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एक महीने बाद भी महंत मोहनदास का सुराग नहीं मिलने से संतों में रोष

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हरिद्वार, पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के कोठारी महंत मोहनदास के लापता होने के एक माह बाद भी पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला। जांच टीम के हाथ खाली हैं। वहीं एसएसपी का कहना है कि इस मामले की तफ्तीश चल रही है। जल्द ही खुलासा किया जाएगा।

ज्ञात हो कि 15 सितम्बर की रात्रि कोठारी महंत मोहनदास महाराज हरिद्वार से लोकमान्य तिलक ट्रेन से मुंबई इलाज कराने के लिए निकले थे। रास्ते में संदिग्ध परिस्थितियों में वे लापता हो गए। तब से आज तक महंत का कोई सुराग नहीं लगा। पुलिस की टीम भोपाल, मुम्बई, नेपाल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश आदि की लगातार खाक छान रही है। इसके बावजूद हाथ खाली है।

स्थानीय एसआईटी के बाद प्रदेशस्तरीय एसआईटी का गठन किया गया। उत्तराखण्ड के साथ उत्तर प्रदेश की एसआईटी ने मिलकर महंत की खोज की, तब भी महंत मोहनदास का कुछ नहीं पता चला। इस दौरान संतों के दबाव में मुख्यमंत्रती समेत कई अन्य मंत्रियों ने भी महंत को शीघ्र ढूढ़ लाने का आश्वासन दिया, मगर एक माह बाद भी जांच टीम कोई सुराग नहीं लगा पाई है।

हरिद्वार के एसएसपी कृष्ण कुमार बीके ने इस संबंध में बताया कि, “मामले में उत्तराखण्ड एसआईटी और उत्तर प्रदेश एसआईटी पूरी तन्यमयता से कई कोणों पर काम कर रही है। जल्दी ही इस मामले का खुलासा किया जाएगा। पुलिस भी इस दिशा में प्रयासरत है और इस संभावना पर भी छानबीन की जा रही है कि कहीं महंतजी अज्ञातवास में न चले गए हों।”

जॉन की फिल्म में अदिति राव का आइटम सांग

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हाल ही में रिलीज हुई संजय दत्त की फिल्म ‘भूमि’ में उनकी बेटी का टाइटल रोल करने वाली अदिति राव हैदरी को लेकर खबर मिल रही है कि पहली बार वे किसी फिल्म में आइटम सांग करने जा रही हैं। मिली जानकारी के अनुसार, जॉन अब्राहम की आने वाली फिल्म ‘परमाणु’ में अदिति राव हैदरी का आइटम सांग होगा। फिल्म में जान के साथ डायना पैंटी की जोड़ी है।

मिली जानकारी के मुताबिक, अदिति राव हैदरी का आइटम सांग अगले महीने राजस्थान की अलग अलग लोकेशनों पर फिल्माया जाएगा। 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार द्वारा किए गए राजस्थान के पोकरण में पांच परमाणु परीक्षण करने की घटना पर आधारित इस फिल्म में जान और डायना पैंटी दोनों भारतीय सेना के अधिकारी का रोल कर रहे हैं।

जान अब्राहम के प्रोडक्शन में बनी इस फिल्म का निर्देशन अभिषेक शर्मा ने किया है। इस फिल्म को पहले 8 दिसंबर को रिलीज किया जाना था, लेकिन 1 दिसंबर को संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती को रिलीज करने की घोषणा के बाद इस फिल्म को अगले साल तक के लिए टाल दिया गया है। पद्मावती में रणबीर सिंह की पत्नी के रोल में अदिति राव हैदरी भी नजर आएंगी।

चार लाख जुटाकर पेश की मिसाल

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देहरादून, सरस्वती विहार के लोगों ने करंट लगने से झुलसकर एक हाथ गंवाने वाले सात साल के दिव्यांश कंडारी के इलाज के लिए चार लाख रुपये एकत्रित कर एक मिसाल कायम की है।

