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गैरसैंण में विधानसभा के शीतकालीन सत्र को लेकर बैठक

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गोपेश्वर भराडीसैंण (गैरसैंण) में आगामी 07 से 13 दिसम्बर तक प्रस्तावित शीतकालीन विधानसभा सत्र की तैयारियों को लेकर जिलाधिकारी आशीष जोशी ने अधिकारियों की बैठक लेते हुए मौजूदा व्यवस्थाओं की समीक्षा की। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को विधानसभा सत्र के दौरान गैरसैंण में की जाने वाली सभी प्रकार की व्यवस्थाओं को जल्द सुनिश्चित करने व सत्र के लिए प्रत्येक महकमे को अपनी प्रगति रिपोर्ट अपडेट रखने के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने लोनिवि, ऊर्जा, जल संस्थान और दूरसंचार निगम, मेडिकल आदि प्रमुख विभागीय उच्चाधिकारियों को भराडीसैंण में व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं। विधानसभा भवन, सचिवालय, विधायक आवास, अधिकारियों व कर्मचारियों के आवास के लिए बेड, बिस्तर, फर्नीचर व अन्य जरूरी सामग्री की सूची तैयार करने को कहा। उन्होंने गौचर, भराडीसैंण, सलियाना बैंड स्थित हैलीपैडों में फायर ब्रिगेड, सेफ हाउस आदि व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने तथा आदिबद्री-गैरसैंण मोटर मार्ग को ठीक करने के निर्देश एनएच लोनिवि अधिकारियों को दिए। उन्होंने एनएच को स्नोकटर की व्यवस्था के निर्देश भी दिए और विधानसभा भवन में बैरिकेटिंग के प्वांइट भी चयनित करने को कहा।
सत्र के दौरान 24 घंटे विद्युत एवं पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने एवं विद्युत व पेयजल आपूर्ति बाधित होने पर वैकल्पिक व्यवस्था भी सुनश्चित करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। दूरसंचार विभाग को विधानसभा भवन, सचिवालय, वीआईपी आवास, मीडिया सेल आदि प्रमुख स्थलों पर वाई-फाई एवं नेटवर्क की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। जिलाधिकारी ने गैरसैंण, आदिबद्री, कर्णप्रयाग, गौचर, सिमली आदि स्थानों पर स्थित सभी गेस्ट हाउसों को पांच दिसम्बर तक पूर्ण रूप से अधिग्रहण करने के निर्देश एसडीएम कर्णप्रयाग को दिए हैं। साथ ही जिलाधिकारी अल्मोड़ा को भी नजदीकी गेस्ट हाउसों को भी रिजर्व रखने हेतु पत्र प्रेषित करने के निर्देश अपर जिलाधिकारी को दिए। इसके अलावा आईटीबीपी एवं आर्मी के गेस्ट हाउसों को भी रिजर्व करने हेतु आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा।
बैठक में अपर जिलाधिकारी ईला गिरि, अधीक्षण अभियंता जीसी आर्या, पुलिस उपाध्यक्ष हरवंश सिंह, जिला विकास अधिकारी आनंद सिंह, एसीएमओ मंयक बडोला, जीएम डीआईसी डॉ. एमएस. सजवाण, सीवीओ डॉ. लोकेश कुमार सहित लोनिवि, जल संस्थान, जल निगम, उरेडा, विद्युत, पूर्ति आदि विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

