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तो एक हफ्तें में राज्य के किसानों की आय होगी दोगुनी!!!

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जो देश में 70 सालों में न हो सका और राज्य स्थापना के बाद से नहीं हो सका अब राज्य सरकार ने वो एक हफ्ते में करने की तैयारी कर ली है। जी हां हम बात कर हे हैं किसानों की आय दोगुनी करने के त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के वादे की। इस वादे को पूरा करने के लिये मुख्य सचिव एस.रामास्वामी ने एक हफ्ते में कार्य योजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। इसके लिये सरकार ने कहा कि

  • फसल का उत्पादन बढ़ाकर,
  • खेती को बागवानी से जोड़कर,
  • उन्नतिशील बीजों को उपलब्ध कराकर,
  • परिवार के एक बेरोजगार सदस्य को कौशल विकास का प्रशिक्षण देकर किसानों की आमदनी कैसे दोगुनी की जा सकती है।
  • इसके लिए कृषि के साथ-साथ बागवानी, मत्स्य, रेशम और अन्य विभागों का भी सहयोग लिया जाएगा।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत 176 क्लस्टर बनाए गए हैं। इनमे

  • चावल के लिए हरिद्वार, पौड़ी, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और उधमसिंहनगर,
  • गेहूं के लिए देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, टिहरी, अल्मोड़ा, बागेश्वर, उधमसिंहनगर, नैनीताल और पिथौरागढ़ जनपद का चयन किया गया है।
  • दालों, मोटे अनाजों और व्यवसायिक फसलों के लिए सभी जिलों में क्लस्टर बनाए गए हैं।
  • कृषि की उत्पादकता बढ़ाने और किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए एकीकृत कृषि प्रणाली अप्रोच अपनाया जाएगा।
  • बुआई के पहले किसानों को समय से बीज, खाद्य, माइक्रो न्यूट्रिएंट, जिप्सम, कीटनाशक दवाएं आदि दी जाएंगी।

बहरहाल सरकारी अधिकारियों ने बंद कमरें में मीटिंग कर के धूप में पसीना बहाने वाले किसानों की आमदना दोगुनी करने के रास्तों की तलाश शुरू कर दी है। लेकिन ज़मीनी हकीकत ये भी है कि आज की तारीख में किसान उत्पाद से ज्यादा अपनी फसल के सही दाम न मिलने के कराण परेशान है। और इसका सबसे बड़ा कारण है सरकारी तंत्र की विफलता और बिचौलियो का राज। अगर सही मायने में सरकार किसानों की आय बढ़ाना चाहती है तो उसे तकनीक और उत्पाद बढ़ाने का साथ साथ किसानों को उनकी उपज का सही दाम दिलाने पर ध्यान देना होगा।

जावलकर ने गढ़वाल जल संस्थान किया आकस्मिक निरीक्षण

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आयुक्त गढ़वाल मण्डल दिलीप जावलकर ने शुक्रवार दिलाराम चौक स्थित गढ़वाल जल संस्थान का आकस्मिक निरीक्षण किया। उनके साथ जिलाधिकारी देहरादून एसए मुरूगेसन, डीआईजी गढ़वाल पुष्पक ज्योति एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून निवेदिता कुकरेती मौजूद रही।

