Page 417

दून की महिलाओं को पुलिस देगी फ्री पार्किंग

0

देहरादून में बद से बदत्तर हो रही ट्रैफिक व्यवस्था पर काबू पाने के लिये और महिलाओं की सुरक्षा औऱ सुविधा के लिये ट्रैफिक विभाग शहर में महिलाओं के लिये डेडिकेटड औऱ फ्री पार्किंग स्पॉट बनाने जा रहा है। शहर मे तीन जगह बनने वाले इन फ्री पार्किंग स्थानों को लेकर विभाग ने सभी तैयारियां कर ली हैं। इस बारे में जानकरी देते हुए सहायक इंस्पेकटर जनरल (ट्रैफिक) केवल खुराना ने बताया कि “शहर में महिलाओं के लिये तीन फ्री पार्किंग स्थल चिन्हित किये गये हैं। ये पार्किंग स्थल बल्लूपुर चौक, घंटा घर और ईसी रोड पर बनाये जायेंगे। ये फैसला महिलाओं की सुविधा और सुरक्षा को देखते हुए लिया गया है”।

जानकार हांलाकि पुलिस के इस फैसले की कारगरता से पूरी तरह संतुष्ट नहीं है लोकिन विभाग के इस कदम को एक मौका ज़रूर देना चाह रहे हैं। “ये कदम कितना कारगर साबित होगा ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा लेकिन देहरादून की चरमराती ट्रैफिक व्यवस्था और महिलाओं की सुरक्षा के लिये निरंतर नये कदम उठाते रहना बेहद ज़रूरी है” ये कहना है देहरादून निवासी अनूप नौटियाल का।

केवल खुराने का कहना है कि शहर भर में तकरीबन 70 जगहों पर फ्री पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है जिनमें से 14 चालू हैं और केवल तीन ही महिलाओं के लिये आरक्षित किये गये है। खुराना कहते हैं कि लोगों को कही ंभी गाड़ी खड़ी करने की आदत है इसलिये हम लोगों के लिये फ्री पार्किंग स्थान बना रहे हैं। इसके अलावा हमने नो पार्किंग में गाड़ी खड़ी करने का दंड भी 400  से बड़ा कर 1000 रुपये कर दिया है।

गौरतलब है कि औसतन देहरादून में करीब 2.5 लाख गाड़ियां रोजाना सड़कों पर उतरती हैं। इसके अलावा 270 बसे, 1200 विक्रम, औऱ 2500 कमर्शियल लोडर भी हैं।

 

ग्राम सदस्य ने की प्रधान की पीएम पोर्टल पर शिकायत

0

हरिद्वार,  विकास कार्यों में धांधली का आरोप लगाते हुए ग्राम प्रधान की शिकायत पीएम पोर्टल पर की गई है। ग्राम पंचायत सदस्य ने शिकायत में जांच कर कार्रवाई की मांग की है।
मामला बहादराबाद विकास खंड क्षेत्र की अहमदपुर ग्रंट ग्राम पंचायत का है। यहां के ग्राम पंचायत सदस्य सुरेंद्र कुमार ने प्रधानमंत्री पोर्टल पर शिकायत करते हुए कहा कि ग्रामप्रधान यशपाल सैनी की ओर से पंचायत में किए जा रहे विकास कार्यों में सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है। प्रधान की ओर से श्मशान घाट व पंचायत घर के सौंदर्यीकरण और अन्य विकास कार्यों में आयकर और बिक्री कर तथा रॉयल्टी की कटौती नहीं की है। इससे सरकार को हानि पहुंचाई गई है। उन्होंने कहा कि मनरेगा योजना से बने शौचालयों में लाभार्थियों को नकद धनराशि बांटकर कमीशनखोरी की जा रही है। जिससे लाभार्थियों को योजना के अनुसार पूरा पैसा नहीं मिल पा रहा है। साथ ही शौचालयों की अवैध रूप से पुताई के नाम पर ग्राम प्रधान की ओर से 200 रुपये प्रत्येक शौचालय धारक से लिए गए हैं। गांव में बने आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन में मजदूरी के नाम पर पांच किलोमीटर से अधिक दूर के मजदूर कार्य करते दिखाए गए हैं। जिनसे सांठगांठ कर ग्राम प्रधान ने मजदूरों से कमीशन लिया है। जबकि गांव के बेरोजगार लोगों को आंगनबाड़ी भवन निर्माण में कार्य न देकर रोजगार से वंचित किया गया है। उधर, प्रधान यशपाल सैनी का कहना है उन पर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। उनकी ओर से एक भी रुपये की हेराफेरी नहीं की गई है। यह पहले हुई जांच में भी साबित हो चुका है। कुछ लोग रंजिशन राजनीति के तहत उन्हें फंसाने और बदनाम करने काम कर रहे हैं।

