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मनरेगा में सामने आया एक लाख का घोटाला

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मनरेगा में एक लाख रुपये का घोटाला सामने आया है। सुरक्षा दीवार और भूमि विकास के नाम पर आपदा मद में मिली रकम का भुगतान पात्रों को करने के बजाय कुशल और अकुशल श्रमिकों के खाते में जमा कर दिया गया। इसमें से 9,450 रुपये की राशि प्रधान व उनके पति के खातों में भी पहुंची। करीब डेढ वर्ष से भुगतान के लिए भटक रहे पात्र श्रमिक ने विकास खंड के अधिकारियों पर दबाव बनाया तो यह फर्जीवाडा सामने आया। बीडीओ ने मामले को गंभीर बताते हुए जांच ग्राम विकास अधिकारी को सौंप रिपोर्ट मांगी है।

जुलाई 2016 में स्याल्दे ब्लॉक के तल्ला भाकुडा निवासी श्यामलाल के घर की सुरक्षा दीवार बरसात में ध्वस्त हो गई थी। आपदा मद से दीवार निर्माण व भूमि विकास के लिए एक लाख रुपये स्वीकृत हुए। अगस्त से सितंबर के बीच निर्माण कार्य पूरा किया गया। लेकिन, श्यामलाल के खाते में ब्लॉक कार्यालय से रकम जमा नहीं कराई। ग्रामीण ने विकासखंड मुख्यालय के कई चक्कर काटे पर धनराशि न मिलने का हवाला दे उसे टहलाया जाता रहा। आरोप है कि प्रधान अंजु देवी व उनके पति घनश्याम सिंह बंगारी भी बजट न मिलने की बात कह कर गुमराह करते रहे। काफी वक्त बीतने के बाद 21 अगस्त को श्यामलाल मनरेगा भुगतान के लिए फिर विकासखंड कार्यालय पहुंचा। दबाव बनाने पर अधिकारियों ने बताया कि 94418 रुपये का भुगतान पहले ही हो चुका है।
यह भी खुलासा हुआ कि बीते वर्ष नौ अगस्त से इस वर्ष विगत अप्रैल तक कुशल व अकुशल श्रमिकों के खातों में नियम विरुद्ध यह रकम जमा कराई गई। यह भी पता लगा कि प्रधान व उसके पति के खातों में अवैधानिक तरीके से 9450 रुपये जमा कर दिए गए। जबकि, मनरेगा में आपदा मद से मिली पूरी धनराशि श्यमलाल के खाते में जमा की जानी चाहिए थी। घोटाला सामने आने पर बीडीओ पुरुषोत्तम शर्मा ने जांच बैठा दी है। उन्होंने वीडीओ से गलत खातों में धनराशि जमा क्यों और कैसे की गई, विस्तृत जांच रिपोर्ट देने को कहा है।

तीन और मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि, अब तक 16 की मौत

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राजधानी में तीन मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। दो मरीज हिमालयन अस्पताल में भर्ती है, जबकि एक का दून अस्पताल में उपचार चल रहा है। तीनों की ही हालत गंभीर बताई जा रही है। इसके अलावा पांच मरीजों की रिपोर्ट एनसीडीसी दिल्ली को भेजा गया है।

राजधानी में स्वाइन फ्लू अब बैकाबू होता जा रहा है। इस घातक बीमारी के चलते अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 96 लोगों में पुष्टि हो चुकी है। शुक्रवार को आई रिपोर्ट में एक महिला सहारनपुर की है। उसका उपचार हिमालयन अस्पतालरांट में चल रहा है। एक अन्य महिला का उपचार भी हिमलायन अस्पताल में चल रहा है, वह धर्मपुर की है। जबकि दून अस्पताल में भर्ती महिला राजीव नगर की रहने वाली है। सीएमओ डॉ. टीसी पंत ने बताया, अब तक 96 लोगों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हो चुकी है। लोगों को एहतियात बरतनी चाहिए। दून अस्पताल समेत सभी प्राइवेट अस्पतालों को निर्देशित किया गया है कि वो ऐसे मरीजों के लिए अलग वार्ड बनाएं। 

