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विश्व प्रसिद्ध कत्थक नृत्यांगना शोभना नारायण ने युवा पीढ़ी को दिए कत्थक के टिप्स

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इंडिया की अमूल्य धरोहर शास्त्रीय संगीत और शास्त्रीय नृत्य का पूरे विश्व में एक विशेष स्थान है कत्थक नृत्य एक ऐसी परंपरा है जिसने पूरे विश्व को दीवाना बना रखा है। कथक की विश्व प्रसिद्ध नृत्यांगना शोभना नारायण ने ऋषिकेश में एस बी एम पब्लिक स्कूल में स्पीक मैके के तत्वाधान में अपने नृत्य कला की प्रस्तुति देकर समा बांध दिया। युवा पीढ़ी को अपनी परंपरा से जुड़ने के लिए स्पिक मैके का भारतीय संगीत एवं नृत्य से जोड़ने का अभियान ऋषिकेश पहुंचा और यहां के एसबीएम स्कूल में युवाओं को नई पीढ़ी से जुड़ने के लिए और उनकी रुचि शास्त्रीय संगीत की विधा में जगाने के लिए समय-समय पर अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करके युवाओं को जागरूक करते हैं।

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स्पीक मैके के उत्तराखंड कोऑर्डिनेटर अभिषेक अग्रवाल और धीरेंद्र जोशी ने बताया भारत के पास अपनी कला का एक बड़ा खजाना है। स्पीक मैके युवा पीढ़ी को इस अमूल्य धरोहर को संजोए रखने के लिए प्रयासरत है और ऐसे छोटे शहरों में प्रस्तुति देकर यहां के युवाओं को अपनी सभ्यता से जोड़ने का काम करते हैं। ऋषिकेश पहुंची विश्व प्रसिद्ध नृत्यांगना शोभना नारायण ने बताया कि स्कूल और कॉलेजों में इस तरह के कार्यक्रम होनी चाहिए क्योंकि यह एक बीज है जो आगे जाकर एक फल के रूप में सामने आएगा और हमारे भारतीय शास्त्रीय संगीत और नृत्य कला को संजोए रखेगा क्योंकि भारत की शास्त्रीय परंपरा को इन्हीं के जरिए आगे बढ़ाया जाएगा। ऋषिकेश में प्रस्तुति देकर शोभना नारायण काफी खुश थी उन्होंने बताया कि 1963 के बाद वह दूसरी बार ऋषिकेश में अपने नृत्य के अनुभव को साझा कर रहे हैं और यहां देव भूमि में प्रस्तुति देकर उन्हें आत्म अनुभूति हो रही है। एक तरफ मां गंगा है और दूसरी ओर हिमालय यह अद्भुत संगम है जो नृत्य को एक नई ऊर्जा देता है.

पांच सौ के करीब लोग खुले में शौच जाने को मजबूर

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विकासनगर। केंद्र सरकार के खुले में शौच मुक्त भारत अभियान को पलीता लगाते हुए कालसी वन प्रभाग के तिमली रेंज के कर्मियों ने धौला तप्पड़ वन गुर्जर बस्ती के बाशिंदों के एक दर्जन शौचालय गत 17 जुलाई को तोड़ डाले। जिससे बस्ती की पांच सौ के करीब आबादी चार माह से खुले में शौच जाने को मजबूर है। वन विभाग ने जिन शौचालयों को अवैध करार देते हुए तोड़ा है उनका निर्माण सरकारी इमदाद से ही हुआ था। जबकि कुछ मोबाइल शौचालय भी वन कर्मियों द्वारा तोड़ दिए गए। स्थानीय प्रशासन से कई बार शौचालय निर्माण गुहार लगाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होने पर बस्ती के बाशिंदों ने अब प्रधानमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर वन विभाग द्वारा तोड़े गए शौचालयों के पुनर्निर्माण की मांग की है।