रिस्पना-कोसी पुनर्जीवीकरण को लेकर अभियान छह से

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देहरादून। राज्य स्थापना समारोह श्रृंखला के तहत छह नवम्बर को रिस्पना और कोसी नदी के पुनर्जीवीकरण के लिए व्यापक जन अभियान शुरू किया जाएगा। देहरादून में रिस्पना नदी के पुनर्जीवीकरण अभियान के शुभारंभ पर प्रख्यात पर्यावरणविद् मैग्सेसे पुरस्कार विजेता जलपुरुष डॉ. राजेन्द्र सिंह उपस्थित होंगे। साथ ही राज्य सरकार ने सचिदानंद भारती को भी इस कार्यक्रम में आंमत्रित किया है। वहीं कोसी नदी के पुनर्जीवीकरण कार्यक्रम में अल्मोड़ा में प्रभारी मंत्री और स्थानीय विशेषज्ञों की उपस्थिति रहेगी।
गुरुवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में ईको टास्क फोर्स के अधिकारियों के साथ रिस्पना नदी के पुनर्जीवीकरण के लिए कार्ययोजना की रूप रेखा पर चर्चा की। छह नवम्बर को रिस्पना नदी से कूड़ा-कचरा, मलबा हटाने व डिसिल्टिंग का कार्य आरम्भ कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी छह नवम्बर को रिस्पना नदी के जल को हाथ में लेकर इसके पुनर्जीवीकरण का संकल्प लेना होगा। राज्य सरकार का सिंचाई विभाग इसके लिए नोडल विभाग होगा। उन्होंने निर्देश दिए कि आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों, प्रशासन, गैर-सरकारी संगठनों के सहयोग से रिस्पना पुनर्जीवीकरण के लिए प्रभावी कार्य योजना तैयार की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रिस्पना के स्रोत स्थल मसूरी के लंढौर से यह कार्य प्रारम्भ किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए की सर्वे करवा लिया जाए कि नदी के कैचमेंट एरिया में कितनी संख्या में और कौन-कौन सी प्रजाति के पेड़ लगने हैं। उन्होंने कहा कि कार्य योजना के अन्तर्गत वन विभाग को पर्याप्त संख्या में वृक्ष तैयार करने के लिए निर्देश दिए जाएंगे। यह दिन पूरी तरह से इको फ्रेंडली तरीके से आयोजित किया जाएगा। आसपास के अधिक से अधिक गांवों को इससे जोड़ा जाएगा। पूरी रिस्पना नदी के मार्ग में आठ ऐसे स्थान चिह्नित किए गए हैं, जहां आसपास के ग्रमीणों और स्थानीय लोगों, विद्यार्थियों, स्वैच्छिक श्रमदान करने वाले, गैर-सरकारी संगठनों व जूनियर टास्क फोर्स द्वारा श्रमदान करके कूड़ा-कचरा, मलबा हटाने व डिसिल्टिंग कार्य किया जाएगा। वृक्षारोपण के लिए गड्ढे बनाने व जल साफ करने के लिए विशेष एंजाइम युक्त छिड़काव का कार्य आरम्भ कर दिया जाएगा। जगह-जगह ट्रैंन्चों का निर्माण वैज्ञानिक तरीके से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि धन के समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने भी रिस्पना के पुनर्जीवीकरण के लिए हर प्रकार के सहयोग व सहायता का आश्वासन दिया है। पालीथीन के प्रयोग को हतोत्साहित करने के लिए जन जागरुकता पर विशेष ध्यान देना होगा। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र प्रदेशवासियों का आव्हान किया है कि ‘रिस्पना से ऋषिपर्णा’ मिशन के तहत राज्य सरकार द्वारा गम्भीरता से रिस्पना नदी को साफ करने तथा इसके पुराने स्वरुप में लौटाने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन राज्यवासियों की व्यापक सक्रिय भागीदारी से ही इस अभियान को सफल बनाया जा सकता है।उन्होंने जनता विशेषकर युवाओं, विद्यार्थियों से इस अभियान में बढ़चढ़ कर भाग लेने की अपील की है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री स्वयं रिस्पना की सफाई हेतु 67 दिनों तक श्रमदान का कार्य कर चुके हैं। उन्होंने सभी जनपदों में कम से कम एक प्रमुख नदी/जलस्रोत के पुनर्जीवीकरण का लक्ष्य रखा है। उन्होंने हाल ही में उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में वृक्षारोपण के दौरान ईको टास्क फोर्स के दो जवानों की मृत्यु हो जाने पर उन जवानों के परिवार को सहायता राशि देने के निर्देश भी दिए। उक्त जवानों के आश्रितों को मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित भी किया जाएगा। इस अवसर पर ईको टास्क फोर्स के सीओ कर्नल एचआरएस राणा व अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।