चाय बागानों पर पलायन का संकट

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सार्वजनिक मंचों से अपने को चाय बेचने वाला और शून्य से शिखर तक पहुंचने की कहानी गर्व से सुनाते हैं, लेकिन इसके उत्पादन से जुड़े मजदूरों के लिए यह गर्व की बात नहीं है। बागान में काम करने वाले कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है। चाय बागान के श्रमिकों को कई माह से वेतन नहीं मिल रहा है। जिससे वे पलायन को मजबूर हैं।

उत्तराखंड टी बोर्ड कौसानी में बीते पांच महीने से कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है। जिससे उनकी परेशानी बढ़ गई है। रोजी रोटी के लिए परेशान ये श्रमिक यहां से कहीं और जाने की सोच रहे हैं। इससे पहले भी चाय फैक्ट्री बंद होने से करीब 25 परिवारों ने यहां से पलायन किया था। चाय बागानों की देखरेख में लगे ये परिवार विभाग की लापरवाही से कई माह से वेतन नहीं पा सके हैं। श्रमिकों का कहना है कि जब रोटी के लिए भी सोचना पड़ रहा है।

चाय बागान में काम करने वाले श्रमिक नंदन का कहना है कि, “टी बोर्ड के अधिकारी श्रमिकों के प्रति अमानवीय व्यवहार कर रहे हैं। बीते कई महीनों से सिर्फ काम करवाया जा रहा है। लेकिन वेतन के नाम पर कुछ भी नहीं दिया जा रहा है।”

श्रमिक चतुर सिंह का कहना है कि, “पहले के मुकाबले चाय बागानों का स्थिति भी अब बदतर है। यदि यही हाल रहा तो धीरे धीरे चाय बागान नष्ट हो जाएंगे।” श्रमिकों का कहना है कि चुनाव के समय जनप्रतिनिधि बहुत लंबे चौड़े वादे करके जाते हैं। लेकिन बाद में सब भूल जाते हैं। चाय बागान और चाय के श्रमिकों को कोई याद नहीं रखता। बस कहने के लिए चाय वाला प्रधानमंत्री है।

राम रहीम विवाद के चलते रुकी रोडवेज की 26 बसें

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हल्द्वानी- हरियाणा में चल रहे राम रहीम विवाद के चलते गुरुवार को पंजाब, हरियाणा में हाई अलर्ट घोषित होने के बाद बसों व ट्रेनों का संचालन रद कर दिया गया है। जिसमें कुमाऊं की 26 बस सेवाएं प्रभावित हुई हैं। इससे निगम को लाखों रुपये का नुकसान झेलना पड़ेगा तो साथ ही यात्रियों को भी काफी दिक्कत होगी।

काठगोदाम व टनकपुर रीजन से पंजाब-हरियाणा होते हुए जयपुर, पटियाला, लुधियाना, जालंधर, अमृतसर, चंड़ीगढ़, शिमला, गुड़गांव आदि मार्गो पर करीब 26 बसें जाती है। इन बसों को दिल्ली व सहारनपुर में रोका गया है। बसों के आगे न जाने से यात्रियों को बीच में ही उतारना पड़ा। आरएम कुशी राम ने बताया कि चालक-परिचालकों को एहतियात बरतने करने के आदेश दिए गए हैं। जहां तक बसें जा सकती हैं वहीं तक भेजी जाएंगी। अगर बसें नहीं जाएंगी तो उन्हें वहीं से वापस बुला लिया जाएगा।

प्रेम प्रसंग के चलते की आत्महत्या

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रात को करीबन 1:30 बजे थाना राजपुर को सूचना मिली की जाखन में एक युवक, गंगाराम, पुत्र हेम राम, उम्र 22 वर्ष, जोधपुर निवासी जोकि पंजाब ग्रीन रेस्ट्रोरेन्ट में काम करता था, ने अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली हैं। इस सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। मृतक का शव कमरे में फंदे से लटका था तथा कमरे व अन्य जगह तलाशी ली गई तो प्रथमदृष्टया प्रेम प्रसंग का मामला प्रकाश में आया है।