प्रधानमंत्री को प्रेषित ज्ञापन में बताया गया कि कालसी वन प्रभाग की तिमली रेंज के कुल्हाल पंचायत की धौला तप्पड़ बस्ती में 80 परिवार की करीब पांच सौ की आबादी चालीस साल अधिक समय से स्थाई तौर पर निवास कर रही है। वन अधिनियम के तहत वन गुर्जरों के परिवारों को पक्के आवासीय मकान की सुविधा नहीं मिल रही है। लेकिन केंद्र सरकार द्वारा खुले में शौच मुक्त भारत अभियान के तहत गुर्जर बस्ती में शौचालय निर्माण की अनुमति दी गई थी। इसके लिए बाकायदा स्वजल परियोजना के माध्यम से गुर्जर परिवारों को सरकारी इमदाद मुहैया कराई गई।
सरकारी इमदाद मिलने पर शौचालय बनाए गए व कुछ मोबाइल शौचालय भी बस्ती के बाशिंदों को दिए गए। लेकिन सरकारी इमदाद पर बने शौचालयों को गत जुलाई माह में कालसी वन प्रभाग की तिमली रेंज के कर्मियों ने अवैध करार देते हुए ध्वस्त कर डाला। शौचालय ध्वस्त होने से बस्ती के बाशिंदे खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। जंगल में बसी बस्ती में खुले में शौच जाना स्थानीय बाशिंदों के लिए सुरक्षा के लिहाज से खतरा बना हुआ है। बस्ती के बुजुर्गों व महिलाओं को सबसे अधिक परेशानी झेलनी पड़ रही है। जबकि इससे प्रधानमंत्री के खुले में शौच मुक्त भारत अभियान को भी पलीता लग रहा है।
प्रधानमंत्री को प्रेषित ज्ञापन के माध्यम से स्थानीय बाशिंदों ने वन विभाग द्वारा ध्वस्त किए गए शौचालयों का पुनर्निर्माण कराने की मांग की है। ज्ञापन पर लियाकत, सुलेमान, मीर हमजा, इमाम हुसैन, इनाम, अहमद अली, आबिद, सद्दाम, जहांगीर, रमजान, रुस्तम आदि के हस्ताक्षर हैं।

बीसीसीआई की मान्यता के लिए प्रयास करे सरकार

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देहरादून। उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन (यूसीए) सचिव दिव्य नौटियाल ने उत्तराखंड को बीसीसीआई से मान्यता दिलाने के लिए पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायण स्वामी की तर्ज पर कदम उठाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर उत्तराखंड सरकार पुडुचेरी सरकार के नक्शे कदम पर चलेगी तो मान्यता को लेकर 17 साल से अटका मामला हल हो जाएगा।

दिव्य नौटियाल ने कहा कि यूसीए बीसीसीआइ से मान्यता दिलाने के लिए डेढ़ दशक से प्रयास कर रही है लेकिन चार क्रिकेट एसोसिएशनों की आपसी खींचतान के चलते मान्यता नहीं मिल पा रही।

वहीं, पुडुचेरी मुख्यमंत्री ने राज्य को मान्यता दिलाने के लिए मई में बीसीसीआई को पत्र लिखा था और वाजिब कारण गिनाए थे। पत्र का संज्ञान लेते हुए बीसीसीआइ ने पुडुचेरी की तीन क्रिकेट एसोसिएशनों की जांच पड़ताल शुरू की और क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ पुडुचेरी को मान्यता के लिए उपयुक्त पाया।
अक्टूबर को एसोसिएट सदस्य के रूप में मान्यता भी दे दी गई। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में 16 अक्टूबर को क्रिकेट एसोसिएशनों के साथ बैठक हुई थी, लेकिन इसमें कोई निर्णय नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि सरकार पुडुचेरी के तर्ज पर ठोस कदम उठाए। बीसीसीआई सभी एसोसिएशनों की पड़ताल करेगी और जो मानकों पर खरा उतरेगी उसे मान्यता दे देगी।

मौसम के बदलने से बीमार हो रहे हैं लोग

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ऋषिकेश। तीर्थनगरी में अचानक मौसम ने करवट बदल ली है। सुबह शाम बह रही ठंडी हवाओं ने मौसम के मिजाज को एकदम से बदल दिया है। पिछले दो दिनों से मौसम में आए परिवर्तन से सर्दी, जुकाम, बुखार के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। एम्स अस्पताल की ओपीडी में जहां इन दो दिनों मे सैकड़ों मरीज पहुंचे, वहीं राजकीय चिकित्सालय मे भी कुछ ऐसी ही तस्वीर दिखी।