यूएपीएमटी में एससी कोटे की सीट पर दे दिया जनरल को दाखिला

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देहरादून। उत्तराखंड आयुर्वेद युनिवर्सिटी का विवादों से नाता टूटने का नाम नहीं ले रहा है। पहले नियुक्तियों, फिर बैक पेपर और इसके बाद परीक्षा पेपर लीक के मामले के बाद अब काउंसिलिंग में गड़बड़ी का आरोप विवि पर लगा है। विवि पर आरोप है कि युएपीएमटी प्रवेश परीक्षा की काउंसिलिंग में अनुसूचित जाती को आवंटित की जाने वाली सीटों को गुपचुप तरीके से विवि प्रशासन ने सामान्य श्रेणि में परिवर्तित कर संबंधित श्रेणी के छात्रों को आवंटित कर दी। मामले में पीड़ित छात्र ने अनुसूचित जाती आयोग को भी शिकायत की है।

उत्तराखंड आयुर्वेद युनिवर्सिटी में धांधलियों का सिलसिला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। इस बार मामला उत्तराखंड आयुष प्री मेडिकल टेस्ट यानि यूएपीएमटी प्रवेश परीक्षा की काउंसिलिंग से जुड़ है। यूएपीएमटी परीक्षा पास कर काउंसिलिंग में शामिल होने वाले अनुसूचित जाति श्रेणी के छात्र अनुराग के पिता रोशन लाल ने विवि पर आरोप लगाया है कि विवि प्रशासन ने धांधली कर अनुसूचित जाति के छात्रों को आवंटित होने वाली सीटों को सामान्य श्रेणि में परिवर्तित कर छात्रों को आवंटित कर दी है। मामले में उन्होंने अनिसुचित जाति आयोग के अध्यक्ष को भी लिखित रूप से शिकायत की है।
छात्र अनुराग की माने तो उन्होंने उत्तराखंड आयुर्वेदिक प्री मेडिकल टेस्ट और उसके बाद उसके लिए काउंसलिंग हेतु रजिस्ट्रेशन की फीस जमा आॅनलाइन मोड में जमा कराई। इसके बाद विवि में संपर्क करने पर उन्हें बताया कि काउंसिलिंग की जानकारी उन्हें संबंधित फोन नंबर पर दे दी जाएगी। मगर कोई जानकारी नहीं मिलने पर उनके द्वारा एक बार फिर 23 अक्टूबर को संपर्क साधा गया। इस बार भी उन्हें काउंसिलिंग को लेकर कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला।
जिसके बाद 28 अक्टूबर को फिर से हर्रावाला स्थित विश्वविद्यालय जाकर जानकारी मांगी। इस बार कहा गया कि 27 अक्टूबर रात दो बजे काउंसिलिंग प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। अनुराग ने बताया कि संबंधित काउंसिलिंग प्रक्रिया को लेकर उन्हें न तो पहले कोई जानकारी दी गई और न ही फोन नंबर पर कोई संदेश भेजा गया।
मामले में विवि प्रशासन से जब इसे लेकर जानकारी मांगी गई तो विवि के कुलसचिव प्रो अनूप कुमार गक्खड़ ने उन्हें काउंसिलिंग में अनुसूचित जाति का कोई आवेदक न होने की दशा में संबंधित सीटों को सामान्य श्रेणि में परिवर्तित करते हुए अन्य छात्रों को आवंटित करने की बात कही। अनुराग ने बताया कि अब विवि उन्हें प्राइवेट कॉलेज में सीट देने की बात कह रहा है लेकिन माली हालत ठीक नहीं होने के कारण वहां दाखिला लेना संभव नहीं। अनुराग के पिता रोशन लाल ने बताया कि सरकारी कोटे की सीटों में घालमेल करने के बाद अब विवि मोटी फीस पर निजी कॉलेज की प्रबंधन की सीटों को बेचने का काम कर रहा है। उन्होंने अनुसचित जाति आयोग से मामले में जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की है। आरक्षित सीटों को समान्य में बदलने से अलग विवि पर काउंसिलिंग के दौरान उच्च नम्बर को प्राइवेट कालेज और न्यून नम्बर को सरकारी कालेज आवंटित करने का भी अरोप लगाया जा रहा है।

