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तो ऐसे आया चीन का सोना भारत में

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डॉयरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (डीआरआई) को हल्द्वानी में बड़ी सफलता मिली है। टीम ने काठगोदाम से एक युवक व युवती को पकड़ कर उनके पास से 12 किलो सोना बरामद किया। सोने की कीमत करीब चार करोड़ रुपये आंकी गई है। इसे चीन से तस्करी कर भारत लाया गया था।

चीन से सोने की तस्करी की शिकायतें मिलने के बाद डीआरआई टीम ने जाल बिछाया था। टीम ने काठगोदाम के पास एक कार में सवार युवक और युवती से पूछताछ की। कार की तलाशी में करीब 12 किलो सोना बरामद हुआ। सोमवार को दोनों से पूछताछ की गई।पता चला कि दोनों पिथौरागढ़ जिले के धारचूला के रहने वाले हैं। वे चीन से सोना लाकर यहां बेचते हैं। शाम को दोनों को नैनीताल सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया। काफी पूछने के बाद भी टीम ने कुछ नहीं बताया। यहां तक कि पकड़े गए लोगों के नाम भी नहीं बताए।

जीएसटी आयुक्तालय के हल्द्वानी संभाग के सहायक आयुक्त हर्ष पांडे ने बताया कि छापेमारी कर दो लोगों को सोने के साथ पकड़ा गया है। पूछताछ की जा रही है। कार्रवाई पूरी होने के बाद डीआरआइ की टीम विस्तार से जानकारी देगी। हमारा विभाग टीम को सहयोग कर रहा है। प्रवर्तन निदेशालय की केंद्रीय जीएसटी टीम द्वारा 12 किलो सोने के साथ पकड़े गए दोनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। कल हल्द्वानी क्षेत्र में दोनों को पकड़ा गया था। आरोपी युवक 23 वर्षीय नरेश रायपा पुत्र काशी सिंह  निवासी बूंदी धारचूला व महिला 45 वर्षीय लाबजोंग वांगमो निवासी मोतीनांग चिम्पू भूटान है। आज पूर्वाह्न 11 बजे उन्हें सीजेएम नंदन सिंह राणा की कोर्ट में पेश किया गया। जहां से 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजने के निर्देश दिए।

टीएचडीसी एवं आईआईएम के बीच हुआ समझौता

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टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड (टीएचडीसीआईएल) ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, काशीपुर के मध्य अधिकारियों में प्रबंधन कौशल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक समझौता काशीपुर में हुआ। एच वाधवा, अपर महाप्रबंधक तथा डॉ. गौतम सिन्हा, निदेशक, आईआईएम, काशीपुर ने एस के बिस्वासए निदेशक की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के बाद टीएचडीसी के अधिकारी और कर्मचारी आईआईएम से मैनेजमेंट को लेकर की गुर सीखेंगे।

इस अवसर पर डॉ. राकेश उनियाल तथा डॉ. बधानी भी उपस्थिति रहे। टिहरी व कोटेश्वर जल विद्युत परियोजनाओं तथा गुजरात के पाटन व द्वारिका में पवन ऊर्जा परियोजनाओं की कमीशनिंग के उपरांत टीएचडीसी की कुल संस्थापित क्षमता 1513 मेगावाट हो गयी है। 

छात्र संघ चुनावों ने बदली दून की तस्वीर,पोस्टर,बैनर और स्टीकर से लैस हुआ शहर

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राजधानी देहरादून के विश्वविद्धालयों और कालेजों में चुनावी सीजन आते ही कालेज से लिए आसपास की सभी दीवारें पोस्टरों से रंग दी जाती है।चुनाव से और कुछ हो ना हों कालेजों की दीवार और लोगो के घर जरुर गंदे हो जाते हैं।हर साल की तरङ एक बार फिर दून के सभी कालेजों में चुनाव होने वाले हैं।बस फिर सबने कमर कस ली हैं चुनाव में जीते या हारे शहर को गंदा करने में सब जीतना चाहते हैं।

