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हाइड्रो सीडिंग सिस्टम से होगा बद्रीनाथ भूस्खलन का ट्रीटमेंट

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बद्रीनाथ हाईवे के भूस्खलन वाले स्थानों का ट्रीटमेंट अब हाइड्रो सीडिंग सिस्टम से किया जाएगा। ट्रायल के तौर पर बद्रीनाथ हाईवे पर मैठाणा भूस्खलन जोन में इस सिस्टम से ट्रीटमेंट कार्य शुरु भी कर दिया गया है। हाईवे के अन्य भूस्खलन क्षेत्रों में भी हाइड्रो सीडिंग सिस्टम से भूस्खलन की रोकथाम की जाएगी।

बद्रीनाथ हाईवे पर 21 ऐसे भूस्खलन व हैं जो बारिश में एनएच तथा बीआरओ के लिए सिर दर्द बन जाता है। आय दिन इन स्थानों पर मार्ग अवरुद्ध हो जाना एक सामान्य सी प्रक्रिया हो गई है। मैठाणा में वर्ष 2013 की आपदा के बाद से लगातार भूस्खलन हो रहा है। यहां करीब साढ़े तीन सौ मीटर तक हाईवे दस मीटर तक धंस गया है।

वहीं, वर्ष 2016 में राज्य सरकार ने भूस्खलन क्षेत्रों के ट्रीटमेंट का कार्य सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) से हटाकर लोक निर्माण विभाग (एनएच) को दे दिया था। बीते मई माह को एनएच की ओर से भूस्खलन का ट्रीटमेंट कार्य इटली की मेगा-फेरी कंपनी को दिया गया। कंपनी के इंजीनियरों द्वारा भूस्खलन क्षेत्र में वायो इंजीनियरिंग सिस्टम के तहत हिल साइड करीब दो मीटर तक क्रेटवाल (जाली वाली दीवार) लगाई जा रही है। साथ ही भूस्खलन से कमजोर पड़ी पहाड़ी पर हाइड्रो सीडिंग सिस्टम के जरिए हरी घास और विभिन्न प्रजाति के पौधों के बीजों का रोपण किया जा रहा है।

परिवहन मंत्रालय देहरादून के इंजीनियर रजत पांडे ने बताया कि हाइड्रो सीडिंग सिस्टम के तहत पहाड़ी पर ऐसी प्रजाति के पौधों का बीज बोया जाता है, जिनकी जड़ें लंबी होती हैं। इससे मिट्टी नीचे की ओर नही खिसकती है।

क्या है हाइड्रो सीडिंग सिस्टम
केमिकल के साथ स्थानीय प्रजाति के पौधों के बीज, खाद, फर्टिलाइजर, बूसा और हरी घास मिला कर एक मशीन में डाले जाते हैं। बाद में इस मिश्रण को स्प्रे से कमजोर पहाड़ी पर डाला जाता है। करीब एक सप्ताह के भीतर तेजी से पौधे और हरी घास उगनी शुरु हो जाती है। इससे एक माह के भीतर पहाड़ी पर हरियाली आ जाती है। इसके बाद मिट्टी से भूस्खलन थम जाता है। साथ ही बारिश का पानी भूमिगत होने के बजाय सीधे नीचे की ओर बहना शुरु हो जाता है।

पंचेश्वर बांध की योजना से पर्यावरण को होगा भारी नुकसान

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पंचेश्वर बांध भारत-नेपाल के बहुत बड़े इलाके की ऊर्जा और सिंचाई की जरुरतों को भले ही पूरी करे, लेकिन हिमालयी क्षेत्र के पर्यावरण को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। भारत-नेपाल के बीच सरकार दुनिया के सबसे बड़े बांध को बनाने की योजना पर लगातार आगे बढ़ रही है। ऐसे में ये सवाल उठना लाज़मी है कि टिहरी से तीन गुना बड़ी पंचेश्वर बांध की झील किस तेजी से पर्यावरण को प्रभावित करेगी।

