Page 423

अब पहाड़ का पानी और जवानी दोनों यहां के काम आयेगी: नरेंद्र मोदी

0

शुक्रवार को गोवर्धन पूजा के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाबा केदार नाथ के दर्शन करने पहुंचे। सुबह देहरादून से केदारनाथ पहुंचे प्रधानमंत्री ने केदारपुरी में की योजनाओं की नींव रखी। इस मौके पर केदारनाथ पहुंचे लोगों को पीएम ने अपने चित परिचित अंदाज़ में संबेधित किया। मोदी ने कहा कि “मुझे ख़ुशी है कि इतने कम समय में साढ़े 4 लाख से भी ज्यादा श्रद्धालु बाबा के चरणों में माथा टेकने आये। मुझे पूरा विश्वास है कि अगले वर्ष 10 लाख यात्री केदारनाथ आएंगे। पुननिर्माण में देश धन की कमी नहीं रखेगा”

वहीं इस मौके पर पीएम ने कुछ राजनीतिक रंग बिखेरते हुए कहा कि “आपदा के दौरान मैं खुद को रोक नहीं पाया और उस समय की सरकार से प्रार्थना की थी कि गुजरात सरकार को केदारनाथ के पुनर्निर्माण का कार्य दे दें”। गौरतलब है कि 2013 में आपदा के समय गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर मोदी ने आपदा की ज़िम्मेदारी उठाने की पेशकश की थी लेकिन तत्कालीन हरीश रावत सरकार ने ये पेशकश ठुकरा दी थी।

वहीं उत्तराखंड के लिये बड़ी समस्या पलायन को भी पीएम ने छुआ। पीएम ने कहा कि “हमारे यहां पहाड़ों की एक पुरानी कहावत है कि पहाड़ो का पानी और पहाड़ो की जवानी कभी पहाड़ों के काम नहीं आती, हमने ये कहावत बदलने का बीड़ा उठाया है। हमारी सरकार उस दिशा में काम कर रही है कि पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी दोनों पहाड़ के काम आये”।

इस मौके पर राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंक्त्रीगण अदिकारियों समेत बड़ी संख्या में आम लोग पीएम को सुनने के लिये पहुंचे थे।

प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी का ये दूसरा केदारनाथ दौरा रहा। अपने लोकप्रिय अंदाज़ में मोदी ने लोगों का तो काफी उत्साह बढ़ाया अब उत्तराखंड के लोगों को यही उम्मीद होगी की केंद्र और राज्य दोनो सरकारें मिलकर इन वादों को अमली जामा पहनाये।

 

नरेंद्र मोदी पहुंचे जौलीग्रांट एयरपोर्ट भव्य स्वागत में उतरे उत्तराखंड के नेता

0

ऋषिकेश, उत्तराखंड में बीजेपी सरकार बनने के बाद आज तीसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देवभूमि पधारे हैं। पीएम मोदी वायुसेना के विशेष विमान से जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे। उनके स्वागत के लिये वहां मौजूद राज्यपाल केके पॉल, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुके देकर प्रधानमंत्री का स्वागत किया।

राज्यपाल, मुख्यमंत्री व विधानसभा अध्यक्ष के अलावा 22 मंत्री व भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी एयरपोर्ट पहुंचकर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। यहां से पीएम सेना के एमआई 17 हेलीकॉप्टर से केदारनाथ के लिए रवाना हुए। वहां बाबा केदार के दर्शन के बाद केदारपुरी पुनर्निर्माण की आधारशिला रखेंगे। पीएम के साथ सूबे के मुखिया भी केदारनाथ के लिए रवाना हुए हैं।