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पोस्टर,पैम्प्लेट,स्टीकर और बैनर जिनपर उम्मीदवारों के नाम और फोटों लगे हैं उसे काॅलेज से लेकर सड़को तक बिछा दिया गया है।एमकेपी कॉलेज में छात्रों के संघ चुनाव 19 अगस्त को आयोजित किया गया था, जबकि 23 अगस्त, 26 और 31 अगस्त को एसजीआरआर, डीबीएस और डीएवी कॉलेजों में चुनाव होने हैं। अब तक सिर्फ एक छात्र उम्मीदवार को  अपराध के लिए बुक किया गया है। गौरतलब हैं कि देहरादून पुलिस ने 16 अगस्त को करनपुर पुलिस चौकी की दीवारों पर पर्चे चिपकाने के लिए डीएवी कॉलेज के एबीवीपी उम्मीदवारों में से एक सचिन नैथानी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।डालनवाला स्टेशन के हाउस आॅफिसर यशपाल बिष्ट ने कहा कि सचिन पर उत्तरांचल प्रिवेंशन ऑफ डिफेटमेंटमेंट ऑफ पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट, 2003 के तहत मुकदमा किया गया था।डीएवी और डीबीएस काॅलेज दोनों ही डालनवाला पुलिस स्टेशन के अंदर आते हैं।

बिष्ट ने कहा कि हमने विभिन्न सरकारी विभागों (जिनकी इमारतों को गंदा कर दिया गया है) से अपील की है,कि छात्र नेताओं के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराई जा सकें।” अधिनियम में 10,000 रुपये का जुर्माना या एक वर्ष तक के लिए जेल का प्रावधान है, या दोनों, अगर किसी व्यक्ति को यह काम करते हुए पाया गया।

किसी भी तरह के प्रिंटेड मैटेरियल का उपयोग लिंगदोह समिति द्वारामना कर दिया गया है।इस समिति ने महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में छात्रों के संघ चुनाव के नियम निर्धारित किए है। यह केवल चुनाव में इस्तेमाल होने वाली चीजों में हाथ से बनाए हुए पोस्टर का उपयोग करने की अनुमति देता है।यह समिति कॉलेज परिसरों के बाहर किसी भी रूप में चुनाव अभियान की किसी भी चीज के प्रचार या वितरण को प्रतिबंधित करती है।

लेकिन कॉलेज के अधिकारियों ने इस मामले से अपना पल्ला झांड़ लिया है। “हमने छात्रों को निर्देश दिया है कि वे कॉलेज के बाहर पोस्टर ना लगाएं ना ही बांटें क्योंकि यह ऐसा करना अच्छा संदेश नहीं देता है। डीएवी कॉलेज के प्रिंसिपल देवेंद्र कुमार भसीन ने कहा, “कॉलेज परिसर के बाहर किसी भी प्रकार के विकृति का काम हमारे दायरे में नहीं आता है, इसलिए हम कोई कार्रवाई नहीं कर सकते।”

देहरादून के जिला मजिस्ट्रेट एसए मुरुगेसन ने कहा कि वह देहरादून नगर निगम के उन लोगों सहित अधिकारियों को निर्देशित करेंगे कि जगह-जगह लगे पोस्टर्स को सार्वजनिक संपत्तियों से हटा दिया जाए। उन्होंने कहा, “मैं सरकारी विभागों या एजेंसियों से उन छात्रों के खिलाफ जरूरी कार्रवाई करने के लिए भी कहूंगा, जिन्होंने सार्वजनिक संपत्तियों को गंदा किया है।

 

धौली गंगा पर तमक के पास बन रही झील, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा

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चमोली जिले के नीती घाटी के सुराईथोटा से आगे तमक नामक स्थान पर धौली गंगा में तमक नाले से आये मलवे के कारण झील बन रही है। यदि मौसम ने साथ नहीं दिया और बारिश जारी रही तो यह झील खतरे का सबब भी बन सकती है।
बीते रविवार की सुबह तमक नाले में बादल फटने से क्षेत्र में भारी नुकसान हो गया था और भारत चीन सीमा को जाने वाला हाईवे भी अवरुद्ध हो गया था। जिसे सेना व बीआरओ द्वारा सोमवार की देर सांय को खोल दिया गया था। वहीं तमक नाले में आये भारी बोल्डर व मलवे ने धौली गंगा के प्रवाह को रोक दिया है जिससे वहां अब एक झील आकार लेने लगी है। यदि मौसम की बेरुखी यूं ही चलती रही और वर्षा रूकी नहीं तो यह झील खतरे का सबब भी बन सकती है। वर्षा से यदि झील में रिसाव होना शुरू हुआ तो तमक से लेकर सुराईथोटा तक नुकसान हो सकता है।

बेटी की हुई जीत, तीन तलाक पर जंग में जीती बेटी : शायरा बानो के पिता

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तीन तलाक पर एक महिला की जंग को आखिर मुकाम मिल ही गया। मुस्लिम धर्मगुरुओं से लेकर मुस्लिम न्याय व्यवस्था को चुनोती देते हुए काशीपुर की रहने वाली शायरा बानों ने हिम्मत नहीं हारी और डट कर मुकाबला किया। महिलाओं के अधिकारों के लिए शायरा की मेहनत रंग लाई और लम्बी जद्दोदहद के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी माना की तीन तलाक असंवैधाानिक है। यही नहीं छ महीने में केन्द्र सरकार के इसके लिये कानून बनाने के लिये भी रहा।

 इस फैसले पर शायरा बानों का परिवार अपनी बेटी की हिम्मत की दाद देते हैं। उनका कहना है कि ये उनकी बेटी की जिन्दगी का सवाल नहीं है बल्कि मुस्लिम समाज में जन्म लेने वाली हर बेटी के अधिकार का मामला है जिसके लिए उनकी बेटी ने ये जंग शुरु की थी। शायरा बानों के पिता ने बताया कि उन्होने अपनी बेटी का हर कठीन परिस्थिति मे साथ दिया। मामला क्योंकि धर्म से जुड़ा था इसलिये उसके रास्ते में मुश्किलें बहुत आई मगर बेटी ने हिम्मत नहीं हारी। सुप्रीम कोर्ट के तीन तलाक पर निर्णय के बाद याचिकाकर्ता शायरा बानो के पिता के चेहरे पर खुशी झलक रही है। उन्होंने अपनी बेटी के साथ हुए अत्याचारों को आज मिले इस न्याय पर खुशी जाहिर की।  उनका कहना है कि ये ना केवल उनकी बेटी को मिला न्याय है बल्कि आने वाली मुस्लिम बेटियों को आज से इस दर्द से रू-ब-रु नहीं होना होगा ।

अपनी बेटी पर तीन तलाक की मार को याद करते हुए उन्होने कहा कि वो तलाक के उस पत्र को  कभी नहीं भूल सकते जो उनके घर में मातम लेक़र आया था । इसके बाद केस अलाहाबाद और फिर दिल्ली की सुप्रीम कोर्ट में चला। सुप्रीम कोर्ट ने शायरा बानो से कहा था कि अगर वो बच्चों से मिलना चाहती हैं तो परिवार न्यायालय काशीपुर में पत्र देकर अनुमति लें। आज न्यायालय ने शायरा बानो की जनहित याचिका को सुनते हुए ऐतिहासिक निर्णय सुनाया है जिससे शायरा बानो के परिजन भी खुश हैं ।

