Page 398

महिला पुलिस खिलाडी को अंडर 75 किलो में मिला तीसरा स्थान

0

वुशु एशोसिएशन आफ इण्डिया द्वारा असम राइफल के पर्यवेक्षण में 26th सीनियर नेशनल वुशु चैम्पियनशिप (महिला एवं पुरूष) का आयोजन में दिनांक 10th अक्टूबर से 15 अक्टूबर 2017 तक लैटकोर शिलांग में किया गया।

प्रतियोगिता में जनपद देहरादून से महिला पुलिस खिलाडी मनाली राठी द्वारा भी उत्तराखण्ड़ पुलिस की तरफ से अंडर 75 kg में प्रतिभाग किया गया जिसमे महिला खिलाडी मनाली राठी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया गया।

एसएसपी महोदया ने महिला पुलिस मनाली राठी का उत्साह वर्धन कर उनको उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दी|

तेंदुए ने बनाया अधेड़ को शिकार

0

अल्मोड़ा, विकासखंड भैसियाछाना के बाड़ेछीना शिल गांव में अपने घर में सो रहे अधेड़ को तेंदुआ उठाकर ले गया। खोजबीन के बाद उनका शव घर से करीब तीन सौ मीटर दूर गदेरे से बरामद हुआ।

तेंदुए के हमले से गांव में दहशत का माहौल है। बताया जा रहा है कि गांव के लोग बाड़ेछीना में रामलीला का मंचन देखने गए थे। 55 वर्षीय नारायण राम के परिवार के सदस्य भी रामलीला देखने चले गए। वहीं, नारायण राम अपने कमरे में सोने चले गए। देर रात जब परिवार के सदस्य घर पहुंचे तो नारायण राम कमरे में नहीं मिले। कमरे व घर के आंगन मे खून के छीटे दिखाई दिए तो घर वालों के होश उड़ गए। इस पर गांव में शोर मचा और उनकी खोज शुरू की गई। साथ ही वन विभाग को इसकी सूचना दी।

काफी खोज के बाद नारायण राम का शव घर से करीब तीन सौ मीटर की दूरी पर गदेरे (बरसाती नाला) में मिला। शरीर का काफी हिस्सा तेंदुआ खा चुका था। इस घटना से पूरे क्षेत्र में दहशत है।

जिला स्तरीय विज्ञान महोत्सव नवम्बर में  

0

अल्मोड़ा, एससीइआरटी व राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तत्वावधान में जिला स्तरीय विज्ञान महोत्सव दो व तीन नवंबर को राजकीय बालिका इंटर कालेज अल्मोड़ा में होगा। जिसमें जिले के विभिन्न विकास खंडों के विद्यालयों के बाल वैज्ञानिक अपना हुनर प्रस्तुत करेंगे।

राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के जिला संदर्भ व्यक्ति विनोद कुमार राठौर ने बताया कि, “विज्ञान महोत्सव के तहत विज्ञान प्रदर्शनी, विज्ञान मेला तथा विज्ञान ड्रामा का आयोजन किया जाएगा। एनसीइआरटी की ओर से इस वर्ष विज्ञान प्रदर्शनी का विषय सतत विकास के लिए नवाचार रखा गया है। जिसके अंतर्गत छह उपविषय स्वास्थ्य तथा स्वस्थ रहना, संसाधन प्रबंध, खाद्य सुरक्षा, अपशिष्ट प्रबंधन, जलाशयों का संरक्षण, परिवहन तथा संचार, डिजिटल एवं तकनीकी समाधान रखा गया है।”

डिजिटल एवं तकनीकी समाधान तथा गणितीय प्रतिरूपण के तहत ब्लॉक स्तर पर जूनियर तथा सीनियर वर्ग में प्रथम तथा द्वितीय स्थान प्राप्त प्रतिभागी जिला स्तरीय विज्ञान महोत्सव में प्रतिभाग करेंगे। उन्होंने बताया कि दो नवंबर को विज्ञान प्रदर्शनी तथा विज्ञान मेला तथा तीन नवंबर को विज्ञान ड्रामा का आयोजन किया जाएगा। इधर मुख्य शिक्षा अधिकारी जगमोहन सोनी ने सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्यो को निर्देशित किया है कि, “वह चयनित छात्र-छात्राओं को अनिवार्य रूप से जिला स्तरीय विज्ञान महोत्सव में प्रतिभाग कराएं।”