गोवर्धन पूजा के दिन लगता है अन्नकूट का प्रसाद

गोवर्धन पूजा अथवा अन्नकूट हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। दीपावली के दूसरे दिन सायंकाल गोवर्धन पूजा का विशेष आयोजन होता है। लोग इसे अन्नकूट के नाम से भी जानते हैं। इस त्यौहार का भारतीय लोकजीवन में काफी महत्व है। इस पर्व में प्रकृति के साथ मानव का सीधा सम्बन्ध दिखाई देता है। इस पर्व की अपनी मान्यता और लोककथा है।
भगवान श्रीकृष्ण ने इसी दिन इन्द्र का मानमर्दन कर गिरिराज पूजन किया था। इस दिन मन्दिरों में अन्नकूट किया जाता है। अन्नकूट एक प्रकार से सामूहिक भोज का आयोजन है, जिसमें पूरा परिवार एक जगह बनाई गई रसोई से भोजन करता है। इस दिन चावल, बाजरा, कढ़ी, साबुत मूंग, सभी सब्जियां एक जगह मिलाकर बनाई जाती हैं। मंदिरों में भी अन्नकूट बनाकर प्रसाद के रूप में बांटा जाता है। सायंकाल गोबर के गोवर्धन बनाकर पूजा की जाती है।
गोवर्धन पूजा में गोधन यानी गायों की पूजा की जाती है। शास्त्रों में बताया गया है कि गाय उसी प्रकार पवित्र होती हैं जैसे नदियों में गंगा। गाय को देवी लक्ष्मी का स्वरूप भी कहा गया है। देवी लक्ष्मी जिस प्रकार सुख- समृद्धि प्रदान करती हैं उसी प्रकार गो माता भी अपने दूध से स्वास्थ्य रूपी धन प्रदान करती हैं। इनका बछड़ा खेतों में हल जोतकर अनाज उगाता है। इस तरह गौ सम्पूर्ण मानव जाती के लिए पूजनीय और आदरणीय है। गौ के प्रति श्रद्धा प्रकट करने के लिए ही कार्तिक शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन गोर्वधन की पूजा की जाती है और इसके प्रतीक के रूप में गाय की।

gowardhan puja
वेदों में इस दिन वरुण, इन्द्र, अग्नि आदि देवताओं की पूजा का विधान है। इसी दिन बलि पूजा, गोवर्धन पूजा होती है। इस दिन गाय-बैल आदि पशुओं को स्नान कराकर, फूल माला, धूप, चंदन आदि से उनका पूजन किया जाता है। गायों को मिठाई खिलाकर उनकी आरती उतारी जाती है। यह ब्रजवासियों का मुख्य त्योहार है। अन्नकूट या गोवर्धन पूजा भगवान कृष्ण के अवतार के बाद द्वापर युग से प्रारम्भ हुई। उस समय लोग इन्द्र भगवान की पूजा करते थे तथा छप्पन प्रकार के भोजन बनाकर तरह-तरह के पकवान व मिठाइयों का भोग लगाया जाता था।
महाराष्ट्र में यह दिन बालि प्रतिपदा या बालि पड़वा के रूप में मनाया जाता है। वामन जो कि भगवान विष्णु के एक अवतार है, उनकी राजा बालि पर विजय और बाद में बालि को पाताल लोक भेजने के कारण इस दिन उनका पुण्य स्मरण किया जाता है। यह माना जाता है कि भगवान वामन द्वारा दिए गए वरदान के कारण असुर राजा बालि इस दिन पाताल लोक से पृथ्वी लोक आता है। अधिकतर गोवर्धन पूजा का दिन गुजराती नव वर्ष के दिन के साथ मिल जाता है जो कि कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष के दौरान मनाया जाता है। गोवर्धन पूजा उत्सव गुजराती नव वर्ष के दिन के एक दिन पहले मनाया जा सकता है और यह प्रतिपदा तिथि के प्रारम्भ होने के समय पर निर्भर करता है।
इस दिन प्रात: गाय के गोबर से लेटे हुए पुरुष के रूप में गोवर्धन बनाया जाता है। अनेक स्थानों पर इसके मनुष्याकार बनाकर पुष्पों, लताओं आदि से सजाया जाता है। इनकी नाभि के स्थान पर एक कटोरी या मिट्टी का दीपक रख दिया जाता है। फिर इसमें दूध, दही, गंगाजल, शहद, बताशे आदि पूजा करते समय डाल दिए जाते हैं और बाद में इसे प्रसाद के रूप में बांट देते हैं। शाम को गोवर्धन की पूजा की जाती है। पूजा में धूप, दीप, नैवेद्य, जल, फल, फूल, खील, बताशे आदि का प्रयोग किया जाता है। पूजा के बाद गोवर्धनजी की जय बोलते हुए उनकी सात परिक्रमाएं लगाई जाती हैं। परिक्रमा के समय एक व्यक्ति हाथ में जल का लोटा व अन्य जौ लेकर चलते हैं। जल के लोटे वाला व्यक्ति पानी की धारा गिराता हुआ तथा अन्य जौ बोते हुए परिक्रमा पूरी करते हैं।
अन्नकूट में चंद्र-दर्शन अशुभ माना जाता है। यदि प्रतिपदा में द्वितीया हो तो अन्नकूट अमावस्या को मनाया जाता है। इस दिन सन्ध्या के समय दैत्यराज बलि का पूजन भी किया जाता है। गोवर्धन गिरि भगवान के रूप में माने जाते हैं और इस दिन उनकी पूजा अपने घर में करने से धन, धान्य, संतान और गोरस की वृद्धि होती है। आज का दिन तीन उत्सवों का संगम होता है। इस दिन दस्तकार और कल-कारखानों में कार्य करने वाले कारीगर भगवान विश्वकर्मा की पूजा भी करते हैं। इस दिन सभी कल-कारखाने तो पूर्णत: बंद रहते ही हैं, घर पर कुटीर उद्योग चलाने वाले कारीगर भी काम नहीं करते। भगवान विश्वकर्मा और मशीनों एवं उपकरणों का दोपहर के समय पूजन किया जाता है।