पंचेश्वर बांध को लेकर जिस प्रकार से बैठकों में विरोध का स्वर देखने को मिला यह भी चिंता का विषय है। बांधों के प्रभाव का बारीक अध्ययन करने वालों की मानें तो इससे जहां पहाड़ों में भू-स्खलन की घटनाओं में बढ़ोत्तरी देखने को मिलेगा। वहीं, इस झील से पैदा होने वाले मानसून से बादल फटने की संभवनाएं बनी रहेंगी। पहाड़ों में साल भर नमी और कोहरे की मार झेलनी पड़ सकती है। अतिसंवेदनशील ज़ोन फाइव में प्रस्तावित इस बांध से जहां भूकम्प के झटकों में इजाफा होने की आशंका है, वहीं 116 वर्ग किलोमीटर की महाझील कई खतरों को एक साथ आमंत्रित करने के लिए काफी है।

वहीं प्रस्तावित पंचेश्वर बांध ऊंचाई के लिहाज से विश्व का सबसे ऊंचा बांध होगा और 311 मीटर ऊंचा ये बांध दुनिया के उस हिस्से में प्रस्तावित है, जहां दुनिया की सबसे युवा पर्वत श्रृंखला है। जानकारों की मानें तो बांध बनने से हिमालय की तलहटी में 116 वर्ग किलोमीटर एरिया में पानी का भारी दबाव बनेगा। इस इलाके में पहले से ही भू-गर्भीय खिंचाव बना हुआ है, जिस कारण भारतीय प्लेटें यूरेशिया की ओर लगातार खिंच रही हैं। धरती के गर्भ में हो रही इस हलचल में मानवीय हस्तक्षेप जले में नमक का काम कर सकता है।

पर्यावरण मामलों के जानकार प्रकाश भंडारी ने बताया कि इतने भारी दवाब से कभी भी पहाड़ की धरती कांप सकती है। इसका खामियाज़ा पहाड़ों में रहने वालों के साथ ही मैदानी इलाकों को भी भुगतना पड़ेगा।

हरियाणा सरकार ने उप महाधिवक्ता गुरदास सिंह सलवारा को तुरंत प्रभाव से हटाया

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हरियाणा सरकार ने शनिवार को तुरंत प्रभाव से चण्डीगढ़ स्थित हरियाणा महाधिवक्ता कार्यालय में नियुक्त उप महाधिवक्ता गुरदास सिंह सलवारा को उनके पद से हटा दिया है। उप महाधिवक्ता गुरदास सिंह सलवारा ने शुक्रवार को सीबीआई कोर्ट में पेशी के दौरान डेरा प्रमुख का बैग उठाया था। सीबीआई कोर्ट ने डेरा प्रमुख को यौन शोषण के केस में दोषी ठहराया है।

पंचकूला हिंसा और आगजनी के बाद विपक्ष समेत आमजनों के निशाने पर आई मनोहर लाल खट्टर सरकार ने कड़ी कार्रवाई करते हुए उस लीगल अफसर को बर्खास्त कर दिया है, जिसने हेलीकॉप्टर से रोहतक जेल भेजे जाने के दौरान बलात्कारी बाबा राम रहीम का बैग उठाया था। सरकार ने इस मामले में आरोपी राज्य के डिप्टी एडवोकेट जनरल गुरदास सिंह को पद से हटा दिया है। बता दें कि पंचकूला की सीबीआई कोर्ट ने शुक्रवार को एक साध्वी के बलात्कार के आरोप में गुरमीत राम रहीम सिंह को दोषी करार दिया था। इसके बाद उसके लाखों समर्थक गुंडागर्दी पर उतारू हो गए थे।

