्रीय विद्यालयों सहित कई अन्य सहायता प्राप्त स्कूलों में यह सुविधा साल की शुरुआत से प्रदान की जा रही है। केविएस से जुड़े सभी स्कूलों को संगठन ने पूरी तरह से कैशलेस बना दिया है। अब इन स्कूलों में अभिभावक घर बैठे बच्चों की फीस जमा कर पा रहे हैं।

     केवि नंबर 1 हाथीबड़कला के प्रधानाचार्य डॉ इंद्रजीत सिंह ने बताया कि केविएस ने एक जनवरी से ‘हाईटेक फीस डिपॉजिट स्कीम’ शुरू कर दी थी। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के सहयोग से इस योजना का लाभ देहरादून संभाग से जुड़े स्कूलों में पहुंचाया जा रहा है। ऑनलाइन शुल्क जमा करने के बाद अभिभावक घर बैठे शुल्क रसीद भी ले सकते हैं। अभिभावकों को हर माह की 15 तारीख तक शुल्क जमा करना होगा, इसके बाद विलंब शुल्क लगेगा। ऑल उत्तराखंड पेरेंट्स एसोसिएशन के केंद्रीय अध्यक्ष नीरज सिंघल ने बताया कि कई स्कूलों में अभी तक आॅनलाइन फीस जमा करने की व्यवस्था नहीं है। जिस कारण अभिभावकों को परेशानियां उठानी पड़ रही हैं। स्कूलों को हर हाल में यह सुविधा देनी चाहिए। कैशलेस व्यवस्था काले धन को खत्म करने के लिए लागू की गई थी, लेकिन स्कूल इसे मान नहीं रहे। संगठन शिक्षा विभाग और सीबीएसई क्षेत्रीय कार्यालय में ऐसे स्कूलों को चिन्हित कर कार्रवाई की मांग करेगा। मुख्य शिक्षा अधिकारी एसबी जोशी ने बताया कि स्कूलों को सरकार की इस मुहिम मेें सहयोग देना होगा। हमारी ओर से स्कूलों में आॅनलाइन फीस डिपोजिट सिस्टम अपनाने की बात कही जा रही है। इसके बाद भी यदि कोई स्कूल नाफरमानी करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।