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एटीएम क्लोनिंग करने वाले गिरोह के तीन सदस्य महाराष्ट्र से गिरफ्तार

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स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) उत्तराखण्ड व दून पुलिस ने एटीएम की क्लोनिंग की घटना में वांछित चल रहे गिरोह के मुख्य तीन अभियुक्तों रामबीर, जगमोहन, सुनील को कोल्हापुर महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया है। बीते जुलाई माह में जिले में संगठित गिरोह द्वारा कुछ एटीएम में स्कीमर डिवाईस व कैमरे लगाकर एटीएम की क्लोनिंग कर घटना को अंजाम दिया था। इस सम्बन्ध में देहरादून के विभिन्न थानों में कुल 97 अभियोग पंजीकृत किये गये थे, जिसमें पीड़ितों के कुल धनराशि 36,399,65 अवैध रूप से निकाली गई थी।

इन प्रकरणों पर एसटीएफ व जनपद देहरादून पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुये 27 जुलाई 2017 को गिरोह में संलिप्त महिला अनिल कुमारी पुत्री दया सिंह निवासी मालरा, गोहना सोनीपत को गिरफ्तार किया था। वहीं गिरोह के अन्य अभियुक्त वांछित चल रहे थे। इस सम्बन्ध में अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस उपमहानिरीक्षक, गढ़वाल परिक्षेत्र, देहरादून द्वारा पांच-पांच हजार रुपयों का पुरस्कार भी घोषित किया गया था।
एसटीएफ ने अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली आदि राज्यों मे लगातार सुरागरसी-पतारसी की जा रही थी। अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र तथा मुम्बई आदि में मुखबिर तन्त्र को सक्रिय किया। अभियुक्तगण के महाराष्ट्र के कोल्हापुर में छिपे होने की सूचना पर टीम 21 जुलाई 2017 को ही तीनों ईनामी अपराधियों को कोल्हापुर, महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया कर यिला था। जिसका खुलासा एसटीएफ ने आज बुधवार को किया।
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे घूमने के लिए 30 जून को पहली बार देहरादून आए थे। जिसके बाद देहरादून में ऐसे एटीएम की तलाश की गई जहां गार्ड नहीं थे। जिसमेें धर्मपुर चौक के निकट मोथरोवाला जाने वाले तिराहे पर स्थित एसबीआइ के एटीएम को चिन्हित किया तथा उसके बाद मसूरी रोड पर एक होटल में ठहरे। दो जुलाई को सुबह 6.30 बजे एटीएम के आस-पास के सुरक्षित एटीएम मशीनों के की-पैड में फेवीक्वीक डालकर उनको निष्क्रिय कर दिया गया। जिससे सारे लोग दूसरे एटीएम पर पैसे न निकाल सके। बाद में एटीएम पहुंचकर कैमरा व स्किमर लगाया तथा डेटा कॉपी होने के बाद स्कीमर डिवाईस व कैमरा निकालकर ले गये। लेकिन काम सही नहीं हो पाया।