पंचकूला से शुरू हुई हिंसा और आगजनी की घटनाओं ने सिरसा समेत पूरे पंजाब और हरियाणा को अपनी चपेट में ले लिया। देखते ही देखते दोनों राज्यों के कई शहर जलने लगे। इस हिंसा में अब तक कुल 33 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 29 सिर्फ पंचकूला में मौत हुई है।

लोगों के लिए समाधान बन रहा आरटीआई

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सूचना का अधिकार अधिनियम लोगों को जानकारी मुहैया कराने के साथ ही समस्याओं के समाधान में सहायक भी साबित हो रहा है। ऐसे ही एक मामले में एक व्यक्ति के खाते से काटी गई 49 हजार की राशि करीब चार माह बाद आरटीआइ की अर्जी लगाने के बाद वापस कर दी गई।

ऋषिकेश में हरिद्वार रोड स्थित पीएनबी की बैंक शाखा में अरविंद शर्मा के खाते से तीन व चार मार्च 2017 को 49 हजार रुपये काट लिए गए थे। यह राशि इन दोनों दिन चार बार निकाली गई थी। इसको लेकर जब उन्होंने बैंक प्रबंधन से संपर्क किया तो अधिकारियों ने हाथ खड़े कर दिए। जुलाई माह में आरटीआइ कार्यकर्ता विनोद कुमार जैन ने आरटीआइ में रकम निकाले जाने को लेकर विभिन्न जानकारी पूछी थी। यह भी पूछा था कि ऐसे मामलों में रकम वापसी के क्या प्रावधान हैं और यदि राशि किसी एटीएम से निकाली गई है तो उसकी जानकारी भी दी जाए। देहरादून के मंडल प्रबंधक आरए शर्मा की ओर से आरटीआइ आवेदन के अन्य प्रश्नों का जवाब तो नहीं दिया गया लेकिन एक बिंदु में यह जानकारी जरूर दी गई कि अरविंद शर्मा के खाते में 49 हजार रुपये जमा कर दिए गए हैं।

ऋषिकेश में राम रहीम के भक्तों पर कड़ी नजर

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ऋषिकेश में भी राम रहीम के समर्थकों के अड्डों पर खुफिया विभाग के कर्मचारी व पुलिस कर्मियों द्वारा कड़ी नजर रखी जा रही है और डेरा सर्मथकों के यहां आने जाने वाले लोगों से पूछताछ किया जा रहा है।

खुफिया विभाग के एक अधिकारी का कहना था कि राम रहीम के समस्त अड्डे श्यामपुर व बनखंडी में है, जहां प्रत्येक रविवार को उनके समर्थक सतसंग करने के साथ रामरहीम के प्रवन भी सुनते है। इसी के साथ राम रहीम के दो कार्यक्रम ऋषिकेश मे भी हो चुके हैं। जिसमें एक भरत मंदिर के मैदान में महासम्मेलन तथा एक विशाल सफाई अभियान का आयोजन किया गया था जिसमें राम रहीम स्वयं मौजूद रहे थे।

इन्हीं गति विधियों के कारण उनके समर्थकों के यहां प्रत्येक गतिविधियों पर निगरानी की जा रही है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि राम रहीम को सजा सुनाये जाने के दौरान ऋषिकेश क्षेत्र से कोई भी उनका समर्थन पंचकूला नहीं गया था, उसके बावजूद भी सुरक्षा की दृष्टि से निगरानी किया जाना अत्यंत आवश्यक है।

 