गंगाराम के पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। मृतक व्यक्ति के साथ अन्य दो लड़के भी रहते थे, जो कि उसी रेस्टोरेंट में काम करते हैं। शाम की शिफ्ट के समय मृतक कमरे में ही रुक गया था व अपने अन्य साथियों को बताया कि मैं थोड़ी देर में आता हूं। रात को अन्य साथी काम करके वापस कमरे में आए तो देखा कि उनका साथी कमरे में फंदे से लटका हुआ है। जिसकी सूचना उनके द्वारा पुलिस को दी गयी।

मृतक के शव को मोर्चरी में रखा गया है तथा परिजनों को सूचना दी गई है। परिजनों के आने पर अग्रिम कार्यवाही की जायेगी।

एम्स होकर जाएंगी ऋषिकेश जाने वाली सभी बसे: सीएम

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देहरादून से ऋषिकेश के लिए जाने वाली और हरिद्वार से ऋषिकेश को आने वाली सभी रोडवेज बसें एम्स ऋषिकेश से होते हुए आवागमन करेंगे। साथ ही एम्स ऋषिकेश में मरीजों के साथ आने वाले तीमारदारों के रहने के लिए 500 बेड की आवासीय व्यवस्था की जाएगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने विधानसभा क्षेत्र डोईवाला में आयोजित एक कार्यक्रम में यह घोषणा की।
शुक्रवार को डोईवाला में एक स्थानीय वेडिग प्वाइंट में आयोजित शहीद मेजर दुर्गामल्ल के 74वें बलिदान दिवस कार्यक्रम में कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि डोईवाला-खता रोड अब शहीद मेजर दुर्गामल्ल के नाम से जाना जाएगा। साथ ही डोईवाला डिग्री कालेज में शहीद मेजर दुर्गामल्ल की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि मंत्री अब अपने विभागों से जुड़ी जनसमस्याएं अपने कार्यालयों में ही सुनेंगे। इसके लिए एक दिन नियत किया जाएगा। साथ ही जनता को जनसुनवाई के लिए मंत्री के कार्यालयों में जाने के लिए किसी पास की जरूरत नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में ऋषिकेश में हुई घटना में मृतक बालिकाओं की माता को मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से दो लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। इस मौके पर उन्होंने राज्य के सभी डिग्री कालेजों के छात्र-छात्राओं से अपील की कि वे प्रधानमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना का आवेदन पत्र भरें और योजना का लाभ उठाए।
कार्यक्रम में शहीद मेजर दुर्गामल्ल को श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुए हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद किसी जाति विशेष या समुदाय विशेष के नहीं होते, बल्कि उनका बलिदान और त्याग सम्पूर्ण समाज या देश के लिए होता है। यह मात्र गोर्खाली समुदाय का कार्यक्रम नही है, बल्कि हर देशभक्त का कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि हमारे राज्य से अनेक ऐसे वीर हैं, जिन्हें परमवीर चक्र, शौर्य चक्र जैसे तमाम सर्वोच्च पुरस्कार मिले। उन तमाम ज्ञात-अज्ञात वीरों को नमन करते हैं। उन्होंने कहा कि जिस देश में वीरों की पूजा बन्द हो जाती है, वह देश समाप्त हो जाता है। यदि देश को जीवित तथा मजबूत रखना है तो हमें अपने वीरों को याद रखना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे वीर केशरीचन्द का मेला नागथात में भव्यता के साथ लगता है, उसी प्रकार शहीद दुर्गामल्ल से सम्बन्धित उत्सव जोश और उत्साह के साथ मनाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए एक कमेटी का गठन किया जाए।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने बताया कि गत दिवस नई दिल्ली में नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच पंचेश्वर बांध, शारदा बैराज तथा धारचूला जैसे विषयों पर चर्चा हुई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने हाल ही में कारगिल में शहीद हुए बंजारावाला निवासी लांस नायक जीत बहादुर थापा की पत्नी रानी थापा को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने नगर पालिका परिसर डोईवाला में शहीद मेजर दुर्गामल्ल की प्रतिमा का अनावरण किया। इस मौके पर पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल, शहीद मेजर दुर्गामल्ल के भतीजे राजेन्द्र मल्ल आदि मौजूद रहे।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बहाल होंगे 100 बार