दिल्ली में किया क्लोन तैयार
दोबारा सात जुलाई को देहरादून आकर मसूरी डाइवर्जन के पास स्थित एक होटल में ठहरे, आठ जुलाई को सुबह-सुबह रेकी कर राजीव नगर पुल के पास स्थित एसबीआई के एटीएम में स्कीमर डिवाइस व कैमरा फिट किया और शाम को डाटा कॉपी, चोरी करने के बाद स्कीमर डिवाइस , कैमरा निकालकर वापस रोहतक गये जहां से अगले दिन दिल्ली जाकर अपने पहचान के प्रवीन की सहायता से चोरी किये गये डाटा, पासवर्ड से एटीएम कार्ड के 103 क्लोन तैयार किये गये और 23 दिन बाद रामबीर की कार से जयपुर जाकर क्लोन किये गये कार्डो से टौंक रोड पर स्थित विभिन्न एटीएम से रुपये निकाले गये वापस दिल्ली आकर पुन: क्लोन कार्डों से भी धनराशि निकाली गई। इसके बाद वापस रोहतक चले गये। गिर तारी से बचने के लिये दिल्ली पहुचकर लाईट के द्वारा गोवा चले गये। वहॉ लगभग 12 दिन होटल में कमरा किराये पर लेकर रहे। वहॉ से वापस लाईट से दिल्ली आये, लेकिन पुलिस की सक्रियता की खबर सुनकर पुन: रेल से कोल्हापुर, महाराष्ट्र चले गये। लेकिन एसटीएफ की गिरफ्त में आ गए।
पकडे गये अभियुक्त रामबीर ने बताया कि वह 10वीं फेल है तथा वर्ष 2012 में अपने पडोस के गॉव के सुनील से एटीएम की-पैड में तिल्ली फंसाकर एटीएम को हैक कर लोगों को बेवकूफ बनाकर उनके खातों से पैसा निकालने का तरीका सीखा था और इस प्रयास में सात अन्य सह- अभियुक्तों के साथ थाना अरबन स्टेट रोहतक से जेल गया था। साथ ही साथ शराब तस्करी का काम भी करता है जिसके लिये अलग-अलग चार पहिया वाहनों से जिसमें अपनी सैंट्रो, आई-20 का भी प्रयोग करता रहा है।
वर्ष 2016 में एटीएम क्लोनिंग का काम सीखा और पहले दिल्ली में डाटा चोरी कर पैसा निकालने का प्रयास किया परन्तु सफल नहीं हुये तो दूर दराज लेह, जम्मू कश्मीर में जाकर वहां के सीधे साधे लोगों को धोखाधड़ी का शिकार बनाने का प्लान बनाया और इस प्रयास में लेह में अक्टूबर 2016 में अपने साथी प्रवीन के साथ पकड़ा गया जहां सात माह तक जेल में रहा।

नाम पता अभियुक्तगणः-
01- रामबीर पुत्र स्व. राजपाल निवासी ग्राम बरहाना थाना बेरी जिला झज्जर हरियाणा।
02- जगमोहन पुत्र देवेन्द्र निवासी ग्राम बरहाना थाना बेरी जिला झज्जर हरियाणा।
03- सुनील पुत्र धर्मपाल निवासी ग्राम खराबड जिला रोहतक हरियाणा को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है।

हरिद्वार के घोटालेबाजों के खिलाफ हैं दो हजार से ज्यादा शिकायतें, महिलाओं ने किया मंत्री कार्यालय पर प्रदर्शन

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किट्टी के अवैध धंधे के आरोपी गुरप्रीत और सुविंदर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए करीब 2200 शिकायती पत्र नगर कोतवाली पुलिस तक पहुंच चुके हैं। पुलिस ने सभी पत्र को एक ही मुकदमे में जोड़ दिया है। फिलहाल पुलिस फरार आरोपी सुविंदर की तलाश करने में जुटी है। कोतवाली प्रभारी चंद्रभान सिंह अधिकारी ने बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी करने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं।

सरदार दम्पत्ति की ठगी का शिकार हुई महिलाओं ने कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के खन्ना नगर स्थित कार्यालय पर बड़ी संख्या में एकत्र होकर जमकर हंगामा किया। महिलाओं का आरोप था कि जब हमने वोट देकर मदन कौशिक को अप्रत्याशित जीत दिलाई है तो हमारे रुपये दिलाने की जिम्मदारी भी मदन कौशिक की है।

महिलाओं का कहना था कि सरदार दम्पत्ति लोगों को मदन कौशिक की फोटो दिखाकर अपने विश्वास में लेते थे। ठग दम्पत्ति के भाजपा नेता होने के नाते भी यह कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी है कि वह लोगों का रुपया वापस दिलाएं। महिलाओं का आरोप था कि भाजपा नेत्री होने के नाते ही उन्होंने सरदार दम्पत्ति पर विश्वास किया था। ऐसे में यह भाजपा के मंत्री की जिम्मेदारी है कि वह उनका रुपया वापस कराए।

पीड़ित महिलाओं का कहना था कि छोटी बचत कर उन्होंने रकम इकट्ठा कर भाजपा नेत्री को दी थी। महिलाएं हंगामा भी कर रहीं थी और रुपया डूब जाने के दुख से दुखी होकर रो भी रही थीं। हालांकि कुछ महिलाओं का कहना था कि यह मामला निशी और उनके बीच का है। ऐसे में मदन कौशिक क्या कर सकते हैं। बहराल पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और मामले की जांच कर रही है। 

