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राज्य स्थापना 17 साल बाद भी बदहाल किसान,शुगर मिलों पर किसानों का करोड़ों बकाया

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उत्तराखण्ड राज्य बनने के बाद प्रदेश के किसानों को आस थी कि छोटे राज्य में उनको बहतर लाभ मिलेगा और उनके दिन बहुरेंगे मगर राज्य स्थापना के सत्रह साल पुरे होने पर किसानोंकी हालत में कोी सुधार नहीं आया है,प्रदेश की चीनी मीलें करोडों रुपये के कर्ज में डूबी हुई हैं,और कर्ज भी किसी और का नहीं बल्कि प्रदेश के गन्ना किसानों का है। जिनकी खून पसीने की मेहनत का करोडों रुपये चीनी मीलें देने का नाम नहीं ले रही है। एसे में कर्ज में डूबे गन्ना किसान की हालत भूखों मरने की हो गयी है और प्रदेश का किसान आत्म हत्या करने से भी पीछे नहीं हट रहा है।
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प्रदेश की चीनी मीलों द्वारा गन्ना किसानों का करोडों रिपये का भुगतान लम्बे समय से नहीं किया गया है।जहां चीनी मीलें इस बकाये के भुगतान को तैयार नहीं है वहीं पहले से कर्ज लेकर गन्ना पैदा करने वाले किसानों के सामने दो वक्त की रोटी का संकट खडा हो गया है।यही नहीं बंद हो चुकि काशीपुर सुगर मील के भुगतान को लेकर कोर्ट के आदेशों की जहां जमकर धज्जियां उडी वहीं आज तक किसानों का करोडों रुपये भुगतान अधर में लटका है जबकि प्रदेश की अन्य चीनी मीलें भी करोडों के कर्ज के बोझ तले दबी है। ऐसे में गन्ना किसान जाए तो कहां एक ओर गन्ना सोसायटी भुगतान का आश्वासन देती है तो दुसरी तरफ चीनी मीलें नुकसान की बात कहकर किसानों के भुगतान से हाथ पीछे खींच लेती है…क्या है।चीनी मीलों के कर्ज की हकीकत और कितना है मीलों पर किसानों का बकाया इन आंकडों से आपकों जाहिर हो जाएगा।

सहकारी क्षेत्र की चीनी मीलें
धनराशि करोडों में
सितारगंज—–991.52
बाजपुर——1304.91
नादेही—–1225.47
सरकारी क्षेत्र की चीनी मीलें
किच्छा—–1450.77
डोईवाला—-1104.50
निजी क्षेत्र की चीनी मीलें
ईकबालपुर—-6173.00
जिसमें से काशीपुर, गदरपुर सुगर मील बंद हो चुकि है जिसमें काशीपुर शुगर मिल का गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान नो सालों से नहीं हो पाया है।लिब्बारेहडी और लक्सर ने ही अभी तक पुरा भुगतान किया है।

सुगर मीलों का भुगतान करने को लेकर जहां सरकार बजट का रोना रो रही है, वहीं विभाग का कहना है कि किसानों के बकाये के भुगतान के लिए जल्द ही निर्णय ले लिया जाएगा, जिसके लिए सरकार द्वारा कुछ धनराशि अवमुक्त करने की बात की जा रही है।

मंदिर और मदरसों की भूमि आवंटन पर जवाब दाखिल करने के दिये आदेश

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नैनीताल– हाई कोर्ट ने मंदिर कमेटी को कम व मदरसा संचालक संस्था को अधिक जमीन आवंटित करने के मामले में सरकार को 6 दिसम्बर तक जवाब देने को कहा है। साथ ही साफ किया कि यदि जवाब दाखिल नहीं करने पर प्रमुख सचिव को कोर्ट में पेश होना होगा।

रुद्रपुर वार्ड नंबर सात निवासी राम प्रकाश गुप्ता व मुकेश पाल ने याचिका दायर कर कहा था कि सरकार द्वारा 28 मार्च 2012 को एक शासनादेश जारी कर चामुंडा देवी मंदिर समिति रुद्रपुर को 0.024 एकड़, जबकि मदरसा आलिया फैजल वेल्फियर सोसायटी को 253 एकड़ जमीन दी थी। याचिकाकर्ता का कहना था कि मंदिर समिति को जमीन कम दी गयी है। उक्त शासनादेश को याचिककर्ताओ द्वारा हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा की एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद सरकार से छह दिसंबर तक जवाब पेश करने को कहा है। जवाब न दाखिल करने पर प्रमुख सचिव को कोर्ट में पेश होना होगा।