बिना अधिसूचना नहीं बदल सकती कोटे की सीटें
विवि का यह तर्क कि उन्हें काउंसिलिंग के दौरान आरक्षित सीटों को लिए दावेदार न मिलने की सूरत में संबंधित सीटों को सामान्य श्रेणी में बदलकर सीट आवंटित कर दी गले नहीं उतर रहा है। नियमों की बात करें तो किसी भी संस्थान में आरक्षित की गई सीटों को बदलने के लिए पूरी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। संबंधित सीटों को सामान्य श्रेणि में बदलने के लिए अधिसूचना जारी करनी होती है। इसके बाद ही इन सीटों पर किसी प्रकार की कार्यवाही संपन्न की जा सकती है लेकिन इस प्रकार की कोई भी अधिसूचना आयुर्वेद विवि द्वारा नहीं निकाली गई। इसके अलावा रात्रि दो बजे काउंसिलिंग प्रक्रिया पूरी करने का भी कोई औचित्य दिखाई नहीं दे रहा है। हालांकि मामले में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. अनुप कुमार गक्खड़ का कहना है कि जिन छात्रों को काउंसिलिंग में किसी कारण से सीट आवंटित नहीं हो पाई, उनके साथ न्याय किया जाएगा। उन्होंने बताया कि रुड़की में एक नए आयुर्वेदिक कॉलेज को मान्यता मिली है। जिसमें बीएएमएस की 60 सीट हैं, जिनमें 30 राज्य कोटे की हैं। इनके लिए आगामी छह-सात नवंबर को तृतीय काउंसलिंग आयोजित की जाएगी। इसी दौरान तमाम शिकायतों का भी निस्तारण कर दिया जाएगा।

एम्स के खिलाफ लोगों का अनशन शुरू,गरीबों के हक़ पर ऋषिकेश एम्स का चाबुक

ऋषिकेश। खबर उन लोगों के लिए जो सस्ते इलाज की आस लगाए एम्स में जाते है। अब आपको ऋषिकेश एम्स में ईलाज के लिए अपनी जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी क्योंकि ऋषिकेश एम्स में अब ईलाज महँगा हो चुका है, जिसके बाद अब सभी टेस्ट और दवाईयां पहले से दुगनी हो चुकी है।जिसके बाद अब खुद आम जनता ही एम्स प्रशाशन के खिलाफ सड़कों पर बैठ चुकी है। अभी तक एम्स अपने सस्ते इलाज के लिए पूरे देश मे जाना जाता था। यही कारण है कि लोग दूर दूर से इलाज के लिए सबसे पहले सिर्फ एम्स का दरवाजा खटखटाते थे लेकिन अब ऋषिकेश एम्स भी एक प्राइवेट हॉस्पिटल की तरह की मरीजों की जेब से खेलने जा रहा है।