इस बार अक्टूबर के अंतिम सप्ताह तक दिन में तेज धूप होने से लोग गर्मी से परेशान थे, लेकिन अब मौसम ने तेजी से करवट बदली है। रात के मौसम में इन दो दिनों मे बदलाव हुआ है। रात में हल्की ठंडक होने लगी है। सुबह-शाम हल्की सर्दी का एहसास होने लगा है। मौसम के इस उतार चढ़ाव से वायरल फीवर, सर्दी, जुकाम, बच्चों में कोल्ड डायरिया जैसी बीमारियां फैलने लगी हैं। हालांकि, दिन के समय अभी सर्दी नहीं है।
मौसम के बदलते मिजाज ने नगर के तमाम प्राइवेट अस्पतलो मे भी मरीजों की संख्या बढ़ा दी है। सामान्य दिनों में के मुकाबले से यह संख्या दोगुनी हो गई है। निर्मल हास्पिटल के फिजिशियन डॉ. अमित अग्रवाल ने बताया कि मौसम में बदलाव से मरीजों की संख्या बढ़ी है। इसमें सबसे ज्यादा मरीज वायरल फीवर के आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बच्चों में कोल्ड डायरिया के मामले सामने आ रहे हैं। उनका कहना है कि मौसम परिवर्तन से बुखार, जुकाम, सर्दी, खांसी के मरीज बड़ी संख्या में अस्पताल में पहुंच रहे हैं। मौसम में बदलाव के दौरान खान पान व रहन सहन पर ध्यान दिया जाना अति आवश्यक है। तभी मौसमी बीमारियों के प्रकोप बचा जा सकता है।

नियुक्ति का इंतजार कर रहे 1700 शिक्षक

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देहरादून। राजकीय माध्यमिक स्कूलों में कार्यरत एलटी शिक्षकों को प्रवक्ता संवर्ग में तदर्थ पदोन्नति मिलने के बाद भी नियुक्ति का लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। गौर हो कि शिक्षा मंत्री ने तदर्थ पदोन्नति की घोषणा कर 15 दिनों में नियुक्ति करने की भी बात की थी लेकिन 15 दिनो से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी अब तक नियुक्ति नहीं मिल पाई है। हालांकि विभाग ने गढ़वाल और कुमाउ से रिक्त पदों को लेकर लिस्ट तलब की है।

शिक्षक संगठनों की एलटी शिक्षकों को प्रवक्ता के पदों पर तदर्थ पदोन्नति की प्रमुख मांग को पूरा करने के बाद भी विभाग अब तक शिक्षकों को स्कूलों में तैनाती नहीं मिल पाई है। बतादें कि करीब 1700 शिक्षकों को नई तैनाती मिलनी है। जिससे सूबे की शिक्षा महकमे में व्यवस्था सुधरने का भी दावा किया जा रहा है। साथ ही शिक्षकों की कमी पूरा करने की भी बात की जा रही है। इधर, शिक्षा विभाग की ओर से गढ़वाल और कुमाउं मंडल दोनों जगहों से स्कूलों की रिक्त पदों की लिस्ट तलब तो कर दी गई है लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

 

पहले सप्ताह में गोलमाल अगेन की 137 करोड़ की कमाई

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रोहित शेट्टी की गोलमाल अगेन ने बाक्स आफिस पर अपने पहले सप्ताह का सफर पूरा कर लिया है और इस दौरान फिल्म की कमाई 137 करोड़ पंहुच चुकी है।

