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अब स्कूलों में शिक्षक बनाएंगे आधार कार्ड

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आधार कार्ड

स्कूलों में आधार कार्ड को अनिवार्य करने के फैसले के बाद शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की जिम्मेदारी और बढ़ा दी है। सरकारी स्कूलों में अब शिक्षक आधार कार्ड भी बनाएंगे। शिक्षा विभाग ने इसके लिए 12 प्रशिक्षक तैयार कर लिए हैं, जो स्कूलों में शिक्षकों के साथ अन्य कर्मचारियों को भी आधार कार्ड बनाने का प्रशिक्षण देंगे।

स्कूलों में बच्चों के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है, इसके साथ ही अब सरकारी स्कूलों से लेकर मदरसों तक में मिड-डे मील के लिए आधार कार्ड अनवार्य कर दिया गया है। इस योजना को परवान चढ़ाने के लिए विभाग ने अब शिक्षकों को भी इस मुहिम का हिस्सा बनाने का निर्णय लिया है। स्कूलों में आधार कार्ड बनाने की आखिरी तारीख 31 अगस्त रखी गई थी, लेकिन अब प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किए जाने के बाद शिक्षक नए सिरे से बचे छात्र-छात्राओं के आधार कार्ड बनाने का काम शुरू होगा।
शिक्षा विभाग ने योजना पर काम करना शुरू कर दिया है। अब तक 12 प्रशिक्षक आधार कार्ड बनाने का प्रशिक्षण ले चुके हैं। दो मास्टर ट्रेनर हर ब्लॉक में आधार कार्ड बनाने की ट्रेनिंग देंगे जिसके लिए शिक्षक, कर्मचारियों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। मुख्य शिक्षा अधिकारी एसबी जोशी ने बताया कि सितम्बर से स्कूलों में शिक्षकों व कर्मचारियों को बतौर प्रशिक्षक तैयार किया जाएगा। इसे लेकर विभाग ने आधार कार्ड बनाने वाली संस्था उदय से भी मामले में मदद मांगी है। संस्था द्वारा आधार कार्ड बनाने में उपयोग होने वाली मशीन विभाग से साझा की जाएगी। उन्होंने बताया कि 12 प्रशिक्षकों से अलग शिक्षा विभाग के 122 अन्य शिक्षक व कर्मचारी भी अभियान से जुड़ेंगे। कुल 134 प्रशिक्षकों का दल अलग-अलग स्कूलों में इस अभियान को दिशा देने का कार्य करेगा। मुख्य शिक्षा अधिकारी एसबी जोशी ने बताया कि अब तक दून के माध्यमिक स्कूलों में 85 फीसदी आधार कार्ड बनाए जा चुके हैं। इसके साथ ही बेसिक स्कूलों में अब तक 65 फीसदी आधार कार्ड ही बन पाए हैं।

तय समय में पूरा करना होगा लक्ष्य
शिक्षा विभाग के इस निर्णय के बाद अब स्कूलोंं में 31 अगस्त के बाद भी आधार कार्ड बनाने व जमा करने का मौका होगा। नए प्रशिक्षक और स्कूलों में आधार कार्ड बनाने के फैसले के बाद शिक्षा विभाग सितम्बर माह से इस अभियान को शुरू करने जा रहा है। स्कूलों में दाखिला प्रक्रिया, मिड-डे मील के अलावा विभिन्न योजनाओं का लाभ पाने के लिए आधार की अनिवार्यता को देखते हुए हर हाल में तय समय से पहले हर सरकारी स्कूल, मदरसे और निजी स्कूलों में पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं को आधार से जोड़ना होगा।