नीति आयोग शुरु करेगा राष्ट्र निर्माण का ‘मेंटर इंडिया’ अभियान

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नीति आयोग अटल इनोवेशन मिशन के एक हिस्से के रूप में देशभर में स्थापित 900 से अधिक अटल टिंकरिंग लैब्स के छात्रों के मार्गदर्शन कर सकने वाले नेतृत्वकर्ताओं को शामिल करने के लिए एक रणनीतिक राष्ट्र निर्माण पहल ‘मेंटर इंडिया’ अभियान का शुभारंभ करेंगे।

नीति आयोग ने एक विज्ञप्ति में कहा कि सीईओ नीति आयोग अमिताभ कांत बुधवार को राजधानी में ऑनलाइन राष्ट्रव्यापी पहल का अनावरण करेंगे। इसका उद्देश्य अटल टिंकरिंग लैब्स के प्रभाव को बढ़ाना है| संभवतः विश्व स्तर पर औपचारिक शिक्षा में सबसे बड़े बदलाव के तौर पर देखा जा सकता है।
नीति आयोग ऐसे नेतृत्वकर्ताओं की तलाश में है जो एक या एक से अधिक ऐसी प्रयोगशालाओं में हर हफ्ते एक से दो घंटे के बीच समय दे ताकि छात्र अनुभव, सीख और भविष्य का कौशल हासिल कर कम्प्यूटेशनल सोच विकसित कर सके।
अटल टिंकरिंग लैब्स 6 वीं से 12 वीं तक के छात्रों के नवप्रवर्तन कौशल विकास को समर्पित हैं। इन प्रयोगशालाओं में अत्याधुनिक उपकरण जैसे 3 डी प्रिंटर, रोबोटिक्स और इलेक्ट्रॉनिक्स विकास उपकरण, चीजों और सेंसर आदि उपलब्ध कराये जाते हैं।
भारत सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक अटल अभिनव मिशन का उद्देश्य देशभर में अटल टिंकरिंग लैब स्थापित कर नवाचार और उद्यमशीलता को बढ़ावा देना है। मिशन भारत भर में 900 से ज्यादा प्रयोगशालाओं की स्थापना करना चाहता है और 2017 के अंत तक 2 हजार प्रयोगशालाएं स्थापित की जाना तय है।

मंत्रिमंडल ने दी बैंकों के एकीकरण को सैद्धांतिक मंजूरी

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केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एकीकरण को सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान करते हुए एक वैकल्पिक तंत्र तैयार करने को मंजूरी प्रदान कर दी है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को यहां हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह मंजूरी प्रदान की गयी।
मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा, ‘‘कैबिनेट ने पीएसबी की ओर से आने वाले प्रस्तावों को एक वैकल्पिक तंत्र के गठन को मंजूरी दे दी है जो बैंकों के एकीकरण के संबंध में प्रस्तावों की देखरेख करेगा, जो पीएसबी (सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों) से आएगा।’
बैंकों के बोर्ड पहले सरकार से एकीकरण की सिफारिश करेंगे जिसके बाद सरकार का वैकल्पिक तंत्र इस प्रक्रिया को सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान कर इसे गति प्रदान करेगा। सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के बाद बैंकों को सेबी द्वारा तैयार नियमावली और कानून के अनुसार आगे बढ़ाना होगा।
इस बारे में अंतिम योजना सरकार भारतीय रिजर्व बैंक से सलाह कर प्रस्तुत करेगी। इसका उद्देश्य बढ़ती अर्थव्यवस्था की ऋण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सार्वजनिक बैंक क्षेत्र में एक मजबूत और प्रतिस्पर्धी बैकों को तैयार करना है। इसके अलावा सरकारी खजाने पर निर्भरता कम कर अपने स्तर पर संसाधन जुटाने और कामकाज में आने वाली वित्तीय दिक्कतों से निपटने की क्षमता विकसित होगी। मजबूत और प्रतिस्पर्धी बैंकों के निर्माण संबंधी फैसला पूरी तरह से व्यापारिक हितों पर आधारित होगा। 

ऊर्जा निगम के अधिकारी पर यौन उत्पीड़न का आरोप

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ऊर्जा निगम के एक अधिकारी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। अपनी तेज तर्रार कार्यशैली को लेकर चर्चाओं में रहने वाले ऊर्जा निगम के इस अधिकारी पर विवादों का साया है। इस बार ऊर्जा निगम के इस अधिकारी पर एक विदेशी महिला ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। इसकी जांच पुलिस कर रही है।