छह दिनों से कोटा गांव में पसरा अंधेरा

0

विकासनगर/चकराता, कालसी ब्लाक की डिमऊ पंचायत के कोटा मजरे में ऊर्जा निगम की लापरवाही के चलते पिछले पांच दिनों से अंधेरा पसरा हुआ है। दो दर्जन से अधिक परिवार परेशानी झेल रहे हैं। गांव को विद्युत आपूर्ति करने वाले ट्रांसफार्मर से मजरे तक जाने वाली बिजली की तार टूटकर जमीन पर गिर गई है। ग्रामीण कई बार निगम अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बिजली आपूर्ति बाधित होने से 30 अक्टूबर से मनाए जाने वाले ग्यास पर्व के भी फीके रहने की आशंका है।
जौनसार-बावर परगना में ऊर्जा निगम की लापरवाही से अक्सर ग्रामीण कई अंधेरे में रहने को मजबूर हैं। लाइन में तकनीकी खराबी आने, लाइन क्षतिग्रस्त हो जाने या ट्रांसफार्मर फुंक जाने के बाद बाधित बिजली आपूर्ति को सुचारु करने के लिए निगमकर्मी कार्रवाई नहीं करते। इन दिनों निगम की लापरवाही का खामियाजा कालसी ब्लाक की डिमऊ पंचायत अंतर्गत कोटा मजरे के दो दर्जन परिवार झेल रहे हैं। पांच दिन पूर्व मजरे को ट्रांसफार्मर से जाने वाली बिजली की तार टूट गई थी, जिसे निगम कर्मियों ने ठीक नहीं किया।
स्थानीय बाशिंदे प्रताप सिंह, धन सिंह, पूर्ण सिंह, गजेंद्र सिंह, मुन्ना सिंह ने बताया कि तार टूटने की सूचना निगम अधिकारियों को पांच दिन पूर्व ही दी थी, लेकिन अभी तक क्षतिग्रस्त लाइन की मरम्मत करने ऊर्जा निगम का कोई भी कारिंदा गांव में नहीं आया है। इन दिनों ग्रामीण 30 अक्टूबर से शुरू होने वाले ग्यास पर्व की तैयारियां कर रहे हैं। ऐसे में पर्व के भी फीके रहने की आशंका है। उधर, ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता एसके गुप्ता ने बताया कि संबंधित एसडीओ को क्षतिग्रस्त लाइन की मरम्मत करने के निर्देश दे दिए गए हैं। शीघ्र ही आपूर्ति सुचारु कर दी जाएगी।

14 सालों में नहीं बन पाई पैंग गांव के लिए सड़क

0

गोपेश्वर, चमोली जनपद के विकास खंड जोशीमठ के ग्राम सभा रैणी पल्ली के पैंग गांव के ग्रामीण आज भी सड़क की बाट जोह रहे हैं। गांव के लिए बनने वाला पैदल पुल के लिए धन तो आया पर उसका आज तक पता नहीं की कहां खर्च हुआ। जिससे लोगों में भारी रोष व्याप्त है।
रैणी पल्ली की पूर्व प्रधान व भाजपा महिला मोर्चा की जिला मंत्री नंदी राणा जो कि पैंग गांव की है। कहती है कि 2003 में जब वे रैणी की प्रधान थी तो तब से वे पैंग गांव के लिए सड़क की मांग करती आ रही है। लेकिन 14 वर्ष का लंबा समय गुजर गया है लेकिन अभी तक गांव के लिए सड़क बनने की दिशा में कोई कार्यवाही नहीं हुई है। सड़क के अभाव में आज भी ग्रामीण 05 किमी पैदल चल कर गांव तक पहुंचे है।
यही नहीं ग्रामीणों की अधिकांश खेती बाड़ी मुरेंडा गांव में जो कि ऋषिगंगा के पल्ली पार है। यहां जाने के लिए ग्रामीणों को पहले चार किमी पैदल चल कर रैणी आना पड़ता है और फिर रैणी से 4 किमी पैदल खड़ी चढ़ाई चढ कर मुरेंडा जाना पड़ता है। उन्होंने इन दोनों गांवों को जोड़ने के लिए पैदल पुलिस की भी मांग की थी लेकिन अभी तक वह पुलिया भी नहीं बन पाई है। इस गांव में लगभग 250 से अधिक परिवार निवास करते हैं लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। उन्होंने शासन-प्रशासन से मांग की है कि अविलंब गांव के लिए सड़क का निर्माण किया जाए। 

