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राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर आयोजित ‘रन फोर यूनिटी’ का यातायात व्यवस्था प्लान

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पैवेलियन ग्राउण्ड व नगर निगम परिसर से प्रारम्भ होने वाली रैली हेतु यातायात व्यवस्था प्लान:-
पैवेलियन ग्राउण्ड से चलने वाली रैली का रूट – पैवेलियन ग्राउण्ड – लैंसडाउन चौक – बुद्धा चौक – एम.के.पी. चौक – गुरूनानक तिराहा – रेसकोर्स चौक – पीएनबी तिराहा – सूरी चौक – बन्नू स्कूल चौराहा – पुलिस लाईन गेट न: 2 से प्रवेश
नगर निगम परिसर से चलने पर रैली का रूट – दून चौक – एम.के.पी चौक -गुरूनानक तिराहा – रेसकोर्स चौक – पीएनबी तिराहा – सूरी चौक – बन्नू स्कूल चौराहा – पुलिस लाईन गेट न: 2 से प्रवेश
पार्किंग स्थल :-
1.रेंजर्स ग्राउण्ड
2.वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय
3.परेड ग्राउण्ड
4.पानी की टंकी के नीचे दून क्लब के सामने
5.एम.डी.डी.ए शापिंग काम्पलेक्स, घण्टाघर
6.सचिवालय के बाहर खाली मैदान में पार्किंग
7.मंगला देवी स्कूल ग्राउण्ड (अन्य पार्किंग के भरने पर)
8.स्कूली बच्चों के वाहन बच्चों को उतारकर बन्नू स्कूल के निकट गुरूनानक ग्राउण्ड में पार्क होंगे।

डायवर्ट प्लान निम्नवत् रहेगा:-
1.तहसील चौक से कोई भी वाहन दून चौक की ओर नही जायेगा।
2.द्रोणा होटल तिराहे से कोई भी वाहन भी वाहन आई.जी कट की ओर नही जायेगा।
3.सीजेएम/पोस्ट ऑफिस तिराहे से कोई भी वाहन आई.जी कट की ओर नही जायेगा।
4.दर्शनलाल चौक से कोई भी वाहन लैन्सडाउन चौक तथा बुद्धा चौक की ओर नही जायेगा।
5.दून चौक से कोई भी वाहन एम.के.पी चौक की ओर नही जायेगा।
6.इन्दिरा मार्केट कट से कोई भी वाहन लैन्सडाउन चौक की ओर नही जायेगा।
7.रेसकोर्स चौक/सीएमआई तिराहे से सम्पूर्ण यातायात को प्रिन्स चौक की ओर भेजा जायेगा।
8.रैली के गुरूनानक वेडिंग प्वाईंट तिराहे पर पहुंचने पर आराघर से सम्पूर्ण यातायात को ई.सी रोड पर डायवर्ट किया जायेगा।
9.क्रास रोड व द्वारिका स्टोर से कोई भी वाहन सुभाष रोड की ओर नही जायेगा।
10.होटल रिची-रिच तिराहे से कोई भी वाहन कबाडी मार्केट की ओर नही भेजा जायेगा।