पाईप लाईन फटने से पेयजल आपूर्ती ठप्प

0

पिथौरागढ़, तापमान में आई गिरावट के कारण एशिया की सबसे ऊंची पंपिंग घाट पेयजल योजना के पाइप लाइन फट गई। इसके चलते पिथौरागढ़ नगर सहित आस-पास के गांवों की एक लाख की आबादी दो दिन से पानी के लिए तरस गई है। ऊपर से एनएच द्वारा डाले जा रहे मलबे के कारण भी पेयजल लाइन को क्षति पहुंची है।

पिथौरागढ़ नगर के लिए अस्सी के दशक में घाट नामक स्थान से सरयू नदी से पंपिंग पेयजल योजना बनाई गई है। इस योजना के तहत सरयू नदी किनारे घाट में 454 मीटर की ऊंचाई से पिथौरागढ़ नगर में 1600 मीटर की ऊंचाई तक पानी पंपिंग कर पहुंचाया जाता है। 30 किमी लंबी इस योजना के तहत चार स्थानों पर पंप हाउस बने हैं। नगर के सर्वाधिक ऊंचाई वाले लोनिवि निरीक्षण भवन के निकट स्थित टैंककें चार स्थानों पर पंपिंग के बाद पानी पहुंचता है।

लंबी पेयजल योजना कभी भूकटाव तो कभी टनकपुर-तवाघाट हाईवे में किए जा रहे कार्य के दौरान मलबा डाले जाने से क्षतिग्रस्त होती रहती है। जिस कारण पाइपों की वेल्डिंग की जाती है। इधर तापमान में अचानक आए बदलाव के कारण वेल्डिंग फटने से जलापूर्ति ठप है। दो दिन से नगर सहित आसपास के गांवों की एक लाख की आबादी प्रभावित है। लोग पीने भर पानी के लिए परेशान हैं।

घाट पंपिंग पेयजल योजना में पानी नहीं आने पर जल संस्थान ने नगर में छह पेयजल टैंकर लगाए हैं। इसके अलावा ठूलीगाड़ पंपिंग पेयजल योजना की लाइन का पानी हनुमान मंदिर टैंक को शिफ्ट कर दिया है। हनुमान मंदिर से लगे क्षेत्रों में सुबह देर से कुछ स्थानों पर जलापूर्ति की गई। दिन में और सायं को नगर के कुछ अन्य स्थानों पर भी पेयजल लाइन में पानी चलाया जाएगा।

रेरा तैयार कर रहा वेबसाइट, बिल्डरों के धोखाधड़ी का खेल खत्म

0

देहरादून। बिल्डरों के पंजीकरण संबंधी खेल को भांपते हुए रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) ने निवेशकों को धोखाधड़ी से बचाने का रास्ता ढूंढ निकाला है। तय किया गया है कि बिल्डरों के प्रोजेक्ट की पूरी जानकारी ऑनलाइन साझा की जाएगी।

बिल्डरों के प्रोजेक्ट की जानकारी ऑनलाइन साझा करने के लिए रेरा वेबसाइट तैयार कर रहा है। साइट पर बिल्डरों के नाम और उनके प्रोजेक्ट के पूरा होने की अवधि समेत विभिन्न जानकारी दर्ज की जाएगी। इस आधार पर निवेशक खुद यह जान पाएंगे कि उनके बिल्डरों ने उनके साथ किए अनुबंध में कब्जा देने की जो अवधि बताई है, उस अवधि तक प्रोजेक्ट पूरा भी हो पाएगा या नहीं। सचिव आवास व रेरा के नियामक प्राधिकारी अमित नेगी के मुताबिक एक माह के भीतर वेबसाइट तैयार कर दी जाएगी। वेबसाइट में प्रोजेक्ट की जानकारी प्राप्त करने के साथ ही निवेशक शिकायत भी दर्ज करा सकेंगे।
रेरा में अब तक 237 बिल्डर पंजीकरण को आवेदन कर चुके हैं 82 बिल्डरों के पंजीकरण पर मुहर लग चुकी है। जबकि दर्जनों बिल्डरों के दस्तावेज यह बता रहे हैं कि प्रोजेक्ट के पूरा होने की जो अवधि उन्होंने रेरा को बताई है, असल में वह अवधि निवेशकों के साथ किए गए अनुबंध से कहीं अधिक है। साफ है कि बिल्डरों ने निवेशकों को धोखें में रखने का काम किया है। इस तरह वही बिल्डर रेरा के फंदे में फंस पाएंगे, निवेशक जिनकी शिकायत करेंगे। जबकि वेबसाइट में जानकारी मिलने के बाद निवेशकों को स्वत: ही पता लग जाएगा कि बिल्डर उन्हें धोखे में रख रहा है।
उत्तराखंड सचिवालय सहकारी आवास समिति की कारगी क्षेत्र में की गई करीब 117 बीघा की प्लॉटिंग को रेरा से राहत मिलती दिख रही है। रेरा में पंजीकरण कराए बिना प्लॉटिंग करने पर समिति को नोटिस जारी किया था। इसके बाद समिति ने रेरा में पंजीकरण के लिए आवेदन कर दिया था। हालांकि फिर दोबारा पेंच इस बात का फंस गया था कि यह भूखंड दो हिस्सों में खरीदा गया है। इसका रास्ता निकाला गया कि यदि समिति अलग-अलग शुल्क जमा करा दे तो पंजीकरण से पेंच हट जाएगा। इस आशय का नोटिस रेरा ने समिति के भेज दिया है।

