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जल्द ही होगा पिथौरागढ़ एयरपोर्ट का विस्तारीकरण

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भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण एयरपोर्ट सलाहकार समिति की बैठक में सांसद भगत सिंह कोश्यारी ने पंतनगर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के काम में तेजी लाने के निर्देश दिए। एयरपोर्ट के कॉन्फ्रेंस हाल में हुई बैठक में कोश्यारी ने कहा कि पंतनगर एयरपोर्ट का विस्तारिकरण हमारी पहली प्राथमिकता है। एयरपोर्ट के विस्तारिकरण के लिए अधिकारी टीम भावना से कार्य करें। ताकि यह कार्य शीघ्र हो सके।

उन्होने कहा कि उत्तराखंड में पंतनगर हवाई अड्डा पर्यटन व औद्योगिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इसका विस्तार होने से पंतनगर से अन्य स्थानो को भी विमान सेवा शुरू होगी। इससे पर्यटन व औद्योगिक व्यवसाय बढेगा। पंतनगर में वर्तमान में 2250 मीटर का रनवे है। इसे बढाने की कवायद की जा रही है। इसके लिये 571 एकड भूमि अधिग्रहण मे लेनी है। भूमि का सीमांकन कर दिया गया है। इसके लिए रेलवे, टीडीसी व वन भूमि का हस्तानान्तरण किया जाना है। विस्तारीकरण के बाद सप्ताह के सातों दिन पंतनगर से उडान भरी जा सकेगी।

प्रथम चरण में देहरादून-पंतनगर व लखनऊ को जोडने के लिए चर्चा की गई। एयरपोर्ट में खराब मौसम में भी नियमित हवाई सेवा के लिए आधुनिक लैडिंग/टेक ऑफ उपकरण की आवश्यकता पर भी चर्चा की गई । जिलाधिकारी डा नीरज खैरवाल ने कहा कि चिह्नीकरण की गई भूमि को शीघ्र एयरपोर्ट अथॉरिटी को हस्तान्तरण करने के प्रयास किए जाएंगे।

ब्रिटिश डिप्टी हाई कमिशनर ने की मुख्यमंत्री से भेंट

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मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मुख्यमंत्री आवास में ब्रिटिश डिप्टी हाई कमिशनर मिस्टर एन्ड्रयू आयरे ने भेंट की। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र तथा शासन के उच्च अधिकारियों से चर्चा के दौरान ब्रिटिश हाई कमिशनर मिस्टर एन्ड्रयू आयरे ने उत्तराखण्ड में स्वास्थ्य, चिकित्सा सेवा, स्मार्ट सिटी हेतु तकनीकी सहायता, सोलिड वेस्ट मेनेजमेन्ट, पर्यटन तथा हाॅस्पिीटिलिटी विकास आदि क्षेत्रो में तकनीकी व विशेषज्ञ सहायता देने की इच्छा व्यक्त की।
मुख्यमंत्री ने चर्चा के दौरान कहा कि राज्य के पर्वतीय ग्रामीण क्षेत्रो में अधिक से अधिक रोजगार के अवसर सृजित करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है ताकि पलायन को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य में सुदृढ़ कानून व्यवस्था, सस्ती एवं निर्बाध बिजली आपूर्ति, सिंगल विण्डो सिस्टम, व्यापार अनुकूल नीतियां तथा अनुकूल वातावरण है। राज्य सरकार युवाओं के स्किल डेवलपमेंट पर विशेष फोकस कर रही है। राज्य सरकार द्वारा 13 जिले-13 नए पर्यटक स्थल विकसित करने की योजना आरम्भ की गई है। हम राज्य में निवेश का स्वागत करते है।

दून में शुरु हुई ”गड्डों की राजनिति”

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अगस्त महीने के शुरूआत में एक सड़क दुर्घटना में देहरादून में दो महिलाओं की मौत ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और विपक्षी कांग्रेस के बीच “गड्ढा राजनीति” की शुरुआत की है। 6 अगस्त को एक तेल के टैंकर ने दो महिलाओं को तब कुचल दिया था जब वे दोपहिया वाहन से राजपुर रोड पर एक गड्ढे में फंस कर अपना संतुलन खो बैठी।