गुरुवार को सप्ताह के अंतिम दिन फिल्म ने 10 करोड़ के आसपास की कमाई की। दीवाली पर रिलीज हुई इस हारर कामेडी फिल्म ने रिलीज के चौथे दिन ही सौ करोड़ के दायरे को पूरा कर लिया था। रविवार के बाद भी बाक्स आफिस पर फिल्म की पकड़ मजबूत रही है। ‘गोलमाल’ सीरिज की इस चौथी फिल्म को लेकर फिल्मी कारोबार के जानकारों का मानना है कि ये फिल्म अगले तीन दिनों में, यानी दूसरे वीकंड तक 160 करोड़ से ज्यादा का कारोबार कर सकती है।

माना जा रहा है कि दीवाली पर इसके साथ रिलीज हुई आमिर खान की फिल्म ‘सीक्रेट सुपर स्टार’ का मामला जल्दी ढीला पड़ गया और इस सप्ताह किसी बड़ी फिल्म के रिलीज न होने का फायदा ‘गोलमाल अगेन’ को मिलता नजर आ रहा है।

शर्मिला टैगोर को एक और सम्मान

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अपने दौर की दिग्गज अभिनेत्री शर्मिला टैगोर को एक और सम्मान मिला है। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्टरी की ओर से शर्मिला टैगोर को दिल्ली के सिरी फोर्ट सभागार में शर्मिला को सिनेमा में उनके योगदान के लिए लाइफ टाइम अचिवमेंट सम्मान दिया गया।

उनको ये सम्मान केंद्रीय मंत्री जीतेंद्र सिंह और भाजपा के दिल्ली के अध्यक्ष मनोज तिवारी के हाथों दिया गया। शर्मिला ने इस मौके पर सम्मान देने पर गर्व महसूस करते हुए कहा वे खुद को सौभाग्यशाली मानती हैं कि सिनेमा का स्वर्णिम युग कहे जाने वाले दौर में उनको फिल्मों में काम करने का मौका मिला। उन्होंने राजेश खन्ना के साथ फिल्म सफर और गुलजार की मौसम (संजीव कुमार) को अपनी पसंदीदा फिल्मों में से बताया।

मौसम में शर्मिला ने मां-बेटी का डबल रोल किया था। शर्मिला टैगोर के परिवार में इन दिनों दो छोटे मेहमानों की किलकारियां गूंज रही हैं। पहले करीना कपूर खान ने बेटे को जन्म दिया, जिसका नाम तैमूर अली खान रखा गया, तो हाल ही में उनकी बेटी सोहा भी मां बनी हैं और उन्होंने बेटी को जन्म दिया है, जिसका नाम इंसिया रखा गया है।

लता मंगेशकर ने किया जावेद अख्तर को सम्मानित

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हिंदी सिनेमा के मशहूर गीतकार और लेखक जावेद अख्तर को गुरुवार की शाम को मुंबई में आयोजित एक भव्य आयोजन में ह्रदयनाथ मंगेशकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

इस मौके पर अपने संबोधन में जावेद अख्तर ने कहा कि मंगेशकर परिवार से मिला ये सम्मान उनके लिए गौरव की बात है। ये समारोह विले पार्ले के भाईदास हाल में आयोजित किया गया। जावेद अख्तर ने याद करते हुए कहा कि इसी हाल में उनको फिल्म जंजीर के लिए पहला पुरस्कार मिला था।

जावेद अख्तर ने लता मंगेशकर के साथ अपने रिश्तों को लेकर कहा कि बतौर गीतकार उन्होंने पहला गीत यश चोपड़ा की फिल्म सिलसिला के लिए लिखा था, जिसे लता मंगेशकर और किशोर कुमार ने मिलकर गाया था। इस मौके पर लता मंगेशकर ने जावेद अख्तर की सराहना करते हुए कहा कि बतौर लेखक और बतौर गीतकार जावेद अख्तर ने भारतीय सिनेमा को अपनी कलम के जादू से बांधे रखा है। ये सम्मान लता मंगेशकर के भाई ह्रदयनाथ मंगेशकर के 80वें जन्मदिन के मौके पर दिया गया।

‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ की अलख जगाएंगे युवा

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देहरादून। फाइव फेस एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड मॉडलिंग और फैशन की दुनिया में रुचि रखने वाले युवाओं के लिए लेकर आया है मिस्टर एंड मिस देहारदून-2017 प्रतियोगिता के दूसरे सीजन के लिए 29 अक्टूबर को ऑडिशन होंगे। इस वर्ष यह प्रतिष्ठित प्रतियोगिता केंद्र सरकार की मुहिम ‘बेची बचाओ-बेटी बढ़ाओ’ के साथ लोगों के बीच आएगी। प्रतियोगिता के लिए चुने जाने वाले प्रतिभागी लोगों के बीच जाकर बेटियों को बचाने और बढ़ाने का संदेश देंगे।
फाइव फेस एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड मॉडलिंग के निदेशक विनायक शर्मा और श्वेता चौधरी ने जानकारी दी कि प्रतियोगिता का फिनाले 10 दिसम्बर को होगा। इसके लिए पंजीकरण जारी हैं और 29 अक्टूबर को डग आउट लांज में ऑडिशन आयोजित किए जा रहे हैं। ऑडिशन में एमटीवी लव स्कूल और स्प्लिटविला फेम वेरोनिका राजपूत फैशन और मॉडलिंग से जुड़े विशेषज्ञ मौजूद रहेंगे।

राष्ट्रीय स्तर पर निखरेगा टैलेंट
प्रतियोगिता के विजेताओं को मिस्टर एंड मिस उत्तराखंड और एक राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में सीधे प्रवेश दिया जाएगा। साथ ही ‘ट्रूगिग’ कंपनी के आगामी पंजाबी वीडियो एलबम में काम करने का मौका दिया जाएगा। वहीं, तमाम उपहार भी विजेताओं के लिए रखे गए हैं। उन्होंने बताया कि इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता के लिए अभी तक 300 से ज्यादा पंजीकरण हो चुके हैं और अभी दो दिन पंजीकरण जारी रहेंगे। उन्होंने कहा कि प्रतिभागी सीधे ऑडिशन के वक्त भी पंजीकरण करा सकते हैं।

सामाजिक मुद्दों पर करेंगे जागरूक
प्रतियोगिता के लिए चुने जाने युवा मॉडलिंग और फैशन के साथ ही समाज के लिए काम करेंगे। इसी उद्देश्य के साथ चुने गए प्रतिभागियों की ग्रुमिंग के दौरान उन्हें समाज के विभिन्न तबकों से रुबरु कराया जाएगा और इस दौरान वे स्वचच्छ भारत अभियान, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ को लेकर लोगों को जागरूक करेंगे। श्वेता चौधरी ने बताया कि इस आयोजन में कावेरी ज्वैलर्स, शेखर बाय मयंक, स्पोर्ट्स फिट बाय एमएस धौनी जिम, हेयर कैफे, दून ग्रुप ऑफ कॉलेजेज, सीएमएस एड एजेंसी, अवनीश फोटोग्राफी आदि सहयोग कर रहे हैं।
इस मौके पर मन्नू कालरा, विभोग गुप्ता, जैज पुश्कल, मिस्टर देहरादून-2016, शिवम खजूरिया, मिस्टर उत्तराखंड उप विजेता सागर सेनगुप्ता आदि मौजूद रहे।