6479812171_5c67543de0_b
गोवर्धन पूजा के सम्बन्ध में एक लोकगाथा प्रचलित है कि देवराज इन्द्र को अभिमान हो गया था। इन्द्र का अभिमान चूर करने हेतु भगवान श्री कृष्ण ने एक लीला रची। एक दिन उन्होंने देखा के सभी बृजवासी उत्तम पकवान बना रहे हैं और किसी पूजा की तैयारी में जुटे। श्री कृष्ण ने मईया यशोदा से प्रश्न किया कि आप लोग किनकी पूजा की तैयारी कर रहे हैं । कृष्ण की बातें सुनकर यशोदा मैया बोली हम देवराज इन्द्र की पूजा के लिए अन्नकूट की तैयारी कर रहे हैं। मैया के ऐसा कहने पर श्री कृष्ण बोले मैया हम इन्द्र की पूजा क्यों करते हैं? यशोदा ने कहा वह वर्षा करते हैं जिससे अन्न की पैदावार होती है उनसे हमारी गायों को चारा मिलता है। भगवान श्री कृष्ण बोले हमें तो गोर्वधन पर्वत की पूजा करनी चाहिए क्योंकि हमारी गाये वहीं चरती हैं, इस दृष्टि से गोर्वधन पर्वत ही पूजनीय है और इन्द्र तो कभी दर्शन भी नहीं देते व पूजा न करने पर क्रोधित भी होते हैं अत: ऐसे अहंकारी की पूजा नहीं करनी चाहिए।
श्री कृष्ण की माया से सभी ने इन्द्र के बदले गोवर्घन पर्वत की पूजा की। देवराज इन्द्र ने इसे अपना अपमान समझा और मूसलाधार वर्षा शुरू कर दी। तब श्री कृष्ण ने अपनी कनिष्ठा उंगली पर पूरा गोवर्घन पर्वत उठा लिया और सभी बृजवासियों को उसमें अपने गाय और बछड़े समेत शरण लेने के लिए बुलाया। इन्द्र कृष्ण की यह लीला देखकर और क्रोधित हुए फलत: वर्षा और तेज हो गयी। इन्द्र के मान मर्दन के लिए तब श्री कृष्ण ने सुदर्शन चक्र से कहा कि आप पर्वत के ऊपर रहकर वर्षा की गति को नियत्रित करें और शेषनाग से कहा आप मेड़ बनाकर पानी को पर्वत की ओर आने से रोकें।
इन्द्र लगातार सात दिन तक मूसलाधार वर्षा करते रहे तब उन्हे एहसास हुआ कि उनका मुकाबला करने वाला कोई आम मनुष्य नहीं हो सकता। अत: वे ब्रह्मा जी के पास पहुंचे और सब वृतान्त कह सुनाया। ब्रह्मा जी ने इन्द्र से कहा कि आप जिस कृष्ण की बात कर रहे हैं वह भगवान विष्णु के साक्षात अंश हैं । ब्रह्मा जी के मुख से यह सुनकर इन्द्र अत्यंत लज्जित हुए और श्री कृष्ण से कहा कि प्रभु मैं आपको पहचान न सका इसलिए अहंकारवश भूल कर बैठा। आप दयालु हैं और कृपालु भी, इसलिए मेरी भूल क्षमा करें। इसके पश्चात देवराज इन्द्र ने श्री कृष्ण की पूजा कर उन्हें भोग लगाया।
सातवें दिन श्रीकृष्ण ने गोवर्धन को नीचे रखा और ब्रजवासियों से कहा- अब तुम प्रतिवर्ष गोवर्धन पूजा कर अन्नकूट का पर्व मनाया करो। तभी से यह पर्व अन्नकूट के नाम से मनाया जाने लगा। इस पौराणिक घटना के बाद से ही गोवर्घन पूजा की जाने लगी। बृजवासी इस दिन गोवर्घन पर्वत की पूजा करते हैं। गाय बैल को इस दिन स्नान कराकर उन्हें रंग लगाया जाता है व उनके गले में नई रस्सी डाली जाती है। गाय और बैलों को गुड़ और चावल मिलाकर खिलाया जाता है।