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नगर निकाय क्षेत्रों में शराब की दुकानों और बार को राष्ट्रीय राजमार्ग के नियम से बाहर रखने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश से उत्तराखंड सरकार को बड़ी राहत मिली है। इसका सबसे बड़ा लाभ निकाय क्षेत्रों में बंद चल रहे बारों को मिलेगा और इससे राजस्व में भी इजाफा हो पाएगा।

नगर निकाय क्षेत्रों की बात करें तो आबकारी विभाग के प्रारंभिक आकलन के मुताबिक राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों पर करीब 100 बार बंद हो चुके हैं। दून में ही निकाय क्षेत्र में शास्त्रीनगर से लेकर हरिद्वार बाईपास रोड, आइएसबीटी व बल्लूपुर चौक के आसपास तक एक दर्जन से अधिक बार के खुलने की राह आसान हो गई है। इसी क्षेत्र में शराब की दुकानों के पांच स्थल भी बहाल हो जाएंगे।
अपर मुख्य सचिव डॉ. रणवीर सिंह के मुताबिक बारों को निकाय क्षेत्रों में राष्ट्रीय राजमार्ग पर बंद किए गए बारों को बहाल करने का आदेश एक-दो दिन में जारी कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि राजमार्गों पर बंद की गई शराब की दुकानों को अन्यत्र शिफ्ट कर दिया गया है। हालांकि नए स्थान पर खुली दुकानों के संचालक चाहें तो आसपास के राजमार्गों पर अपनी दुकानें शिफ्ट कर सकते हैं। 

प्रशासन ने शुरू की स्टोन क्रेशर सीज करने की कार्रवाई, 17 सीज

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शुक्रवार को प्रशासन ने हरिद्वार में गंगा से पांच किलोमीटर के दायरे में लगे स्टोन क्रेशरों को सीज करने की कार्रवाई शुरू की। कोर्ट के आदेश पर की जा रही सीज की कार्रवाई के लिए पांच ठीमों का गठन किया गया है।

शुक्रवार दोपहर तक 17 स्टोन क्रेशरों को सीज किया गया। गंगा से पांच किलोमीटर के दायरे में हरिद्वार के 43 स्टोन क्रेशर आ रहे हैं। इन सभी को सीज किया जाना है। गौरतलब है कि बहुत पहले से हरिद्वार में गंगा किनारे लगे स्टोन क्रेशरों को सीज करने की मांग की जा रही थी। गंगा रक्षा के लिए आंदोलनरत संस्था मातृसदन लगातार इस मांग को उठाने के साथ कोर्ट में इसकी लड़ाई लड़ रही थी। कोर्ट ने हालांकि पहले भी इस तरह का आदेश दिया था लेकिन अब कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए सभी स्टोन क्रेशरों को बंद करने के आदेश दिए थे। इसी के तहत शुक्रवार को प्रशासन ने सीज करने की कार्यवाही शुरू की। तहसीलदार सुनैना राणा ने बताया कि सभी स्टोन क्रेशरों को सीज किया जाना है।
गंगा किनारे लगे अधिकतर स्टोन क्रेशर हरिद्वार तहसील में ही आते हैं। रुड़की में अधिकांश स्टोन क्रेशर दूसरी बरसाती नदियों के किनारे लगे हुए हैं। वहीं स्टोन क्रेशर सीज होने का सीधा असर भवन निर्माण सामग्री पर पड़ेगा। मकान बनाना महंगा हो जाएगा। लोगों को रेत बजरी के लिए लंबे इंतजार के साथ अधिक कीमत भी चुकानी पड़ सकती है। वहीं, हरिद्वार जिलाधिकारी दीपक रावत ने उत्तराखण्ड शासन के आदेशों के अनुपाल ने कार्रवाई करते हुए रायवाला से भोगपुर तक गंगा नदी के किनारे संचालित समस्त स्टोन क्रशरों तथा पल्वराईजर संचालन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। उच्च न्यायलय नैनीताल तथा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिर्तन मंत्रालय भारत सरकार के आदेशों के पालन में उक्त रोक लगायी गयी है। रायावाल से भोगपुर तक संचालित स्टोन क्रशरों व पल्वाराईजर जिलाधिकारी द्वारा सील कराने की कार्रवाई की गयी है।