नोटबंदी अर्थव्यवस्था पर चोटःबेहड

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रुद्रपुर- नोटबंदी को पूरे एक वर्ष हो जाने के विरूद्ध कांग्रेस ने सड़कों पर उतरकर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री के पुतले की शवयात्रा निकालकर उसे आग के हवाले किया।

बुधवार सुबह से कांग्रेस सरकार में कबीना मंत्री रहे तिलकराज बेहड़ के आवास पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगना शुरू हो गया। जहां कार्यकर्ता खासे उत्साह से लबरेज दिखे। कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस पार्टी जिंदाबाद के नारे के साथ भाजपा के शीर्ष नेताओं को जमकर कोसा। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने नोटबंदी को लेकर एक वर्ष पूरे होने पर विरोध प्रदर्शन की शुरूआत भगत सिंह चौक से शुरू हुई। खासी संख्या में  एकत्र कार्यकर्ताओं ने सबसे पहले प्रधानमंत्री के पुतले की अर्थी बनाई। इस अर्थी को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ता केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए  मुख्य बाजार होते हुए  बाटा चौक पहुंचे। जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतले को आग के  हवाले कर दिया। इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तिलक राज बेहड़ ने कहा कि नोटबंदी के कारण पूरे देश की अर्थ व्यवस्था चरमरा कर रह गई है। जिससे पूरे देश का हर व्यक्ति प्रभावित हुआ है। केंद्र पर आरोप लगाया गया कि कारपोरेट के रूप में चंद उद्योगपतियों और भाजपा के मंत्रियों को लाभ देने के लिए नोटबंदी का कार्यक्रम किया गया। भाजपा की सरकार ने जरूरी चीजें दाल गैस सिलेंडरों की कीमतों में इजाफा कर आम जनता को प्रभावित किया है। कहा देश में आजादी के बाद आज तक के इतिहास में डीजल एवं पेट्रोल मूल्य में इतनी वृद्धि नहीं हुई लेकिन भाजपा की सरकार ने डीजल और पेट्रोल की मूल्य वृद्धि कर आसमान को छुआ दिया है विदेशों से काला धन वापस नहीं आया है लोगों को बरगला कर वोट हासिल करने वाली भाजपा सरकार ने 15 लाख रुपए वादा कर  वोट हासिल किया था। लेकिन आज तक गरीबों के एकाउंट में धेला भी नहीं आया और न ही बेरोजगारों को नौकरी भी नहीं मिल पा रही है।

तो उत्तराखंड से जमा हुए कुल 10.20 हजार करोड़ के पुराने नोट

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देहरादून। नोटबंदी के दौरान उत्तराखंड से कितनी राशि के पुराने नोट बैंकों में जमा कराए गए, इसकी तस्वीर साफ हो गई है। नोटबंदी के एक साल पूरे होने पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने जमा किए गए पुराने नोटों के आंकड़े जारी करते हुए बताया कि प्रदेश में करीब 10 हजार 20 करोड़ रुपये के पुराने नोट जमा कराए गए हैं।