ट्रिपल तलाक : भाजपा,कांग्रेस से लेकर रामदेव ने एक सुर में कहा महिलाओं की जीत

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सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को बेंच के बहुमत से ट्रिपल तलाक पर ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए इसे असंवैधानिक ठहराया है। साथ इस पर 6 महीने की रोक लगाते हुए जल्द से जल्द कानून बनाने के निर्देश दिया हैं। हालांकि खास बात ये हैं कि इस मामले पर भाजपा और कांग्रेस ने एक सुर में इसे महिलाओं की जीत करार दिया है।
सत्तारूढ़ भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा, ‘तीन तलाक पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय, मुस्लिम महिलाओं के लिए स्वाभिमान पूर्ण एवं समानता के एक नए युग की शुरुआत।‘
केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने कहा, ‘ये बहुत अच्छा निर्णय है और लैंगिक न्याय और लैंगिक समानता की ओर एक और कदम है। वहीं कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि ये महिलाओं की जीत है।‘
राज्यसभा सांसद आर.के.सिन्हा ने सर्वोच्च न्यायालय की बेंच के बहुमत से ट्रिपल तलाक को असंवैधानिक ठहराने के फैसले का स्वागत करते हुए केंद्र सरकार को विशेष सत्र बुलाकर इस पर कानून बनाने की मांग की है। राज्यसभा सांसद आर.के.सिन्हा ने कहा, ‘किसी भी देश में एक ही संविधान, एक ही नियम, एक ही प्रधान होता है। भारत में दो संविधान स्वीकार्य नहीं हैं। किसी भी मुस्लिम देश में दो तरह के कानून नहीं हैं| आज का सर्वोच्च न्यायालय का फैसला ऐतिहासिक है। इससे नौ करोड़ मुस्लिम महिलाओं पर जघन्य अत्याचार रुकेगा।‘
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेता इंद्रेश कुमार ने न्यायालय के इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह सामाजिक मामला है। विवाह के प्रकार सामाजिक परम्परा होते हैं धार्मिक नहीं। इस्लाम महिलाओं पर अत्याचार की इजाजत नहीं देता। इंद्रेश कुमार ने कहा कि मैं पूछना चाहता हूं कि क्या कट्टरपंथी मौलाना और कांग्रेस इसका (ट्रिपल तलाक) का विरोध करेंगे।‘
विपक्ष की ओर से कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि जो हमने पहले उम्मीद की थी वो अब हुआ है| एक अच्छा फैसला आया है। उन्होंने कहा कि ये फैसला सच्चाई, वास्तविकता और सही इस्लाम को उजागर करता है।
दूसरी ओर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मुस्लिम पतियों को न्यायालय का फैसला मानने की अपील की है। बोर्ड ने सर्वोच्च न्यायालय की बेंच के बहुमत से ट्रिपल तलाक को असंवैधानिक ठहराने के फैसले का स्वागत किया है। बोर्ड ने कहा, ‘मुस्लिम पतियों से अपील है कि न्यायालय का फैसला मानें।‘
लेकिन यह महज संयोग नहीं था, जब ट्रिपल तलाक के मामले में कानूनी दखल दिए जाने की विरोध कर रही ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से अधिवक्ता और यूपीए में कानून मंत्री रहे कपिल सिब्बल ने इसका बचाव किया।
सिब्बल ने ट्रिपल तलाक को आस्था का मामला बताते हुए इसकी तुलना अयोध्या में राम के जन्म से कर डाली। सिब्बल ने कहा, ‘केंद्र सरकार आखिर क्यों मुसलमानों की 1,400 साल पुरानी आस्था पर आधारित ट्रिपल तलाक की संवैधानिकता पर संदेह कर रही है। अगर राम का अयोध्या में जन्म होना, आस्था का विषय हो सकता है तो तीन तलाक का मुद्दा क्यों नहीं।’
सिब्बल ने कहा कि समाज में बहुत कुछ प्रथा की आड़ में किया जा रहा है। अदालत यहां यह तय करने के लिए नहीं बैठी है कि दुनिया में क्या पाप है, बल्कि हम कानून के शासन की बात कर रहे हैं। सिब्बल ने हालांकि एक वकील की हैसियत से इस मामले में अपने क्लाइंट का पक्ष रखा था लेकिन कांग्रेस को इस बेहद संवेदनशील मसले पर सिब्बल की दलील पसंद नहीं आई।
विपक्ष पहले की ही तरह कुछ निश्चित कारणों से इस मुद्दे को छूना नहीं चाहता था। लेकिन जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे को चुनावी एजेंडा बनाया, तब मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के सीताराम येचुरी ने कहा, ‘लोग यूपी चुनाव के बाद प्रधानमंत्री मोदी को ट्रिपल तलाक दे देंगे।’

तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला है, जिससे मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से छुटकारा मिलेगा और तीन हक सम्मान, समानता और समाज में शिक्षा एवं स्वतंत्रता के लिए उनकी यात्रा शुरू होगी। उन्होंने कहा कि सत्यमेव जयते। उन्होंने कहा कि उम्मीद इसके बाद नए भारत के निर्माण में नई भूमिका के साथ वह भी अहम रोल अदा कर सकेंगी।

शायरा बानो ने सुप्रीम कोर्ट में ट्रिपल तलाक, बहुविवाह और निकाह हलाला के मुद्दे को चुनौती दी थी लेकिन कोर्ट ने समय की कमी के कारण केवल ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर सुनवाई की।
कोर्ट ने हालांकि यह जरूर कहा कि भविष्य में वह बहुविवाह और हलाला के मुद्दे पर सुनवाई करेगी। वहीं केंद्र ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि अगर वह ट्रिपल तलाक के सभी तरीकों को निरस्तर कर देती है तो मुस्लिम समाज में शादी और तलाक के लिए वह कानून बनाएगी।
इससे पहले भी अदालतें पर्सनल लॉ को लेकर सवाल उठाती रही है। 1951 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने नारसू अप्पा माली बनाम बॉम्बे मामले में कहा था कि पर्सनल लॉ संविधान के अनुच्छेद 13 के तहत कानून नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ के इस फैसले ने यह साफ कर दिया है कि पर्सनल लॉ, कानून के ऊपर नहीं है और इसे अनुच्छेद 13 के तहत लाया जा सकता है जो अप्रासंगिक और बुनियादी अधिकारों के खिलाफ जाने वाले सर्वोच्च न्यायालय को समीक्षा का अधिकार देता है।
ऐसे में ट्रिपल तलाक पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले ने न केवल इन दोनों मुद्दों पर अदालती हस्तक्षेप की संभावनाओं को पुख्ता किया है बल्कि राजनीतिक मायनों में इसने यूनिफॉर्म सिविल कोड की दिशा में आगे बढ़ने की जमीन तैयार कर दी है।

खतौली रेल हादसे के पीड़ितों पर नहीं किया रहम, वसूले टिकट के पैसे

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पुरी से हरिद्वार गंगा स्नान के लिए आ रहे श्रद्धालुओं को मुजफ्फरनगर खतौली के निकट हुए ट्रेन हादसे में घायलों को परिवहन निगम की बसों में हरिद्वार के लिए विधायक और सांसदों ने यह कहकर बिठाया कि परिवहन निगम की बस द्वारा आपको हरिद्वार निःशुल्क छोड़ा जाएगा, लेकिन हुआ उल्टा।