हरिद्वार निवासी राकेश कुमार ऊर्जा निगम में वरिष्ठ अधिकारी के पद पर नई टिहरी में कार्यरत हैं। गत वर्ष उनकी पोस्टिंग हरिद्वार में थी। हरिद्वार शहर में ऊर्जा निगम में अधिशासी अभियंता पद पर रहने के दौरान उन्होंने वृहद स्तर पर बकाया बिल की वसूली का अभियान चलाया था। बिल बसूली के दौरान हरकी पैड़ी सहित पुलिस कंट्रोल रूम तक की बिजली काट दी गई थी। इसको लेकर इस अधिकारी का नाम काफी चर्चाओं में रहा।
हरिद्वार के सिडकुल में रहने के दौरान इस अधिकारी के पीछे विवादों का साया पड़ गया। गत दिनों उनका तबादला नई टिहरी कर दिया गया। वे एक बार फिर मुश्किलों में घिरे हैं। स्वीडन की रहने वाली एक महिला ने टिहरी पुलिस को दी शिकायत में बताया कि कनखल के जगजीतपुर में उसके घर के बाहर एक ट्रांसफार्मर रखा था। साल 2015 में उस ट्रांसफार्मर को हटाने के दौरान उसकी मुलाकात बिजली विभाग के इस अधिकारी से हुई। दोनों की मुलाकात के बाद दोस्ती बढ़ गई।
महिला का आरोप है कि उक्त अधिकारी ने अपनी पत्नी की मृत्यु हो जाने की जानकारी उसको दी। वह उसको नैनीताल और कई अन्य गेस्ट हाउस में ले गया। लेकिन कुछ दिनों बाद पता चला कि इस अधिकारी की पत्नी और तीन बच्चे हैं। जब वह मिलने के लिये घर गई तो उसकी पत्नी ने मारपीट कर भगा दिया। उसके बाद उक्त अधिकारी के वर्तमान कार्यक्षेत्र टिहरी ऊर्जा निगम के कार्यालय पहुंची। इसी प्रकरण में टिहरी की एसएसपी विमला गुंज्याल को शिकायती पत्र दिया गया है जिसके संबंध में जांच जारी है। 

हादसों से कराह रहा जनपद

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हादसों से उधमसिंघनगर लगातार कराह रहा है ।घर से दवा लेने हल्द्वानी के लिए निकली महिला की काशीपुर स्थित रोडवेज बस अड्डे में बस से कुचलकर मौत हो गई। हादसे के बाद चालक व परिचालक फरार हो गए।

हादसा सुबह करीब सवा आठ बजे हुआ। ग्राम धनौरी निवासी संतोषी (35 वर्ष) देवरानी कल्ला के साथ दवा लेने के लिए हल्द्वानी को जा रही थी। इसके लिए वह रोडवेज परिसर में बस का इंतजार कर रही थी। तभी देहरादून जा रही हल्द्वानी डिपो की बस ने अब अड्डे में प्रवेश किया। इसकी चपेट में संतोषी आ गई और कुचलकर उसकी मौत हो गई। हादसे के बाद चालक व परिचालक फरार हो गए। सवारियों को दूसरी बस में बैठाया गया, वहीं पुलिस भी मौके पर पहुंच गई थी।

यह महिला मूलरूप से पौड़ी गढ़वाल के थलीसैंण ब्लाक के अंतर्गत पीपल कोट गांव की रहने वाली थी। उसका पति पति गोविंद आर्मी में था और उसकी दो साल पहले मौत हो चुकी है।

भ्रूण लिंग परीक्षण के आरोप में डॉक्टर समेत तीन गिरफ्तार

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रुड़की क्षेत्र में भ्रूण लिंग परीक्षण करने के आरोप में हरियाणा के रोहतक और गुरुग्राम की पीसीपीएनडीटी की संयुक्त टीम ने एक अल्ट्रासाउंड सेंटर पर छापा मारकर एक चिकित्सक व दो दलालों को गिरफ्तार कर लिया। सेंटर को सील कर दिया है। टीम ने इन्हें पकड़ने के लिए एक गर्भवती महिला को दलालों के माध्यम से भेजकर जाल बिछाया था। इस नेटवर्क के तार गुरुग्राम की एक अल्ट्रासाउंड संचालिका से जुड़े हैं।