आने वाले साल से सरकारी स्कूल कि किताबों में होंगे ”उत्तराखंड के दर्शन”

0

प्राइवेट विद्यालय उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति और इतिहास के बारे में छात्रों को ना भी पढ़ा सकें, लेकिन सरकारी स्कूलों  के छात्र 2018-19 के नए शैक्षणिक सत्र से उत्तराखंड के बारे में सीखेंगे।

नई तरह की इस पहल में,राज्य सरकार स्कूल में कुछ ऐसा शुरु करने जा रहा जिसमें पहाड़ी राज्य की संस्कृति, लोक, संगीत, परंपराओं, नृत्य, भोजन, भाषा, भूगोल, इतिहास और प्रसिद्ध आंदोलनियों और नेताओं के बारे में एक किताब शुरू करने के लिए तैयारी हो रही है।

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) इसकी शुरुआत 1-8 ग्रेड के लिए आने वाले सत्र से की जाएगी, इसके अलावा छात्रों को पहाड़ी राज्य के दौरे और उसके बारे में बताने के लिए पर हर ग्रेड में एक अलग किताब होगी।

“स्कूल शिक्षा के महानिदेशक आलोक शेखर तिवारी ने बताया कि,”एनसीईआरटी राज्य विशेष किताबें नहीं उपलब्ध  करता है इसलिए, हम एक अलग किताब के प्रस्ताव पर काम कर रहे हैं जो स्कूलों में बच्चों को उत्तराखंड के बारे में सभी जानकारी देगा।

राज्य विद्यालय राज्य शिक्षा परिषद और राज्य परिषद (एससीईआर) की किताबों को फॅालों करते हैं,जो राज्य स्तर पर तैयार किए गए हैं और एनसीईआरटी की गाईडलाइन पर आधारित हैं।

लेकिन, भाजपा सरकार ने एससीईआरटी किताबों को छोड़कर एनसीईआरटी पुस्तकों को ही पाठ्यक्रम में शामिल करने का फैसला किया है जो आने वाले समय में कंपटिशन लेवल के लिए बच्चों को तैयार करता है।

इसके लिए, अधिकारी एनसीईआरटी अधिकारियों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) बनाने में वयस्त हैं जहां अपने ही  राज्य यानि की उत्तराखंड में किताबों को प्रकाशित करने के लिए कॉपीराइट लिया जाएगा।

“स्कूल के निदेशक आर.के कुंवर ने कहा कि”किताबें अत्याधुनिक लक्ष्य और उन सूचनाओं के बारे में बताती हैं जो आमतौर पर छात्रों द्वारा जानी जाती हैं। समुदायों, फॅारेस्ट कवर, वन्यजीव, नदियों, धार्मिक स्थानों, लोक और अन्य लोगों के बारे में समझना ही हमारा मुख्य काम है।इसके अलावा उन्होंने कहा कि यह किताबें, शासक सरकार, निर्वाचन क्षेत्रों और मंत्रालयों के सामान्य बिंदुओ के बारे में भी बताती हैं।

किस तरह की होगी यह किताब इस पर अभी काम चल रहा है। सूत्रों का कहना है कि इस किताब का विषय दूसरों विषयों पर निर्भर करता है क्योंकि हर ग्रेड में कम से कम एक किताब होगी, जो बच्चों को उत्तराखंड से रुबरु कराएगी।

