देहरादून। लगातार विवादों में घिरी रहने वाले उत्तराखंड तकनीकि विश्वविद्यालय (यूटीयू) के कुलपति मंगलवार को हटा दिए गए। प्रदेश के राज्यपाल व विवि के चांसलर डॉ. कृष्ण कांत पॉल ने विवि के कुलपति प्रो. पीके. गर्ग के स्थान पर डॉ. उदय सिंह रावत को कुलपति पद की जिम्मेदारी दी। डॉ. रावत अग्रिम आदेश आने तक यूटीयू की कमान संभालेंगे।
श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. यूएस. रावत ने मंगलवार को पदभार ग्रहण कर लिया। मीडिया से बातचीत के दौरान डॉ. रावत ने कहा कि विवि में बीते काफी वक्त से काफी अव्यवस्थाएं चली आ रही थी। इन कारणों से विवि का शैक्षिक माहौल भी बिगड़ रहा था। उन्होंने कहा कि सबसे पहले विवि का एकेडमिक माहौल बेहतर करने और विवि से जुड़े कॉलेजों के छात्र, कर्मचारी और अधिकारियों की समस्याओं को दूर करना उनकी प्राथमिकताओं में रहेगा।
डॉ. रावत ने कहा कि विवि से जुड़े संघटक कॉलेजों के सभी निदेशकों को बुलाकर उनकी बैठक ली जाएगी, जिसमें वहां से संबधित समस्याओं पर चर्चा होगी। शिक्षा का माहौल सुधारते हुए विवि से सम्बद्ध सरकारी व निजी तकनीकि संस्थानों में एकेडमिक एक्टिविटी का लक्ष्य दिया जाएगा, जिसे संस्थानों को पूरा करना होगा। विवि में स्वच्छ वातावरण होगा तो सभी प्रयास मिलकर पूरे करना संभव होगा।
लगातार विवादों में रहे पूर्व कुलपति
यूटीयू में साल 2013 में प्रो. डीएस. चौहान के कुलपति पद से इस्तीफा देने के बाद से विवि का यह पद स्थाई कुलपति की बाट जोह रहा था। लंबे अरसे के बाद अप्रैल 2015 में आईआईटी रुड़की से प्रो. पीके. गर्ग ने यूटीयू के स्थाई कुलपति पद की जिम्मेदारी संभाली। स्थाई कुलपति मिलने के बाद विवि में सकारात्मक माहौल बनने की उम्मीद जगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। इसके उलट विवि लगातार विवादों और हंगामों की भेंट चढ़ता रहा।
ऐसे रहा विवादों से नाता
– पूर्व कुलपति डॉ. पीके. गर्ग के कार्यकाल में यूटीयू की उत्तराखंड स्टेट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (यूकेएसईई) काउंसलिंग सवालों के घेरे में आई।
– काउंसलिंग बोर्ड को बिना बताए सीट आवंटित करने का आरोप लगा।
– विवि कर्मचारियों और अधिकारियों को इधर-उधर करने से पैदा हुए विवाद।
– कुलपति और शासन के बीच भी निरंतर टकराव की स्थिति पैदा होती रही।
– टनकपुर संघटक कॉलेज में चार संविदा कर्मियों की नियुक्ति पर शासन ने मांगा था स्पष्टिकरण।























