सरस्वती विहार का दिव्यांश कंडारी कुछ दिन पहले पड़ोसी की छत पर खेलते समय हाई टेंशन लाइन की चपेट में आ गया था। बुरी तरह झुलसे दिव्यांश की जान बचाने के लिए डॉक्टरों को उसका दायां हाथ काटना पड़ा। साथ ही इलाज के लिए करीब 11 लाख रुपये का खर्च बताया, दिव्यांश के पिता की माली हालत ठीक नहीं है। ऐसे में उनके लिए रुपयों का इंतजाम करना नामुमकिन नजर आ रहा था, लेकिन संकट की इस घड़ी में सरस्वती विहार विकास समिति आगे आई और सदस्यों ने घर-घर जाकर दिव्यांश के इलाज के लिए रकम जुटाना शुरू कर दिया।

समिति के अथक प्रयास से करीब चार लाख रुपये एकत्रित किए गए। उसे दिव्यांश के इलाज के लिए उसके पिता दौलत कंडारी को सौंप दिया। साथ ही समिति के अध्यक्ष वीपी शर्मा ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से गुहार लगाई कि वह दिव्यांश के इलाज के लिए मदद करें।

समति ने समाज के जागरूक लोगों से भी दिव्यांश की मदद को आगे आने की अपील की। समिति के सचिव गजेंद्र भंडारी ने बताया कि दिव्यांश का इलाज कैलाश अस्पताल में चल रहा है, कोई भी व्यक्ति अस्पताल से संपर्क कर मदद कर सकता है। 

दीवाली के बाद पुणे पंहुचेंगे अनुपम खेर

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पुणे स्थित फिल्म टेलीविजन इंस्टिट्यूट आफ इंडिया (एफटीआईआई) के चेयरमैन के पद पर नवनियुक्त अनुपम खेर दीवाली के बाद अपना पदभार संभालने पुणे पंहुचेगे। अभी इस बारे में कोई तारीख तय नहीं हुई है। हाल ही में केंद्र सरकार ने गजेंद्र सिंह की जगह इस पद पर अनुपम खेर की नियुक्ति की है।

अनुपम खेर इस संस्थान के छात्र रहे हैं और अब इसी संस्थान के चेयरमैन बनाए गए हैं। अनुपम खेर ने कहा है कि वे छात्रों और प्रशासन के बीच अच्छा तालमेल बैठाने की कोशिश करेंगे और छात्रों के साथ सीधे तौर पर संवाद स्थापित करेंगे। अनुपम खेर का कहना है कि, वहां का छात्र होने के नाते वे वहां की परेशानियों को अच्छी तरह समझ सकते हैं। अनुपम खेर को भरोसा है कि जल्दी ही समस्याओं को सुलझाकर इंस्टिट्यूट तरक्की के रास्ते पर लौट आएगा और पुराने दिनों वाली स्थित में पंहुच जाएगा।

इस बीच एफटीआईआई के छात्रों ने अपनी मांगो को लेकर अनुपम खेर के नाम एक खुला पत्र लिखा है। इस पत्र में संस्थान की समस्याओं के बारे में छात्रों के नजरिए को रखा गया है। खेर ने आश्वस्त किया है कि इन मुद्दों को लेकर वे जल्दी ही छात्रों के बीच जाएंगे

नगर स्वास्थ्य अधिकारी पर आरटीआई कार्यकर्ता को धमकाने का आरोप

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देहरादून, आरटीआई कार्यकर्ता रामेश्वर मिश्रा को नगर स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा दी गई धमकी का मुद्दा डीजीपी तक पहुंच गया है। इस संदर्भ में रामेश्वर मिश्रा ने उचित कार्रवाई की मांग की है।