दिलीप जावलकर ने जल संस्थान परिसर के उस स्थल का मुआयना किया, जहां विगत रात्रि क्लोरिन गैस के सिलेंडर से रिसाव हुआ था। उक्त क्लोरिन गैस सिलेंडरों के द्वारा शहर में आपूर्ति हो रहे जल की क्लोरिन गैस द्वारा कीटाणुनाशक एवं फिल्टर करने के लिए जल के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
उन्होंने जल संस्थान के अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली तथा जहां गैस सिलेंडर खुले में रखे गये थे, उस स्थल का भी बारीकी से निरीक्षण करते हुए जल संस्थान के अधिकारियों को निर्देश दिये कि उन्हें सुरक्षित रखा जाए तथा उक्त सिलेंडरों की आयातित कम्पनी की क्या भूमिका है। उन्होंने हादसे में घायल पीड़ित व्यक्तियों के उत्तम इलाज के लिए कहा। उन्होंने हादसे के कारण हुई घटना की जांच के लिए समिति गठन करने, जिसमें जल संस्थान के अधिकारियों के साथ बाहर के विशेषज्ञ भी रहेंगे, जो इसकी सम्पूर्ण रिपोर्ट देगी।
जल संस्थान के अधिकारियोें ने उन्हे अवगत कराया कि क्लोरिन गैस के सिलेंडरों से रिसाव के कारण 14 व्यक्ति पीड़ित हुए है, जिनमें दो कर्मी स्टाफ के हैं, एक कार्मिक फायर बिग्रेड व चार सी.पी.यू कर्मी के हैं तथा परिसर में रह रहे कर्मचारियों के पांच बच्चे हैं, जिन्हें रात्रि में ही दो बच्चों को इन्द्रेश अस्पताल एवं तीन बच्चों को मैक्स हाॅस्पिटल में उपचार के लिए भर्ती किया गया है। जिन्हें शुक्रवार को ही डिस्चार्ज कर दिया जायेगा।
आयुक्त गढ़वाल ने घटना स्थल के भ्रमण के साथ-साथ जल संस्थान के वाटर बॉक्स का भी स्थलीय निरीक्षण किया। पानी को विभिन्न बॉक्सेस से गुजरते हुए पानी की शुद्धता एवं फिल्टरेशन के कार्य को भी देखा। अधिकारियों को निर्देशित किया की जल ही जीवन है, इसकी शुद्धता मानकों के अनुरूप होनी चाहिए, जिससे शहर में निवास कर रहे व्यक्तियों को शुद्ध एवं गुणवत्ता युक्त पेयजल उपलब्ध हो सके।
संस्थान के अधिकारियों ने अवगत कराया कि उक्त वॉटर बॉक्स वर्ष 1933 में ब्रिटिश सरकार द्वारा निर्मित किया गया है, जिसकी क्षमता 18 एमएलडी है , जिसमें बादल नदी का पानी आता है। नया आठ एमएलडी का वॉटर टैंक का निर्माण हो रहा है।

मौसम विभाग का अर्लट, 6 जिलों में हो सकती है बारिश

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उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों तक बारिश से राहत थी गर्मी का पारा चढ़ा हुआ था।लेकिन आने वाले दिनों में भी बारिश से राहत मिलती नही दिख रही है। राजधानी देहरादून में शनिवार सुबह से कुछ जगहों पर हल्की बारिश शुरू हो गई थी। मौसम विभाग की माने तो राज्य के अधिकांश जिलों में भारी बारिश हो सकती है। देहरादून में सुबह से आसमान में हल्के बादल छाए हुए थे। 

आने वाले दिनों में प्रदेश में बारिश का असर देखने को मिलेगा। मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले दिनों में भारी बारिश कि संभावना है। प्रदेश के कई जिलें जिनमें मुख्यतः पिथौरागढ़,बागेश्वर,नैनीताल,टिहरी,पौड़ी,देहरादून में भारी बारिश की चेतावनी है

मौसम विभाग ने आने वाले दिनों के लिए बारिश का अलर्ट जारी किया है। विभाग के मुताबिक उत्तराखंड के मैदानी इलाको विशेषकर ,देहरादून ,नैनीताल ,पौड़ी , में भी बारिश हो सकती है।

खत्म नहीं हो रही यशपाल बेनाम की मुसीबतें, जमानत याचिका फिर खारिज

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जिला आबकारी अधिकारी के साथ अभद्रता के मामले में न्यायालय ने नगर पालिका परिषद पौड़ी के अध्यक्ष यशपाल बेनाम और पूर्व दायित्वधारी सरिता नेगी समेत तीन लोगों की जमानत याचिका खारिज कर दी ।