तिवारी ने कहा, “यह किताब बाकी विषयों के साथ नहीं जोड़ी जाएगी, लेकिन यह क्यूरीकुलम का हिस्सा होगी जिसकी एक जानकारीपूर्ण शैली होगी जिसकी लिखित परीक्षा के बजाय एप्टीट्यूड परीक्षा हो सकती है।”

 

पिछले छः महीने में एमडीडीए में हुए चार ट्रांसफर

0

मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) में अब लगातार हो रहे ट्रांसफर एक क्रम बन गए हैं,लेकिन इन ट्रांसफर के कारण दून के नागरिकों ने दावा करते हुए कहा कि यह एजेंसी के कामकाज पर निगेटिव प्रभाव डाल रहा है। पिछले छह महीनों में, एमडीडीए ने वाइस चेयरमैन के पद में चार अधिकारियों का फेरबदल किया हैं। मीनाक्षी सुंदरम, वी शानमुगम और विनय पांडे के बाद, सरकार अब आशीष श्रीवास्तव को वाइस-चेयरमैन के पद के लिए लेकर आई है। भाजपा सरकार दावा करती है कि जब अधिकारियों को नियुक्ति के लिए उपयुक्त पाया जाता है, तब ट्रांसफर किया जाता है।हालांकि वी शाणमुगम और विनय पांडे ने कुछ महीने तक ही पद संभाला है, जबकि सुंदरम अप्रैल 2012 से मार्च 2017 तक वाइस चैयरमैन थे।

मदन कौशिक, भाजपा के राज्य प्रवक्ता और शहरी विकास मंत्री, ने जल्दी-जल्दी होने वाले ट्रांसफर को ‘एक गैर-मुद्दा’ कहा है। उन्होंने कहा कि, “कभी-कभी एक विशेष पद धारण करने वाला अधिकारी दूसरे पद के लिए उपयुक्त होता है, और यही कारण है कि सरकार ट्रांसफर पर फैसला करती है।ट्रांसफर एक विशेष विभाग के कामकाज को प्रभावित नहीं करता जैसा कि नीतियों वही रहती हैं। सरकार ट्रांसफर करने पर निर्णय लेने से पहले सब कुछ ध्यान में रखती है। “

स्थानीय निवासियों,का कहना है कि सरकार खुद अपनी पसंद के बारे में निश्चित नहीं है। दून रेजिडेंट वेलफेयर फंड के  अध्यक्ष महेश भंडारी ने कहा कि, “ऐसे फैसले किसी भी विभाग में अस्थिरता पैदा करते हैं और अक्सर ट्रांसफर केवल यही बात दर्शाते हैं कि सरकार अपनी पसंद के बारे में निश्चित नहीं है। मार्च में (बीजेपी) सरकार के सत्ता में आने के बाद, तत्काल ही एमडीडीए के उपाध्यक्ष को बदल दिया गया और उसके बाद से हमने उस पद के तीन अधिकारियों को देखा है। जब अधिकारी आँख की झपकी लेने में बदलता रहता है तो काम कैसे करेगा? जितने समय तक एक नया उपाध्यक्ष विभाग में हर चीज को समझने में लगाता है,उसके तुरंत बाद ही उसका ट्रांसफर हो जाता है। यह निश्चित रूप से देहरादून के विकास के लिए अच्छी बात नहीं है।”

“एक गलत या कम उपयुक्त अधिकारी के ट्रांसफर की बात समझी जा सकती है, लेकिन इतने कम समय में इतने सारे ट्रांसफर को कोई मतलब नहीं बनता हैं। एमडीडीए एक महत्वपूर्ण एजेंसी है क्योंकि इसके पास रेजिडेंशियल और कर्मशियल संपत्तियों के लिए नक्शे को स्वीकृति देने का अधिकार है। जब एजेंसी का मुखिया अक्सर बदल जाता है, तो उसके काम पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। यह स्पष्ट है कि अगर एक नए नियुक्त किए गए अधिकारी को अपने काम को करने और समझने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया जाएगा तो यह बहुत साफ है कि इससे काम पर गलत असर पड़ेगा और उसका हर्जाना डिर्पाटमेंट को भुगतना पड़ेगा,”स्थानीय निवासी राजिंदर गुप्ता ने कहा।