आखिर क्या है बाबा राम रहीम पर चला मुकदमा

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डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख बाबा राम रहीम के दोषी करार देते ही देश के कई राज्य जल रहे हैं। आईये जानते हैं कि क्या है वो मामले जिसके चलते राम रहीम को दोषी करार दिया गया।

  • 25 अगस्त, 2017: सीबीआई कोर्ट ने राम रहीम को दोषी करार दिया।
  • 17 अगस्त, 2017: मामले की बहस खत्म हुई।
  • 25 जुलाई, 2017: कोर्ट ने रोज सुनवाई करने के निर्देश दिए ताकि केस जल्द निपट सके।
  • जून, 2017: डेरा प्रमुख ने विदेश जाने के लिए अपील दायर की तो कोर्ट ने रोक लगा दी।
  • जुलाई, 2016: केस के दौरान 52 गवाह पेश हुए। इनमें 15 प्रॉसिक्यूशन और 37 डिफेंस के थे।
  • 2011 से 2016: लंबा ट्रायल चला। डेरा मुखी की ओर से अपीलें दायर हुईं।
  • अगस्त, 2008: ट्रायल शुरू हुआ और डेरा मुखी के खिलाफ चार्ज तय किए गए।
  • जुलाई, 2007: सीबीआई ने अंबाला सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट फाइल की। यहां से केस पंचकूला शिफ्ट हो गया और बताया गया कि डेरे में 1999 और 2001 में कुछ और साध्वियों का भी यौन शोषण हुआ, लेकिन वे मिल नहीं सकीं।
  • दिसंबर, 2003: सीबीआई को जांच के निर्देश दिए गए। 2005-2006 के बीच में सतीश डागर ने इन्वेस्टिगेशन की और उस साध्वी को ढूंढा जिसका यौन शोषण हुआ था।
  • दिसंबर, 2002: सीबीआई ब्रांच ने राम रहीम पर धारा 376, 506 और 509 के तहत केस दर्ज किया।
  • मई 2002: लेटर के फैक्ट्स की जांच का जिम्मा सिरसा के सेशन जज को साैंपा गया।
  • अप्रैल, 2002ः पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट और तब के पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को एक साध्वी ने शिकायत भेजी।

डेरा प्रमुख रोहतक जेल में,भड़की हिंसा में 30 मरे, राजनाथ सिंह लेंगे दिल्ली में बैठक

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डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सीबीआई कोर्ट ने शुक्रवार को यौन शोषण मामले में दोषी करार दिया। अब सीबीआई कोर्ट 28 अगस्त को उन्हें सजा सुनाएगी। डेरा प्रमुख को रोहतक के जेल के बैरक नम्बर -6 में रखा गया है | जेल की सुरक्षा देर रात अर्द्धसैनिक बलों और पारा मिलिट्री के हवाले कर दिया गया है और जेल के चारो ओर जेल व जिला पुलिस के बदले अर्द्धसैनिक बल तैनात हो गए हैं | पूरा रोहतक सेना के हवाले हो गया है और सेना की टुकड़ियों का आना देर रात से ही शुरू हो गया है | फैसला आते ही उनके समर्थक बेकाबू हो गए। पांच राज्यों पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, यूपी और दिल्ली में हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी शुरू कर दी। पंचकूला में जमीन से आसमान तक अभेद्य सुरक्षा होने के बावजूद हिंसा की घटनाओं में अब तक 30 लोगों की मौत हुई जिसमें तीन बच्चे शामिल हैं | मरने वाले में 28 पंचकुला में और 2 सिरसा में मरे हैं | एक हजार से अधिक लोग घायल हो गए जिसमें करीब 50-60 लोग गंभीर हालत में हैं | अस्पताल के बाहर हंगामा और अफरातफरी मची है | लोगों को आने जाने से रोका जा रहा है | मीडिया कर्मियों को भी रोका जा रहा है |