महिला प्रतिनिधि मंडल ने सीएम से की भेंट

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मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में, ‘फिक्की लेडीज आॅर्गनाइजेशन’ की अध्यक्ष वास्वी भारत राम के नेतृत्व में महिला व्यवसायियों के प्रतिनिधिमण्डल ने शिष्टाचार भेंट की। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को राज्य में अपनी महिला सशक्तिकरण तथा सामाजिक कार्यों से सम्बन्धित गतिविधियों से अवगत कराया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि, “राज्य सरकार द्वारा अगले एक से दो वर्षो तक ‘बेटी-बचाओ, बेटी-पढ़ाओ’ कार्यक्रम पर विशेष फोकस किया जा रहा है। उन्होंने राज्य के तीन जिलों पिथौरागढ़, पौड़ी तथा चम्पावत में लिंगानुपात कम होने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि उक्त जिलों में ‘बेटी-बचाओ, बेटी-पढ़ाओ, बेटी-बढ़ाओ’ तथा महिला सशक्तिकरण के प्रयासों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।” इस अवसर पर शिल्पी अरोड़ा, जयन्ती डालमिया आदि उपस्थित रहे।

फिल्म भूमि का नया गाना ‘लग जा गले…’ लांच

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ओमांग कुमार के निर्देशन में बनी टी-सीरीज और निर्माता संदीप कुमार सिंह की फिल्म भूमि का नया गाना लांच कर दिया गया है। इस गाने ‘लग जा गले…’ को राहत फतह अली खान ने गाया है, जबकि प्रिया सरैया ने इसे लिखा है। सचिन-जिगर की जोड़ी ने इसे संगीतबद्ध किया है और इस रोमांटिक गाने को अदिति राव हैदरी के साथ सिद्धांत गुप्ता पर फिल्माया गया है।

टीवी सीरियलों में काम करने वाले सिद्धांत गुप्ता पहली बार किसी फिल्म में काम कर रहे हैं और इस फिल्म में उनकी जोड़ी अदिति के साथ है। फिल्म में अदिति के पिता के रोल में संजय दत्त हैं, जो काफी समय बाद फिल्मों में वापसी कर रहे हैं। इससे पहले फिल्म में संजय दत्त की आवाज में रिकार्ड हुई गणपति बप्पा की आरती को सोशल मीडिया पर लांच किया गया। आने वाले वक्त में फिल्म के दो और गानों को लांच किया जाना है। इस फिल्म में सनी लियोनी का आइटम सांग भी लांच किया जा चुका है।

आगामी 22 सितंबर को रिलीज होने जा रही इस फिल्म की कहानी यूपी की है और इसकी शूटिंग आगरा तथा आसपास के इलाकों में हुई है। फिल्म में शरद केलकर और शेखर सुमन भी अहम रोल में नजर आएंगे। 

हरियाणा में राम रहीम के 36 आश्रम सील, डेरा मुख्यालय पर सेना का घेरा 

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साध्वी से दुष्कर्म मामले में 15 साल बाद दोषी करार दिए जाने पर डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम के समर्थकों द्वारा की गई हिंसा के बाद शनिवार को शासन और प्रशासन ने डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ व्यापक कार्रवाई की है। राम रहीम की जेड प्लस सुरक्षा हटा दी गयी है और हरियाणा में उनके 36 आश्रमों को सील किया गया है। सिरसा में डेरा मुख्यालय को सेना ने घेर कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस ने डेरा प्रमुख के 6 निजी सुरक्षा गार्डों को हिरासत में लिया है। शुक्रवार को हुई हिंसा में अबतक 32 लोगों की मौत हुई है। उधर, शनिवार को भी पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने कानून व्यवस्था के मुद्दे पर हरियाणा सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। हरियाणा-पंजाब समेत आसपास के दूसरे राज्यों में भड़की हिंसा को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के दिल्ली स्थित आवास पर हाईलेवल बैठक हुई जिसमें अर्ध सैनिक बलों की समय से तैनाती नहीं किए जाने पर नाराजगी व्यक्त की गई।

साध्वी से रेप केस में 15 साल बाद शुक्रवार को पंचकूला की सीबीआई अदालत द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद डेरा प्रमुख के समर्थकों ने जमकर उत्पात मचाया। हरियाणा और पंजाब में हुई हिंसा में अब तक 32 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 250 से ज्यादा लोग घायल हैं।