शुक्रवार को सुनवाई के बाद अपर जिला जज एवं सत्र न्यायाधीश सहदेव सिंह की अदालत ने सरकारी कामकाज में बाधा डालने एवं गाली-गलौज करने के मामले में नगर पालिकाध्यक्ष पौड़ी यशपाल बेनाम समेत तीनों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज की।
नौ अगस्त को नगर पालिका अध्यक्ष पौड़ी समेत तीनों ने सीजेएम कोर्ट में समर्पण किया था। जहां से कोर्ट ने उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया था। घटना इसी वर्ष अप्रैल माह की है। शराब विरोधी मुहिम के तहत काफी संख्या में लोग जिलाधिकारी कार्यालय में पहुंचे थे। इस दौरान जिला आबकारी अधिकारी प्रभाशंकर मिश्रा भी मौजूद रहे।
आरोप है कि पालिकाध्यक्ष यशपाल बेनाम, बिजाल संस्था की अध्यक्ष सरिता नेगी व अशोक बिष्ट ने जिला आबकारी अधिकारी के साथ गाली-गलौज व अभद्रता की। इस मामले में जिला आबकारी अधिकारी प्रभाशंकर मिश्रा ने तीनों के खिलाफ गाली-गलौज, सरकारी कार्य में बाधा डालने की नामजद रिपोर्ट कोतवाली पौड़ी में दर्ज कराई थी।
पुलिस की ओर से आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया गया था। उस वक्त तीनों आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी गई थी। इसके बाद दोबारा नौ अगस्त जमानत के लिए याचिका दाखिल की गई थी। शासकीय अधिवक्ता नसीम बेग ने बताया कि शुक्रवार को सुनवाई के बाद बेल रिजेक्ट हो गई।

कुख्यात सचिन खोखर के नाम से रंगदारी मांगने वाला नौकर गिरफ्तार

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कोतवाली गंगनहर पुलिस ने हरिद्वार जेल में बन्द कुख्यात बदमाश सचिन खोखर के नाम से अपने ही दुकानदार मालिक को धमकी देकर 20 लाख रुपये की रंगदारी मांगने वाले नौकर को गिरफ्तार कर लिया।

शुक्रवार को कोतवाली गंगनहर में पत्रकारों से बातचीत में एसपी देहात मणिकान्त मिश्रा ने बताया कि, “दो दिन पूर्व अनाज मण्डी के व्यापारी, नलिन गुप्ता,मौहल्ला राजपुताना, रुडकी को कुख्यात बदमाश सचिन खोखर के नाम से अज्ञात व्यक्ति ने धमकी दी और उनसे 20 लाख रुपये मांगे।”

इस प्रकरण में मुकदमां दर्ज होने के बाद जब वरिष्ठ उप निरीक्षक चन्द्र मोहन, थानेदार यशवन्त खत्री व सिपाहियों कपिल व देवेन्द्र ने जांच की तो मोबाइल की लोकेशन के आधार पर उन्होंने नलिन गुप्ता के नौकर इन्तजार अंसारी, ग्राम मखियाली, थाना लक्सर को हिरासत में लिया।

पूछताछ में इन्तजार ने पुलिस के समक्ष नलिन गुप्ता को धमकाकर रंगदारी मांगना की बात स्वीकार की। गौरतलब है कि कुख्यात सचिन खोखर छह वर्ष पूर्व हुए जेलर नरेन्द्र सिंह हत्याकांड व तीन वर्ष पूर्व हुई जेल के बाहर गैंगवार में भी शामिल रहा है।

शिवम के साथ परिणय सूत्र में बंधी रिया

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चर्चित अभिनेत्री रिया सेन पुणे में एक पारिवारिक समारोह में अपने दोस्त शिवम तिवारी के साथ शादी के बंधन में बंध गईं। बंगाली परंपराओं के मुताबिक शादी की रस्में निभाई गईं। इस समारोह में परिवार के अलावा करीबी दोस्तों को ही बुलाया गया था। रिया की बहन रीमा सेन ने सोशल मीडिया पर अपनी बहन की शादी के फोटो शेयर किए। फोटो में रिया के साथ रीमा और उनकी मां मुनमुन सेन भी नजर आ रही हैं।