दुर्घटना के एक दिन बाद, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को राज्य भर में गड्ढे की मरम्मत के लिए निर्देशित किया। विपक्षी कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार इस मुद्दे के बारे में “गंभीर नहीं” है, क्योंकि शहर भर की सडकों में जगह-जगह गड्ढे हैं जो किसी अनहोनी को ही बुलाते हैं।

कांग्रेस के नेता सूर्यकांत धसमाना ने कहा कि, “अब तक हजारों गड्ढे सड़क पर यूं ही बने हुए हैं कोई मरम्मत कार्य नहीं किया गया है, जो सत्ता में मौजूद बीजेपी सरकार की उदासीनता के बारे में बताता है।” दरअसल धस्माना ने एक कैंपेन का आयोजन किया था जिसमें उन्होंने सड़क पर मौजूद गड्डो कोदिखाया था। धस्माना ने कहा कि “बहुत से स्थानों पर गड्ढों की गहराई 1 से 1.5 फीट तक हैं,जिससे लोगों की जान खतरे में है”। “कई जगहों पर, अधिकारियों ने गड्ढों को भरने के लिए अस्थायी समाधान लगाया है जो या तो बारिश होने से धुल जाते हैं और इससे अधिक नुकसान पहुंचता है।”उन्होंने आगे कहा कि उनका अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक कि राज्य सरकार और संबंधित एजेंसियों द्वारा गड्ढे की मरम्मत नहीं की जाए।

देहरादून शहर के कांग्रेस प्रमुख पृथ्वीराज चौहान ने कहा कि, “जिस तरह से सरकार ने दो युवतियों की जान जाने के बाद ही समस्या का समाधान किया, वह केवल दुर्भाग्यपूर्ण नहीं बल्कि बहुत दुख की बात है”। हमने इस मामले को पहले भी हाइलाइट किया था, लेकिन हमारी मांगें केवल एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकाल दी गईं।

हालांकि राज्य के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि कांग्रेस केवल इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है।कौशिक ने कहा कि, “हमने (बीजेपी सरकार) कांग्रेस से क्षतिग्रस्त सड़कों की विरासत (पिछली कांग्रेस सरकार) प्राप्त की और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वे अब इस मुद्दे का राजनीति कर रहे हैं।”कौशिक ने कहा कि “हम मामले के बारे में बेहद गंभीर हैं वास्तव में, देहरादून पूरे राज्य की छवि को दर्शाता है और सड़क मरम्मत कार्य को हम अपनी सूची में सबसे ऊपर और सबसे महत्तवपूर्ण कामों में लेते हैं।

आपको बतादें कि पिछले तीन सालों में देहरादून जिले में 1,106 सड़क दुर्घटनाओं में 490 से अधिक लोग मारे गए और 922 लोग घायल हुए हैं।

क्या है सराहा ऐप और कैसे करें इसका इस्तेमाल

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इंटरनेट पर वर्तमान में प्रचलित सराहा ऐप अब विवादों के घेरे में आ गया है, इस ऐप के द्वारा कोई भी किसी को अज्ञात रहकर कुछ भी व्यक्त कर सकता है। शुरुआत में इसे सार्थक रूप में इस्तेमाल किया जाता था परन्तु इसके प्रचलित होते ही इसके दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं। अब अधिकतर इस ऐप के जरिये लोग अपनी कुंठाएं व घृणा व्यक्त करने लगे हैं, जिससे लोगों में अवसाद की स्तिथि उत्पन्न होने लगी है। सोशल मीडिया व कई अन्य ऐप्स का इस्तेमाल संभल कर करें, आपके द्वारा किसी भी प्रकार की नकारात्मक टिपण्णी किसी को मानसिक ठेस पहुंचा सकती है व उसके दुष्परिणाम भी हो सकते हैं। कृपया सोशल मीडिया ऐप्स का इस्तेमाल संयम से करें।