विधानसभा के बाहर से प्रारम्भ होने वाली रैली हेतु यातायात व्यवस्था प्लान:-
विधानसभा के बाहर से चलने पर रैली का रूट- विधानसभा चौक – रिस्पना पुल तिराहा – नेहरू कॉलोनी तिराहा – हिमपैलेस तिराहा – धर्मपुर चौक – नेगी तिराहा – गेट न: 1 से प्रवेश
पार्किंग स्थल –
1.डिफेंस कॉलोनी रोड पर वन साईड पार्किंग
2.मिनाक्षी होटल से आकाशवाणी तक वन साईड पार्किंग
3.स्कूली बच्चों के वाहन बच्चों को उतारकर बन्नू स्कूल के निकट गुरूनानक ग्राउण्ड में पार्क होंगे।
डायवर्ट प्लान –
1.विधानसभा की ओर कोई भी वाहन नही जायेगा।
2.जोगीवाला से आने वाले वाहनों को विधानसभा तिराहे से 200 मी. पहले रोका जायेगा।
3.रैली के रिस्पना पुल क्रास करने पर विधानसभा से 200 मी. पहले रोके गये यातायात को सामान्य कर दिया जायेगा व रिस्पना से कोई भी वाहन नेहरू कॉलोनी तिराहे की ओर नही जायेगा, समस्त वाहनों को रिस्पना व पेट्रोल पम्प कट पर बैरियर लगाकर आई.एस.बी.टी की ओर भेजा जायेगा।
4.रैली का पिछला हिस्सा नेहरू कॉलोनी तिराहा पास करने पर रिस्पना से यातायात को सामान्य कर दिया जायेगा व नेहरू कॉलोनी तिराहे से सम्पूर्ण वाहनों को फब्बारा चौक की ओर डायवर्ट किया जायेगा।
5.हिमपैलेस तिराहे के सामने गलियों से आने वाले यातायात को रोककर चलाया जायेगा।
6.धर्मपुर चौक के निकट मथुरवाला कट से वाहनों को रैली के पिछला हिस्सा निकलने पर चलाया जायेगा।
7.मातामन्दिर रोड से आने वाले वाहनों को रैली का पिछला हिस्सा क्रास होने पर चलाया जायेगा।
8.धर्मपुर चौक से कोई भी वाहन नेगी तिराहे की ओर तब तक नही भेजा जायेगा जब तक कि सम्पूर्ण रैली पुलिस लाईन गेट न: 1 व 2 से प्रवेश न कर ले।
9.समस्त भारी वाहनों को आवश्यकतानुसार कारगी चौक एवं डोईवाला से दूधली रोड पर डायवर्ट किया जायेगा।

किसान भवन परिसर से प्रारम्भ होने वाली रैली हेतु यातायात व्यवस्था प्लान: –
रैली का रूट – किसान भवन परिसर – पुलिया न: 6 – राजीव नगर पुल – फब्बारा चौक – इनकम टैक्स चौराहा – धर्मपुर मण्डी तिराहा – अग्रवाल बेकरी – गुरूनानक स्कूल तिराहा – नेगी तिराहा – गेट न: 1 से प्रवेश
पार्किंग स्थल –
1.किसान भवन से पहले खाली ग्राउण्ड
2.रिंग रोड पर वन साईड।
3.स्कूली बच्चों के वाहन बच्चों को उतारकर बन्नू स्कूल के निकट गुरूनानक ग्राउण्ड में पार्क होंगे।
डायवर्ट प्लान –
1.लाडपुर तिराहे से कोई भी वाहन पुलिया न: 6 की ओर नही आयेगा।
2.पुलिया न: 6 से कोई भी वाहन किसान भवन की ओर नही जायेगा।
3.रैली का पिछला हिस्स 6 नम्बर पुलिया पास होने पर 6 न: पुलिया से कोई भी वाहन फब्बारा चौक की ओर नही जायेगा। लाडपुर तिराहे वाले यातायात को सामान्य कर दिया जायेगा।
4.फब्बारा चौक से कोई भी वाहन पुलिया न: 6 की ओर नही जायेगा।
5.इनकम टैक्स चौराहे पर रैली के पहुंचने पर पहुंचने पर कुछ समय के लिये गलियों से आने वाले यातायात को रोककर चलाया जायेगा।
6.रैली के अग्रवाल बेकरी क्रास करने पर यातायात को रोककर चलाया जायेगा।

विक्रम एवं सिटी बस हेतु डायवर्जन:-
1.रूट 2 नम्बर के विक्रम सर्वे चौक तक ही आयेंगे, सर्वे चौक से वापस डायवर्ट किये जायेंगे।
2.रूट न: 3 के विक्रम रैली के दौरान परिस्थितियों के अनुसार रोके जायेंगे।
3.रूट न: 5 व 8 के विक्रम रेलवे स्टेशन से वापस कर दिये जायेंगे।
4.नालापानी-सीमाद्वार की बसों को सर्वे चौक से यूकेलिप्टस चौक से घण्टाघर होते हुए भेजी जायेंगी। वापसी भी इसी रूट पर रहेगी।
5.जॉलीग्रान्ट, डोईवाला रूट की बसों को रैली के दौरान परिस्थितियों के अनुसार रोका जायेगा।