रिया के साथ शिवम तिवारी के रिश्तों को लेकर बॉलीवुड में चर्चाएं हो रही थीं। इन चर्चाओं में ये भी कहा जा रहा था कि रिया गर्भवती हैं और यही कारण माना जा रहा है कि रिया के साथ शिवम तिवारी की शादी का फैसला आनन फानन में लिया गया। 90 के दशक में हिन्दी फिल्मों में काम कर चुकी रिया सेन अपने ग्लैमर अवतार के लिए चर्चित रहीं।

अमीषा पटेल के भाई अश्मित पटेल और जॉन अब्राहम के साथ उनके अफेयर भी चर्चा में रहे। इन दिनों रिया सेन बालाजी की वेब सीरीज ‘रागिनी एमएमएस 2’ में काम कर रही हैं। बॉलीवुड की कई हस्तियों ने रिया सेन को शादी की बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है। 

डीआरएम के सामने हाथ जोड़ते नजर आये स्टेशन मास्टर

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डी आर एम इज्जतनगर मण्डल, बरेली निखिल पाण्डेय ने काशीपुर रेलवे स्टेशन का औचक निरीक्षण किया जिससे कर्मचारियों में हडकम्प मच गयी। डीआरएम ने जहां सफाई व्यवस्था का जायजा लेते हुए कर्मचारियों को जमकर फटकारा वहीं अव्यवस्थाओं को देख डीआरएम ने स्टेशन मास्टर की भी जमकर क्लास ली। डीआरएम निखिल पाण्डेय ने स्टेशन का बारिकी से निरीक्षण करते हुए हर कमरे की बारिकी से जांच की, जहां कई खामियां पायी गयी।

साथ ही डीआरएम ने की दस्तावेज खंगाले तो अधूरे कार्यों पर अधिकारियों  को जमकर लताड लगाई। सफाई व्यवस्था दुरस्थ ना देख, डीआरएम खासे नाराज हुए और सभी के सामने तल्खतेवरों में फटकार लगाना शुरु कर दिया। वहीं स्टेशन मास्टर की कई खामियां सामने आने पर उन्होने जमकर फटकारते हुए चेतावनी दी की जल्द ही व्यवस्थाओं को दुरस्थ नहीं किया गया तो कार्यवाही की जाएगी।

स्टेशन मास्टर डीआरएम के सामने खामियों पर हाथ जोङकर खडे हो गये। डीआरएम ने बताया कि, “रुटीन चैकिंग के दौरान कई खामियां मिली तो उसको दुरस्थ करने के निर्देश दे दिये गये हैं साथ ही लापरवाही करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।”

30 पेटी अवैध शराब की गयी बरामद

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श्रीमान वरिष्ट पुलिस अधीक्षक देहरादून के निर्देशन मे नशे के विरुध्द चलाये जा रहे अभियान के अन्तर्गत सीओ डालनवाला महोदय के पर्यवेक्षण मे प्रभारी निरीक्षक थाना रायपुर के नेतृत्व मे थाना रायपुर मे एक टीम का गठन किया गया था।

टीम द्वारा सूचना तंत्र कॊ मजबूत करते हुए देहरादून शहर के बाहरी छेत्र मे चंडीगढ़ से लायी जा रही अवेध शराब की सूचना पर काम करते हुए मुखबिर की सूचना पर चेकिंग के दौरान लाड्पुर तीराहे पर एक चंडीगढ़ नंबर की टोयोटा कोरोला कार कॊ रोकने का प्रयास किया गया। लेकिन ड्राइवर द्वारा तेजी से कार कॊ भगाने लगा, जिस पर पुलिस टीम द्वारा अभियुक्त कॊ कार सहित पकड़ लिया।

तलाशी लेने पर कार की दिग्गी से हरियाणा ब्रांड की 30 पेटी अवैध शराब की बरामद की गयी। अभियुक के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कर कोर्ट मे पेश किया गया, अभियुक आर्यन, जिला बिजनौर यू.पी. का रहने वाला बताया गया।