आरबीआई के महाप्रबंधक (उत्तराखंड) सुब्रत दास के मुताबिक, राज्य में 500 व 1000 रुपये के 67 लाख 25 हजार पुराने नोट जमा कराए गए। इनमें 1000 रुपये के नोटों की संख्या 34 लाख 30 हजार है, जबकि 500 रुपये के नोटों की संख्या 32 लाख 95 हजार। राशि में इन नोटों का आंकलन करें तो पता चलता है कि उत्तराखंड में 1000 रुपये के नोटों के रूप में 3430 करोड़ रुपये बैंकों को लौटाए गए। वहीं, 500 रुपये के नोटों के रूप में यह आंकड़ा 6590 करोड़ रुपये रहा।
आरबीआइ महाप्रबंधक दास के अनुसार सबसे अधिक पुराने नोट एसबीआइ व पीएनबी में जमा कराए गए। इन दोनों बैंकों में ही पुराने नोट जमा कराने का आंकड़ा 65 फीसद से अधिक रहा। नोटबंदी के आखिरी दिनों के जमा कराए गए पुराने नोटों की राशि 7500 करोड़ रुपये से अधिक आंकी जा रही थी। जबकि अब यह आंकड़ा 10020 करोड़ रुपये निकलकर आया है। हालांकि अभी भी यह आंकड़ा अंतिम तौर पर घोषित नहीं किया गया है। इसमें आंशिक संशोधन संभव है।
नोटबंदी की अवधि समाप्त होने के बाद भी दून में 318 लोग पुराने नोट लेकर घूम रहे थे और उन्हें यह आशा थी कि उनके नोट बदल दिए जाएंगे। यह उन लोगों का आंकड़ा है, जो लोग पुराने नोट लेकर आरबीआइ महाप्रबंधक कार्यालय पहुंचे थे। इनका नाम-पता व पुराने नोटों की संख्या आरबीआइ कार्यालय के एक अस्थाई रजिस्टर में दर्ज किया गया था। इस रजिस्टर के अनुसार 500 व 1000 रुपये के 3820 पुराने नोट इन लोगों के पास थे, जिनकी राशि 24 लाख रुपये से अधिक थी। नोट बदलवाने के लिए लोगों के आरबीआइ कार्यालय पहुंचने पर यह व्यवस्था की गई थी, हालांकि लोगों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए इसे 12 दिन में ही बंद कर दिया गया। क्योंकि नोटबंदी के बाद 31 मार्च 2017 तक नोट बदलने की अनुमति सिर्फ कुछ शर्तों के साथ एनआरआइ को दी जा रही थी और ऐसे केंद्र भी दून से बाहर के राज्यों में थे।
पुराने नोटों का आरबीआइ में दर्ज ब्योरा (जनवरी 2017)
तिथि 1000 500
05 जनवरी 74 312
06 जनवरी 78 208
07 जनवरी 82 208
08 जनवरी 92 305
09 जनवरी 64 119
10 जनवरी 62 166
11 जनवरी 93 181
12 जनवरी 103 140
13 जनवरी 84 136
14 जनवरी 136 780
15 जनवरी 67 96
16 जनवरी 51 183

नोटबंटी को लेकर उत्तराखण्ड कांग्रेस ने मनाया काला दिवस

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देहरादून, भाजपा सरकार के नोटबंदी बरसी और जीएसटी के विरोध में उत्तराखण्ड कांग्रेस द्वारा आज देहरादून सहित प्रदेशभर के जिला मुख्यालयों पर जोरदार प्रदर्शन करते हुए काला दिवस मनाया गया। इस मौके पर प्रदर्शनकारियों ने केन्द्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में बुधवार को कांग्रेस मुख्यालय पर भारी संख्या में कार्यकर्ता एकत्रित हुए। जहां से हजारों की संख्या में कांग्रेसी कार्य राजीव भवन से घण्टाघर-पलटन बाजार-कोतवाली-डिस्पेंसरी रोड़ होते हुए राजीव काम्प्लेक्स तक विरोध मार्च निकाला गया।

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कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 8 नवम्बर 2016 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लिए गए नोटबंदी के अविवेकपूर्ण फैसले से एक वर्ष का समय पूरे होने के बाद देश में असमंजस का माहौल बना हुआ है तथा दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाला आम आदमी इस सदमे से नहीं उबर पाया है। जिससे आम गरीब एवं मध्यम वर्ग के व्यक्तियों को परेशानी उठानी पड़ रही है। जिसे कांग्रेस सहन नही करेगी और सरकार के ऐसे कार्यो को पार्टी आलोचना करती है।

उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद बैंकों में रखे अपने पैसे को वापस पाने के लिए निम्न व मध्यम वर्ग का व्यक्ति भिखारी की भांति लाईन में खड़ा होना पड़ा था। काला धन बाहर निकालने एवं जाली करेंसी को चलन से बाहर करने के नाम पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लिये गये इस फैसले के पीछे देश के चुनिंदा औद्योगिक घरानों को लाभ पहुंचाने तथा देश की अर्थ व्यवस्था को छिन्न-भिन्न करने की साजिश ही रही है।
उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने अपने तीन साल के कार्यकाल में एक भी ऐसी योजना नहीं दी जिससे गरीब व आम आदमी का भला हो सके उल्टे कुछ बड़े घरानों को फायदा पहुंचाने की नीयत से देश की आम जनता को प्रताडित करने का ही काम किया है।