बीसीसीआई-यूपीसीए ही रणजी मुकाबले पर असमंजस में

0
Dehradun
Stadium

भले ही राज्य सरकार उत्तर प्रदेश व महाराष्ट्र के बीच होने वाले रणजी मुकाबले को रायपुर स्थित राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में कराने के लिए तैयारियों में जुटने के दावे कर रही हो, लेकिन स्थिति ये है कि अब तक इस मुकाबले को खुद बीसीसीआई व यूपीसीए (उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन) के बीच ही असमंजस बना हुआ है। इतना ही नहीं, उत्तराखंड के पास भी अब तक बीसीसीआई की ओर से कोई लिखित पत्र नहीं मिला है।

अब बात बीसीसीआई की करें तो उसकी आधिकारिक वेबसाइट पर यूपी व महाराष्ट्र के बीच 24 अक्टूबर से शुरू होने वाला मुकाबला लखनऊ में होना दिखाया जा रहा है। जबकि, उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन की वेबसाइट पर मैदान दून का राजीव गांधी क्रिकेट स्टेडियम है। जबकि, सुनने में बात आ रही है कि अंदरखाने में यूपीसीए इस मुकाबले को मेरठ में आयोजित करने की तैयारी कर रही है। अब सूत्रों की मानें तो उत्तराखंड को अब तक बीसीसीआई ने रणजी मुकाबला आयोजित कराने के लिए कहा ही नहीं।

सिर्फ उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन ने कहा था कि वह इस मैच का आयोजन दून में करेंगे। जबकि, नियम ये है कि यदि बीसीसीआई दून में मुकाबला कराती तो बाकायदा उनकी टीम यहां आकर पूरा निरीक्षण करती, साथ ही राज्य सरकार को मैच संपन्न कराने के लिए आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था कराने के लिए कहती। जबकि, ऐसा कुछ तो हुआ ही नहीं, राज्य सरकार के मुताबिक अगले पांच दिन के बाद यहां रणजी मुकाबला खेला जाना है।

उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव दिव्य नौटियाल का कहना है कि, “इस मुकाबले का आयोजन करने के लिए बीसीसीआई ने उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन को कहा है, उत्तराखंड को नहीं। यूपी ने उत्तराखंड से कहा है कि वह इस मुकाबले को दून में कराएंगे। लेकिन, अभी ऐसा कुछ भी होने की उम्मीद नहीं है।”

पाकिस्तान में आमिर की फिल्म को लेकर उत्साह

0
secret superstar

बहुत दिनों बाद पाकिस्तान के सिनेमाघरों में आमिर खान की फिल्म रिलीज होने जा रही है। इस बार दीवाली पर रिलीज होने वाली आमिर खान प्रोडक्शन की फिल्म सीक्रेट सुपर स्टार को पाकिस्तान में रिलीज करने की जोरशोर से तैयारियां चल रही है। मिली जानकारी के अनुसार, लाहौर, कराची और इस्लामाबाद के 40 से ज्यादा मल्टीप्लेक्स थिएटरों में इस फिल्म को रिलीज किया जा रहा है।

इन मल्टीप्लेक्स के बाहर फिल्म के बड़े कटआउट लगाए गए हैं और फिल्म को लेकर दर्शकों में उत्साह देखा जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, इस बात का इंतजार हो रहा है कि पाकिस्तान का सेंसर बोर्ड फिल्म को कब देखकर इसे रिलीज करने के बारे में कोई फैसला करेगा। उम्मीद है कि सोमवार तक फिल्म सेंसर बोर्ड से क्लीयर हो जाएगी।

फिल्म में आमिर खान हैं और ये एक मुस्लिम परिवार की कहानी है, इस वजह से इस फिल्म को लेकर वितरकों में ज्यादा उत्साह है। आमिर खान की पिछली फिल्म दंगल को पाकिस्तान में इसलिए रिलीज नहीं किया गया था, क्योंकि पाक के सेंसर बोर्ड ने जन गण मन.. वाले सीन को हटाने के लिए कहा था और आमिर खान ने ऐसा करने से मना कर दिया था। थिएटरों मे न रिलीज हो पाने के बाद पाकिस्तान के बाजार में दंगल की बीस लाख से ज्यादा पाइरेटेड कापियां बिकी थीं।