चीनी उत्पादों का आयात बंद करें : रविंद्र

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गूंज संस्था के अध्यक्ष रविंद्र सिंह आनंद द्वारा भारत में आयात व इस्तेमाल किये जा रहे चीनी माल को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित करने हेतु अंदोलन का आह्वान किया। जिसको उन्होंने चीनी माल भारत छोड़ो आंदोलन का नाम दिया।
संस्था की ओर से आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में रविंद्र सिंह आनंद ने कहा कि आगामी दिनों में चीनी माल के आयात व इस्तेमाल के विरोध में उग्र आंदोलन किए जाएंगे। उनके साथ प्रदेश के कई व्यापारी, समाजसेवी, गृहणी, छात्र व सभी समुदाय के लोग इसके विरोध में समर्थन देंगे।
रविंद्र ने कहा कि चीन में होली नहीं मनाई जाती परंतु गुलाल, पिचकारी, गुब्बारे होली का सामान चीन भारत में निर्यात करता है। इसी प्रकार चीन में रक्षा बंधन नहीं मनाया जाता किंतु रक्षा बंधन के लिए रखियां, पतंग, मांझा आदि सामग्री भी चीन भारत को निर्यात करता है और इसी प्रकार दिवाली भी चीन में नहीं मनाई जाती परंतु फिर भी अधिकांश सामान चीन से ही निर्यात किया जाता है।
रविंद्र ने कहा कि आज बटन से लेकर घड़ी, मोबाइल, मशीनें, खिलौने, प्लास्टिक व लोहे का सामान, इलेक्ट्लेक्ट्रिोनिक आइटमस चीन धड़ल्ले से भारत को निर्यात कर रहा है। वहीं, यदि बात भारत की सुरक्षा हो, तो चीन भारत को बार-बार धमकाता है।
हाल ही में डोकलाम में सड़क व लद्दाख सीमा के पास पुल बनाए जाने की नापाक हरकत विवाद का विषय बना हुआ है। साथ ही चीन का पाकिस्तान को समर्थन भी किसी से छुपा नहीं है। रविंद्र ने कहा कि इस समय ऐसी देश विरोधी ताकतों के खिलाफ मिल जुलकर लड़ने की आवश्यकता है। जल्द ही चीनी उत्पादों के विरोध में उग्र प्रदर्शन व धरनों का अयोजन किया जाएगा। यदि आवश्यकता हुई तो भूख हड़ताल का भी सहारा लिया जाएगा।
रविंद्र ने प्रदेश व केंद्र सरकार से मांग की कि जल्द ही चीनी उत्पादों का आयात बंद किया जाए। जिससे छोटे-मोटे व्यावसायियों को जिनका व्यवसाय चीनी उत्पादों के कारण लगभग समाप्त हो गया है को स्वरोजगार का मौका मिल सके।

तीसरी आंख की निगरानी में होगा छात्र संघ चुनाव

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श्री गुरु राम राय पीजी कॉलेज में छात्र संघ चुनाव तीसरी आंख की निगरानी में संपन्न होगा। चुनाव की पूरी प्रक्रिया सीसीटीवी कैमरे की नजर में संपन्न की जाएगी। चुनाव समिति ने प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखे के लिए यह निर्णय लिया है।

एसजीआरआर पीजी कॉलेज में छात्र संघ चुनाव 23 अगस्त को होना है। इसी दिन मतदान के बाद मतगणना और चुनाव परिणामों की घोषणा भी कर दी जाएगी। चुनाव समिति ने प्रक्रिया को पारदर्शी रखने के लिए सीसीटीवी की निगरानी में चुनाव आयोजित करने का फैसला लिया है। मुख्य चुनाव अधिकारी कैप्टन प्रदीप कुमार ने बताया कि चुनाव कार्यक्रम के तहत सोमवार को प्रचार समाप्त हो जाएगा। प्रत्याशी शाम पांच बजे तक ही प्रचार कर सकेंगे। इसके बाद 23 अगस्त को प्रक्रिया संपन्न कर दी जाएगी।
मतदान के लिए विभिन्न जोन बनाए गए हैं। अलग-अलग जोन पर छात्राओं के लिए अलग व विभागवार बूथ निर्धारित किए गए हैं। चुनाव से पहले छात्र-छात्राओं और प्रत्याशियों को इसकी जानकारी दे दी जाएगा। उन्होंने बताया कि चुनाव के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के लिए भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पुलिस प्रशासन से इस बाबत मदद मांगी गई है। 