इस बीच शनिवार को सेना ने सिरसा में दोनों डेरों को घेर लिया है। सेना अपने साथ समर्थकों को ले जाने के लिए बसें लेकर आयी है। डेरे के अंदर बड़ी संख्या में समर्थक मौजूद हैं। सिरसा में शनिवार को पहले अल सुबह सेना ने फ्लैग मार्च निकाला। इसके बाद पूर्वाह्न 11 बजे डेरे को घेरने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी। सेना के जवानों ने पहले पुराने डेरे को घेरा। इसके बाद वहां से लगभग दो किलोमीटर दूर नए डेरे को घेरा। सेना अंदर घुसने की तैयारी कर रही है लेकिन डेरे के अंदर बड़ी संख्या में समर्थक मौजूद हैं। इनमें महिलाएं तथा बच्चे भी हैं। डेरा समर्थकों के पास अंदर हथियार होने की भी आशंका है। ऐसे में सेना अंदर जाने के पहले सभी तमाम ऐहतियात बरत रही है ताकि अगर डेरा समर्थक प्रतिरोध करें तो आपरेशन के दौरान कम से कम नुकसान हो।
पुलिस ने राम रहीम के 6 निजी सुरक्षा बलों को हिरासत में लिया है। इनके पास से हथियार, केरोसिन तेल भी जब्त किया गया है। राम रहीम के इन 6 सुरक्षा गार्ड और 2 डेरा समर्थकों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है। इन सभी पर शुक्रवार को वाहनों की चेकिंग के समय आईजी स्तर के एक वरिष्ठ पुलिस अफसर को चांटा मारने का आरोप है। हरियाणा में राम रहीम के 36 आश्रमों के सील किया गया है जिनमें करनाल, अंबाला, कैथल और कुरुक्षेत्र के आश्रम भी हैं।

हरियाणा के पुलिस महानिदेशक बीएस संधू के अनुसार डेरा प्रमुख राम रहीम की जेड प्लस सुरक्षा हटा दी गयी है। उन्हें रोहतक की जेल में एक सामान्य कैदी की तरह रखा गया है। उन्होंने बताया कि डेरा प्रमुख के खिलाफ आए फैसले के बाद भड़की हिंसा में 524 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यही नहीं डेरा समर्थकों के पास से तीन राइफल तथा पिस्टल और कारतूस भी बरामद हुआ है। इसके साथ उन्होंने स्पष्ट किया कि सिरसा में डेरा मुख्यालय के अंदर सेना नहीं घुसी है। सेना ने डेरे के बाहर घेरा डाला है। अंदर मौजूद समर्थकों से बाहर निकने की अपील की जा रही है।

इस मामले में लगातार नजर रख रहे पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में शनिवार को हरियाणा और पंजाब में कानून व्यवस्था की स्थिति रिपोर्ट पेश की गई। कोर्ट ने सख्त निर्देश दिया कि दोनों ही राज्यों के डीसी अपने यहां हिंसा के कारण हुए आर्थिक नुकसान की रिपोर्ट मंगलवार को तीन बजे तक पेश करें। हाईकोर्ट में जस्टिस एसएस सरो की नेतृत्व वाली खंड पीठ ने डेरा प्रमुख के खिलाफ चल रहे केस में कानून व्यवस्था की स्थिति पर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई प्रारम्भ की। इसमें दोनों राज्यों की तरफ से उनके महाधिवक्ताओं ने अपने राज्यों की मौजूदा कानून-व्यवस्था की रिपोर्ट प्रस्तुत की। हरियाणा में डेरा प्रमुख के खिलाफ फैसला आने के बाद पंचकूला में 28 तथा सिरसा में 4 लोगों की मौत हुई है। पूरे हरियाणा में डेरा समर्थकों पर आठ केस दर्ज किए गए हैं।
दूसरी तरफ, पंजाब में भड़की हिंसा में डेरा समर्थकों पर 45 केस दर्ज किए हैं। इस स्थिति को देखने के बाद हाईकोर्ट ने कानून-व्यवस्था को लेकर चिंता जताई। हाईकोर्ट ने कहा कि दोनों राज्यों के डीसी आम जनता तथा दुकानदारों के साथ ही सरकारी महकमों को भी हिंसा के कारण क्या आर्थिक नुकसान हुआ है, इसकी रिपोर्ट मंगलवार को तीन बजे तक पेश करें। इस हिंसा के कारण किसको कितना मुआवजा देना है, यह अब हाईकोर्ट तय करेगा। आप रिपोर्ट प्रस्तुत करें। इस रिपोर्ट में सरकारी महकमे को हुआ आर्थिक नुकसान भी शामिल रहेगा।
उधर, हरियाणा के साथ ही दिल्ली में कृष्णा नगर में मौजूद डेरे की भी पुलिस ने तलाशी ली। दिल्ली के डेरे में कई महंगी बाइक और गाड़ियां खड़ी हैं।