डेरा समर्थकों ने पंचकूला के सेक्टर 6 के सामान्य अस्पताल में भी पथराव किया। घायलों के साथ आने वाले लोग अस्पताल के कर्मचारियों के साथ बदतमीजी करते नजर आए। पथराव से अस्पताल की कई खिड़कियों के शीशे टूट गए। पथराव में एसएसबी का एक जवान बुरी तरह घायल हो गया। प्रदशर्नकारियों ने फायर ब्रिगेड के वाहन को भी फूंका। सिरसा में भी उन्होंने उत्पात मचाया। सेक्टर दो और चार में पथराव हुआ। सेक्टर तीन में अस्स्थायी जेल के पास भी समर्थकों ने हंगामा किया। पंचकूला के सेक्टर-5 में डेरा समर्थकों ने कई गाड़ियों में आग लगा दी। इसके बाद पुलिस की जगह सेना ने मोर्चा संभाला। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवाई फायरिंग की और आंसूगैस के गोले छोड़े। अब तक 17 शव सेक्टर 6 के सामान्य अस्पताल में, 4 शव सेक्टर 16 के अस्पताल में, 7 शव चंडीगढ़ पीजीआई में और 1 शव सिरसा के सामान्य अस्पताल में रखे गए हैं।

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मीडियाकर्मियों पर भी हमला

अदालत का फैसला आते ही मीडिया कर्मियों को भी निशाना बनाया गया। न्यूज़ चैनल्स की ओबी वैनों पर भी हमला कर उन्हें क्षतिग्रस्त कर दिया गया। हिंसा में कुछ मीडियाकर्मी भी बुरी तरह जख्मी हो गए। आईजी रेंज अमिताभ ढिल्लो के नेतृत्व में टीम ने पेट्रोलिंग की। उग्र समर्थकों द्वारा पथराव व आगजनी और पुलिस द्वारा आंसू गैस के गोले छोड़े जाने के कारण घायल हुए लोगों को लेकर एंबुलेंस की गाड़ियां स्थानीय अस्पताल लेकर पहुंचीं।
डीसी पंचकूला गौरी पाराशर जोशी मौके पर पहुंचीं। वाटर कैनन से भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की गई। कोर्ट परिसर के बाहर खड़े समर्थकों को हटाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए। हेलिकॉप्टरों से निगरानी की गई। सेना के घुड़सवार दस्ते ने भी गश्ती लगाई। सेना ने फ्लैग मार्च भी किया। पंचकूला के रिहायशी इलाकों की बिजली काटी गई। मगर हालात संभल न सके।
डीजीपी बीएस संधू सेक्टर 6 के सामान्य अस्पताल पहुंचे और हिंसा में घायल हुए लोगों का हाल पूछा। पत्रकारों के सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि पंचकूला अब पूरी तरह सुरक्षित है। हालात नियंत्रण में हैं। सभी प्रदशर्नकारियों को खदेड़ दिया गया है।
पंचकूला के पुलिस कमिश्नर अरसिंदर सिंह चावला ने सेक्टर 6 के सामान्य अस्पताल का दौरा किया और कहा कि क्षेत्र में स्थिति अब पूरी तरह नियंत्रण में है। डेरा समर्थकों को खदेड़ दिया गया है। हिंसा में हुईं मौतों की सही संख्या का पता लगाने के लिए जांच जारी है। उन्होंने कहा कि जिन मीडियाकर्मियों के वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं, वे इसकी शिकायत सम्बंधित थाने में दर्ज करा सकते हैं। उन्हें मुआवजा दिया जाएगा। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। कुछ असामाजिक तत्वों को गिरफ्तार भी किया गया है।
एयरलिफ्ट कर रोहतक जेल ले जाया गया
हालात बेकाबू होते देख डेरा प्रमुख को एयरलिफ्ट कर रोहतक जेल ले जाया गया। जेल के अन्दर उन्हें बैकर नम्बर -6 में रखा गया है | पूरे जेल की सुरक्षा अर्द्धसैनिक बलों और पारा मिलिट्री के हवाले कर दिया गया है और जेल के चारो ओर जेल व जिला पुलिस के बदले अर्द्धसैनिक बल तैनात हो गए हैं |
डेरा प्रमुख की सारी संपत्ति जब्त करने का आदेश
पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने डेरा प्रमुख की सारी संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति एस एस सरो की खंडपीठ ने यह आदेश दिया। हाईकोर्ट में पंजाब की कानून-व्यवस्था के बिगड़ने की आशंका के चलते एक पिटीशन दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने इस मामले में हरियाणा सरकार से भी सवाल-जवाब किए और शनिवार को 11 बजे अपनी रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।
राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री से की बात
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से बात की। सिंह ने सभी लोगों से खासतौर से डेरा समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की। हरियाण के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने लोगों से शांति बनाए रखने और कोर्ट के फैसले का सम्मान करने की अपील की है। राजनाथ सिंह ने शनिवार को अपने आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है।