न्यूज इंम्पेक्टःडाॅक्टर के सस्पेंशन को लेकर महिला आयोग की टीम पहुंची एम्स ऋषिकेश

महिला डॉक्टर को नौकरी से निकाले जाने पर एम्स, ऋषिकेश फिर से विवादों में घिरता नजर आ रहा है। आपको बता दें महिला डॉक्टर निहारिका नैथानी एम्स में दंत चिकित्सा विभाग में सीनियर रेजीडेंट की तरह काम कर रहीं थी, जब 12 मई को एम्स ने बिना ‘नोटिस दिए कारण बताएं’ मैटरनिटी लिव पर गई महिला डॉक्टर को नौकरी से बर्खास्त कर दिया था, जिसको newspost ने प्रमुखता से दिखाया।

aiims rishikesh

महिला आयोग ने इस खबर पर संज्ञान लेते हुए ऋषिकेश एम्स में कई घंटों तक पूछताछ की। गौरतलब है कि महिला आयोग की टीम पहुंचते ही डायरेक्टर कुछ दिन पहले ही कार्यालय से निकल गए जबकि उन्हें टीम की आने की सूचना पहले से थी।उधर एम्स के डेप्यूटी डायरेक्टर (एडमिन) अंशुमन गुप्ता ने इस बारे में कहा कि, ”निहारिका का प्रदर्शन काम को लेकर संतोषजनक नहीं था जिसके आधार पर उनको सस्पेंड करना ही विकल्प था।” निहारिका नैथानी की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए एनसीडब्ल्यू की एक टीम ने इस मामले की जांच के लिए शुक्रवार को एम्स ऋषिकेश से मुलाकात की थी। टीम की सदस्य रेखा शर्मा ने बताया कि “शुरुआती जांच में युवा चिकित्सक की सेवाएं समाप्त करने में एम्स की कई खामियां नजर आई। इस मामले में कई कमियां हैं जो धीरे-धीरे सामने आऐंगी। हालांकि हमने हमारी आने की जानकारी पहले ही अस्पताल को दे दी थी लेकिन, न तो एम्स के निदेशक और न ही रजिस्ट्रार मौजूद थे। उसके बाद रजिस्ट्रार को बाद में बुलाया गया तो हमें कोई संतोषजनक स्पष्टीकरण संस्थान से नहीं मिला। हमने उन्हें जवाब देने के लिए समय दिया है और फिर से इस मामले का फाॅलोअप लेंगे।”

महिला आयोग का कहना है कि एम्स की इस हरकत से महिला डॉक्टर का मानसिक उत्पीड़न हुआ है जिसके चलते उसकी डिलीवरी में भी असर देखा गया और उसके दुष्परिणाम उसके बच्चे पर भी पड़ा। महिला की डिलीवरी की तारीख जुलाई में थी लेकिन 15 जून को ही उसकी डिलीवरी करनी पड़ी। नवजात बच्चे को कुछ दिनों तक वेटिलेटर पर भी रखा गया। निहारिका ने एम्स पर आरोप लगाया है कि, “मुझे सस्पेंड करने के बाद किसी अन्य उम्मीदवार को शामिल करने की एक साजिश की गई जो कि एक मशहूर राजनीतिज्ञ से संबंधित है,” हालांकि निहारिका ने सवाल में राजनेता के बारे में खुलासा करने से इनकार कर दिया। “यह एक साजिश है, वह इस बात से स्पष्ट है कि मैं 29 मई को मैटरनिटी लीव पर गई थी और 2 जून को मुझे टर्मिनेशन लेटर दे दिया गया, जिसपर आश्चर्यजनक रुप से तारीख 12 मई है। निहारिका ने कहा कि सबसे ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि मैटरनिटी बेनिफिट एमेंडमेंट, 2016 को हुए एक साल भी पूरा नहीं हुआ है लेकिन फिर भी यह सरकारी संगठनों द्वारा इसकी अनदेखी की जा रही है।