रोहतक के स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी सिविल सर्जन और पीसीपीएनडीटी के जिला समन्वयक संजीव मलिक को सूचना मिली थी हरियाणा में सख्ती के चलते महिलाओं के भ्रूण लिंग की जांच अन्य राज्यों में करवाया जा रहा है। इस पूरे नेटवर्क गुरुग्राम के पटौदी कस्बे के एक अल्ट्रासाउंड से संचालित होने की भी जानकारी मिली। इस पर चार दिन पहले टीम ने एक गर्भवती महिला को पटौदी में उक्त अल्ट्रासाउंड सेंटर पर भेजा। दलाल के माध्यम से लिंग परीक्षण कराने की डील 40 हजार रुपये में तय हुई। योजना के मुताबिक महिला को दिए गए नोटों के नंबर नोट करने के बाद उसे अल्ट्रासाउंड सेंटर पर भेजा गया।
इस दौरान सेंटर संचालिका ने दो दलालों के साथ गर्भवती महिला को रुड़की के बीएसएम चौक स्थित डॉक्टर विकास तोमर के पंचम अल्ट्रासाउंड सेंटर पर भेजा। बुधवार सुबह करीब 10 बजे जैसे ही डॉक्टर ने महिला के भ्रुण लिंग की जांच करनी शुरू की तो संयुक्त टीम ने सेंटर पर छापा मार दिया। टीम ने मौके से डॉ. विकास तोमर के अलावा दलाल अब्दुल सत्तार निवासी पटौदी गुरुग्राम तथा संजय निवासी ब्रह्मपुर कोतवाली रुड़की को धर दबोचा। बताया गया कि डॉ. विकास तोमर एक पूर्व पीसीएस अधिकारी के बेटे हैं। इस कार्रवाई में हरियाणा क्राइम ब्रांच की टीम भी शामिल रही। जबकि रुड़की के ज्वाइंट मजिस्ट्रेट मयूर दीक्षित भी इस दौरान मौके पर मौजूद रहे।
अब्दुल सत्तार के पास से 20 हजार के वह नोट मिले हैं जिन्हें टीम ने महिला को देकर भेजा था। बाकी की 20 हजार की रकम अभी बरामद नहीं हो सकी। टीम ने अल्ट्रासाउंड सेंटर को सील कर दिया। आरोपियों को बाद में गंगनहर कोतवाली पुलिस के हवाले कर दिया।
बताया जा रहा है कि इस मामले में अन्य राज्यों में भी छापेमारी हो सकती है। सीएमओ रविंद्र थपलियाल ने कार्रवाई की पुष्टि करते हुए बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम पूरे मामले पर नजर रखे हुए है। स्वास्थ्य विभाग भी इस मामले में कार्रवाई करेगा।

जुड़वां-02 के साथ संजय दत्त की बायोपिक की पहली झलक

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राजकुमार हीरानी के निर्देशन में बन रही संजय दत्त की बायोपिक फिल्म की पहली झलक जल्दी ही बड़े परदे पर देखने को मिलेगी। निर्माता साजिद नडियाडवाला की 29 सितंबर को रिलीज होने जा रही फिल्म जुड़वां-02 के साथ इस फिल्म का पहला टीजर जोड़ा जा सकता है।

फिल्म के दो टीजर तैयार किए गए हैं, जिनमें से एक टीजर को इस फिल्म के साथ जोड़ा जा सकता है। अभी तक की घोषणा के मुताबिक, ये फिल्म अगले साल 30 मार्च को रिलीज होनी है। फिल्हाल इस मामले में अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है। अगले महीने अमेरिका में इस फिल्म का एक बड़ा शेड्यूल होने जा रहा है, जिसमें रणबीर कपूर और सोनम कपूर हिस्सा लेंगे। अमेरिका में फिल्म का एक शेड्यूल हो चुका है।

फिल्म सत्तर प्रतिश्त बनकर तैयार हो गई है। पहले इस फिल्म को इसी साल 22 दिसंबर को रिलीज करने की घोषणा की गई थी, लेकिन इसी दिन यशराज में बन रही सलमान खान की फिल्म टाइगर जिंदा है भी रिलीज हो रही है। इस टकराव से बचने के लिए फिल्म को मार्च तक आगे बढ़ाने का फैसला हुआ। अभी तक अधिकारिक रूप से फिल्म का टाइटल भी तय नहीं हुआ है। हाल ही में जब संजय दत्त की फिल्म भूमि का ट्रेलर लांच हुआ था, तो इस मौके पर इस फिल्म की पूरी टीम-रणबीर कपूर, निर्देशक राजकुमार हीरानी और निर्माता विधु विनोद चोपड़ा भी मौजूद थे। 