जी हां ऋषिकेश एम्स में अब इलाज पहले से काफी ज्यादा महँगा हो चुका है। ऋषिकेश एम्स के बाहर ये लोग किसी राजनैतिक पार्टी या सत्ता के नहीं है न ही किसी एनजीओ से है ये सब आम लोग है, जो अपना काम काज छोड़ आज एम्स के खिआफ़ अनशन कर रहे है क्योंकी एम्स अस्पताल अब एक प्राइवेट अस्पताल बन चूका है। हॉस्पिटल प्रसाशन द्वारा जारी सर्कुलर के मुताबिक अब सभी मरीजों से सीजीएचएस के तहत प्राईवेट, निजी व कॉरपोरेट अस्पतालों के लिये निर्धारित शुल्क वसूला जायेगा। आपको बता दें कि अभी तक एम्स ऋषिकेश में मात्र 10 रुपये के खर्च पर पर्ची, 30 रुपये में भर्ती और 35 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से बेड चार्ज लिए जाटव थे जो कि अब दुगने से भी ज्यादा कर दिए गए है। इसके साथ साथ सभी छोटे-बड़े ऑपरेशन जो कल तक बेहद कम शुल्क में किये जाते थे उसके लिए अब मरीजो को ज्यादा रुपए देने पड़ेंगे जिससे यहां पहुँचने वाले मरीजों की जेब पर ख़ासा असर पड़ रहा है।यही कारण है की अब आम लोग एम्स में बड़ाई गयी इलाज के दरों के खिलाफ अनशन पर बैठ गए है।आपको बतादें कि अभी तक दिल्ली एम्स में शुल्क सामान्य ही हैं, लेकिन बताया जा रहा है कि देश में स्थापित हुए सभी नए एम्स में एक तिहाई शुल्क वृद्धि के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से दिशा निर्देश दिए गए है। वहीं प्रसाशन की तरफ से बताया जा रहा है की ये वृद्धि सी.जी.एच.एस (सेंट्रल गवर्नमेंट हैल्थ स्कीम) के मानकों के अनुरूप ही बड़ाई गयी है, तो दूसरी तरफ लोगों का मानना है कि सरकार को स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने के लिए ऐसे कदम उठाने चाहिए जिससे आम लोगों को कोई दिक़्क़त न हो इस तरह एम्स में फीस बढ़ाने से आम लोगों को ही सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। वहीँ विपक्ष ने अब बीजेपी को इसके लिए आड़े हाथ लिया है, उनका कहना है की बीजेपी के 3 वर्ष बिल्कुल निराशाजनक है,जो चीजें सस्ती या मुफ्त होनी चाहिए थी वो आज इस सरकार ने काफी महंगी कर दी है।एम्स में हुई इलाज शुल्क बढ़ोतरी के विरोध में बैठे ये लोग यही उम्मीद कर रहे हैं की ये दरें जल्द से जल्द कम हो ताकि यहाँ आने वाले मरीजों को कोई दिक्कतें न हो सके, बहरहाल एम्स प्रशासन द्वारा की गयी शुल्क वृद्धि से यहाँ आने वाले मरीजों और यहां पढ़ रहे छात्र-छात्राओं पर कितना असर पड़ेगा ये जल्द ही पता चल जायेगा।

खसरा-रूबेला टीकाकरण से पांच बच्चे बीमार

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चमोली जिले के विकास खंड घाट के वादुक प्राथमिक विद्यालय में अचानक 5 बच्चों की हालत बिगड गई। छात्रों को उल्टी और चक्कर आने लगे। जिससे ग्रामीणों ने 108 सेवा के माध्यम से बच्चों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घाट लाया गया, जहां बच्चों की हालत अब सामान्य बतायी जा रही है।

वादुक के ग्राम प्रधान सूरज सिंह नेगी ने बताया कि, “बीते गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा स्कूल में बच्चों को खसरा-रूबेला के टीके लगाये गये थे। जिसके बाद से ही बच्चों की हालत बिगड़ने लगी थी। जिसके बाद बच्चों को उपचार के लिए सीएचसी घाट लाया गया। जहां उपचार के बाद अब बच्चों की स्थिति सामान्य बनी हुई है।”

सीएचसी घाट के चिकित्सक डॉ हर्षवर्धन रावत का कहना है कि, “बच्चों पर खाली पेट टीकाकरण करने से इस तरह की दिक्कते आती है लेकिन उपचार के बाद अब बच्चों की स्थिति सामान्य है।” 

सुशांत की जगह अभिषेक

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ये बात पक्की हो गई है कि निर्माता बंटी वालिया की कंपनी द्वारा बनाई जा रही फिल्म ‘रॉ’ में अब सुशांत सिंह राजपूत की जगह अभिषेक बच्चन प्रमुख भूमिका करेंगे। अभिषेक और बंटी वालिया काफी पुराने दोस्त हैं और जब सुशांत द्वारा इस फिल्म से अलग करने की खबर आई थी, तब से ही कयास लग रहे थे कि बंटी की फिल्म में अभिषेक ही हीरो होंगे।