प्रीतम सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस तुगलकी फरमान से पर्यटन पर आधारित उत्तराखण्ड जैसे अल्प संसाधन वाले राज्यों को भारी नुकसान उठाना पड़ा तथा पर्यटन व्यवसाय को भारी क्षति हुई। केन्द्र सरकार द्वारा जिस बिना पूर्व तैयारी के नोटबंदी और जी.एस.टी. को लागू किया गया। कांग्रेस पार्टी जीएसटी की पक्षधर रही है तथा यूपीए सरकार के समय 2004 में पहली बार तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने अपने भाषण में जीएसटी का उल्लेख किया था।

उन्होंने बताय कि यूपीए सरकार की कोशिश थी कि 2010 तक जीएसटी देश में लागू किया जाय तथा इसके लिए सभी राज्यों से जीएसटी के बारे में सहमति भी मांगी गई थी। परन्तु तत्कालीन गुजरात सरकार के मुख्यमंत्री एवं वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिह चौहान ने जीएसटी पर सहमति देने की बजाय जीएसटी को सिरे से खारिज कर दिया था। यूपीए सरकार अधिकतम 14 प्रतिशत टैक्स के साथ जीएसटी लागू करने जा रही थी, जबकि वर्तमान सरकार ने जीएसटी में टैक्स के 4 स्लैब तय किये हैं।

राज्य स्थापना दिवस पर पुलिस लाइन में परेड

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राज्य स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर रिजर्व पुलिस लाइन देहरादून स्थित ग्राउंड में रैतिक परेड का आयोजन किया जाना प्रस्तावित है। रैतिक परेड के दौरान प्रतिभागियों एवं उपस्थित  जन समुदाय की सुरक्षा के दृष्टिगत दर्शक के रूप में विशिष्ट महानुभावों, गणमान्य व्यक्तियों एवं जनसामान्य के वाहनों की पार्किंग व्यवस्था के लिये निम्नलिखित स्थानों को पार्किंग स्थल के रूप में चयनित किया गया है :-

1.विशिष्ट महानुभावों /VIP /अधिकारीगण पार्किंग -शहीद स्मारक ग्राउंड पुलिस लाइन

2.प्रेस /मीडिया-  शहीद स्मारक के पीछे

3.सामान्य जनता पार्किंग -बन्नू स्कूल

परेड देखनेआने वाले स्कूली बच्चों के वाहन को पुलिस लाइन गेट नंबर: 2 पर उतारकर बन्नू स्कूल में पार्क किया जाएंगा।

उक्त कार्यक्रम में सम्मिलित होने वाले समस्त प्रतिभागियों एवं दर्शकों से अनुरोध है कि अपने वाहनों को निर्धारित पार्किंग स्थल में ही पार्क कर यातायात पुलिस को व्यवस्था बनाने में अपना अमूल्य सहयोग प्रदान करें।

कलियर में हटाया गया अतिक्रमण, पुलिस के साथ रहे अफसर

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रूड़की,पिरान कलियर साबिर पाक के 749वें सालाना उर्स से पूर्व मेला क्षेत्र में अतिक्रमण हटाया गया। इस दौरान कुछ दुकानदारों ने इसका हल्का विरोध भी किया लेकिन भारी फोर्स के कारण विरोध नाकाम रहा। मेले की तैयारियों को लेकर शनिवार को ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नितिका खंडेलवाल एव एसपी देहात मणिकांत मिश्र ने मेला क्षेत्र की व्यवस्थाओं का जायजा लिया था।

ज्वाईंट मजिस्ट्रेट व एसपी देहात ने दरगाह प्रबधक को अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए थे। दरगाह प्रबन्धक व पुलिस ओर प्रशासन ने अवैध अतिक्रमण के खिलाफ़ अभियान चला चलाया और कुछ अतिक्रमणकारियों को दो घंटे का समय दिया गया। दो घण्टे बाद अवैध अतिक्रमण को फिर से हटाया गया। इस मौके पर नायब तहसीलदार चित्रकुमार त्यागी,दरगाह प्रबधक शमसाद अंसारी, थाना प्रभारी देवराज शर्मा आदि मौजूद रहे।