गूगल स्टार का परपोता चलाता है टैक्सी

0

पिथौरागढ़- परदादा गूगल पर छाए हैं और परपोता टैक्सी चला कर जीवन यापन कर रहा है। अपने परदादा को मिले सम्मान से उसकी खुशी का ठिकाना नहीं है, परंतु अपने परदादा के नाम पर खोले गए पर्वतारोहण संस्थान में वह केवल एक छोटी नौकरी की ही चाह रखता है। ताकि रोजी-रोटी चलती रहे।

महान सर्वेयर पं. नैन सिंह रावत के परिवार में उनका एकमात्र वंशज कवींद्र रावत है। जो नैन सिंह रावत का परपोता है। पिथौरागढ़ जिले के एक छोटे से कस्बे मदकोट में रहने वाले कवींद्र रावत इस समय टैक्सी चलाकर अपना जीवन-यापन करते हैं। शनिवार को अपने परदादा की जयंती पर गूगल पर मिले सम्मान से वह गदगद हैं। बोले, आज जिस स्थान पर उनका नया मकान है, वहीं पर पुराना मकान था। उनके परदादा उसी मकान में रहते थे। घर में उनकी फोटो है। उनके  कार्यों के बारे में सभी लोग जानते हैं।

कवींद्र बताते हैं कि उसके परदादा के नाम पर मुनस्यारी में पर्वतारोहण संस्थान खुला है। उस संस्थान में उन्होंने अपने परदादा का हवाला देते हुए छोटी-मोटी नौकरी के लिए आवेदन किया था, लेकिन दो साल बाद भी कोई जवाब नहीं मिला।  अब उन्हें आस बंधी है कि इस संस्थान में नौकरी मिल जाएगी तो दो वक्त की रोजी-रोटी का बंदोबस्त हो जाएगा।

34 साल बाद महासंयोग, छठ पूजा के पहले दिन सूर्य का रवियोग

0
Hindu devotees offer prayers to the Sun god during the Hindu religious festival "Chhat Puja" in the northern Indian city of Chandigarh November 1, 2011. Hindu devotees worship the Sun god and fast all day for the betterment of their family and society during the festival. REUTERS/Ajay Verma (INDIA - Tags: RELIGION SOCIETY)

हरिद्वार,  हिन्दू धर्म में छठ पर्व का विशेष महत्व है। यह पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से आरंभ होकर सप्तमी तक चलता है। बिहार से शुरू हुआ यह पर्व अब पूरे देश में खासकर उत्तर व पश्चिम भारत में उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस त्योहार को परिवार के सुख और समृद्धि के लिए मनाया जाता है।
इस बार छठ पूजा पर्व 24 अक्टूबर से आरम्भ हो रहा है। चार दिनों का छठ पर्व दिवाली के बाद आता है। इस बार का छठ पर्व कई मायनों में खास है क्योंकि 34 साल बाद एक महासंयोग बन रहा है। दरअसल इस बार की छठ पूजा के पहले दिन सूर्य का रवियोग बन रहा है, जिसे काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। ज्योतिषाचार्य पं. प्रदीप जोशी के अनुसार, कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से सप्तमी तक चलने वाला यह पर्व चार दिन का छठ नहाय खाय के साथ शुरू होता है।
छठ पूजा कैसे शुरू हुई इसके बारे में कई मान्यताएं प्रचलित हैं। प्रियव्रत जो पहले मनु माने जाते हैं, उनकी कोई संतान नहीं थी। प्रियव्रत ने कश्यप ऋषि से संतान प्राप्ति का उपाय पूछा। महर्षि ने पुत्रेष्ठि यज्ञ करने को कहा। इससे उनकी पत्नी मालिनी ने एक पुत्र को जन्म दिया, लेकिन यह पुत्र मृत पैदा हुआ। पुनः व्रत रखने पर उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई।
वहीं, एक अन्य मान्यता के अनुसार, जब पांडव जुए में कौरवों से अपना सारा राज-पाट हार गए थे तब द्रौपदी ने छठ का व्रत किया था तब दौपद्री की सभी मनोकामनाएं पूरी हुईं थी। वहीं एक अन्य कथा के अनुसार, लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद रामराज्य की स्थापना के दिन कार्तिक शुक्ल षष्ठी यानी छठ के दिन भगवान राम और माता सीता ने व्रत किया था और सूर्यदेव की पूजा की थी।
जोशी ने बताया कि इस बार चार दिनों तक चलने वाला यह छठ पर्व 24 अक्टूबर से नहाय खाय के साथ शुरू होगा। छठ पूजा का शुभ मुहूर्त सूर्यादय 06.41 बजे सुबह और सूर्यास्त में 06.05 बजे शाम। 25 अक्टूबर को खरना, 26 अक्टूबर को सांझ का अर्ध्य और 27 अक्टूबर को सूर्य को सुबह का अर्ध्य के साथ यह त्योहार संपन्न होगा।