पुलिस महानिदेशक को सौंपे गए पत्र में मिश्रा ने कहा है कि, समाजसेवी आलोक कुमार के साथ नगर निगम स्वास्थ्य अधिकारी के कक्ष में गया था, जहां आरटीआई कार्यकर्ता का नाम सुनते नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा.कैलाश गुंज्याल द्वारा अभद्रता की गई तथा दर्जनों लोगों को बुलवाकर मुझे जान से मारने की कोशिश की गई तथा मेरा मोबाइल तक तोड़ दिया गया। जिसकी पूरी रिकॉर्डिंग मेरे पास है। साथ ही समाजसेवी आलोक कुमार द्वारा भी इस तथ्य की पुष्टि की जा सकती है। मैं सूचना अधिकार के तहत मैं भ्रष्ट अधिकारियों की पोल खोलता रहता हूं, जिसकी जानकारी डा. कैलाश गुंज्याल को थी, यही कारण है कि उन्होंने मेरे साथ इस तरह की अभद्रता अपने सहयोगियों के साथ मिलकर की। मुझे मानसिक और शारीरिक कष्ट तो पहुंचा ही है,भविष्य में कोई आरटीआई कार्यकर्ता भ्रष्ट अधिकारियों की पोल ऐसे में नहीं खोल पाएगा। यह पूरी तरह समाज के लिए घातक है। डा. कैलाश गुंज्याल की इस धमकी तथा उनके सहयोगियों की चेतावनी और मारपीट से मुझे जान का खतरा है। यदि भविष्य में कोई घटना और दुर्घटना होती है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी डा. कैलाश गुंज्याल और उनके सहयोगियों की होगी।”

मिश्रा का कहना है कि, “स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा दी गई धमकी से उन्हें काफी पीड़ा पहुंची है और उन्हें सुरक्षा की सख्त जरूरत है।”

आबकारी विभाग ने जब्त की अवैध शराब की 117 बोतलें

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आबकारी विभाग चमोली को अवैध रूप से बचे जाने वाली शराब को पकड़ने में बड़ी सफलता मिली है। चमोली जिले के विकास खंड घाट के सितेल गांव में आबकारी विभाग ने 117 बोतल अवैध शराब पकड़ा है।

जिला आबकारी अधिकारी हरीश चंद्र ने बताया कि विभाग को जानकारी मिली कि सितेल गांव में एक दुकान में अंग्रेजी अवैध शराब रखी गई है। जब आबकारी विभाग की टीम ने छापा मारा तो दुकान से 117 अवैध बोतल अंग्रेजी शराब की मिली। बताया कि दुकानदार के खिलाफ आबकारी अधिनियम के तहत मुकदमा दायर कर दिया गया है। आबकारी अधिकारी ने इस मामले में राजेंद्र सिंह नामक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया है।

चमोली जिले में अवैध शराब के खिलाफ पुलिस और आबकारी विभाग का अभियान तो जारी है, मगर अंग्रेजी शराब की दुकानों में धड़ल्ले से ओवर रेट से शराब बिकने का मामला थम नहीं रहा है। उपभोक्ताओं का कहना है कि प्रति बोतल पर सौ से दो सौ रुपया ओवर रेट लिया जा रहा है। इस बारे में जब आबकारी अधिकारी से प्रतिक्रिया जाननी चाही तो उन्होंने कहा कि विभाग ने 15 ऐसे मामले संज्ञान में लिए हैं। शासन ने संबंधित क्षेत्र के उपजिलाधिकारियों को भी अधिकार दिए है कि ऐसी शिकायत मिलने पर कार्रवाई कर सकते हैं। 

पटाखों की दुकान मुख्य स्टेशन पर लगाने पर बनी सहमति

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पुलिस प्रशासन ने व्यापारियों के साथ बैठक कर धनतेरस व दिवाली को शांतिपूर्ण व सौहार्द से मनाने के लिए एक बैठक आयोजित की। इसमें सुरक्षा की दृष्टि से पटाखों की दुकान को जिला मुख्यालय गोपेश्वर में मुख्य स्टेशन पर लगाने पर आम सहमति बनाई गई तथा इसके लिए पुलिस ने व्यापारियों को पूरा सहयोग देने की भी बात कही।