आपको बता दें की ऋषिकेश एम्स हमेशा से ही विवादों के लिए पहचाना गया है। कभी डॉक्टरों की कमी, तो कभी दवाइयों के लिए परेशान होते मरीज, लेकिन इस बार मामला अपने ही महिला डॉक्टर को बिना कारण सस्पेंड करने का है। ऋषिकेश एम्स में कार्यरत सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर निहारिका नैथानी धामी, एम्स डायरेक्टर डॉक्टर रविकांत के साथ-साथ चार अन्य सीनियर डॉक्टर पर आरोप लगाया है की मैटरनिटी लीव के दौरान उन्हें कार्य से सस्पेंड कर दिया गया है। 9 जून को महिला डॉक्टर ने राष्ट्रीय महिला आयोग को शिकायत की, की ऋषिकेश एम्स के सीनियर डॉक्टर ने उन्हें मैटरनिटी लीव के दौरान बिना कोई कारण बताए सस्पेंड कर दिया।

होटल में युवती ने की खुदकुशी

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शहर कोतवाली क्षेत्र स्थित एक होटल में एक लड़की ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने शव को उतरवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस परिजनों से सम्पर्क का प्रयास कर रही है। होटल रजिस्टर में लिखा मोबाइल नम्बर पश्चिम बंगाल का बताया जा रहा है। पुलिस को कमरे से कोई सुसाइट नोट प्राप्त नहीं हुआ है।

शुक्रवार की रात एक लड़की होटल शिव गंगा में आकर रुकी थी। होटल में उसने अपना नाम व पता शिल्पा भटनागर निवासी मुरादाबाद यूपी लिखवाया था। बताया जा रहा है कि लड़की का असली नाम और पता कुछ और है। कारण की होटल रजिस्टर में जो मोबाइल नम्बर उसने लिखवाया था, वह गलत बताया जा रहा है। लड़की के खुदकुशी करने का पता तब चला जब उसने काफी देर तक कमरे का दरवाजा नहीं खोला।

पुलिस को सूचना देने पर पुलिस ने दरवाजा तोड़ा तो उसके होश उड़ गए। लड़की पंखे से लटकी हुई थी। पुलिस ने शव को नीचे उतारा और पोस्टमार्टम के लिए पंचनामा भर जिला चिकित्सालय भिजवाया। मौत के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। 

प्रेम प्रसंग में युवती को चाकू मारा

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शनिवार को टिहरी जनपद के नरेंद्रनगर ब्लॉक में गजा क्षेत्र में एक युवक ने एक युवती पर चाकू से हमला कर दिया। युवती को घायल अवस्था में नरेंद्रनगर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मामला प्रेम प्रसंग से जुड़ा बताया जा रहा है।

गजा के नजदीकी जयकोट गांव निवासी आशा को करीब 10 बजे गजा बाजार में सिलाई सीखने के लिए आई थी। इसी दौरान एक युवक ने उस पर चाकू से हमला कर दिया। आसपास के लोगों ने युवक को पकड़ने की कोशिश की लेकिन वह भागने में सफल रहा।

लोगों ने घटना की जानकारी राजस्व पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने घायल युवती को नरेंद्रनगर अस्पताल भेजा। नायब तहसीलदार गंभीर सिंह कोहली ने बताया कि, “पुलिस ने युवक को पकड़ लिया है, उसकी पहचान कराई जा रही है। आरोपी युवक बाहर का बताया जा रहा है।”

कौन खंगाल रहा थे तहसील की फाईलें? अब होगी जांच

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काशीपुर में छुट्टी के दिन तहसील में पटवारियों के साथ संदिग्धों के काम करने की खबर पर तहसील में हड़कंप मचा हुआ है।खबर के बाद डीएम ने जांच के लिए एसडीएम को निर्देश किया है और जल्द जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा है। पटवारियों के साथ सरकारी दस्तावेज खंगालने वाले संदिग्ध लोगों की जांच डीएम नीरज खैरवाल ने संयुक्त मजिस्ट्रेट विनीत तोमर को सोंप दी है। उन्होने बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। इस खबर को लेकर गुरुवार को तहसील कार्यालय में दिनभर हलचल रही।