टाइगर जिंदा है का पहला पोस्टर जारी

0

दीवाली के मौके पर सलमान खान की आने वाली फिल्म टाइगर जिंदा है का पहला पोस्टर आज सोशल मीडिया पर जारी किया गया। इस पोस्टर में सलमान खान अकेले नजर आ रहे हैं।

tiger zinda poster

सूत्रों के मुताबिक, फिल्म के अगले पोस्टर में सलमान के साथ कैटरीना कैफ भी होंगी। नवंबर के पहले सप्ताह में फिल्म का ट्रेलर लांच हो जाएगा। सलमान खान-कैटरीना कैफ की जोड़ी की इस फिल्म का निर्माण यशराज में हुआ है और निर्देशन अली अब्बास जाफर ने किया है।

ये फिल्म 22 दिसंबर को रिलीज होगी। फिल्म में सलमान-कैटरीना के साथ परेश रावल और अंगद बेदी भी हैं। ये फिल्म 2012 में यशराज के लिए कबीर खान द्वारा निर्देशित फिल्म एक था टाइगर की सिक्वल के तौर पर बनाई गई है।

सीएम ने हल्द्वानी शहर को दी 20 करोड़ की सौगात

0
CM to interact directly with people

हल्द्वानी,  दिवाली के मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शहर को 20.13 करोड़ रुपये की सौगात दी। इसके साथ ही रानीबाग चित्रशिला घाट पर ढाई करोड़ की लागत से बनने वाले विद्युत शवदाह गृह, सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय के सामने सड़क चौड़ीकरण एवं पार्किंग, जेल रोड व पनचक्की चौराहे पर म्यूजिकल फव्वारे लगाने की भी घोषणा की।

नगर में पंडित दीन दयाल उपाध्याय की मूर्ति का लोकार्पण करते हुए मुख्यमंत्री रावत ने कहा, वह भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेंगे। केदारनाथ में जिस तरह एक साल में एक ही जगह तीन-तीन पुल बन गए, इस तरह के चौंकाने वाले मामले खुल रहे हैं। उनकी सरकार इस तरह के घोटाले पर कड़ी कार्रवाई करेगी।

2019 तक हर घर को बिजली और 2022 तक हर व्यक्ति को छत उपलब्ध कराने का भी वादा किया। एजुकेशन के क्षेत्र में सीपेड़ व निफ्ट जैसे संस्थानों को एक साल के भीतर खोलने की घोषणा की। इसमें विधायक बंशीधर भगत, नवीन दुम्का, संजीव आर्य, महेश नेगी, राम सिंह कैड़ा, प्रदेश महामंत्री गजराज बिष्ट, जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट शामिल रहे।

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी 20 अक्टूबर को केदारनाथ पहुंचेंगे, वहां पर पांच योजनाओं का शिलान्यास करेंगे।

कर्ज न चुकाने के मामले में राम कपूर के खिलाफ कानूनी नोटिस

0

टेलीविजन और फिल्मों में काम करने वाले अभिनेता राम कपूर के खिलाफ कर्ज न लौटाने का मामला दर्ज हुआ है। ये मामला मुंबई के कोलाबा पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ है।

मिली जानकारी के अनुसार, कोलाबा की एक फाइनेंशल कंपनी से राम कपूर ने निजी जरुरतों के लिए दो साल पहले 35 लाख रु. का कर्ज लिया था और इस कर्ज को किश्तों में एक साल के अंदर चुकाने का वादा किया था। कंपनी का दावा है कि राम कपूर ने एक भी किश्त नहीं भरी और इस बारे में जब उनसे संपर्क किया गया, तो उन्होंने निराशाजनक बर्ताव किया, जिसके बाद कंपनी ने राम कपूर के खिलाफ मामला दर्ज कराने का फैसला किया और इसी के तहत राम कपूर को कानूनी नोटिस भेजा गया।

खबरों के मुताबिक, राम कपूर को सात दिनों में नोटिस का जवाब देने को कहा गया है। कंपनी इसके बाद ही आगे की कार्रवाई करेगी। कंपनी के सूत्र बताते हैं कि अगर राम कपूर ने नोटिस का सही समय के भीतर जवाब नहीं दिया, तो उनके खिलाफ अदालत में आपराधिक केस दर्ज किया जाएगा। राम कपूर ने इस मामले पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