केंद्रीय गृहमंत्री सिंह के दिल्ली स्थित आवास पर आज एक उच्चस्तरीय बैठक में इन सभी हालात की समीक्षा की गई। इस बैठक में एनएसए अजीत डोभाल, आईबी चीफ राजीव जैन, गृह सचिव राजीव महर्षि समेत केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के उच्च अधिकारी शामिल हुए।
सूत्रों के अनुसार बैठक में राजनाथ ने अर्धसैनिक बलों की समय से तैनाती नहीं करने पर नाराजगी जताई। राजनाथ ने हिंसा से निपटने के लिए कड़े कदम उठाने पर जोर दिया। दरअसल हिंसा पर हरियाणा सरकार के ढुल-मुल रवैये के चलते केंद्र की भी देश में फजीहत हो रही है। इसके चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी खासे नाराज बताये जा रहे हैं। वहीं पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के लगातार निर्देशों का पालन नहीं करने पर भी खट्टर सरकार निशाने पर है। कयास लगाए जा रहे थे कि इस उच्च स्तरीय बैठक में मनोहर लाल खट्टर भी पहुंचेंगे लेकिन वह बैठक में शामिल नहीं हुए।

बलात्कार के दोषी डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की गिरफ्तारी से नाराज उनके समर्थकों द्वारा सार्वजनिक परिवहन के साधन ट्रेन और बसों को निशाना बनाने के चलते रेलवे ने अभी तक 603 ट्रेनों का रद्द कर दिया है जबकि 58 ट्रेनों का रूट छोटा कर चलाया जा रहा है। वहीं दिल्ली से होकर हरियाणा जाने वाली बसों का भी परिचालन रोक दिया गया है। ऐसे में स्टेशनों और बस अड्डों पर यात्री स्थिति के सामान्य होने का इंतजार कर रहे हैं।

कॉलेजों की छात्र राजनीति बनी चिंता का सबब

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दून इस समय छात्र संघ चुनाव के शोर से गूंज रहा है। छात्र नेता पूरे जोर-शोर से खुद को बेहतर साबित करने और छात्र हितों की रक्षा की ताल ठोकते दिख रहे हैं लेकिन धरातल पर देखें तो छात्र संगठनों की प्राथमिकता में न छात्र हैं, न ही छात्र हित। स्थिति यह है कि तमाम छात्र संगठन सीधे तौर पर या अप्रत्यक्ष रूप से किसी न किसी राजनीतिक दल से जुड़े हैं और उन्हीं के एजेंडे पर चुनाव मैदान में हैं। कॉलेज तमाम समस्याओं से जूझ रहे हैं लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं।