नोट :- 1. कार्यक्रम के दौरान रैली के समस्त रूटों को पूर्णतः जीरो जोन किया जायेगा।
स्कूली बच्चों एवं अधिकारियों के वाहन छात्रों एवं अधिकारियों को प्रारम्भ बिन्दु पर उतारकर तत्काल गुरूनानक स्कूल ग्राउण्ड, रेसकोर्स में पार्क होंगी। सम्बन्धित क्षेत्र के निवासिंयों एवं मार्गो का प्रयोग करने वाले वाहन चालको से अनुरोध है रैली के दौरान गन्तव्य स्थान तक पहुंचने एवं किसी भी प्रकार की असुविधा से बचने के लिए वैकल्पिक मार्गां का प्रयोग करें। अपने वाहनों को रैली के मार्ग पर पार्क न करें। चौपहिया के स्थान दुपहिया वाहनों का प्रयोग करें। कृपया व्यवस्था बनाने के लिए जनपद पुलिस को अपना सहयोग प्रदान करें।

 

नगर निकायों का सीमा विस्तार जनप्रतिनिधियों के लिए खतरे की घंटी

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उत्तराखंड नगर निकायों का सीमा विस्तार कई जन प्रतिनिधियों के लिए समस्या का कारण बन सकता है, नए सीमा विस्तार के बाद कई नगर निकायों के कई मुखिया अपना पद गंवा भी सकते हैं। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल का, जो भाव और प्रभाव है वह कांग्रेस के लिए तगड़ा दांव साबित हो सकता है। सीमा विस्तार भी कई निकायों के प्रमुखों के लिए खतरे की घंटी हैं। इस संदर्भ में सरकार विधिक परीक्षण कराने के निर्देश जारी कर चुकी है।

नगर निगम घोषित होने के बाद ऋषिकेश और कोटद्वार के वर्तमान बोर्डों का भंग होना तय माना जा रहा है, जो उन निकाय प्रमुखों के लिए समस्या का कारण बन सकते हैं। हालांकि नगर निगम और नगर पालिका एक्ट टटोले जा रहे हैं ताकि सरकार के इस आदेश की धज्जियां उड़ाई जा सकें। छोटी सरकार के सीमा के विस्तारीकरण लगभग 38 नगर निकायों के प्रमुखों के लिए खतरे की घंटी है। सीमा विस्तार भी इस बात का ऐलान कर रहा है कि कई नगर निकायों में सत्ता परिवर्तन हो सकता है जो उत्तराखंड में 92 नगर निकाय हैं।

इनमें से 40 निकायों में सीमा विस्तार का प्रस्ताव हो चुका है जबकि देहरादून समेत 14 नगर निकायों में सीमा विस्तार की अंतिम अधिसूचना भी जारी हो चुकी है। जिन नगर निकायों का सीमा विस्तार होना होना है, उनमें रुड़की, काशीपुर, रुद्रपुर, काठगोदाम, हल्द्वानी तथा हरिद्वार और देहरादून के नगर निगम शामिल हैं। इसी प्रकार नगर पालिका पंचायतों के सीमा विस्तार का कार्य चल रहा है। इनमें काम होना है, इन नगर पालिकाओं में कोटद्वार, बागेश्वर, लालकुंआ, पोखरी, पिथौरागढ़, ऋषिकेश, रुद्रप्रयाग, ऊखीमठ, अगस्त्यमुनि, गदरपुर, किच्छा, सितारगंज, दिनेशपुर, शक्तिगढ़, सुल्तानपुर पट्टी, बड़कोट, जोशीमठ, डोईवाला, अल्मोड़ा, बाजपुर, विकासनगर, लंढौरा, झबरेड़ा, कर्णप्रयाग, कीर्तिनगर, देवप्रयाग, नरेंद्रनगर, भवाली, खटीमा, भीमताल, हरर्बटपुर, उत्तरकाशी, टनकपुर का नाम शामिल हैं।