सोमवार को थाना गोपेश्वर में थानाध्यक्ष कुंदन राम ने दिवाली को लेकर बैठक आयोजित किया। जिसमें व्यापारियों से सहयोग की अपील की गई तथा व्यापारियों ने पुलिस से सहयोग की अपेक्षा की। साथ ही दिन के समय दिवाली तक मंदिर मार्ग पर देर सांय तक वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई है। वाहनों के पार्किंग के लिए नगर पालिका के नये पार्किंग स्थल को भी खोल दिया गया है ताकि वाहनों को वहां पर पार्किंग कर लोग पैदल चल कर मार्केट से अपनी उपयोग की सामग्री खरीद सकें।

साथ ही मुख्य स्टेशन पर सामूहिक रूप से पटाखों की दुकान लगाने पर भी सहमति बनी। वहीं, जिसके पास श्रम विभाग, नगर पालिका व व्यापार संघ का लाइसेंस होगा, उसे प्रशासन से पटाखे बेचने का लाइसेंस भी लेना होगा।

जब आमने-सामने आए कंगना और करण जौहर

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अपने अपने बयानों से एक दूसरे के खिलाफ निशाना लगाने वाले करण जौहर और कंगना एक समारोह में एक दूसरे के सामने आ गए, लेकिन दोनों में कोई कहासुनी नहीं हुई, बल्कि एक दूसरे को अनदेखा करते हुए आगे निकल गए। एक फोटोफ्रेम में दोनों मीडिया को हाथ हिलाते कैमरों में कैद भी हुए। करण जौहर और कंगना दोनों नीता अंबानी द्वारा मामी फेस्टिवल को लेकर दी गई पार्टी में शामिल होने पहुचे थे। करण जौहर थोड़ा पहले पंहुचे और उनके आने के 15 मिनट बाद कंगना पंहुची। एक पल ऐसा भी आया, जब दोनों एक फ्रेम में आ गए, लेकिन एक दूसरे को देखे बिना ही आगे बढ़ गए। कंगना वहां ज्यादा नहीं रुकीं और नीता अंबानी से मिलकर तुरंत पार्टी से चली गईं, जबकि करण काफी देर बाद निकले। पिछले एक साल से करण जौहर और कंगना के बीच रिश्तों में खटास आ चुकी है। करण के शो काफी विद करण मे हिस्सा लेने गई कंगना ने करण को मूवी माफिया होने का सीधा आरोप जड़ दिया, जिसमें मूल मामला ये था कि करण जौहर अपनी फिल्मों में परिवारवाद को बढ़ावा देते हैं और फिल्मी परिवारों से आए बच्चों को अपनी फिल्मों में ज्यादा मौके देते हैं। करण जौहर ने तिलमिलाकर कंगना पर विक्टिम कार्ड खेलने की बात कहकर उनको फिल्म इंडस्ट्री छोडने की सलाह दी, तो हंगामा हो गया। इस साल आईफा के मंच पर करण जौहर की मौजूदगी में कंगना की खिल्ली उड़ाई गई। 

कला एवं संस्कृति का संरक्षण कर रही है संस्कार भारती: सतपाल महाराज

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संस्कार भारतीय जो विलुप्त हो रही ललित कलाओं की संरक्षक संस्था है। कार्यक्रम में पर्यटनमंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि संस्कार भारती संस्कृति की ध्वज वाहक है।