शिक्षा में गुणवत्ता के लिए सबसे बड़ा मुद्दा है शिक्षकों की तैनाती लेकिन धरातल पर गौर करें तो बीते कई वर्षों से 50 फीसद से ज्यादा पद खाली हैं। संसाधनों के मामले में भी तमाम कॉलेजों की स्थिति बदतर है। जो शिक्षक तैनात हैं, उनकी उपस्थिति को लेकर किए गए तमाम प्रयासों के बावजूद शिक्षक छात्रों के लिए कम ही उपलब्ध होते हैं। इतना ही नहीं ट्यूशन का खौफ अब भी छात्रों पर नजर आता है। बात ढांचागत और छात्र सुविधाओं की करें तो दून के किसी भी कॉलेज के भवन को पर्याप्त और सुदृढ़ नहीं कहा जा सकता। छात्र-छात्राओं के लिए साफ सुथरे शौचालय, परिसर में वाइ-फाई या इंटरनेट की सुविधा, खेलने के लिए पर्याप्त संसाधन, पढ़ने के लिए उच्चस्तरीय पुस्तकालय तक नहीं हैं। छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के लिए भी किसी कॉलेज के पास पर्याप्त संसाधन नजर नहीं आते। किताबों और पाठ्यक्रम में सुधार को लेकर भी कोई कवायद नहीं की जाती। इनके अलावा विश्वविद्यालयों से जुड़े मामलों में भी स्थिति बेहतर नहीं है। परीक्षाओं के आयोजन से लेकर परिणाम जारी किए जाने तक में देरी होती है, जिस कारण छात्र कई छात्रवृत्तियों का लाभ नहीं ले पाते। इसके अलावा अंक तालिकाओं व उपाधि समय से न मिलने से भी छात्रों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
इन तमाम बिंदुओं पर मशक्कत की जरूरत है। इसके बावजूद छात्र राजनीति के पैरोकारों के पास इनमें से कोई मुद्दा नजर नहीं आता। चुनावों का शोर तो है लेकिन न तो अब तक कोई छात्र संगठन घोषणा पत्र जारी कर पाया है, न ही इन मुद्दों को छू पाया है। छात्र संगठन महज नारेबाजी और प्रत्याशियों के नामों तक ही अटका है। ऐसे में छात्र नेतृत्व को मजबूत करने और छात्र हितों को आवाज देने की मंशा छात्र संघ चुनावों में कहीं नजर नहीं आती। हां, चुनाव के दौरान अव्यवस्थाएं, मारपीट, संस्थानों से उगाही जैसी समस्याएं जरूर नजर आती है। ऐसे में छात्र राजनीति किस दिशा में जा रही है, इस पर मंथन करने की जरूरत है।
बीते एक दशक पर गौर करें तो दून के चार कॉलेजों से 40 छात्र संघ अध्यक्ष और करीब 300 अन्य पदाधिकारी चुने गए। इसके बावजूद आज छात्रहितों के मुद्दों पर आवाज उठानी हो तो 100 लोग एकत्र नहीं होते लेकिन किसी राजनीतिक दल की रैली में भीड़ बढ़ानी हो तो हजारों छात्रों को यही छात्रनेता जुटा लेते हैं। साफ है कि छात्र राजनीति केवल बड़े नेताओं के लिए भीड़ एकत्र करने का जरिया मात्र बनकर रह गई है।