दिल्ली में 7 जगह हिंसा, यूपी में बस फूंकी, अन्यत्र भी उत्पात
दिल्ली में आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर खड़ी रीवा एक्सप्रेस की बोगियों में आग लगाई गई। दिल्ली के गोकुल पुरी, ख्याला समेत 7 जगहों पर बसों में तोड़फोेड़ की घटनाएं सामने आईं। दिल्ली बॉर्डर के इलाकों में अलर्ट कर दिया गया है। जगजीवन राम हॉस्पिटल के पास भी एक डीटीसी बस में आग लगा दी गई। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

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यूपी के गाजियाबाद में दिल्ली-लोनी बॉर्डर पर बस में आग लगाई गई है।
पंजाब में भी हिंसा भड़की
डेरा प्रमुख पर कोर्ट के फैसले के बाद समर्थकों ने पंजाब के मलोट और मल्लुआना रेलवे स्टेशनों को आग लगाई गई। पंजाब के जीरकपुर में डेरा समर्थकों ने पथराव किया और पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। जीरकपुर से शिमला को जाने वाले मार्ग पर डेरा समर्थकों ने कई वाहनों में आग लगा दी। पंजाब के मुक्तसर में एक डेरा समर्थक ने आत्मदाह का प्रयास किया। डेरा समर्थकों ने बठिंडा में सुविधा केंद्र, बरनाला और मलौट में टेलीफोन एक्सचेंज को आग के हवाले कर दिया। मानसा में इनकम टैक्स दफ्तर भी फूंक दिया गया। डेरा प्रेमियों ने मलोट में छापियांवाली रोड पर पेट्रोल पंप पर तोड़फोड़ करके काफी नुकसान किया गया। राजपूरा के अंतर्गत माणकपूर खेड़ा में अज्ञात युवकों द्वारा सरकारी स्कूल को आग लगा दी गई। लहरागागा में अज्ञात लोगों द्वारा तहसील तहसील दफ्तर को आग लगा दी गई।

राजस्थान के श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और बीकानेर में हालात तनावपूर्ण
अदालत के फैसले के बाद बाबा के समर्थकों ने पंजाब, हरियाण और दिल्ली में हिंसक घटनाओं के अंजाम देने के साथ ही राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में भी जमकर उत्पात मचाया। इसके चलते श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और बीकानेर में हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। गंगानगर में तीन स्थानों पर आगजनी की घटनाएं हुई है। उधर किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पुलिस को हाईअलर्ट पर रखा गया है। प्रशासन ने हनुमानगढ़ और गंगानगर जिले में इंटरनेट सेवाएं गुरुवार से बंद कर रखी है।
श्रीगंगानगर में बाबा समर्थक उपद्रवियों ने पुरानी आबादी स्थित लेबर ऑफिस में पेट्रोल बम फैंककर आग लगा दी है। आग से कई फाइलें और महत्वपूर्ण दस्तावेज जलकर राख हो गए। वहीं चहल चौक पर एईएन की गाड़ी को आग के हवाले कर दिया गया। उपद्रवियों ने आजाद टॉकिज चौक स्थित बिजली ऑफिस में भी तोड़फोड़ के बाद आग लगा दी। यहां पर कई महत्वपूर्ण दस्तवाजे जल गए हैं।
हनुमानगढ़ में जिले में भी हालात हालात चिंताजनक हो चले हैं। अदालत के फैसले के बाद अफवाहों का बाजार गर्म हो गया। इसके चलते सावधानी के तौर पर दुकानदारों ने जिला मुख्यालय हनुमानगढ़ सहित संगरिया, टिब्बी व पीलीबंगा कस्बों में बाजार बंद कर दिया है। इस कारण हनुमानगढ़ टाउन व जंक्शन सहित अन्य जगह बाजार सुने हो गए। चोकसी के तौर पर बाजार में पुलिस गश्त कर रही है।
इस बीच प्रशासन ने सभी रोडवेज बसें बंद कर दी है तथा बसों को निकटतम थाने या रोडवेज डिपो में रोकने का निर्देश दिया है। इसके बाद रोडवेज बसों के पहिये थम गए हैं और सडकों पर यातायात नहीं जैसी हालत हो गई है। निजी ऑपरेटरों ने भी तोड़फोड़ की आशंका के चलते बसें गैराज में खड़ी कर दी हैं। इस बीच पूरे जिले में अफवाहें चल रही हैं। प्रशासन के आदेश पर दोपहर बाद पूरे जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। उधर बीकानेर जिले में एहितायात के तौर पर चप्पे- चप्पे पुलिस और सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। वहीं प्रशासन तीनों ही जिलों के हालातों पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं।