हमारे द्वारा आपको बताया गया था कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर छुट्टी के दिन खोली गई काशीपुर तहसील, में संदिग्धों ने खंगाले रिकार्ड की खबर बतायी गयी तो अफसरों, कर्मचारियों व पटवारियों में खलबली मच गई। पटवारी कार्रवाई के भय से सहमे हुए दिखे। तरह-तरह की चर्चा करते लोग दिखे। कार्यालय में सख्ती बरती गई। पटवारी भी सक्रिय रहे। 15 अगस्त को कुछ पटवारी कुछ संदिग्ध लोगों के साथ सरकारी दस्तावेज खंगाल रहे थे। इसकी भनक प्रशासनिक अफसरों को नहीं थी। तहसील की सुरक्षा के लिए तीन चौकीदार तैनात हैं। हालांकि तहसील कार्यालय की चाबी नायब तहसीलदार व पटवारी कक्षों की चाबियां पटवारियों के पास होती हैं। पटवारी अपना कार्यालय खोलकर काम करते हैं। चौकीदार पटवारियों को जानते हैं, इसलिए इसकी सूचना किसी अफसर को नहीं दी। ऐसी स्थिति में छुट्टी के दिन काम करने की सूचना प्रशासनिक अफसरों को नहीं मिल सकी।
इस मामले की जांच अब संयुक्त मजिस्ट्रेट विनीत तोमर करेंगे। जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी। इस मामले डीएम ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में है और बाहरी लोगों द्वारा तहसील में किस आधार पर कार्य किया जा रहा था इसकी जांच एसडीएम को सोंपी गयी है और जांच रिपोर्ट खुद जिलाधिकारी देखर कर रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करेंगे।

शराब बिक्री के खिलाफ महिलाओं ने किया मार्ग जाम

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प्रदेश में जगह-जगह शराब की बिक्री के खिलाफ महिलाओं का आक्रोश देखने को मिल रहा है। शनिवार हल्द्वानी के चकलुवा में गुस्साएं महिलाओं ने हाइवे जाम कर प्रदर्शन किया।

चकलुवा में अवैध कच्ची शराब की बिक्री के खिलाफ स्वयं सहायता समूह की आक्रोशित महिलाओं ने हल्द्वानी-कालाढूंगी मार्ग में करीब दो घंटे तक मार्ग को जाम रखा। प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना था कि पुलिस व आबकारी विभाग के संरक्षण में अवैध शराब की बिक्री हो रही है। जिससे समाज पर बुरा असर पड़ रहा है। फिर भी विभाग की ओर से काई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जाम की सूचना पर पहुंची पुलिस ने आक्रोशित महिलाओं को शांत कराते हुए अवैध शराब के खिलाफ तुरंत कार्रवाई का आश्वासन दिया। तब जाकर प्रदर्शनकारी महिला सड़कों से उठी और रास्ता खुल गया। प्रदर्शन के चलते यात्री घंटों परेशान रहे। 

जौलजीबी-मुनस्यारी सड़क मार्ग 72 घंटे से बंद

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पिथौरागढ़, के जौलजीबी-मुनस्यारी सड़क मार्ग पिछले 72 घंटे बाद भी नहीं खोला जा सका है जिससे स्थानीय लोगों के साथ ही पर्यटकों और लंबी दूरी के यात्रियों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है।

फगुवाबगड़ के समीप पहाड़ से बोल्डर से 48 घंटे से अधिक समय से सड़क बंद चल रही है। बोल्डर आने से बंगापानी क्षेत्र को जोड़ने वाली सड़क पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। जिससे बंगापानी क्षेत्र का शेष जगत संपर्क कटा हुआ है। गोरी नदी भी मलबे से पटी हुई है। सड़क ध्वस्त होने के बाद सड़क के दोनों और कई वाहन फंसे हुए हैं। सड़क बंद होने से स्थानीय लोगों को भारी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं।

वहीं, विभागीय अधिकारियों का कहना है कि सड़क खोलने का कार्य जारी है लेकिन रुक-रुक हो रही बारिश के कारण दिक्कतें आ रही हैं और जल्द ही मार्ग को खोल दिया जाएगा। सीमा सड़क संगठन की ओर से मलबा हटाने का प्रयास किया जा रहा है। थल-डीडीहाट सड़क पिछले एक सप्ताह से अधिक समय से बंद पड़ी है। जिससे सड़क में आवागमन नहीं हो पा रही है और लोगों को आवाजाही करने में खासी परेशानी उठानी पड़ रही है।