100 साल पूरे किये 3 कुमाऊं के गौरवपूर्ण इतिहास ने, आर्मी चीफ पहुंचे पिथौरागड़

0

भारतीय सेना की सबसे पुरानी रेजिमेंट में से एक और ब्रटिश भारतीय सेना की पहली कुमाऊंनी बैटेलियन 3 कुमांऊ राइफ्लस VS आज 100 साल पूरे कर लिये।इस रेजिमेंट की स्थापना अक्टूबर 23,1917 में अल्मोड़ा के करीब हुई थी। इस मौके पर रेजिंमेंट से जुड़े करीब 600 पूर्व सैनिक जिनमे अफसर और सैनिक सभी पिथौरागड़ में रेजिमेंट के साथ जश्न में शामिल हो रहे हैं।

इस मौके पर थल सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत पिथौरागड़ पहुंचे।जेनरल रावत ने कहा कि कुमाऊंनी जवान हर परिस्थिति में अपना मनोबल बनाए रखते हैं। हर परिस्थिति को अपने अनुकूल कर लेते हैं। तृतीय कुमाऊं रायफल्स ने इसे साबित किया है।
रविवार को तृतीय कुमाऊं रायफल्स के परेड मैदान में आयोजित समारोह में शिरकत करने पहुंचे थल सेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने रेजीमेंट के 100 साल के इतिहास को गौरवशाली बताया। कुमाऊं रायफल्स के उल्लेखनीय कार्यों का हवाला देते जनरल रावत ने कहा कि अपनी स्थापना के एक साल के भीतर ही इस रेजीमेंट ने युद्ध में भाग लेकर वीरता का परिचय दिया। विभिन्न अभियानों में सफलता के झंडे गाड़ कर अपने पराक्रम को दिखाया। 58 आतंकवादियों को मार गिराया। रेजीमेंट ने कई बार वीर चक्र, शौर्य चक्र, चीफ ऑफ़ आर्मी सम्मान से सम्मानित होने का गौरव पाया है।

kumaon

अपने 100 साल के इतिहास में इस रेजिमेंट ने की तरह के इलाकों में और आजादी से पहले और उसके बाद की ऑपरेशनस में हिस्सा लिया है। इसके साथ साथ रेजिमेंट ने संयुक्त राष्ट्र में भी अपनी सेवाऐं दी हैं।

जानकार बताते हैं कि पहले विश्व युद्ध के समय सैनिकों की कमी महसूस हो रही थी। ये देखा गया कि भारी संख्या में कुमाऊंनी युवा गढ़वाल और अन्य रेजिमेंट में भर्ती हो रहे हैं लेकिन उनके मन में अपने खुद के झंडे तले लड़ने की चाह थी। लंबे समय और प्रयासों के बाद ये सपना हकीकत बन सका।