क्लोरीन गैस रिसाव प्रकरणः लीपापोती में जुटा प्रशासन, जांच कमेटी गठित

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देहरादून के दिलाराम बाजार स्थित वाटर वर्क्स में क्लोरीन गैस के सिलेंडर में विस्फोट के बाद हुए रिसाव से प्रभावित व्यक्तियों को दून अस्पताल में भर्ती नहीं किए जाने के प्रकरण में प्रशासन के स्तर पर लीपापोती शुरू हो गई है। प्रकरण की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई है और प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि ऑक्सीजन की कमी नहीं थी, बल्कि बेड खाली नहीं थे। जब तक मौजूद स्टाफ बेड की व्यवस्था कर रहा था, तीमारदार मरीजों को लेकर निजी अस्पतालों में चले गए।

गुरुवार मध्य रात्रि देहरादून के जल संस्थान में क्लोरीन गैस के सिलेंडर में विस्फोट से आसपास का इलाका दहल गया था। इसके बाद हुए रिसाव से लोगों को सांस लेने में परेशानी हुई तो अस्पताल की ओर दौड़े। दिलाराम चौक पर तैनात सिटी पेट्रोलिंग यूनिट (सीपीयू) के चार जवान भी गैस की चपेट में आए। घटना के बाद लोगों ने राजधानी के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल दून मेडिकल कॉलेज का रुख किया, लेकिन उन्हें वहां से बैरंग लौटा दिया गया। इसके बाद पीड़ितों ने निजी अस्पतालों की शरण ली। गनीमत रही कि हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ। कुल 14 लोगों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती किया गया, जबकि शेष को सामान्य स्थिति होने पर रात में ही अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई। इस पूरे प्रकरण को लेकर सरकारी अस्पताल की व्यवस्थाएं सवालों के घेरे में आ गई हैं। हाल ही में गोरखपुर में ऑक्सीजन नहीं होने के कारण हुए दर्दनाक हादसे की यादें भी इस प्रकरण ने ताजा कर दीं।
शुक्रवार को मामले ने तूल पकड़ा तो मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रकरण की जांच के लिए उनके चिकित्सा सलाहकार डॉ. नवीन बलूनी की अध्यक्षता में तीन सदस्य समिति गठित की है। इसमें स्वास्थ्य निदेशक डॉ. अर्चना श्रीवास्ताव व निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना शामिल हैं। टीम अपनी जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को सौंपेगी। जांच समिति ने शुक्रवार सुबह दून चिकित्सालय जाकर उक्त प्रकरण के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की। उन्होंने अस्पताल की इमरजेंसी का निरीक्षण किया और क्लोरीन गैस से प्रभावित व्यक्तियों को निजी चिकित्सालयों को रेफर करने पर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा, इमरजेंसी चिकित्सा अधिकारी व रात में तैनात स्टॉफ से जानकारी ली। निरीक्षण में पाया गया कि अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी नहीं है। तकरीबन 300 बेड ऑक्सीजन आपूर्ति के साथ जोड़े गए हैं।