क्यों सफेद हाथी साबित हो रही करोड़ों की मंडी

0

पहाड़ में भी मंडी बनाकर स्थानीय उत्पादकों को प्रोत्साहित करने की पहल रंग नहीं लाई। मंडी तो बना दी गई उसे शुरू कराने की सुध किसी को नहीं रही। दो करोड़ की लागत से बनी मंडी सफेद हाथी बनी हुई है। मंडी परिषद की योजना के तहत पर्वतीय क्षेत्रों में मिनी मंडियां बनाकर स्थानीय उत्पादकों को इससे लाभावित करना था। इसके लिए थल में मंडी स्वीकृत की गई। इसके पीछे थल, डीडीहाट, मुनस्यारी, बेरीनाग से उत्पादित होने वाली साग, सब्जी, फल और अनाज इस मंडी में पहुंचने थे। ताकि स्थानीय उत्पादकों को बिचौलियों से मुक्ति मिले और उत्पादक प्रेरित हो सकें। इसके लिए दो करोड़ की लागत से मंडी भवन और शेड सहित सभी कुछ तैयार किया गया। तीन वर्ष पूर्व तैयार मंडी अभी तक चालू नहीं हो सकी है। मंडी के दो गेटों में एक गेट पर ताला लटका है तो दूसरा गेट तार से बांधा गया है। जिसे खोल कर लोग परिसर में घुस रहे हैं। लावारिस जानवर भी परिसर में शरण लिए हुए हैं।

मंडी बनाने को लेकर किसानों को दिखाए गए सब्ज बाग टूट चुके हैं। थल के सबसे अच्छे क्षेत्र में बनी मंडी में आवारा जानवरों ने अपना निवास बनाया है। यहां पर बने भवन क्षतिग्रस्त होने लगे हैं। थल के सबसे अच्छे स्थल पर बनी यह मंडी किसानों को चिढ़ा रही है। सियासी दल चुनाव में इसे चुनावी मुद्दा बनाते हैं परंतु सत्ता मिलते ही किसानों के हितों के लिए बनी मंडी भुला दी जाती है। विशन सिंह चुफाल ने कहा कि थल मंडी के संबंध में सरकार से बात की जाएगी। जिस उद्देश्य के लिए मंडी बनाई गई थी उसे पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। मंडी बनने से राम गंगा नदी घाटी के सब्जी और फल उत्पादकों को इसका लाभ मिले इसका प्रयास किया जाएगा।

नार्थ जोन ब्लाइंड क्रिकेट में भिड़ेंगे 8 प्रदेशों के 100 से ज्यादा खिलाडी

0

देहरादून पहली बार नार्थ इंडिया ब्लाइंड क्रिकेट टूर्नामनेट का आयोजन करना जा रहा है। 23 अक्टूबर से  29 अक्टूबर तक चलने वाले मैचों में 100 से ज्यादा द्रिसटिबाधित खिलाडी प्रतिभाग करेंगे। ये जानकारी आयोजकों ने साझा की, युसर्क के निदेशक दुर्गेश पंत जो आयोजन से जुड़े हैं ने बताया की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दृस्टिभादित क्रिकेट को प्रमोट करने में रूचि दिखाई है।

पंत ने बताया की 1903  में देहरादून में दृस्टि बदतिओं के लिए पहला स्कूल खुला था करीब 114 साल बाद देहरादून में दोबारा ऐसिहासिक पाल का गवाह बनाने जा रहा है। चार दिनों तक चलने वाले मैच सहर के रेंजर्स ग्राउंड समेत महाराणा प्रताप क्रिकेट स्टेडियम में खेले जायेंगे। जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, चंडीगढ़, हिमांचल समेत हरयाणा की टीम्स नार्थ जोन के मैचों में शिरकत करेंगी।
नार्थ जोन ब्लाइंड क्रिकेट एसोसिएशन के महासचिव शैलेन्द्र के मुताबिक टूर्नामेंट से सेलेक्ट हुए खिलाडी ब्लाइंड वर्ल्ड कप में भारत की टीम का हिस्सा बनेगे जो दुबई में होने जा रहा है। गौरतलब है की भारत की द्रिस्तिभादित् टीम पाकिस्तान को हराकर विश्व कप जीत चुकी है। शैलन्द्र ने बताया कि, “प्रायोजकों के आगे आने से ब्लाइंड क्रिकेट की सूरत बदली है और समाज का दृश्टिकोण भी।”