परिचालक ने नि:शुल्क सेवा कहकर बस में बिठा लिया, लेकिन करीब 20 किलोमीटर चलने के बाद परिचालक ने रात्रि के समय पीड़ितों से किराया मांगा और कहा कि टिकट कटा लो नहीं तो गाड़ी से उतर जाओ। घायलों को हरिद्वार प्रेमनगर आश्रम आने के लिए छह वर्ष की घायल बालिका तक का किराया परिचालक ने ले लिया। जेब में पैसा न होने कारण ट्रेन दुर्घटना के शिकार यात्री टिकट मांगने पर परेशान हो गए। ट्रेन हादसे में घायल और दूसरा उनके पास खाने तक को पैसा नहीं ऐसे में वे टिकट कैसे खरीदते।
एक यात्री की जेब में कुछ रुपये थे जिससे उन्होंने टिकट खरीदा और हरिद्वार पहुंचे। हरिद्वार पहुंचने के बाद उन्होंने अपनी आपबीती बताई। अब सवाल यह उठता है कि जब अधिकारियों द्वारा दुर्घटना के घायल यात्रियों को हरिद्वार लाने की व्यवस्था की गई थी तो परिवहन कर्मी ने उनके टिकट कैसे काटे।
वहीं, इस संबंध में हरिद्वार के एआरएम सुरेश चौहान ने कहा कि सभी कंडक्टर को निर्देश दिया गया था कि हादसे में पीड़ित यात्रियों को निःशुल्क यात्रा कि सुविधा दी जाए। उन्होंने कहा कि इस तरह की कोई शिकायत नहीं आई है। शिकायत मिलने पर संबंधित बस कंडक्टर पर कार्रवाई की जाएगी तथा पीड़ित यात्रियों के पैसे भी वापस किए जायेंगे।

गैस न मिलने से गुस्साई महिलाओं ने मार्ग किया ठप

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रसोई गैस की किल्लत से परेशान आक्रोशित महिला उपभोक्ताओं ने मंगलवार को ताकुला-बागेश्वर मोटर मार्ग में जाम लगकर प्रदर्शन किया। इस दौन पुलिस और प्रदर्शनकारियो में नोकझोंक हुई। जल्द ही रसोई गैस मिलने का भरोसा के बाद जाम खोला।

मंगलवार को सभासद प्रकाश जोशी के नेतृत्व में महिलाओं ने ताकुला-बागेश्वर मोटर मार्ग पर जाम लगाया। उन्होंने कहा कि एक महीने से वे रसोई गैस के लिए परेशान हैं और एजेंसी रोज गाड़ी भेजने की बात कर रही है, लेकिन पहुंच नही पाता है। इस मौके पर प्रदर्शनकारियों ने चेताते हुए कहा कि यदि शीघ्र गौस की आपूर्ति नहीं हुई तो वे बाध्य होकर फिर आंदोलन करेंगे। 