मशरूम की खेती से पलायन रोकेगा राजाजी रिजर्व पार्क

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हरिद्वार। राजाजी टाइगर रिजर्व की सीमा से सटे टोंगिया परिवारों को रोजगार मुहैया करवाने के लिए पार्क महकमें ने अनूठी मुहिम शुरू की है। इस पहल के तहत इन परिवारों को स्वरोजगार उपलब्ध करवाने के लिए मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उम्मीद है की आने वाले वक्त में ये ग्रामीण स्वंय आत्म निर्भर होंगे। वहीं वनों के संरक्षण में भी इनकी अहम भूमिका होगी।

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उत्तराखंड में वन क्षेत्रों में आजादी के बाद से वन क्षेत्रों से सटे टोंगिया परिवारों को जंगल में उनके हक हकूक लेने का अधिकार प्राप्त था। मगर वक्त के साथ ही एक ओर जहां परिवारों की संख्या बढ़ी तो वहीं उनके हक हकूकों पर संकट मंडराने लगा। साथ ही जंगलों में प्रवेश पर पाबंदी व नियमों ने उनके सामने रोजगार का संकट भी खड़ा कर दिया। इसको देखते हुए राजाजी पार्क प्रशासन ने अब एक नई पहल की शुरु की है। पार्क महकमें द्वारा रविवार को बेरीवाड़ा रेंज से सटे टोंगिया परिवारों को मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण के तहत अब ग्रामीण मशरूम का उत्पादन करेंगे। 

इस अवसर पर राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक सनातन सोनकर ने बताया कि पार्क सटे टोंगिया परिवारों को मशरूम उत्पादन की जानकारी देकर उन्हें स्वरोजगार की पहल से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मशरूम उत्पादन की ट्रेनिंग के लिए उत्तराखंड की ब्रांड अम्बेसडर दिव्या रावत द्वारा ग्रामीणों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।

पलायन को रोकने के लिए पहल
उत्तरखंड में गांव के लोग महज चार से पांच हजार रुपये की नौकरी के लिए पलायन कर लम्बे समय से शहर का रुख कर रहे हैं। दिव्या रावत ने इस पलायन को रोकने के लिए ग्रामीणों को मशरूम की खेती कर रोजगार का साधन बनाया है जिसे वो एक मिशन मानती हैं। इस मिशन को उन्होंने गांव-गांव तक ले जाने की बात कही। अब वे राजाजी पार्क प्रशासन के सहयोग से जल्द ही मशरूम उत्पादन की इकाई लगाने जा रही हैं, जिसका सीधा लाभ पार्क से सटे ग्रामीणों को होगा। इस काम के लिए पार्क प्रशासन की तरफ से उन्हें पूरा सहयोग करेगा।
राजाजी पार्क की बात करें तो ये टोंगिया परिवार आजादी के बाद से ही पार्क से सटे क्षेत्रो में रहते आये हैं। मगर रोजगार व शिक्षा के अभाव में अधिकतर युवा पार्क में अवैध कटान के मामलो में लिप्त रहे हैंं। अब पार्क प्रशासन की सख्ती के चलते जहां इन क्षेत्रो में अवैध कटान रुका है तो वहीं अब दूसरे महकमों द्वारा रोजगार की पहल किए जाने के बाद इन युवाओं में एक नयी ऊर्जा का संचार हुआ है। उम्मीद है कि आने वाले वक्त में जहां ये युवा रोजगार के माध्यम से स्वावलम्बी होंगे। वहीं वनो के संरक्षण व संवर्धन में अहम् भूमिका निभा सकेंगे।