पिछले कुछ दिनों से लोगों के बीच मशहूर हुआ सराहा ऐप ना केवल एक माध्यम हैं अपनी भावनाएं शेयर करने का बल्कि लोग इसका प्रयोग एक दूसरे पर अपनी भड़ास निकालने के लिए भी कर रहें हैं।सोशल मीडिया हमेशा से चर्चा में रहा है लेकिन एक ऐसा ऐप जिसके माध्यम से आप अपने दिल की बात बिना अपनी पहचान बताएं कर पाएं ऐसा ऐप पहली बार आया है। फेसबुक पर चर्चा में आया ऐप इस्तेमाल करने में बेहद आसान हैं इसपर खुद को रजिस्टर करके लोग इस ऐप को डाउनलोड कर रहे और एक दूसरे से अपने दिल की बात कर रहें बिना अपना नाम बताएं।बीते दिनों में हर दूसरे फेसबुक यूजर की वाॅल पर केवल सराहा के मैसेज ही दिख रहें हैं जिससे पता चलता हैं कि इस ऐप ने भी अपने पैर पसार लिए हैं।

लेकिन फायदे के साथ-साथ इसके नुकसान भी हैं।लोग इसके माध्यम से अपनी भड़ास निकाल रहें हैं जिसकी वजह से कुछ यूजर डिप्रेशन का शिकार भी हो रहें हैं। सिक्के के दो पहलू की तरह इस ऐप के फायदे भी हैं नुकसान भी इसलिए दून पुलिस ने लोगों से यह निवेदन किया है कि इस ऐप का इस्तेमाल संभाल के करें और एक-दूसरे की भावनाओं को ठेस नां पहुंचाएं।

मसूरी के जंगल में मिली महिला की लाश का हुआ खुलासा

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मसूरी में जुलाई में मिली महिला के शव को लेकर पुलिस ने बङा खुलासा किया है।एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने मसूरी में घटना का खुलासा करते हुए कहा कि, “महिला के साथ नौ लोगो ने सामुहिक ब्लात्कार कर हत्या की थीहत्या में शामिल नौ लोगो में पुलिस ने पांच लोगो को गिरफ्तार कर लिया है, चार आरोपियों की तलाश के लिए पुलिस टीम का गठन कर जांच चल रही है।

mussoorie murder 2

20 जुलाई को मसूरी के चुनाखाला के जंगल में पेङ से लटकी महिला की लाश के खुलासे में पुलिस को बङी सफलता मिली है, बिहार के सितामणि के रहने वाले मजदूरो ने एक साथ महिला के साथ सामुहिक ब्लात्कार कर गला दबाकर हत्या कर दी थी, पहचान छुपाने के लिए आरोपियों ने महिला का चेहरा तेजाब से जला दिया था, लेकिन पुलिस ने मोबाईल सिम के सहारा हत्यारों को पकङने में कामयाबी हासिल की।

आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने धारा 302 ,201,के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया है। मृतक महिला के परिजन उज्जवल दास ने आरोपियों के खिलाफ कङी कारवाई की मांग की।

आईटी अफसर की भूमिका में नजर आएंगे अजय देवगन

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जेसिका लाल कांड पर ‘नो वन किल्ड जेसिका’ जैसे सामाजिक मुद्दे पर फिल्म बनाने वाले निर्देशक राजकुमार गुप्ता एक नई फिल्म शुरू करने जा रहे हैं। खबर के मुताबिक, अजय देवगन ने मुख्य भूमिका निभाने के लिए सहमति दे दी है। इस फिल्म में अजय के किरदार के लिए कहा जा रहा है कि वे इसमें तेजतर्रार इनकम टैक्स अधिकारी का रोल करेंगे और फिल्म की कहानी यूपी के बैकड्रॉप पर होगी।