1857 में कुमाऊंनी लोगों ने कालू सिंह माहरा के नेतृत्व में ब्रिटिश साम्रज्य के खिलाफ झंडा बुलंद कर दिया था। इसका नतीजे ये रहा कि इसके बाद ब्रिटिश सरकरा ने इस इलाके से भर्ती करना ही बंद कर दिया। हांलाकि इसके बाद भी यहां के लोग नाम बदलकर गढ़वाल और अन्य रेजिमेंट में भर्ती लेते रहे।

इस बैटैलियन का नाम 4/39 गढ़वाल राइफ्ल रखा गया था लेकिन एक महीने के अंदर ही इसे 4/39 कुमाऊं राइफ्ल कहा जाने लगा और आगे चलकर 1/50 कुमाऊं राइफ्लस। ये रेजिमेंट शैरोन की लड़ाी का भी हिस्सा रही। ये लड़ाई सितंबर 19-25,1918 में पहले विश्व युद्ध में लड़ी गई थी और इसी लड़ाी में पहली बार कुमाऊंनी पराक्रम ने अपना झंडा गाड़ा था। 15 मार्च 1922 में इसका नाम बदलकर 1 कुमाऊं और बाद में 3 कुमाऊं रेजिमेंट कर दिया गया था।

 

सेना में भर्ती के लिए अब राज्य की बेटियों का प्रशिक्षण शुरू

0

भारतीय सेना की कोर आॅफ मिलिट्री पुलिस (सीएमपी) के लिए बालिकाओं का भर्ती प्रशिक्षण शुरू हो गया है। यूथ फाउंडेशन द्वारा देहरादून और श्रीनगर (चौरास) में बालिकाओं को भर्ती पूर्व प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 

यूथ फाउंडेशन के संस्थापक कर्नल अजय कोठियाल की प्रेरणा से संचालित भर्ती प्रशिक्षण में पहली बार बालिकाओं को भी सेना के लिए तैयार किया जा रहा है। बालिकाओं को भर्ती पूर्व प्रशिक्षण के लिए यूथ फाउंडेशन द्वारा राज्य के अलग-अलग जनपदों में सेलेक्शन कैंप आयोजित किए। जिसमें कुल 2269 बालिकाओं का रजिस्ट्रेशन किया गया। इनमें से अभी तक 607 बालिकाओं का चयन प्रशिक्षण के लिए किया गया है। देहरादून के भगवानदास इंजीनियरिंग काॅलेज बालावाला और श्रीनगर (चौरास) में करीब 300-300 के बैच में इन बालिकाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। 

यूथ फाउंडेशन के संस्थापक कर्नल अजय कोठियाल ने कहा कि “अब प्रदेश की बेटियां भी देश की रक्षा करेंगी। भर्ती कैंप में पहुंच रही इन बालिकाओं में देश के प्रति अलग ही जुनून है। प्रशिक्षण केन्द्र में बालिकाओं को भारतीय सेना के गौरवशाली इतिहास की जानकारी दी जाएगी। सीएमपी भर्ती प्रशिक्षण के साथ ही उन्हें पुलिस के लिए भी तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण में बेटियों को बहुत बड़ा योगदान है। आज जरूरत बेटियों की ताकत का सही इस्तेमाल करने की है।” 

गौरतलब है कि इससे पहले भी कर्नल कोठियाल सेना में भर्ती के लिये पहाड़ों के युवाओं को लंबे समय से प्रशिक्षण दे रहे हैं। इसके अलावा बतौर निम के निदेशक कर्नल कोठियाल और उनकी टीम ने २०१३ आपदा के बाद केदारनाथ पुनर्निर्माण में काफी अहम भूमिका निभाई थी।

छठ पर्व की तैयारी शुरू — गंगा के तट पर बहेगी पूर्वांचली संस्कृति की बयार

ऋषीकेश में पुर्वान्चालियो के पर्व छठ की तैयारियां पूरी हो चुकी है। सूर्य की उपासना के इस पर्व को मानाने के लीये उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड के पूर्वांचली बड़ी संख्या में ऋषीकेश के त्रिवेणी घाट पहुंचते हैं जहां छठ पूजा समिति एक बड़ा आयोजन करती है। इस आयोजन में पूजा की व्यवस्था और लोकगीतों  की अनुपम छठा देखने को मिलती है। इस बार के छठ पूजा महोत्सव की सारी तेयारिया पूरी हो गयी हैं। त्रिवेणी घाट को श्रधालुओं के स्वागत के लिये सजाया जा रहा है। ऋषीकेश उत्तराखंड का मिनी पूर्वांचल कहा जाता है। यहाँ गंगा के तट पर छठ की रौनक देखने लायक होती है।