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उत्तर प्रदेश के पश्चिमी इलाके तक पहुंची हिंसा की आग

बाबा राम रहीम के खिलाफ सीबीआई अदालत का फैसला आने के बाद उनके समर्थक अनियंत्रित हो गए हैं। हरियाणा और पंजाब में भड़की हिंसा की आग उत्तर प्रदेश के पश्चिमी इलाके में भी फैल गई है। उनके समर्थकों ने गाजियाबाद में एक सरकारी बस को आग के हवाले कर दिया। उपद्रवियों ने कई दुकानों में तोड़फोड़ भी की है।
राज्य सरकार ने सुरक्षा के मद्देनजर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अदालत के फैसले के बाद ही हाई अलर्ट जारी कर दिया था। मुजफ्फरनगर, बागपत, शामली, गाजियाबाद और नोएडा समेत कई जिलों में धारा 144 भी लागू कर दिया था। इसके अलावा प्रदेश में हरियाणा से लगी सीमा को भी सील कर दिया, फिर भी बाबा राम रहीम के समर्थक आगजनी की घटना को अंजाम देने में सफल रहे। हालांकि घटना के बाद पुलिस आरोपी समर्थकों की तलाश में दबिश दे रही है।
गाजियाबाद में बाबा राम रहीम के समर्थकों द्वारा आगजनी और तोड़फोड़ की घटना को देखते हुए हरियाणा और दिल्ली से सटे सभी इलाकों में पुलिस की गश्त तेज कर दी गई है। मेरठ में एडीजी मेरठ जोन प्रशांत कुमार के निर्देश पर थाना प्रभारियों को अपने-अपने इलाकों में पैदल गश्त करने के लिए कहा गया है।
उधर बागपत जिला प्रशासन ने सुरक्षा के लिहाज से जिले के बरनावा में स्थित डेरा सच्चा सौदा आश्रम में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया है। बताया जाता है कि आश्रम के अंदर सैकड़ों की संख्या में बाबा के समर्थक मौजूद हैं।
गौरतलब है कि दुष्कर्म के एक पुराने मामले में पंचकूला की सीबीआई अदालत ने आज बाबा राम रहीम को दोषी करार दे दिया है। अदालत के फैसले के बाद डेरा समर्थक अनियंत्रित हो गए हैं। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उनके समर्थक बवाल कर रहे हैं। इस हिंसा में अब तक करीब दो दर्जन लोगों के मारे जाने की खबर है।
प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था आनंद कुमार का कहना है कि राज्य के पश्चिमी जिलों विशेषकर हरियाणा से जुड़े जिलों में हाईअलर्ट कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि ऐतिहातन तौर पर क्षेत्र में भारी पुलिस फोर्स लगा गश्त किया जा रहा है। बवाल करने वाले बाबा के समर्थकों को चिह्ति कर लिया गया है।
अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था ने बताया कि मेरठ और आगरा जोन में विशेष अलर्ट किया गया है। इस जोन के कई जिलों में बाबा राम रहीम के समर्थकों की अच्छी संख्या बतायी जाती है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के पश्चिमी जिलों में पांच दिन पहले ही इस सम्बंध में सचेत रहने को निर्देश जारी कर दिये गये थे।