प्रवासियों को राज्य में निवेश के लिए सीएम ने किया आमंत्रित

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मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गढ़वाली में ‘घर आवा अपणा गौं का वास्ता कुछ करा’ के आह्वान के साथ प्रवासी उत्तराखण्डियों को राज्य में निवेश के लिए आमंत्रित किया। मेरठ के बालेराम ब्रजभूषण सरस्वती शिशु मंदिर इं. कॉलेज शास्त्रीनगर में उत्तराचंल उत्थान परिषद् द्वारा ‘मेरा गांव मेरा तीर्थ’ व ‘चलो गांव की ओर’ की थीम पर आयोजित प्रवासी पंचायत-2017 में देश-विदेश में रहने वाले प्रवासी उत्तराखण्डियों से सीएम ने कहा कि उत्तराखण्ड में निवेश की असीम संभावनाएं है।

सीएम ने कहा कि राज्य में पलायन रोकने हेतु राज्य सरकार के प्रयासों के अलावा देश-विदेश में रहने वाले प्रवासी उत्तराखण्डी राज्य में निवेश कर महत्वपूर्ण सहयोग कर सकते हैं। राज्य में पर्यटन अपार संभावनाओं का ऐसा क्षेत्र है, जिसमें कम से कम निवेश में स्थानीय युवाओं हेतु अधिकाधिक रोजगार के अवसर सृजित किये जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रवासी लोगों को अपने गांवों, संस्कृतियों, स्थानीय परम्पराओं, बोली-भाषा से निरन्तर सम्पर्क व संवाद बनाये रखना होगा। राज्य विकास में प्रवासी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

सीएम ने राज्य सरकार की ‘सेल्फी फ्राॅम माई विलेज’ पहल के बारे में बताया जिसमें सभी प्रवासियों से अपने परिवार के साथ कुछ दिन अपने गांवों में जाकर रहने तथा सेल्फी खिंचवा कर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने की अपील की गई। सीएम की इस पहल सोशल मीडिया में बहुत लोकप्रिय रही। उन्होंने राज्य के कुछ प्रतिभाशाली युवाओं द्वारा दिल्ली व मुम्बई जैसे बड़े शहरों की बड़ी-बड़ी नौकरियां छोड़ अपने गांवों में नए उद्योगों की स्थापना की प्रशंसा की। उन्होंने विशेषकर गोट विलेज, रंजना रावत, मशरूम लेडी दिव्या रावत आदि का उल्लेख किया।

सीएम ने कहा कि, “पलायन रोकने व स्थानीय आर्थिकी को मजबूत करने हेतु सेना द्व़ारा सीमान्त क्षेत्रों में अखरोट व चिलगोजे के पेड़ लगाये जा रहे, हमारे सीमान्त गांवों का सामारिक महत्व भी है, स्थानीय अन्न उत्पादों से बनेे मंडुवे की बर्फी, बिस्कुट, स्थानीय उत्पादों के समुचित उपयोग व प्रचार-प्रसार पर बल दिया जायें।”

उन्होंने उत्तरांचल उत्थान परिषद् द्वारा सामाजिक सहयोग पर आधारित ग्राम विकास की अभिनव पहल ‘प्रवासी पंचायत’ की प्रशंसा करते हुए बधाई व शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश से केबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, स्थानीय जनप्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या में उत्तराखण्डी प्रवासी उपस्थित रहे। 

वन भूमि के 300 प्रस्ताव तीन साल से कर रहे पूरा होने का इंतजार

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देहरादून। प्रदेश में सड़क समेत विभिन्न योजनाओं के लिए वन भूमि हस्तांतरण से जुड़े मामलों में केंद्र के कड़े रुख के बाद अब राज्य सरकार ने फूंक-फूंककर कदम रखने की ठानी है। केंद्र ने पूर्व में तीन सौ से अधिक जिन प्रस्तावों को सीज किया है, उनकी फाइलें फिर से तैयार करने और विभिन्न स्तरों पर लंबित 300 मामलों की गंभीरता से पड़ताल की जाएगी। विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वन भूमि संबंधी प्रस्ताव इस प्रकार तैयार हों, जिससे इनके रद होने की गुंजाइश न के बराबर रहे। नए मुख्य सचिव जल्द ही इसकी समीक्षा बैठक भी करने वाले हैं।