ऋषीकेश के त्रिवेणी के संगम पर सूर्य की उपासना के पर्व को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। छठ पर्व के लिए देश-विदेश से भी बड़ी संख्या में लोग ऋषिकेश का रुख करते है जिसको देखते हुए गंगा घाटों की साफ़ सफाई का काम भी पूरा हो चूका है। साथ ही पूजा के लिए गंगा के तटों पर पंडाल बनाये जा रहे है ताकि पूजा के लिए आने वाले लोगों को किसी तरह की दिक्कत न हो। छठ समिति के अध्यक्ष रामकृपाल गौतम ने बताया की “इस साल समिति ने छठ पर्व को सफल बनाने के लिए विशेष इंतजाम किये हैं, पूजा अर्चना के साथ साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जा रहा है जिससे पूर्वांचली संस्कृति को यहाँ देखा जा सकेगा।”

उत्तर प्रदेश और बिहार से बड़ी संख्या में लोग माँ गंगा के आशीर्वाद के साथ सूर्य देव को अर्क देने गंगा घटपन की तरफ पहुंचते हैं। छठ में विशेष तरह के फल और सब्जियों से सूर्य देव को अर्क दिया जाता है जिनमे जड़ वाले फलो और सब्जियों का महत्व ही अलग है। बिहार से श्रद्धालु ऋषिकेश गंगा में पूजा के लिए आ रहे है। आयोजकों की माने तो इस साल पिछले सालों के मुकलबले ज्यादा श्रद्धालु ऋषिकेश के घाटों पर आएंगे जिनके रुकने से लेकर पूजा तक के सरे इंतजान कर दिए गए है। ऋषिकेश के त्रिवेणी संगम में छठ देखने लायक होती है दूर -दूर से श्रद्धालु छठ मैया को पूजा करने आते है। पूरा ऋषिकेश इन दिनों पूर्वांचल के रंग में रंग जाता। 

“गौ रक्षा” दस्ता बना कांग्रेस-बीजेपी के बीच सियासत का मुद्दा

0

उत्तराखंड सरकार का राज्य में गौ हत्या औऱ तस्करी रोकने के लिये खास दस्ता बनाने का फैसला अब राजनीतिक रंग ले रहा है। कांग्रेस ने सरकार पर 2019 लोकसभा चुनावों के चलते राज्य में धर्म के नाम पर ध्रुवीकरण करने का आरोप लगाया है। दरअसल मुख्यमंत्री ने गौ तस्करी और हत्या रोकने के लिये गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में दो अलग अलग पुलिस दस्ते बनाने का ऐलान किया। मुख्यमंत्री ने ये फैसला हरिद्वार इलाके से लगातार आ रही शिकायतों को आधार बना कर किया। बकौल मुख्यमंत्री ये कदम पहले से मौजूद राज्य के गौ हत्या विरोधी कानून के तहत लिया गया है।

लेकिन ये बात कांग्रेस को नहीं भा रही है। कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र अग्रवाल ने कहा कि, “ये बीजेपी का हिडेंन एजेंडा है। गौ माता की रक्षा के खिलाफ हम भी नही हैं। लेकिन इसके लिये खास तौर पर पुलिस के दस्ते बनाना केवल बीजेपी के सांप्रदायिक रूप को ही दिखाता है। “

वहीं बीजेपी इसे कांग्रेस का राजनीतिक दिवालियापन करार दे रही है।  पार्टी के प्रवक्ता देवेंद्र भसीन के मुताबिक ” इस फैसले को राजनीतिक चश्मे से देखना गलत होगा। साफ बात ये है कि गौ तस्करी के विषय में हरिद्वार संवेदनशील जगह है औऱ प्रशासनिक सुविधा के लिेये उघमसिंह नगर में सेंटर हबनाया जा रहा है। इस मामले को ध्रुवीकरण या 2019 के चुनावों से जोड़कर देखना गलत होगा”।

 बहरहाल इस मामले पर दोनो ही पार्टियां राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप तो कर रही हैं पर देखना ये होगा कि इस कवायद से गायों की रक्षा के लिये कितने कारगर कदम उट पाते हैं।