कहां से आता है चुनाव खर्च
हर साल छात्र संघ चुनाव में लाखों रुपये फूंके जाते हैं। सवाल यह है कि ये राशि आती कहां से है। सूत्रों की मानें तो कुछ संगठन शिक्षण संस्थानों की कमियों को निशाना बनाकर उगाही करते हैं तो कुछ संगठन बड़े राजनीतिज्ञों के बूते चुनाव में खर्च करते हैं। ऐसे में चुनाव जीतने के बाद उनकी निष्ठा इन्हीं वित्तीय सहायकों के साथ जुड़ी रहती है और छात्र हित के मुद्दे हाशिये पर होते हैं।
प्रमुख मुद्दे, जो एजेंडे में नहीं
-शिक्षकों की कमी
-संसाधनों की कमी
-शिक्षकों की उपस्थिति
-भवनों की स्थिति
-कॉलेजों की कमी
-छात्रवृत्तियां
-परीक्षाओं और परिणामों में देरी
-अंकतालिका व उपाधि मिलने में परेशानी
-खेल सुविधाएं
-शौचालय
-छात्रों की सुरक्षा
-इंटरनेट की सुविधा
-कंप्यूटर लैब
-पुस्तकालय
-प्रयोगशालाएं
-साफ-सफाई
-किताबें
-पाठ्यक्रम में सुधार
-ट्यूशन पढ़ने की बाध्यता
रविंद्र जुगरान, पूर्व छात्र नेता, पूर्व उपाध्यक्ष राज्य युवा कल्याण परिषद ने कहा कि छात्र राजनीति अपनी राह भटक गई है। छात्र-छात्राओं के मुद्दों को भूल छात्र अराजक हो रहे हैं। उन्हें दिशा देने वाला कोई नहीं है, सभी छात्रों को भटका रहे हैं।
वहीं, संग्राम सिंह पुंडीर, पूर्व छात्र संघ अधयक्ष, डीएवी कॉलेज ने कहा कि बेहतर कल के लिए माहौल तैयार करना होगा। किसी न किसी को सुधार के लिए तो आगे आना ही होगा। प्रत्याशी के नाम राजनीतिक दल तय करेंगे तो साफ है कि छात्रों की निष्ठा भी उन्हीं के साथ होगी।
जबकि पूर्व छात्र नेता आदित्य चौहान ने कहा किअधिकांश छात्र बस ग्लैमर के लिए छात्र राजनीति में आ गए हैं। राज्य के हजारों छात्र हर साल पलायन कर रहे हैं। कारण, पढ़ने के लिए साधन नहीं है। इस ओर छात्र नेताओं को ध्यान देना चाहिए।

हरीश रावत ने हरियाणा के सीएम खट्टर से मांगा इस्तीफा

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प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हरियाणा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हिंसा रोकने में विफल सीएम मनोहर लाल खट्टर को अपने पद से तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए।

पूर्व सीएम हरीश रावत ने पत्रकार वार्ता में कहा कि भाजपा सरकार के संरक्षण में ही पंचकुला में हिंसा हुई है। नहीं तो इतनी बड़ी संख्या में राम रहीम के समर्थक पंचकुला नही पहुंच सकते थे। उन्होंने कहा कि सीएम खट्टर व राम रहीम के संबंध जग जाहिर हैं। राम रहीम के साथ राज्य में स्वच्छ भारत अभियान चलाने वाले खट्टर के पास आज पंचकुला हिंसा के बारे में बोलने के लिए कुछ नहीं है। इसलिए उन्हें तत्काल अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
उत्तराखण्ड भाजपा सरकार को कोसते हुए कहा कि सरकार मलपा व मांगती में हुई दैवीय आपदा की घटना को लेकर चिंतित नही दिख रही हैैं। इस घटना में कई लोेग अभी भी लापता बताए जा रहे है फिर भी भाजपा सरकार अन्य कार्यो में मशगूल है, जो उनके फायदे के है।
हरीश रावत ने भाजपा पर चुटकी लेते हुए कहा कि डेनिस शराब पर हल्ला मचाने वाली भाजपा की सरकार आज दबंग शराब की ब्रांड एंबेसडर बन गई है और इस शराब को गांव-गांव पहुंचाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि बाजपुर की चीनी मिल को बेचने का एक सोची समझी चाल चली जा रही है। यही कारण है कि लगातार चीनी मिल के कर्मचारियों का घो उपेक्षा की जा रही है। सरकार चीनी मिल को को निजी स्वामियों को देकर हजारों कर्मचारियों को बेरोजगार बनाना चाह रही है।