रूड़की में एडवेन्डाजोल खाने से बिगड़ी बच्चों की हालत

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Mid-day Meal Children Akshaya Patra

राष्ट्रीय कृमि दिवस पर रुड़की विकास खंड के धर्मपुर प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को दी जा रही एडवेन्डाजोल (पेट के कीड़े मारने की दवा) के खाने से नौ बच्चों की हालत बिगड़ गयी। बच्चे बेहोश हो गये। इस पर ग्रामीणों ने स्कूल में हंगामा कर दिया। आनन-फानन सभी बच्चों को रुड़की सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां करीब तीन घंटे तक तीन बच्चों की हालत नाजुक बनी रही। इस दौरान ग्रामीणों का जमावड़ा अस्पताल में लगा रहा।
हमारे संवाददाता ने बताया कि बुधवार को राष्ट्रीय कृमि दिवस के अवसर पर प्रदेश में बच्चों को एडवेन्डाजोल की दवा खाने को दी गई। रुड़की विकास खंड के राजकीय प्राथमिक विद्यालय धर्मपुर में दोपहर में मिड डे मील खिलाने के थोड़ी देर बाद बच्चों को यह खुराक दी गई। कुल 66 बच्चों को दवा दी गई। देखते ही देखते नौ बच्चे उल्टी करने लगे और बेहोश हो गए। इससे शिक्षकों के हाथ-पांव फूल गये। जानकारी मिलने पर ग्रामीण स्कूल की ओर दौड़ पड़े और हंगामा शुरू कर दिया। हेड मास्टर पूनम ने 108 आकस्मिक सेवा को इसकी जानकारी दी। बच्चों को सिविल अस्पताल रुड़की लाया गया। इमरजेंसी मेडिकल अफसर डॉ. पीके दुबे ने बताया कि अस्पताल में अंजलि (10) निवासी कमलेपुर के अलावा धर्मपुर गांव की रिया (9), हिमांशु (9), वरुण (8), अभिषेक और वर्षा (9), साक्षी (7) , विभा (10) और गायत्री (9) को भर्ती कराया गया। इसमें से तीन बच्चों की हालत में करीब तीन घंटे बाद सुधार आ पाया।
उन्होंने बताया कि दो बच्चे सूरज और ब्रजेश जैसे ही घर पहुंचे तो उनको उल्टी शुरू हो गई। इसके साथ ही उनकी तबीयत बिगड़ गई। जैसे-तैसे गांव में ही इन बच्चों को उपचार दिलाया गया। इसी बीच किसी ने गांव में अफवाह फैला दी कि दवा खाने से एक बच्ची की मौत हो गई है। यह खबर आसपास के गांव में भी फैल गई। लोग प्राइमरी स्कूलों की ओर दौड़ पड़े। इसी बीच स्कूलों की छुट्टी हो गई। इस घटना के बाद शिक्षक भी बेहद डरे नजर आये। वह गांव से बच्चों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेते रहे।
हेड मास्टर ने पहले तो 108 को फोन किया लेकिन एंबुलेंस घंटेभर तक नहीं पहुंच पाई। बार-बार फोन करने पर यही बताया गया कि एंबुलेंस निकल पड़ी है। बीच रास्ते में जाम लगा हुआ है। इसी बीच कुछ ग्रामीण अपने प्राइवेट वाहन लेकर भी पहुंच गये। जैसे ही एंबुलेंस पहुंची तो ग्रामीणों ने चालक पर गुस्सा जाहिर किया।
इस बारे में पूछे जाने पर डॉ. पीके दुबे, इमरजेंसी मेडिकल अफसर, रुड़की सिविल अस्पताल ने बताया कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है। जिन बच्चों के पेट में कीड़े होते हैं उनमें दवा लेने के बाद इस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं। पेट में टोक्सीन पदार्थ निकलता है। एक बार दवा देने के बाद कीड़े निकल जाते हैं लेकिन उसके अंडे पेट में रह जाते हैं। इसके आठ दिन बाद दूसरी खुराक दी जाती है। दो साल के ऊपर के बच्चे को पूरी खुराक दी जाती है।
बताते चले कि पिछले साल रूड़की क्षेत्र के ही बुग्गावाला में भी बच्चों को एडवेन्डाजोल देने पर कुछ बच्चों की तबीयत बिगड़ गई थी। इन बच्चों को पहले तो रुड़की सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में दो बच्चों को देहरादून के एक अस्पताल में रेफर कर दिया गया था।