अजय पहली बार राजकुमार गुप्ता के निर्देशन में काम करेंगे। इस फिल्म का टाइटल ‘रेड'(छापा) रखा गया है। कहा जाता है कि ये फिल्म एक सच्ची घटना पर आधारित है। इस फिल्म का निर्माण टी सीरीज और कुमार मंगत पाठक (अजय देवगन के बिजनेस मैनेजर) मिलकर करने वाले हैं। इसकी कहानी रितेश शाह ने लिखी है। फिल्म की शूटिंग अगले महीने सितम्बर में मुंबई में शुरू होगी और ये फिल्म अगले साल 20 अप्रैल 2018 को रिलीज की जाएगी।

टी सीरीज के साथ अजय की ये दूसरी फिल्म है। आगामी 1 सितम्बर को रिलीज होने जा रही अजय की फिल्म ‘बादशाहो’ का निर्माण टी सीरीज ने किया है। मिलन लुथरिया के निर्देशन में बनी इस फिल्म में अजय के साथ इमरान हाश्मी, ईशा गुप्ता, इलियाना डिक्रूज, संजय मिश्रा और विद्युत जंवाल हैं। अजय इन दिनों हैदराबाद में रोहित शेट्टी की फिल्म ‘गोलमाल 4’ के अंतिम शेड्यूल को पूरा कर रहे हैं। ये फिल्म इस साल दीवाली पर रिलीज होगी।

चाॅपर से दयारा के मक्खन फेस्टिवल में पहुंचना हुआ और आसान

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उतत््राकंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये राज्य के त्योहारों और मेलों को लोगों से जोड़ने की पहल उत्तरकाशी के में देखने को मिली। पहली बार पर्यटन विभाग ने उत्तरकाशी जिले में आयोजित सालाना दयारा बुग्याल त्योहार में जाने के इच्छुक पर्यटकों के लिए हेलिकॉप्टर सेवा शुरू की है। इस मेले को बटर फेस्टिवल और क्षेत्रीय भाषा में अंधूरी उत्सव भी कहा जाता है जो 17 अगस्त को मनाया गया। इस त्यौहार के दौरान, बुग्याल में गांववाले एक दूसरे के साथ ‘मक्खन होली’ खेलते हैं। ये बुग्याल लगभग 3048 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां पहुंचने के लिए लोगों को ट्रेकिंग करना पड़ता हैं जो लगभग 5 किमी लंबा है। राठल और दयारा के बीच 5 किमी लंबी दूरी के लिए चाॅपर सेवाएं उपलब्ध रहेंगी।

Butter-Festival-Uttarakhand

राज्य पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने दयाारा बुग्याल में हेलिकॉप्टर सेवा का स्वागत किया और कहा कि दयारा बुग्याल के मक्खन का त्योहार उतना अनोखा और रोचक है जितना टमाटर का त्योहार ‘ला टोटेटिना’ जो अगस्त के महीने में स्पेन में आयोजित किया गया था। जिस तरह से स्पेन में मनाया जाने वाला टमाटार का त्यौहार पूरी दुनिया में मशहूर हैं उसी प्रकार दयारा का मक्खन फेस्टिवल भी दुनिया में प्रसिद्ध होने की संभावना रखता है। दयारा में, लोग दूध, दही और मक्खन के साथ एक दूसरे के साथ होली खेलते हैं और एक दूसकों को इन्हीं चीजों से सराबोर कर देते हैं।

उत्तरकाशी के जिला मजिस्ट्रेटी आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि,”हेलिकॉप्टर सेवा ने सुंदर दयारा बुग्याल को देखने के लिए अातुर लोगों के प्रोग्राम में चार चांद लगा दिया है।इसके अलावा दयारा बुग्याल में इस सेवा से सुविधाओं के प्रचार और प्रसार में एक और मील का पत्थर जोड़ा है।”