उन्होंने कहा कि भारतीय सभ्यता संस्कृति और विलुप्त हो रहे संस्कारों के साथ-साथ संस्कृति को संरक्षण देना आज की आवश्यक आवश्यकता है। इसी काम को संस्कार भारती आगे बढ़ा रही है। सतपाल महाराज ने जनरल महादेव सिंह रोड स्थित एक फर्म हाउस में संस्कार भारती द्वारा आयोजित पुरातत्व कला प्रदर्शनी कार्यशाला एवं प्रच्य कला पर आधारित स्मारिका विमोचन के अवसर पर उपस्थित जन समूह को सम्बोधित करते हुए कहा कि गढ़वाल की सांस्कृतिक विरासत हमें सदियों तक जागृत करती रहेगी। उन्होंने इस अवसर पर प्रस्तुत प्रदर्शनी के अभिलेखों, चित्र, वाद्ययंत्रों, अस्त्र-शस्त्र आदि की प्रदर्शनी का लोकार्पण करते हुए कहा कि हमें इस धरोहर को संजोकर रखना है।

उन्होंने कहा कि संस्कार भारती की सफलता के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। महाराज ने स्मारिका को अद्वितीय बताया। कार्यक्रम में संस्कार भारती के प्रांतीय संरक्षक पद्मश्री डा. यशेधर मठपाल ने कहा कि पुराकाल में भारतीय संस्कृति और सभ्यता विश्वव्यापी थी, आज विश्व के तमाम देशों में जो संस्कृतियां हैं, उन पर भारतीय संस्कृति की पूरी तरह छाप है। प्रांतीय अध्यक्ष सतीश कुमार माथुर ने लोक कलाओं को सौन्दर्य बोध कराने वाला बताया तथा कहा कि इनका संरक्षण करना हम सब की जिम्मेदारी है।

क्षेत्र प्रमुख देवेन्द्र रावत ने पश्चात्य संस्कृति और भौतिकवादी जीवन पद्धति से समाज को बचाने का आग्रह किया। विशिष्ट अतिथि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष हरबंस कपूर ने संस्कार भारती के आयोजनों को जनोपयोगी बताते हुए उनकी सराहना की तथा कहा कि संस्था अपने अविरल प्रयासों से निरंतर अग्रसर होती रहेगी। इस अवसर पर जिन विशिष्ट जनों ने अपने विचार रखे, जिनमे प्रांत संगठन मंत्री रोशन लाल, प्रांत उपाध्यक्षा श्रीमती सरिता कपूर के नाम शामिल हैं। दो सत्रों में संपन्न कार्यक्रम में अशोक शर्मा के कविता संग्रह तरंग का लोकार्पण भी किया गया।

कार्यक्रम में संध्या जोशी के निर्देशन में सरस्वती वंदना, ध्येय गीत तथा जागर का प्रस्तुतिकरण किया गया। नाटक व मीडिया के प्रभारी अनिल वर्मा के संयोजन में प्राचीन कला प्रमुख ठाकुर भवानी प्रताप सिंह पंवार को सम्मानित किया गया। डा. श्रीमती भवानी गुप्ता को भी स्मृति चिंह देकर सम्मानित किया गया। प्रथम सत्र का संचालन अरुण चावला तथा आभार प्रदर्शन श्रीमती सविता कपूर ने किया। तृतीय सत्र में कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसकी संयोजक व संचालक डा. ममता सिंह थी।

धनतेरस पर करें यम, कुबेर और धनवंतरि की पूजा

हिंदू धर्म में दीपावली का पर्व बहुत ही हर्षोल्लास से मनाया जाता है। हमारे देश में सर्वाधिक धूमधाम से मनाए जाने वाले त्योहार दीपावली का प्रारम्भ धनतेरस से हो जाता है। धनतेरस छोटी दीवाली से एक दिन पहले मनाया जाता है। इस दिन कोई भी समान लेना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस साल धनतेरस 17 अक्टूबर को है। धनतेरस पूजा को धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है।