सुशांत द्वारा फिल्म छोड़ने की खबर पर बंटी वालिया सुशांत पर बिगड़े थे और उनके इस रवैये को अनप्रोफेशनल बताते हुए उनकी आलोचना की थी। उधर, सुशांत सिंह की ओर से कहा गया कि उनकी जानकारी के बिना कहानी में किए गए बदलावों से नाराज होकर सुशांत सिंह ने फिल्म से अलग होने का फैसला किया। उसी वक्त बंटी वालिया ने संकेत दिए थे कि वे इस रोल में अभिषेक को कास्ट करने की कोशिश करेंगे।

इस फिल्म की शूटिंग कश्मीर, मुंबई, पंजाब और नेपाल की राजधानी काठमांडू में होगी। इस फिल्म में अभिषेक के साथ हीरोइन कौन होंगी, इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है।

मि. इंडिया 2से लांच होंगी श्रीदेवी की बेटी जाह्नवी

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श्रीदेवी की बड़ी बेटी जाह्नवी की लांचिंग का मामला पिछले काफी समय से चर्चा में है। पहले चर्चा रही कि करण जौहर की कंपनी में जाह्नवी की लांचिंग फिल्म का निर्माण होगा। इसके लिए पहले ‘स्टूडेंटस आफ द ईयर’ की सिक्वल का नाम सामने आया। फिर खबर आई कि फिल्म की प्रोडक्शन टीम के साथ श्रीदेवी के मतभेद हो गए और जाह्नवी का मामला टल गया। फिर खबर आई कि यशराज में श्रीदेवी की बेटी लांच होंगी।

यशराज की ओर से इसका भी खंडन आ गया। अब उनकी लांचिंग को लेकर एक और खबर मिली है। खबर के मुताबिक, जाह्नवी की लांचिंग ‘मि. इंडिया’ की सिक्वल से होगी। चर्चा है कि इस सिक्वल में ‘मि. इंडिया’ की जोड़ी अनिल कपूर और श्रीदेवी भी होंगे और साथ में एक युवा जोड़ी होगी, जिसमें जाह्नवी होंगी और उनके साथ बतौर हीरो एक नए हीरो को लांच किया जाएगा।

‘मि. इंडिया’ की सिक्वल का निर्देशन रवि उदगीर को दिया गया है, जिन्होंने हाल ही में श्रीदेवी को लेकर ‘मॉम’ फिल्म बनाई है। कहा जाता है कि अगले साल जनवरी से ये फिल्म शुरु हो सकती है।

आइडीपीएल में काम रह रहे चार लोग अवैध हथियारों के साथ गिरफ्तार

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ऋषिकेश, में बढ़ती चोरी की घटनाओं के बाद अब लगातार ऋषिकेश पुलिस प्रशासन पर सवालिया निशान लगते जा रहे हैं जिसके चलते आप ऋषिकेश कोतवाली पुलिस जनता के दबाव के बाद एक्शन में नजर आ रही है। गंगानगर में रात व्यापारी के साथ हुई लूट की वारदात के बाद पुलिस ने गश्त बढ़ाते हुए संदिग्ध लोगों की तलाश शुरू की।

आइडीपीएल क्षेत्र के खंडहरनुमा भवनों की तलाशी के दौरान पुलिस ने चार लोगों को हथियारों के साथ गिरफ्तार किया।

एएसपी मंजूनाथ टीसी ने बताया कि, “गिरफ्तार लोगों में कल्पेश, मनीष उर्फ मीसा, नीरज, कलम सिंह रावत शामिल हैं। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ हरियाणा के विभिन्न जनपदों में हत्या व लूट जैसे संगीन अपराधों में मुकदमे दर्ज हैं।

डाटकाली सुरंग निर्माण में 3650 घनमीटर मिट्टी गायब, औचक निरीक्षण में खुलासा

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देहरादून। डाटकाली सुरंग निर्माण में मिट्टी घोटाला सामने आया है। निर्माण कंपनी ने कार्यदाई संस्था राष्ट्रीय राजमार्ग खंड रुड़की के अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर करीब 3650 घनमीटर मिट्टी को मनमाने ढंग से ठिकाने लगा दिया। जबकि इसकी नियमानुसार नीलामी की जानी थी ताकि सरकार को राजस्व प्राप्त हो पाता। अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) अरविंद पांडे के औचक निरीक्षण में यह घपला पकड़ा गया।