हेरिटेज एविएशन के मालिक व इस सेवा शुरु करने वाले रोहित माथुर ने कहा कि ”उड़ानों की उपलब्धता से 5 किलोमीटर का सफर पांच से सात मिनट में तय हो जाएगा।” राठल से दयारा केवल 2500 रूपए में जाकर और 1500 रूपए में लौट सकते हैं।यह उड़ानें सुबह 6 से शाम 6 तक चलेंगी। माथुर ने कहा कि उड़ानों की सुविधा तीन दिनों के लिए दी जाएगी, क्योंकि लोग आम तौर लोग पर एक दिन पहले आना शुरू करते हैं और एक दिन बाद ही वापस जाते हैं।

माथुर ने कहा कि ”कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक भी इस अलग तरह की होली को देखने के लिए दयारा बुग्याल पहुंचते हैं। “हम इस साल दस लाख लोगों की भीड़ की उम्मीद कर रहे हैं कि वह बटर फेस्टिवल में भाग लेने के लिए दयारा बगयाल तक पहुंचे।हमें खुशी है कि राज्य सरकार ने ट्रेक मार्ग के लिए हेलिकॉप्टर सेवाओं की हमारी मांग को स्वीकार कर लिया है क्योंकि मैदानी इलाकों से आने वाले अधिकांश लोग ट्रेक करने के आदि नहीं होते और एक तरफ से उन्हें दयारा तक पहुंचने में पांच घंटे से ज्यादा समय लगता है। “

 

सिंचाई विभाग के कार्यों की होगी जांच

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सिंचाई विभाग कोटद्वार के माध्यम से कराए गए समस्त कार्य संदेह के घेरे में हैं। इनकी जांच के लिए जिलाधिकारी पौड़ी गढ़वाल सुशील कुमार ने निर्देश दिए। इन कार्यों की तकनीकी विशेषज्ञों की टीम से जांच कराई जाएगी।

जिला स्तरीय समीक्षा समिति (डीएलआरसी) की बैठक में जिलाधिकारी ने कोटद्वार क्षेत्रांतर्गत सिंचाई विभाग के द्वारा बीते तीन सालों में किए गए निर्माण कार्यों की जांच के आदेश दिए। उन्होंने विभाग के निम्न स्तरीय डिजाइन और बिना सर्वे के निर्माण कार्य किए जाने की आशंका जताई। उन्होंने अधिशासी अभियंताओं के बैठक से नदारद होने व निर्माण निगम की कार्यों की सुस्त गति पर भी नाराजगी जताई।
जिलाधिकारी ने कहा कि कोटद्वार क्षेत्र में सिंचाई विभाग की ओर से बेतरतीब निर्माण कार्य किए गए हैं। उन्होंने सीडीओ को बाकायदा तकनीकी विशेषज्ञों की एक समिति गठित कर विभाग के निर्माण कार्यों की जांच के निर्देश दिए। डीएम ने निर्माण निगम, लोनिवि, ग्रामीण विकास विभाग, सिंचाई समेत सभी निर्माणदायी विभागों को नाबार्ड के तहत होने वाले निर्माण कार्यों को एक माह में पूरा करने के भी निर्देश दिए।
डीएम ने निर्माण निगम की ओर से किए जा रहे निर्माण कार्यों की सुस्त गति पर नाराजगी जताई। उन्होंने कार्य पूर्ण नहीं होने पर विभागों को धनराशि नाबार्ड को सरेंडर करने, तकनीकी संस्थानों से परियोजनाओं के साइन बोर्ड चस्पा करने, जलापूर्ति विभाग को नाबार्ड से धनराशि प्राप्त कर अधिक से अधिक प्रोजेक्ट तैयार करने और पेयजल विभाग की ओर से शीघ्र ही पौड़ी और श्रीनगर में इलेक्ट्रिक मीटर लगाने के निर्देश दिए।
नाबार्ड के तहत वित्त पोषित परियोजनाओं की समीक्षा बैठक का संचालन करते हुए डीएम बिजेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि आरआईडीएफ के तहत स्वीकृत परियोजनाओं को सितंबर माह के अंत तक पूरा किया जाना है। उन्होंने विभागों से परियोजनाओं में चरणबद्ध तरीके से वांछित प्रगति लाने व निर्धारित समय पर परियोजना को पूरा करने को कहा।