पमतोड़ी, लालघाटी और लामाघर के समीप ग्रिफ कर्मचारियों की ओर से सड़क के मरम्मत का कार्य किया जा रहा है जिससे याातायात पर असर पड़ रहा है।

उत्तराखंड में बनेगी शहद की गुणवत्ता जांचने को लैब

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राज्य में एक शहद क्वॉलिटी कन्ट्रोल लैब स्थापित की जाएगी। मौनपालको को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को 50 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये किया जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने ‘विश्व मधुमक्खी दिवस’ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि राज्य शहद उत्पादन की अपार संभाववना है। इस मौके पर उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग ने ‘उत्तराखण्ड में मौनपालनः वर्तमान परिदृश्य एवं सभावनाएं’ विषय पर संगोष्ठी भी आयोजित की।

माधो सिंह भंडारी, किसान भवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने राज्यभर के दूरदराज क्षेत्रों से आए मौनपालकों के शहद उत्पादों का अवलोकन किया और शहद उत्पादन की बारीकियां जानी। उन्होंने मौनपालकों से मौनपालन की तकनीक, समस्याएं, चुनौतियों और सरकार से अपेक्षाओं के विषय में चर्चा की।

मधु उत्पादों के अवलोकन के दौरान मुख्यमंत्री ने अच्छा उत्पादन व व्यवसाय करने वाले मौनपालकों को अपनी बेस्ट प्रैक्टिसीज का एक प्रस्ताव बनाकर सरकार को देने का अनुरोध भी किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि आज विश्व में ऑरगेनिक उत्पादों का महत्व व मूल्य बढ़ा है। इसलिए किसान अपने उत्पादों और परिश्रम की कीमत पहचानें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार जल्द क्वॉलिटी कन्ट्रोल लैब स्थापित करेगी ताकि शहद काश्तकारों को उनके उत्पादों की अच्छी कीमत मिल सके। किसानों को उत्पादों की आकर्षक व अच्छी पैकेजिंग पर भी ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि शीध्र ही मौनपालको का एक और सम्मेलन बुलाया जाएगा, जिसमें वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के सहयोग से राज्य में शहद उत्पादन को बढ़ाने पर चर्चा की जाएगी।

आगामी 25 सितम्बर को प. दीनदयाल उपाध्याय के जन्मशताब्दी दिवस के अवसर राज्य में किसानों को कृषि सम्बधित बहुउद्येशीय कार्यों के लिए मात्र दो प्रतिशत ब्याज पर एक लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराने की योजना शुरू की जाएगी। इसी कड़ी में उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि राज्य में 2083 मीट्रिक टन शहद प्रतिवर्ष उत्पादित किया जा रहा है। 4600 किसान मौनपालन से जुड़े हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के नेतृत्व में राज्य में मौनपालन के अलावा ऐरोमेटिक, ऑरगेनिक, चाय तथा जड़ी-बूटी की कृषि को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

सचिव उद्यान डी. सेंथिल पांडियन ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार राज्य में पहली बार ‘विश्व मधुमक्खी दिवस’ मनाया जा रहा है। मधुमक्खी की भागीदारी पर्यावरण संरक्षण तथा किसानों की आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण है। इस वितीय वर्ष में मधुमक्खी से जुड़े काश्तकारों की संख्या दोगुनी की जाएगी। मौनपालन को इन्टिग्रेटेड फॉर्मिग के रूप में प्रोत्साहित किया जाएगा। सरकार हर जनपद के प्रगतिशील किसानों साथ विचार विमर्श कर कृषि विकास को पांच वर्ष की एक कार्ययोजना बनाएगी। केन्द्र व राज्य सरकार के कृषि विकास योजना के साथ कॉर्पोरेट सेक्टर से सीएसआर के तहत भी इसमें सहायता ली जाएगी।