रणबीर-आलिया की फिल्म भी 3डी में

0

हाल ही में संजय लीला भंसाली की आगामी फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर खबर आई थी कि इस फिल्म को 3 डी फारमेट में भी रिलीज किया जाएगा। जानकारी थी कि देश भर के 1000 सिनेमाघरों में थ्री डी तकनीक मौजूद है, जिसमें फिल्म का थ्री डी वर्शन रिलीज होगा।

अब एक और बड़ी फिल्म को लेकर खबर आ रही है कि इसे भी 3 डी में बनाया जाएगा। मिली जानकारी के अनुसार, करण जौहर के प्रोडक्शन में बनने जा रही अयान मुखर्जी की फिल्म ‘ब्रह्मास्त्र ‘को भी 3डी फारमेट में रिलीज किया जाएगा। इस साइंस फिक्शन फिल्म का टाइटल हाल ही में बदला गया है, पहले इसका टाइटल ड्रैगन था।

इस फिल्म की प्रमुख भूमिकाओं में रणबीर कपूर और आलिया भट्ट होंगे, जो पहली बार साथ काम करने वाले हैं। साथ ही फिल्म में अमिताभ बच्चन हैं, जिनके साथ रणबीर और आलिया पहली बार काम करेंगे। हाल ही में इस फिल्म की टीम में छोटे परदे पर नागिन सीरियल से चर्चित मौनी राय को भी शामिल किया गया है। 150 करोड़ के बजट वाली फिल्म को 15 अगस्त 2019 को रिलीज किए जाने की घोषणा की गई है।

हाउसफुल 4 की टीम में संजय दत्त भी

0

हाल ही में साजिद नडियाडवाला की प्रोडक्शन कंपनी में हाउसफुल सीरिज की चौथी कड़ी बनाने की घोषणा की गई। घोषणा में बताया गया कि ‘हाउसफुल’ की पहली और दूसरी कड़ी का निर्देशन करने वाले साजिद खान एक बार फिर इस सीरिज से जुड़ रहे हैं और वही चौथी कड़ी का निर्देशन करेंगे।

घोषणा में फिल्म की कास्टिंग को लेकर कोई जानकारी नहीं थी, लेकिन अब साजिद नडियाडवाला की कंपनी के सूत्रों के हवाले से फिल्म की कास्टिंग को लेकर संकेत मिल रहे हैं। इन सकंतों को सही माना जाए, तो इस सीरिज में पहली बार संजय दत्त जुड़ने जा रहे हैं।

उनके अलावा सूत्रों ने जान अब्राहम का भी संकेत दिया है, जिन्होंने ‘हाउसफुल 2’ में काम किया था। अब भी सस्पेंस अक्षय कुमार को लेकर बना हुआ है कि वे चौथी सीरिज में होंगे या नहीं, अभी तक तीनों सीरिज में वे रहे हैं। रितेश देशमुख भी तीनों में रहे हैं और उनको लेकर भी सस्पेंस बना हुआ है।

कहा जा रहा है कि अगले महीने फिल्म की टीम की औपचारिक घोषणा की जाएगी। इस फिल्म को 2019 में दीवाली के मौके पर रिलीज करने की घोषणा की जा चुकी है। ये भी कहा गया है कि ‘हाउसफुल’ की चौथी सीरिज में पुनर्जन्म का चक्कर होगा।

घाट-भेटी मार्ग पर वाहन दुर्घटनाग्रस्त, महिला समेत दो घायल

0

गोपेश्वर। चमोली जिले के विकास खंड घाट के घाट-भेटी मोटर मार्ग पर एक कार दुर्घटना ग्रस्त हो जाने से उसमें सवार दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गये। घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर कर्णप्रयाग के लिए रेफर कर दिया गया है।

थाना चमोली पुलिस के अनुसार, सोमवार की सुबह घाट-भेटी मोटर मार्ग पर एक अल्टो कार भेटी से कुछ पहले अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई। उसमें सवार अध्यापक वाहन स्वामी टीका प्रसाद सेमवाल व एएनएम रूबी दोनों गंभीर रूप से घायल हो गये। दोनों घायलों को घाट चिकित्सालय लाया गया, जहां चिकित्सकों ने उनकी हालत को देखते हुए कर्णप्रयाग के लिए रेफर कर दिया। टीका प्रसाद सेमवाल भेटी स्कूल में टीचर हैं तथा रूबी भेटी में ही एएनएम है। सुबह दोनों ड्यूटी जा रहे थे।