ईमानदारी और लगन से पुलिस महकमे में अलग पहचान बनाएं बेटियां: मुख्यमंत्री

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प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उत्तराखण्ड पुलिस में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि ‘‘जब मैं अपनी बेटियों को इस वर्दी में देख रहा हूं तो मुझे अपार खुशी हो रही है। आज मैं कह सकता हूं कि उत्तराखंड राज्य में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान खूब फल फूल रहा है। आप सारी बेटियां इस राज्य का गौरव है और आपसे उम्मीद है कि आप सब पूरी ईमानदारी और लगन से पुलिस महकमे में अपनी अलग पहचान बनाऐंगी।’’
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को पुलिस लाइन में उत्तराखण्ड पुलिस के ट्रेनी आरक्षियों(कांस्टेबल्स) के पासिंग आउट परेड की सलामी ली। इस दौरान उन्होंने प्रशिक्षु पुलिस आरक्षियों और उपस्थित जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड पुलिस में महिलाओं की संख्या 11 प्रतिशत से ज्यादा है, जबकि राष्ट्रीय औसत सात प्रतिशत है। पुलिस फोर्स में महिलाओं की भागीदारी के क्षेत्र में उत्तराखण्ड देश के शीर्ष पांच राज्यों में सम्मिलित हो गया है। इसका मतलब यह हुआ कि अब प्रदेश हर थाने में एक या उससे ज्यादा महिला पुलिस की तैनाती हो सकेगी। इससे महिला संबंधी अपराध की रोकथाम और उसके कुशल निवारण में भी मदद मिलेगी।
सीएम ने कहा कि आधुनिक समय में पुलिस की जिम्मेदारी बढ़ी है और पुलिस का काम के साथ ही अन्य सामाजिक सरकारों से जुड़ गया है। इस कारण पुलिस पर लोगों का भरोसा भी बढ़ा है और इस खरा उतरना भी होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में जहां राजस्व पुलिस की व्यवस्था लागू है, वहां भी लोगों द्वारा रेगुलर पुलिस की मांग की जाने लगी है।
त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दी गई स्मार्ट पुलिस की परिकल्पना को दोहराते हुए कहा कि उत्तराखण्ड पुलिस को भी स्ट्रिक्ट और सेंसिटिव, मोरल और मोबाइल, एलर्ट और एकाउंटेबल, रिलाएबल और रिस्पॉन्सिबल औरटेक्नोलॉजी सेवी होना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध भी पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि पुलिस का नशे के कारोबार के विरुद्ध एक कठोर अभियान चलाने में भी महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने सभी पास आउट आरक्षियों को उनके सफल करियर के लिये शुभकामनाएं भी दी।
पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी ने बताया कि कुल 175 ट्रेनी आरक्षियों का प्रशिक्षण रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर देहरादून में हुआ। कुल सीधी भर्ती के 141 महिला आरक्षियों एवं 34 पुरुष रिक्रूट आरक्षियों को नौ माह का आधारभूत प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें प्रशिक्षण देने के लिए 27 पुलिस अधिकारी/कर्मी नियुक्त रहे। देहरादून जनपद के अतिरिक्त रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर जनपद हरिद्वार, उधमसिंहनगर, चम्बा(टिहरी गढ़वाल), 31वीं वाहिनी पीएसी में भी कुल 792 प्रशिक्षु महिला आरक्षियों का प्रशिक्षण सम्पन्न कराया गया तथा इन सभी स्थानों पर भी पासिंग आउट परेड विभिन्न तिथियों में आयोजित की जा रही है।
दीक्षांत परेड में प्रशिक्षण अवधि में सर्वांग-सर्वोत्तम श्रेणी में महिला आरक्षी कविता और अंजना बेलवाल और पुरुष आरक्षी अंकित बिष्ट को पुरस्कार भी प्रदान किया गया।
इस अवसर पर एडीजी अशोक कुमार, आईजी दीपम सेठ सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी मौजूद रहे।

तेजेन्द्र सिंह को विधानसभा अध्यक्ष ने किया सम्मानित

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अमेरिका में आयोतिज वल्र्ड पुलिस एवं फायर गेम में बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में उत्तराखण्ड पुलिस के डोईवाला निवासी तेजेन्द्र सिंह के गोल्ड मेडल जितने पर एवं उनके कोच राज भइया का मंगलवार को उत्तराखण्ड विधान सभा अध्यक्ष प्रेम चन्द अग्रवाल ने सम्मानित किया।
ऋषिकेश में आयोजित सम्मान समारोह में अग्रवाल ने कहा कि तेजेन्द्र सिंह ने अमेरिका में बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतकर प्रदेश व देश का नाम रोशन किया। इस अवसर पर अग्रवाल ने कहा कि तेजेन्द्र सिंह ने अपनी मेहनत, लगन एवं कड़े संघर्ष के साथ यह मुकाम हासिल किया है।
अग्रवाल ने इस सम्मान समारोह के दोरान गोल्ड मेडल जितने वाले तेजेन्द्र सिंह के कोच राज भइया का भी सम्मान किया। उन्होंने कहा कि एक अच्छे खिलाड़ी के पीछे उसके कोच की बड़ी भूमिका होती है और राज भइया ने यह साबित कर दिखाया है कि उनके द्वारा प्रशिक्षित खिलाड़ी ने अमेरिका में अपनी ताकत का लोहा मनवाया है।
अग्रवाल ने कहा कि खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए वह सरकार से भी बात करेंगे साथ ही तेजेन्द्र जैसे खिलाड़ियों को सरकार के माध्यम से सम्मानित किया जाना चाहिए।