कभी न सूंघ पाने वाले लड़के की चमत्कारी कहानी है ‘स्निफ’

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आमिर खान की प्रोडक्शन में बनी फिल्म ‘तारे जमीं पे’ (उनका नाम बाद में बतौर निर्देशक हटा दिया गया था) के अलावा ‘स्टेनली का डिब्बा’ और ‘हवा-हवाई’ जैसी बच्चों की फिल्मों के बाद निर्देशक अमोल गुप्ते की नई फिल्म ‘स्निफ’ रिलीज के लिए तैयार है। इसी फिल्म के प्रमोशन के सिलसिले में अमोल गुप्ते अपनी फिल्म के लीड कलाकार खुश्मित गिल के साथ पिछले दिनों दिल्ली में थे। होटल रॉयल प्लाजा में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में फिल्म के निर्माता-निर्देशक एवं इसके सुपरहीरो ने फिल्म से जुड़ी कई बातें साझा कीं।

25 अगस्त को रिलीज होने जा रही ट्रिनिटी फिल्म्स के बैनर तले बनी इस फिल्म को बच्चों के लिए बनी सुपर हीरो वाली फिल्म माना जा रहा है, जो एक असली घटना के प्रेरित बताई जाती है। निर्माता अजीत ठाकुर की अमोल गुप्ते निर्देशित यह फिल्म बेगुनाही, रहस्य और वीरता से भरी हुई है। इस फिल्म में पंजाब के बाल कलाकार खुश्मित गिल ने सुपर हीरो की मुख्य भूमिका निभाई है। फिल्म का यह मुख्य किरदार अपने साथियों के साथ जासूसी करके कई बड़े केस हल करने में मदद करता है। फिल्म का टाइटल ‘स्निफ’ इसलिए रखा गया है, क्योंकि खुश्मित के किरदार को चीजों को सूंघकर असलियत पता लगाने का वरदान मिला हुआ है।

मीडिया से बातचीत में अमोल गुप्ते ने बताया कि ‘यह फिल्म ऐसे बच्चे की कहानी है जिसे, एक सुपर पावर मिली हुई है, यानी वह चीजों को सूंघकर उसकी असलियत का पता लगा लेता है। इस फिल्म को पूरा करने के लिए लगभग एक वर्ष का समय लगा। यह फिल्म वीरता के बारे में है।’ खास बात यह है कि निर्देशक अमोल गुप्ते हमेशा ही बच्चों संग नए और अनोखे विषय के साथ प्रेक्षकों के सामने आए हैं । साथ ही अपनी फिल्मों में वह अभिनय भी करते रहे हैं। ‘स्निफ’ में भी वे निर्देशक के साथ अभिनेता के तौर पर नजर आएंगे, क्योंकि फिल्म में वे एक मेहमान भूमिका में ही सही, परंतु महत्वपूर्ण किरदार में नजर आएंगे। फिल्म में उन्होंने जो किरदार निभाया है, वह भले ही मेहमान की भूमिका है, लेकिन यही किरदार फिल्म की कहानी को और दिलचस्प बनाते हैं। खास बात यह भी कि इस फिल्म में अमोल गुप्ते गणपति आरती करते भी नजर आएंगे। इस संबंध में उन्होंने कहा कि ‘फिल्म में बच्चों के साथ काम करने का यह बहुत अच्छा अनुभव था, उन्होंने मुझे बहुत कुछ सिखाया और वास्तव में मैं बच्चों के साथ सुरक्षित महसूस कर रहा हूं।’ इस मूवी के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘इस फिल्म में एक बड़ा सबक है। ‘स्निफ’ एक बहुत ही साफ-सुथरी और मनोरंजक फिल्म है।

फिल्म में सुपरहीरो का किरदार निभाने वाले पंजाब के बाल कलाकार खुश्मित गिल ने भी मीडिया के साथ अपने अनुभव को साझा किया। उन्होंने कहा, ‘मैंने कई विज्ञापनों और धारावाहिकों में काम किया है, लेकिन यह पहली बार है, जब मैं फिल्म में सीसा के रूप में लीड किरदार निभा रहा हूं। मुझे यह मौका देने के लिए मैं अमोल सर का आभारी हूं।’ फिल्म में सुपरपावर के बारे में पूछने पर उन्होंने बहुत मासूमियत से कहा, ‘मैं चाहता हूं कि भगवान ने मुझे वास्तविक जीवन में भी ऐसी ही शक्ति दे, जो मुझे फिल्म में मिली है।’