16 घंटे के ऑपरेशन ने बचाई कैंसर पीड़ित रोगी की टांग

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देहरादून। चिकित्सक विशेषज्ञों की एक टीम ने 16 घंटे की हाई-प्रेसीजन मैराथॉन सर्जरी के जरिए 17 साल के मरीज की टांग को बचा लिया। पत्रकारों को जानकारी देते हुए डॉ. विपिन बर्थवाल ने बताया कि कैंसर की जंग जीत चुके इस मरीज को एम्प्यूटेशन यानि टांग काटने की सलाह दी गई थी। जटिल शल्यक्रिया को अंजाम देने वाले अस्पताल षज्ञों में शामिल थे डॉ. विपिन बर्थवाल व डॉ विवेक वर्मा, डॉ. महेश सुल्तानिया, डॉ. विमल पंडिता तथा मैक्स सुपर अस्पताल की टीम ने इस रोगी को टांग दान दी। 2015 में इस मरीज मनीष पडियार की दाहिनी टांग में ऑस्टियोसार्कोमा यानि हड्डी कैंसर का निदान किया गया। निदान के बाद मुम्बई के एक अस्पताल में उनकी शल्यक्रिया कर ट्यूमर निकाल दिया गया और प्रत्यारोपण यानि इम्प्लान्ट डाला गया। 2015 के बाद डॉ.. विमल पंडिता के मार्गदर्शन में मेडिकल ओंकोलोजी टीम ने उन्हें कीमोथैरेपी दी। जुलाई 2016 में मनीष के साथ एक दुर्घटना घटी, जिसके चलते उनकी उसी टांग में संक्रमण हो गया, जिसके बाद संक्रमित इम्प्लान्ट हटा कर रॉड डाल दी गई। लेकिन संक्रमण इतना गंभीर था कि उनकी टांग में घाव हो गया, जिसमें मवाद पड़ गई। कई अस्पतालों में राय लेने के बाद उन्हें एम्प्यूटेशन यानि टांग काटने की सलाह दी गई। दु:खी और परेशान परिवार एक बार फिर से डॉ. विमल पंडिता के पास पहुंचा। डॉ. पंडिता ने मनीष का मामला मैक्स इण्डिया फाउन्डेशन के समक्ष प्रस्तुत किया। मनीष के कैंसर के इतिहास का विश्लेषण करने के बाद मैक्स इण्डिया फा उन्डेशन मदद के लिए तैयार हो गया।
मैक्स अस्पताल देहरादून के विशेषज्ञों डॉ. विवेक वर्मा, डॉ. विपिन बर्थवाल, डॉ. महेश सुल्तानिया और डॉ.विमल पंडिता ने मामले का गहराई से अध्ययन किया, आपस में विचार-विमर्श किया। व्यापक विश्लेषण के बाद फैसला लिया गया कि टांग को बचाते हुए भी उनका इलाज किया जा सकता है। दो चरणों में सर्जरी का फैसला लिया गया। पहले चरण में डॉ. विवेक वर्मा ने संक्रमित इम्प्लान्ट, खराब हड्डी और अस्वस्थ उतकों को निकाला ताकि संक्रमण को नियन्त्रित किया जा सके। इसके बाद मरीज की टांग में पेशी और त्वचा कवर के बिना 20 सेंटीमीटर का दोष रह गया। पहले कई बार शल्यक्रियाएं होने के कारण मरीज की टांग में रक्त की आपूर्ति बहुत कम थी। इसलिए, घाव भर जाने के बाद सर्जरी की दूसरी अवस्था में टांग की हड्डी को रीक्रिएट किया गया, इसके लिए फि बुला (टांग की ही एक दूसरी हड्डी), पेशियों, तंत्रिकाओं, रक्त वाहिकाओं और त्वचा कवर का इस्तेमाल किया गया। डॉ. विपिन बर्थवाल ने कहा, ”यह मनीष के लिए जीवन बदल देने वाली शल्यक्रिया है। इस तरह की मुश्किल शल्यक्रिया मानसिक तौर पर भी मरीज पर भारी पड़ती है। इसके लिए टीम में काम करना होता है और शल्यक्रिया के बाद भी मरीज की सुरक्षा का पूर ध्यान रखना होता है, जिसे हमने मैक्स अस्पताल, देहरादून में कर दिखाया है।
डॉ. संदीप सिंह तंवर, वाईस प्रेजीडेन्ट-ऑपरेशन्स ने कहा, ‘जटिल लिम्ब सेविंग सर्जरी अब नियमित रूप से मैक्स सुपर स्पेशलटी अस्पताल, देहरादून में की जा रही है। हम मरीजों की सामर्थ्य को भी ध्यान में रखते हुए उन्हें इलाज मुहैया कराते हैं। हम पूरी कोशिश करते हैं कि मरीज के अंगों को बचाते हुए कैंसर को नष्ट किया जा सके। हम अपनी विश्वस्तरीय बुनियादी सुविधाओं के साथ उत्तराखण्ड एवं आस-पास के क्षेत्रों के लोगों को जटिल एवं सुरक्षित सर्जरी की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।