71 फीसद वन भूभाग वाले उत्तराखंड में सड़क समेत तमाम योजनाओं के निर्माण की राह में वन कानून दिक्कतें खड़ी करते आए हैं। असल में, योजनाओं के लिए वन भूमि हस्तांतरण के मद्देनजर फॉरेस्ट क्लीयरेंस सहित अन्य औपचारिकताएं अनिवार्य हैं। इनके अभाव में बड़ी संख्या में प्रस्ताव अधर लटके हैं। अप्रैल 2014 से अब तक के परिदृश्य को ही देखें तो अभी भी लगभग 300 मामले लंबित हैं। इसकी वजह विभागों की ओर से आधे-अधूरे प्रस्ताव भेजने के साथ ही संबंधित भूमि की एनपीवी (नेट प्रेजेंट वेल्यू) जमा न किया जाना है। हाल में लंबे समय से चले आ रहे ऐसे 317 पुराने मामले सीज कर दिए थे। इस सबको देखते हुए राज्य सरकार अब सतर्क हुई है। कोशिश ये है कि वन भूमि हस्तांतरण को लेकर किसी भी योजना पर कोई असर न पडऩे पाए। प्रमुख मुख्य वन संरक्षक आरके महाजन के मुताबिक सभी विभागों से कहा गया है कि प्रस्तावों को पूरी गंभीरता के साथ भेजें।

317 में जिंदा हैं उम्मीदें
केंद्र सरकार ने हाल में वन भूमि हस्तांतरण से संबंधित जिन 317 मामलों को सीज किया, वे पूरी तरह खारिज नहीं हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक लंबे समय से चले आ रहे इन मामलों में औपचारिकताएं पूरी नहीं की जा रही थीं। इस हीलाहवाली के कारण इनकी फाइल बंद की गई। हालांकि, राज्य को छूट दी गई है कि वह चाहे तो इस बारे में औपचारिकताएं पूरी कर नई फाइल प्रस्तुत कर सकता है। इसके अलावा अब तक 85 मामले हुए निरस्त हो चुके हैं। राज्य में वर्ष 2014 से अब तक वन भूमि हस्तांतरण से जुड़े 85 मामले केंद्र सरकार ने निरस्त किए हैं। इनमें लगभग 50 लोक निर्माण विभाग से संबंधित हैं, जबकि 35 अन्य विभागों के।

ऑल वेदर का लंबित नहीं कोई प्रस्ताव
चारधाम को जोड़ने वाली ऑल वेदर रोड परियोजना में फिलहाल वन भूमि हस्तांतरण का कोई मामला लंबित नहीं है। परियोजना में अब तक 27 प्रस्ताव आए, जिन्हें हरी झंडी दी जा चुकी है। अब संबंधित क्षेत्रों में पेड़ कटान के मद्देनजर वन विभाग की ओर से वन विकास निगम, लोनिवि और राजमार्ग खंड के अधिकारियों से वार्ता की जा चुकी है।

केन्द्र व राज्य सरकार के खिलाफ आज होगा कैंडल मार्च

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देहरादून। जन एकता जन अधिकार आंदोलन समिति 30 अक्टूबर को कैंडल मार्च निकालकर केन्द्र व राज्य सरकार का विरोध करेगी। शनिवार को आंदोलन समिति की आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया। कैंडल मार्च कार्यक्रम की जानकारी देते हुए आंदोलन समिति के संयोजक सुरेन्द्र सिंह सजवाण ने कहा कि केंद्र में भाजपा अच्छे दिन और सबका साथ-सबका विकास के नाम पर सत्तासीन हुई लेकिन चुनाव के दौरान जनता से किए गए वादे भूल गई।

उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्यों में भाजपा की सरकार आरएसएस के एजेंडे को लागू करते हुए लोगों के हक पर हमले कर रही है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को संस्थागत चेहरा दिया जा रहा है, देशी व विदेशी कंपनियों में दलाल पूंजी पतियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। भाजपा के शासनकाल में अपने विचार वेबाकी से प्रकट करने व विरोधियों की आजादी पर हमले किए जा रहे हैं। सरकार की नीतियों से असहमति को राष्ट्र विरोध माना जा रहा है और आरएसएस के कट्टरपंथी प्रतिगामी पुरातनपंथी वह अवैज्ञानिक विचार धाराओं को बढ़ावा दिया जा रहा है।
सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि सरकार के विरुद्ध जनता की सभी मेहनतकश वर्ग किसानों,मजदूरों, छात्रों, नौजवानों, महिलाओं तथा व्यापारियों में बढ़ रहे आक्रोश में आंदोलित संगठनों को एक मंच पर लाने के लिए 18 सितंबर को दिल्ली स्थित मावलंकर हॉल में एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित कर जन एकता जन अधिकार आंदोलन का गठन किया गया है, जिसमें आम जनता से जुड़े 26 सूत्री मांग पत्र जारी कर 30 अक्टूबर को पूरे देश में मशाल जलूस में कैंडल मार्च आयोजित कर जन जागरण किए जाने का निर्णय लिया गया है।
इसी क्रम में देहरादून में भी एकता जन अधिकार आंदोलन की एक संचालन समिति का गठन किया गया है, जिसमें तय किया गया कि 30 को 5:30 बजे शाम घंटाघर बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए कैंडल मार्च प्रारंभ कर रात भर रोते हुए गांधी पार्क में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मूर्ति के समक्ष समापन किया जाएगा। 

दुकानदार की हत्या से सनसनी

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काशीपुर- ग्राहक बनकर दुकान में पहुंचे युवकों ने व्यापारी की गला दबाकर हत्या कर दी। जिसके बाद घटना से क्षेत्र में हड़कंप मच गया। इस मामले में पुलिस ने फिलहाल तीन संदिग्ध लोगों को उठाकर पूछताछ कर रही है। मामला हेमपुर डीपो का है जहाां रंजीत सिंह एनएससी में जनरल स्टोर चलाता है वह पत्नी गुरमीत कौर के साथ ही दुकान पर बैठते थे। इस दौरान हेमपुर डिपो निवासी तीन युवक दुकान पर सामान लेने पहुंचे। इन युवकों ने एक-एक सिगरेट और गुटखा खरीदे। बताया कि इस दौरान युवक बातचीत करते हुए रंजीत को अपने साथ दुकान के पीछे ले गए। शाम साढ़े छह बजे तक दुकान पर वापस न लौटने पर पत्नी गुरमीत ने घर फोन कर उनकी जानकारी चाही। लेकिन कोी सूचना ना मिलने पर पुलिस को सूचना दी गयी जिसके बाद सूचना पर करीब डेढ़ घंटा ढूंढने के बाद रंजीत का शव दुकान से दो सौ मीटर दूर झाड़ियों में पड़ा मिला। इसे देख परिजनों के होश उड़ गए। मौके पर पहुंचकर पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया। मृतक के चेहरे पर नाखून से खरोंच के निशान थे। साथ उसका गला दबाकर हत्या की आशंका व्यक्त की गई है।

देहरादून में प्लास्टिक के चावल का वायरल विडिया यहां देखें

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देहरादून-  राज्य के अलग-अलग हिस्सों के बाद अब देहरादून के एक रेस्टोरेंट में प्लास्टिक के चावल परोसे जाने का मामला सामने आया है।मामला सामने आने के बाद विभाग ने लिये चावल के सैंपल लिए। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने सैंपल लेकर भेजे लैब। इस छापे के बाद चावलों के डीलरों पर भी हो सकती है छापेमारी। रेलवे स्टेशन के पास के रेस्टोरेंट का हुआ विडियो वायरलविडियो में परोसे चावल प्लास्टिक के होने का दावा किया गया।