बताया गया कि क्लोरीन गैस से प्रभावित व्यक्तियों को भर्ती नहीं किए जाने का कारण बेड उपलब्ध न होना था। इमरजेंसी स्टॉफ ने बताया कि प्रभावितों को भर्ती करने की वैकल्पिक व्यवस्था किए जाने से पूर्व ही तीमारदार उन्हें निजी चिकित्सालयों में ले गए। इन तथ्यों की पुष्टि के लिए समिति के सदस्यों ने अस्पताल की इमरजेंसी व उन वार्डों का भी निरीक्षण किया, जहां पर ऑक्सीजन की व्यवस्था थी। डॉ. बलूनी व समिति के अन्य सदस्यों सीएमआइ व श्री महंत इन्दिरेश ने अस्पताल जाकर प्रभावित व्यक्तियों व तीमादारों से बात की और अस्पताल द्वारा दिए गए उपचार की जानकारी भी ली।
इमरजेंसी में तैनात स्टाफ से जवाब तलब
चिकित्सा सुविधाओं को लेकर देहरादून में भी गोरखपुर से अलग हालात नहीं हैं। जल संस्थान में गुरुवार देर रात क्लोरीन गैस के रिसाव हादसे ने राजधानी की स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल खोल दी। गैस रिसाव की घटना ने साबित कर दिया कि आपात स्थिति के लिए राजधानी में सरकारी व्यवस्था तैयार नहीं हैं। गनीमत यह रही कि राजधानी का मामला था और कई बड़े निजी अस्पताल लोगों की पहुंच में थे, वरना एक बड़ा हादसा होने के बाद यहां भी बस राजनीत होती। फिलहाल हादसे के बाद पीड़ितों को भर्ती नहीं किए जाने के मामले में शुक्रवार को दून मेडिकल कालेज प्रशासन ने इमरजेंसी में तैनात डाक्टर, फार्मासिस्ट व अन्य स्टाफ से स्पष्टीकरण मांगा है। जल संस्थान में गैस रिसाव के बाद अस्पताल पहुंचे मरीजों रेफर किए जाने पर उठे सवालों के यह बाद कार्रवाई की गई । चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टाका कहना है कि अस्पताल में आक्सीजन की कोई कमी नहीं। डेंगू वार्ड में ही 10 बेड खाली थे।
20 बेड की आपदा इमरजेंसी बनेगी
गैस रिसाव के बाद सामने आई लापरवाही के बाद विभाग की नींद टूटी। अब दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय में 20 बेड की डिजास्टर इमरजेंसी बनाई जाएगी। स्वास्थ्य सलाहकार डा. नवीन बलूनी ने अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए। विभाग के अनुसार इन सभी बेड पर रहेगी आक्सीजन सप्लाई। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिये समिति बनेगी। समिति में डाक्टर, फार्मासिस्ट व नर्स समेत अन्य स्टाफ रहेगा। अस्पताल की अन्य समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए भी बिंदुवार रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं|
सभी पीड़ित स्वस्थ, दी गई छुट्टी
क्लोरीन गैस रिसाव के कारण बीमार हुए सभी लोग अब स्वस्थ हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। जिलाधिकारी, देहरादून एसए मुरुगेशन ने बताया कि गैस रिसाव से 14 लोग प्रभावित हुए थे। मैक्स, सीएमआई और महन्त इंद्रेश अस्पताल में इनका उपचार किया गया। सभी को डिस्चार्ज कर दिया गया है।