धनतेरस के दिन धन्वन्तरी त्रयोदशी या धन्वन्तरि जयन्ती भी होती है। यह आयुर्वेद के देवता के जन्म दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन गणेश लक्ष्मी घर लाए जाते हैं। मान्यता है कि इस दिन कोई किसी को उधार नहीं देता है। इसलिए सभी नई वस्तुएं लाते हैं। इस दिन लक्ष्मी और कुबेर की पूजा के साथ-साथ यमराज की भी पूजा की जाती है। पूरे वर्ष में एक मात्र यही वह दिन है, जब मृत्यु के देवता यमराज की पूजा की जाती है। यह पूजा दिन में नहीं की जाती अपितु रात्रि होते समय यमराज के निमित्त एक दीपक जलाया जाता है। धनतेरस के दिन चांदी खरीदने की भी प्रथा है। अगर सम्भव न हो तो कोई बर्तन खरीदें। इसके पीछे यह कारण माना जाता है कि यह चन्द्रमा का प्रतीक है जो शीतलता प्रदान करता है और मन में सन्तोष रूपी धन का वास होता है। सन्तोष को सबसे बड़ा धन कहा गया है। जिसके पास सन्तोष है वह स्वस्थ है, सुखी है और वही सबसे धनवान है।
धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी इस दिन का विशेष महत्त्व है। शास्त्रों में इस बारे में कहा गया है कि जिन परिवारों में धनतेरस के दिन यमराज के निमित्त दीपदान किया जाता है, वहां अकाल मृत्यु नहीं होती। घरों में दीपावली की सजावट भी आज ही से प्रारम्भ हो जाती है। इस दिन घरों को स्वच्छ कर, लीप-पोतकर, चौक, रंगोली बना सायंकाल के समय दीपक जलाकर लक्ष्मी जी का आवाहन किया जाता है। इस दिन पुराने बर्तनों को बदलना व नए बर्तन खरीदना शुभ माना गया है। इस दिन चांदी के बर्तन खरीदने से तो अत्यधिक पुण्य लाभ होता है। इस दिन कार्तिक स्नान करके प्रदोष काल में घाट, गौशाला, कुआं, बावली, मंदिर आदि स्थानों पर तीन दिन तक दीपक जलाना चाहिए।
इस दिन यम के लिए आटे का दीपक बनाकर घर के मुख्य द्वार पर रखा जाता हैं इस दीप को यमदीवा अर्थात यमराज का दीपक कहा जाता है। रात को घर की स्त्रियां दीपक में तेल डालकर नई रूई की बत्ती बनाकर, चार बत्तियां जलाती हैं। दीपक की बत्ती दक्षिण दिशा की ओर रखनी चाहिए। जल, रोली, फूल, चावल, गुड़, नैवेद्य आदि सहित दीपक जलाकर स्त्रियां यम का पूजन करती हैं। चूंकि यह दीपक मृत्यु के नियन्त्रक देव यमराज के निमित्त जलाया जाता है, अत: दीप जलाते समय पूर्ण श्रद्धा से उन्हें नमन तो करें ही, साथ ही यह भी प्रार्थना करें कि वे आपके परिवार पर दया दृष्टि बनाए रखें और किसी की अकाल मृत्यु न हो। धनतेरस की शाम घर के बाहर मुख्य द्वार पर और आंगन में दीप जलाने की प्रथा भी है।
धनतेरस के दिन यमराज को प्रसन्न करने के लिए यमुना स्नान भी किया जाता है। यदि यमुना स्नान सम्भव न हो तो, स्नान करते समय यमुना जी का स्मरण मात्र कर लेने से भी यमराज प्रसन्न होते हैं, क्यों कि हिन्दु धर्म की ऐसी मान्यता है कि यमराज और देवी यमुना दोनों ही सूर्य की सन्तानें होने से आपस में भाई-बहिन हैं और दोनों में बड़ा प्रेम है। इसलिए यमराज, यमुना का स्नान करके दीपदान करने वालों से बहुत ही ज्यादा प्रसन्न होते हैं और उन्हें अकाल मृत्यु के दोष से मुक्त कर देते हैं।