जहां तक ‘स्निफ’ की कहानी का सवाल है, तो इस फिल्म के केंद्र में भी एक छोटा बच्चा है, लेकिन इस बच्चे की समस्या यह है कि वह सूंघ नहीं सकता और इसके चलते कैसे उसके सारे काम खराब हो सकते हैं, यही इसमें दिखाया गया है। लेकिन, लगातार ऐसा नहीं होता, क्योंकि एक साइंस लैब में हुए हादसे में इस बच्चे को सूंघने की शक्ति मिल जाती है, लेकिन यह शक्ति ‘सुपरशक्ति’ बन जाती है। वह डर, प्रेम, क्रोध जैसे भावों को भी सूंघने लगता है और चर्चा का विषय बन जाता है।

सत्ता की हनक के सामने बौनी हुई खाकी-वर्दी

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अबतक कांग्रेस राज में ही देखा जाता था की सत्ता की हनक दिखाकर आरोपियों और मुजरिमों को छुड़ा लिया जाता था। मगर अब इसी परिपाठी में सत्ता पर काबिज भाजपा भी उतार आई है और पुलिस के हाथों से बदमाशों को छुड़ाने में भाजपा भी पीछे नहीं रही। भ्रस्टाचार और भय मुक्त शासन देने के भले ही बड़े नेताओं के दावे हों मगर उनके निचले नेता और कार्यकर्ता पार्टी की छवि को धूमिल करने में पीछे नहीं हैं।

जी हाँ, मामला रुद्रपुर का है जंहा देखकर लगता है की कोतवाली को पुलिस नहीं भाजपाइ नेता चला रहे हैं। जिस युवक को पकड़ने के लिए दिनभर पुलिस उसे तलाशती रही और बदमाश कहते नहीं थकी, शाम होते ही उसे रिहा कर दिया गया। उसके खिलाफ गुंडा एक्ट की कार्रवाई से लेकर, पुलिस पर पथराव करने और अवैध तमंचा रखने तक का आरोप था। मगर अचानक किसका दबाव हुआ की उसे छोड़ना पड़ा।

आधा दर्जन से अधिक मामलों में वांछिद जिस युवक को पकड़ने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी, उसे सत्ता की हनक दिखाकर कुछ ही घंटों में नेताजी छुड़ा का ले गए। रम्पुरा चौकी पुलिस पर पथराव के साथ ही अन्य वारदातों में नामजद क्षेत्र में आतंक फैलाने वाले युवक के घर पर पुलिस ने दबिश दी तो वह कूद कर भाग गया था। उसके बाद पुलिस ने उसके घर से तमंचा भी बरामद किया था।

रविवार को वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया। उसकी पैरवी में रम्पुरा के भाजपा नेता कोतवाली पहुंच गए। उनकी पैरवी पर पुलिस ने युवक की करतूतों को छुड़ाने  नेताओं के सामने बयां कर किसी भी सूरत में उसको छोड़ने से इन्कार कर दिया, लेकिन देर शाम पुलिस ने उसको छोड़ भी दिया, जिसके चलते भाजपा के साथ ही पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठने लगे है। जबकि सी ऒ स्वतंत्र कुमार ने बताया कि, “युवक को पकड़ा जरूर गया था, लेकिन मारपीट के मामले में उसने जमानत करवा ली। उसके खिलाफ गुंडा एक्ट की कार्रवाई की गई है। नोटिस उसको रिसीव करा दिया गया है। युवक को किसी भी सूरत में बक्शा नहीं जाएगा, उसके खिलाफ नियमानुसार तड़ीपार की भी कार्रवाई की आवश्यकता पड़ी, तो पुलिस उससे भी पीछे नहीं हटेगी।”

लेकिन प्रश्न ये उठता है की जब पकड़ा गया युवक इतनी संगीन धाराओं में वांछिद है और उसके विरुद्ध कार्यवाही की बात भी की जा रही है तो इतनी मुश्किलों से पकडे गए आरोपी को आखिर क्यों छोड़ दिया गया। और किसके दबाव में आकर पुलिस को आखिर उस युवक को छोड़ना पड़ा? इसका जवाब पुलिस के पास तो नहीं है मगर इतना तो सभी को दिख रहा है की सत्ता की हनक के सामने खाकी कितनी बोनी हो गयी है।