क्लोरीन गैस रिसाव हादसा: दून अस्पताल में नहीं मिली आक्सीजन, मरीजों को लौटाया गया

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देहरादून में भी गोरखपुर से अलग हालात नहीं हैं। जल संस्थान में गुरुवार देर रात क्लोरीन गैस के रिसाव हादसे ने राजधानी की स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल खोल दी।क्लोरीन गैस रिसाव हादसे के बाद दून अस्पताल से मरीजों को ऑक्सीजन नहीं होने के कारण निजी अस्पतालों में रेफर किया गया जिस पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नाराजगी जताई है। इस घटना ने साबित कर दिया कि आपात स्थिति के लिए हम तैयार नहीं हैं। आपात स्थिति में लोगों के लिए निजी अस्पताल ही एकमात्र विकल्प हैं। कुछ बड़े अस्पताल को छोड़ निजी संस्थान में भी सुविधाएं सीमित हैं।
दून अस्पताल में ऑक्सीजन नहीं होने के कारण मरीजों को भर्ती नहीं किया गया। गुरुवार की देर रात जल संस्थान, देहरादून में क्लोरीन गैस सिलेंडर फटने के बाद 14 लोगों की हालत खराब हो गई थी। रिसाव के बाद प्रभावितों को दून मेडिकल कालेज ले जाया गया, जहां उपचार के नाम पर डाक्टरों के हाथ-पांव फूल गए। प्रभावितों को आक्सीजन न होने की बात कहकर निजी अस्पतालों में रेफर कर दिया गया। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में आक्सीजन की कमी से कई बच्चों की जान जाने की घटना के बाद भी कोई सबक नहीं लिया गया।
गनीमत रही कि राजधानी देहरादून का मामला था और कई बड़े निजी अस्पताल लोगों की पहुंच में थे, वरना उत्तराखंड में भी एक बड़ा हादसा होने के बाद यहां भी बस राजनीति ही होती। यह हाल तब है जब दून अस्पताल प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में शुमार है। इसे मेडिकल कालेज बनाकर सरकार खुद की पीठ थपथपाती रही है। हादसे के 12 घंटे बाद सरकार और मशीनरी की नींद टूटी और अस्पताल व जल संस्थान की ओर अधिकारी दौड़े। फिलहाल अधिकारियों को नोटिस जारी कर अपनी जिम्मेदारी की इतिश्री कर दी गई।
शुक्रवार सुबह गढ़वाल आयुक्त दिलीप जावलकर और डीआईजी पुष्पक ज्योति देहरादून के जल संस्थान पहुंचे और गैस सिलेंडर विस्फोट वाले स्थान का निरीक्षण किया और अधिकारियों से घटना की जानकारी ली। सिलेंडरों के रख रखाव और घटना के कारण की रिपोर्ट तैयार कर शासन को देने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी, देहरादून एसए मुरुगेशन ने बताया कि गैस रिसाव से 14 लोग प्रभावित हुए थे। मैक्स, सीएमआई और महन्त इंद्रेश अस्पताल में इन सभी का इलाज चल रहा है। सिटी पेट्रोल यूनिट (सीपीयू) के चार पुलिस कर्मी भी प्रभावित हुए हैं। सभी डिस्चार्ज हो गए हैं। कुछ बच्चे भी प्रभावित हुए हैं जिन्हें डिस्चार्ज करने की बात है। कुछ लोगों को मामूली समस्या थी, जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद रात में ही छुट्टी दे दी गई थी।
हादसे के बाद पीड़ितों को भर्ती नहीं किए जाने के मामले में शुक्रवार को दून मेडिकल कालेज प्रशासन ने इमरजेंसी में तैनात डाक्टर, फार्मासिस्ट व अन्य स्टाफ से स्पष्टीकरण मांगा है। जल संस्थान में गैस रिसाव के बाद अस्पताल पहुंचे मरीजों को रेफर किए जाने पर उठे सवालों के बाद कार्रवाई की गयी। चिकित्सा अधीक्षक का कहना है कि अस्पताल में आक्सीजन की कोई कमी नहीं है। डेंगू वार्ड में ही 10 बेड खाली थे। डाक्टर व स्टाफ के स्तर पर भी लापरवाही बरती गई। क्लोरीन गैस रिसाव हादसे के बाद दून अस्पताल से मरीजों को रेफर किए जाने के मामले में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नाराजगी जताई है। सीएम के निर्देश पर उनके स्वास्थ्य सलाहकार डा. नवीन बलूनी दून अस्पताल पहुंचे और संसाधनों का जायजा लिया। उन्होंने स्वास्थ्य निदेशक, चिकित्सा शिक्षा निदेशक समेत सभी अधिकारियों को तलब करके अधिकारियों को इमरजेंसी व्यवस्था तत्काल सुधारने के निर्देश दिए ताकि किसी भी मरीज को बिना उपचार लौटाने की स्थिति न आए। उन्होंने कहा कि अन्य अव्यवस्थाओं में भी सुधार के काम की समीक्षा की जाएगी और अव्यवस्था को लेकर सख्त कार्रवाई भी की जाएगी।
गैस रिसाव के बाद सामने आई लापरवाही के बाद विभाग की नींद टूटी है। अब दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय में 20 बेड की डिजास्टर इमरजेंसी बनाई जाएगी। स्वास्थ्य सलाहकार डा. नवीन बलूनी ने अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए। विभाग के अनुसार इन सभी बेड पर आक्सीजन की सप्लाई होगी। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिये समिति बनेगी जिसमें डाक्टर, फार्मासिस्ट व नर्स समेत अन्य स्टाफ रहेगा। अस्पताल की अन्य समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए भी बिंदुवार रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।