आपको बतादें कि इससे पहले उत्तराखंड के हल्दवानी में थोक विक्रताओं द्वारा प्लास्टिक का चावल बेचने का मामला सामने आया था। यहां के एक परिवार ने दावा किया था कि जब दुकान से चावल खरीद करने के बाद उन्होंने इसे पकाया, तो इसका स्वाद चावल जैसा नहीं था। हालांकि, मामला तब प्रकाश में आया जब चावल से बनी गेंद से खेलते बच्चों का विडियो वायरल हुआ था। वहीं, डॉक्टरों का कहना है कि प्लास्टिक के चावल लगातार खाने से कैंसर हो सकता है।

बता दें कि इससे पहले देश के अलग-अलग हिस्से में प्लास्टिक के अंडे और बंद गोभी बेचे जाने की खबरें भी सामने आई थीं।

यहां देखें विडियाः

अतिक्रमण हटाने गयी जेसीबी के सामने लेटे व्यापारी

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काशीपुर में हाई कोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाने गई प्रशासन की टीम को व्यापारियों के विरोध का सामना करना पडा, और अतिक्रमण हटाने गयी टीम को बैरंग ही लौटना पडा। हालांकि, कुछ जगह दुकान के आगे नाली पर बने स्लैब हटाकर कार्रवाई की औपचारिकता पूरी की गयी। बताया जा रहा है कि हाई कोर्ट के आदेश पर काशीपुर नगर निगम ने कोतवाली व रतन सिनेमा रोड पर 776 अतिक्रमण चिह्नित किए थे। इसके लिए पीले निशान लगाकर लोगों को स्वयं अतिक्रमण हटाने को कहा गया था, मगर किसी ने अतिक्रमण नहीं हटाया। संयुक्त मजिस्ट्रेट विनीत तोमर ने नगर निगम, लोनिवि व पुलिस टीम के साथ कोतवाली रोड पर अतिक्रमण हटाने पहुंचे तो विरोध में व्यापारी भी दुकान बंद कर खड़े हो गए। इस दौरान कई बार व्यापारियों व प्रशासन के बीच नोकझोंक हुई। प्रशासन के समझाने के बाद भी व्यापारी मानने को राजी नहीं हुए और कहा कि वह खुद ही अतिक्रमण हटा लेंगे। वहीं प्रशासन ने लोगों को हिदायत दी कि यदि स्वयं अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो प्रशासन हटवाएगा।

एसएसबी जवानों ने पकड़ी तस्करी

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खटीमा- नेपाल सीमा पर एसएसबी जवानों को बड़ी कामयाबी मिली है। गश्त के दौरान जवानों ने 22 साइकिलों पर लादकर लाया जा रहा कास्मेटिक सामान व जैकेटें बरामद की हैं। हालांकि तस्कर मौके से भागने में कामयाब रहे।

सिमलघाट एसएसबी जवान सीमा शुक्रवार की रात पिलर संख्या 800/13 पर गश्त कर रहे थे। इसी दौरान उन्हें पूर्णागिरि घाट पर नेपाल की ओर से साइकिलों पर सवार कुछ लोगों के आने की आवाज सुनाई दी। इस पर जवानों ने उनकी घेराबंदी कर दी और मोर्चा संभाल कर रास्ते पर बैठ गए। साइकिलों पर सवार लोग जब वहां पहुंचे तो जवानों ने उन्हें घेरने की कोशिश की लेकिन वे साइकिलें छोड़ अंधेरे का लाभ उठाकर जंगल की ओर भाग खड़े हुए। तलाशी लेने पर उनकी साइकिलों में विदेशी जैकेट व कास्मेटिक सामान के गट्टे लदे हुए थे। पकड़ा गए सामान की कीमत लाखों में आकी गई है। बाद में जवानों ने साइकिलों व सामान को कस्टम विभाग के सुपुर्द कर दिया।