धनतेरस को मृत्यु के देवता यमराज जी की पूजा करने के लिए संध्याकाल के समय एक वेदी(पट्टा) पर रोली से स्वास्तिक बनाइये। उस स्वास्तिक पर एक दीपक रखकर उसे प्रज्वलित करें और उसमें एक छिद्रयुक्त कोड़ी डाल दें। अब इस दीपक के चारों ओर तीन बार गंगा जल छिडक़ें। दीपक को रोली से तिलक लगाकर अक्षत और मिष्ठान आदि चढाएं। इसके बाद इसमें कुछ दक्षिणा आदि रख दीजिए जिसे बाद में किसी ब्राह्मण को दे देवें। अब दीपक पर कुछ पुष्पादि अर्पण करें। इसके बाद हाथ जोडक़र दीपक को प्रणाम करें और परिवार के प्रत्येक सदस्य को तिलक लगाएं। अब इस दीपक को अपने मुख्य द्वार के दाहिनी और रख दीजिए। यम पूजन करने के बाद अन्त में धनवंतरी पूजा करें।
इस प्रथा के पीछे एक लोक कथा है, कथा के अनुसार किसी समय में एक राजा थे जिनका नाम हेम था। दैव कृपा से उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। ज्योतिषियों ने जब बालक की कुण्डली बनाई तो पता चला कि बालक का विवाह जिस दिन होगा उसके ठीक चार दिन के बाद वह मृत्यु को प्राप्त होगा। राजा इस बात को जानकर बहुत दुखी हुआ और उन्होने राजकुमार को ऐसी जगह पर भेज दिया जहां किसी स्त्री की परछाई भी न पड़े। दैवयोग से एक दिन एक राजकुमारी उधर से गुजरी और दोनों एक दूसरे को देखकर मोहित हो गये और उन्होंने गन्धर्व विवाह कर लिया।
विवाह के पश्चात विधि का विधान सामने आया और विवाह के चार दिन बाद यमदूत उस राजकुमार के प्राण लेने आ पहुंचे। जब यमदूत राजकुमार के प्राण ले जा रहे थे, उस वक्त उसकी नवविवाहिता पत्नी का विलाप सुनकर उनका हृदय भी द्रवित हो उठा परन्तु विधि के अनुसार उन्हें अपना कार्य करना पड़ा। यमराज को जब यमदूत यह कर रहे थे, उसी वक्त उनमें से एक ने यमदेवता से विनती की- हे यमराज क्या कोई ऐसा उपाय नहीं है जिससे मनुष्य अकाल मृत्यु के लेख से मुक्त हो जाए। दूत के इस प्रकार अनुरोध करने से यमदेवता बोले- हे दूत अकाल मृत्यु तो कर्म की गति है। इससे मुक्ति का एक आसान तरीका मैं तुम्हें बताता हूं सो सुनो। कार्तिक कृष्ण पक्ष की रात जो प्राणी मेरे नाम से पूजन करके दीप माला दक्षिण दिशा की ओर भेंट करता है, उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है। यही कारण है कि लोग इस दिन घर से बाहर दक्षिण दिशा की ओर दीप जलाकर रखते हैं।
दीपावाली धन से ज्यादा स्वास्थ्य और पर्यावरण पर आधारित त्योहार है। इस दिन आयुर्वेद मनीषी धनवन्तरी का जन्मदिन है। दीपावली एक ऐसा त्योहार है जिसके अपने पर्यावरणीय निहितार्थ है। मौसम में बदलाव और दीप पर्व में घनिष्ठ सम्बन्ध है। इसे समझते हुए कृपया पर्यावरण को नुकसान पहुचाने वाली गतिविधि ना करें। पटाखों का प्रयोग न्यूनतम करें, सरसों तेल के दिये जलायें। सरसों तेल के दिये से दीपोत्सव के धार्मिक निहितार्थ सामाजिक व्यवस्था और अध्यात्मिक उन्नति में अत्यन्त सहायक है।