प्रशासन को लंबे समय से शिकायत मिल रही थी कि डाटकाली सुरंग निर्माण निकलने वाली मिट्टी को अधिकारी व ठेकेदार मिट्टी को मनमाने ढंग से ठिकाने लगा रहे हैं। इसको लेकर कुछ दिन पहले जिलाधिकारी ने सुरंग निर्माण की प्रगति की समीक्षा के बहाने साइट का निरीक्षण भी किया था। जबकि गुरुवार को जिलाधिकारी के निर्देश पर अपर जिलाधिकारी अरविंद पांडे ने तहसीलदार सदर एमसी रमोला के साथ निर्माण साइट का औचक निरीक्षण किया। अपर जिलाधिकारी ने साइट पर काम कर रहे इंजीनियरों से सुरंग निर्माण में निकली मिट्टी की डंपिंग साइट के बारे में पूछा तो वे बगलें झांकने लगे। अपर जिलाधिकारी ने डंपिंग साइट पर सख्ती से पूछा और कार्रवाई की चेतावनी दी तो बताया गया कि मिट्टी को हरिद्वार बाईपास रोड पर सत्संग भवन के पास के निर्माण कार्य में प्रयोग किया गया है। यह बात अधिकारियों के गले नहीं उतरी क्योंकि यहां पहले से ही निर्माण कार्य चल रहा है, लिहाजा यहां से भी मिट्टी की निकासी होनी चाहिए। वहीं, अपर जिलाधिकारी के निर्देश पर तहसीलदार सदर ने निरीक्षण पर रिपोर्ट तैयार करनी शुरू कर दी है। तहसीलदार सदर के अनुसार अब तक करीब 50 मीटर सुरंग की खुदाई में 3650 घनमीटर के आसपास मिट्टी की निकासी हो चुकी होगी। नियमानुसार यहां से निकली मिट्टी को विशेष डंपिंग साइट पर डंप किया जाना था। इसके बाद मिट्टी की नीलामी करने का प्रावधान है। यदि राजमार्ग खंड के अधिकारी ऐसा करते तो सरकार को लाखों रुपये का राजस्व प्राप्त होता है तो रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी, जिस पर उन्हीं के स्तर से कार्रवाई की जाएगी।

बिना थैले नहीं होगी कार्बेट की सैर 

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रामनगर- अब अगर आपको जिम कॉर्बेट पार्क का भ्रमण करना है तो साथ में एक थैला भी लेकर जाना पड़ेगा। इस थैले में आपके द्वारा उपयोग की गई चीजों को जमा करके कूड़ेदान में डालना होगा। विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क को स्वच्छ रखने के लिए कॉर्बेट प्रशासन ने यह व्यवस्था शुरू की है। इससे स्थानीय महिलाओं को मिलने वाले रोजगार से भी जोड़कर देखा जा रहा है। पहले चरण में इसकी शुरूआत ढेला पर्यटन जोन से की गई है।

बता दें कॉर्बेट पार्क में देसी विदेशी पर्यटक भ्रमण के लिए आते हैं और वह अपने साथ खाद्य पदार्थ भी ले जाते हैं। जिसका कूड़ा वह जंगल में फेंक देते हैं। जंगल में फैले इस कूड़े से वन्य जीवों को भी नुकसान होता है। इसी के तहत भारत सरकार की स्वच्छता मुहिम को आगे बढ़ाते हुए कॉर्बेट प्रशासन ने ढेला की महिलाओं से पर्यटकों के लिए कॉटन के थैले तैयार कराए हैं।

इन थैलों को पर्यटक अपने साथ जंगल में भ्रमण के दौरान ले जाएंगे। पर्यटकों का जो भी कूड़ा होगा, उसे वह थैले में ही रखकर बाहर लेकर आएंगे और कूड़े को कूड़ेदान में डालेंगे। पर्यटकों को यह बैग 50 रुपये में दिया जाएगा। रोजाना नब्बे थैले बनाकर महिलाएं ढेला गेट पर पर्यटकों को देंगी। इससे गांव की महिलाओं को रोजगार मिलेगा, और जंगल पर उनकी निर्भरता कम होगी।