वरुण धवन की ‘जुड़वां 2’ का पहला पोस्टर रिलीज

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निर्देशक डेविड धवन के जन्मदिन के मौके पर बुधवार को मुंबई में उनकी आने वाली फिल्म जुड़वां की सीक्वल ‘जुड़वां 2’ का पहला पोस्टर जारी किया गया। इस पोस्टर को बुधवार को सोशल मीडिया पर जारी किया गया।

डेविड आज (बुधवार को) अपना 65वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनके बेटे और इस फिल्म में डबल रोल कर रहे वरुण धवन ने आज सोशल मीडिया पर फिल्म की पहली झलक को जारी करते हुए इसे अपने पिता के जन्मदिन का तोहफा बताया। वरुण धवन ने अपने पोस्ट में लिखा कि ये 65वें जन्मदिन पर पिता की 43वीं फिल्म का तोहफा है। साथ ही आज इस फिल्म को लेकर ये भी घोषणा की गई है कि आगामी 21 अगस्त को फिल्म का ट्रेलर लॉन्च होने जा रहा है।

चर्चा है कि इस फिल्म का ट्रेलर मुंबई में एक समारोह में लॉन्च होगा और इसे सलमान खान लॉन्च करेंगे, जो इस फिल्म की पहली कड़ी में डबल रोल कर चुके हैं और सीक्वल में उनका डबल रोल की मेहमान भूमिका बताई जा रही है। कहा जा रहा है कि ‘जुड़वां 2’ के ट्रेलर लॉन्च पर जुड़वा की पहली कड़ी की दोनों हीरोइनों करिश्मा कपूर और रंभा के साथ पूरी टीम को आमंत्रित किया गया है। इनमें सतीश शाह, शक्ति कपूर और अनुपम खेर भी शामिल हैं।

अनुपम खेर ‘जुड़वां 2’ में भी काम कर रहे हैं। ‘जुड़वां 2’ में वरुण धवन के साथ जैक्लीन फर्नांडिस और तापसी पन्नू की जोड़िया हैं और ये फिल्म आगामी 29 सितम्बर को रिलीज होगी। साजिद नडियाडवाला की कंपनी ने ही इस कॉमेडी फिल्म का निर्माण किया है। वरुण धवन इस साल आलिया भट्ट के साथ ‘बद्रीनाथ की दुल्हनियां’ की सफलता के बाद पर्दे पर लौट रहे हैं।

टाटा स्थापित करेगा कैंसर यूनिट

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प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर करने की दिशा में राज्य सरकार ने टाटा समूह के साथ करार किया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में कैंसर यूनिट की स्थापना की जा रही है, इसका संचालन टाटा ग्रूप द्वारा किया जाएगा। टाटा ग्रुप के शीर्ष अधिकारियों से इस संबंध में चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया है। टाटा ग्रुप ने दून मेडिकल कॉलेज में कैंसर यूनिट के संचालन को सहमति प्रदान कर दी है।

गौरतलब है कि राज्य में और खासतौर पर पहाड़ी इलाकों में स्वास्थ सेवाऐं खासी चरमराई हुई हैं। अाये दिन इलाज के आभाव में मरीजों की मौत की खबरें आती रहती हैं। सरकारी अस्पतालों और डिस्पेंसरियों में भी डाॅक्टर नदारद रहते हैं। पहाड़ों पर डाॅक्टरों को चढ़ाना सरकार के लिये टेढ़ी खीर बना हुआ है। इस सब से निपटने के लिये अब रावत सरकार अन्य समाधानों की तलाश कर रही है। इनमें प्राइवेट कंपनियों से मदद लेने से लेकर फौज से रिटायर हुए डाॅक्टरों को सरकारी असिपतालों में नियुक्त करना शामिल है।

बहरहाल सरकार की इस तरह की पहल काबिले तारीफ है। लेकिन इससे ये सवाल भी सामने आता है कि सरकारी नौकरी कर रहे डाॅक्टरों के आगे क्या सरकार और उसके तंत्र ने घुटने टेक दिये हैं?