महिला चीता पुलिस ने बुजुर्ग को सकुशल घर पहुंचाया

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थाना बसंत बिहार की महिला चीता को सूचना मिली कि एक व्यक्ति जोकि पैरालाइज है एवं चलने फिरने मे असमर्थ थे राज विहार पर बैठे हुए है। इस सूचना पर महिला चीता द्वारा उस स्थान पर पहुंचकर पूछा गया तो वह अपना घर का पता भूल गए थे।

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महिला चीता ने ड़ी मुश्किल से उनके घर का पता किया तो पता चला की उनका नाम युसूफ खान है, जोकि संजय कॉलोनी मुस्लिम बस्ती, डालनवाला में रहते है।

महिला चीता ने ऑटो बुक करके बुजुर्ग व्यक्ति को उनके घर सकुशल पहुंचाया, आस पास के लोगों ने चीता पुलिस के कार्य की भूरी भूरी प्रशंसा की गई।

भूमि पर कब्जा पाने के लिए दर-दर भटक रहा बुजुर्ग

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चमोली जिले के घाट विकासखंड के मोठा गांव के बुजुर्ग भूमि पर कब्जा पाने के लिए राजस्व अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं। अधिकारी छह माह से उन्हें आश्वासन देकर टरका रहे हैं। अब ग्रामीण ने जिलाधिकारी से मदद की गुहार लगाई है।

विकासखंड घाट का सुदूरवर्ती गांव मोठा गांव के 76 वर्षीय कुंवर सिंह विगत छह माह से अपने खेत को प्राप्त करने के लिए विभागों के चक्कर काट रहा है। इस दौरान गेहूं की बुआई हो रही है, काश्तकार का कहना है कि अगर खेत उसे मिले तो वह गेहूं बोए। परंतु प्रशासन के अधिकारियों की लापरवाही के कारण वह खेतों में गेहूं तक नहीं बो पा रहा है।

मोठा गांव निवासी कुंवर सिह ने अब जिलाधिकारी से मदद की गुहार लगाई है। कुंवर सिंह का कहना है कि वर्ष 1979 में पिता ने मोठा गांव के कृपाल सिंह से 60 नाली भूमि खरीदी थी। उस पर वह उसका परिवार लगातार खेती करता आ रहा था। कुछ समय पूर्व खेतों में बुआई नहीं की तो गांव के अवतार सिंह व शराद सिंह ने बुआई कर दी। अब उन्हें खेत की जरूरत थी तो नहीं दे रहे हैं। हटाने के लिए अधिकारियों की गुहार लगाई गई।

पूर्व में जिलाधिकारी ने मामले में पटवारी गंडासू को मौके पर जाकर तस्दीक करने के निर्देश दिए गए थे। परंतु आज तक मौके की तस्दीक के लिए पटवारी तक नहीं पहुंचा है। वह काश्तकारी के जरिये ही परिवार का पालन पोषण करता है। खेत से कब्जा न हटने के कारण उसके सामने रोजी रोटी का संकट भी गहरा गया है। ग्रामीण का कहना है कि जल्द प्रशासन की ओर से कार्रवाई नहीं की जाती है तो वह न्यायालय की शरण में जाएंगे।

शराब के साथ तीन लोग गिरफ्तार

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पुलिस को अवैध शराब की तस्करी के विरोध में चलाये जा रहे अभियान में सफलता मिली है। हरियाणा से लायी जा रही अवैध 96 बोतल अंग्रेजी शराब व बीयर की 24 केन के साथ तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर वाहन भी सीज कर दिया है।

पुलिस अधीक्षक तृप्ति भट्ट के अनुसार, पुलिस को जानकारी मिली थी कि चमोली जिले के आदिबद्री क्षेत्र में अवैध शराब लायी जा रही है। पुलिस ने वाहनों की चेकिंग में एक कार रोकी तो उसमें सवार तीन लोग हड़बड़ा गये। इनके पास से 98 बोलत अंग्रेजी शराब व 24 केन बीयर की बरामद हुई। आरोपियों में विकास सिंधु, दीपक पांचाल व प्रदीप देशवाल शामिल हैं। इन तीनों के विरुद्ध आबकारी अधिनियम के तहत मामला पंजीकृत कर लिया गया है।

पुलिस के अुनसार, आरोपियों का पहले से अपराधिक इतिहास रहा है। ये पहले भी यहां पर अवैध शराब का धंधा करते थे।