साबिर पाक के सालाना उर्स में हर साल की तरह इस साल भी बरेली शरीफ से झंडा रविवार को पिरान कलियर शरीफ पहुंचा। झंडा लेकर पहुंचे 130 जायरीनो के जत्थे का गर्म जोशी के साथ स्वागत किया गया। शाम के समय सज्जाद नशीं की सरपरस्ती में दरगाह साबिर पाक के बुलन्द दरवाजे पर झंडा कुशाई (झंडा फेरना) उर्स की प्रथम रस्म अदा की गई और इसी रस्म के साथ साबिर पाक का 749वा सालाना उर्स भी शुरू हो गया।
पिरान कलियर दरगाह साबिर पाक में इतवार को बरेली शरीफ से पहुंचे झंडे को शाम के समय बाद नमाज असर सज्जादा नशीन शाह मन्सूर एजाज साबरी, शाह अली मंजर एजाज साबरी की सरपरस्ती में दरगाह के बुलन्द दरवाजे पर फहराकर उर्स की प्रथम रस्म अदा की। झंडे की रस्म में शामिल होने के लिए अकीदतमंदो की भारी भीड़ जुटी रही। इस दौरान स्थानीय लोगो के साथ-साथ पंजाब,रामपुर,मुरादाबाद आदि स्थानों से भी अकीदतमंद झंडे की रस्म में शामिल हुए। झंडे की सरपरस्ती कर रहे वसीम साबरी ने बताया कि 7 नवम्बर को को 130 अकीदतमंदो का जत्था बरेली से पैदल रवाना हुआ जिस मैं मेरे साथ सलीम साबरी,रिज़वान सबरी,तौफ़ीक़ साबरी,सूफी इमरान,सूफी लईक आदि लोग शामिल थे 13 दिन का पैदल सफर तय करने के बाद जत्था रविवार को कलियर शरीफ पहुंचा। इन 13 दिनो में जत्थे का स्वागत फतेहगंज, रामपुर, मुरादाबाद, नजीबाबाद, नहटौर, ज्वालापुर, रहमतपुर आदि जगहों पर किया गया। बरेली शरीफ से आए झंडे को कलियर पहुंचने पर सज्जादा परिवार की और से शाह अली मंजर एजाज साबरी ने ढोल नगाडो व फूल बरसा कर झंड़े के साथ आए जायरीनो का स्वागत किया। रविवार को बाद नमाज़ ऐ असर झंड़ा फेराने की रस्म के बाद सज्जादा नशीन शाह मंसूर ऐजाज़ साबरी ने रस्म मैं मौजूद तमाम लोगो के लिए दुआ की उन्होंने देश की अखण्डता एकता खुशहाली की दुआ की उर्स सकुशल सम्पन्न होने की दुआ भी की गई इस अवसर पर शाह यावर अली,शाह सुहेल,शाह ग़ाज़ी,शाह राज़ी, खादिम मुनव्वर अली साबरी, डॉ इनाम साबीर,शफ़ीक़ साबरी, सूफी राशिद साबरी,सलीम साबरी, सलीम प्रधान, अनिता राठौर, विक्की नियाज़ी, आदि लोगो ने उपस्थित हो के अक़ीदत का इज़हार किया।
बरेली से झंडा लेकर 130 जायरीनों का जत्था पहुंचा पिरान कलियर
डीएफओ तक मामला पहुंचने के बाद कराई गई जांच में सामने आई कारगुजारी
(देहरादून) ऋषिकेश में हवा से गिरे अमलतास के पेड़ की वन कर्मियों ने किसी को हवा नहीं लगने दी और खुद ही उसे खुर्द-बुर्द कर ठिकाने लगा दिया। इस मामले की शिकायत जब प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) देहरादून तक पहुंची तो अधिकारी हरकत में आए और मामले की जांच कराई गई। जांच में वन बीट अधिकारी मनसाराम गौड़ को इस लापरवाही का दोषी पाया गया और उन्हें भविष्य के लिए चेतावनी जारी की गई।
रेलवे रोड पर गिरे पेड़ को खुर्दबुर्द करने की शिकायत आरटीआइ कार्यकर्ता विनोद कुमार जैन ने प्रभागीय वनाधिकारी से की थी। शिकायत का संज्ञान लेकर प्रभागीय वनाधिकारी ने उप प्रभागीय वनाधिकारी को जांच कराने के निर्देश दिए। मामले की छानबीन में उन्होंने पाया कि हवा से गिरे पेड़ का निस्तारण नियमानुसार नहीं किया गया और उसे वन बीट अधिकारी ने अपने स्तर पर निस्तारित कर दिया। प्रभागीय वनाधिकारी ने उप प्रभागीय वनाधिकारी से प्राप्त आख्या पर टिप्पणी करते हुए इसे गंभीर लापरवाही व विभाग की छवि धूमिल करने वाला बताया। उन्होंने ऋषिकेश रेंज के वन क्षेत्राधिकारी से स्पष्टीकरण तलब किया और इसी क्रम में वन बीट अधिकारी को भविष्य के लिए चेतावनी भी जारी की गई।
31 मार्च तक यूपीसीएल का हर घर रोशन करने का लक्ष्य
(देहरादून) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हर घर तक बिजली पहुंचाने की सौभाग्य योजना को लेकर उत्तराखंड पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) ने कसरत शुरू कर दी है। 31 मार्च, 2019 तक हर घर में रोशनी का लक्ष्य है। इसके लिए डीपीआर बनाई जा रही है, जिसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) के तहत हर घर को बिजली कनेक्शन दिया जाना है। इसमें गरीबों को पूरी तरह मुफ्त कनेक्शन दिया जाएगा और अगर घर के भीतर वायङ्क्षरग की आवश्यकता है तो वह भी सरकार अपने खर्च से करेगी। अनुमान है कि उत्तराखंड में करीब दो लाख घरों में बिजली कनेक्शन नहीं हैं। हालांकि, डीपीआर बनाने के लिए जनगणना की मदद ली जा रही है। वर्ष 2011 में हुई जनगणना के आंकड़ों में जितने घरों में कनेक्शन नहीं होना दर्ज होगा, उसके हिसाब से लक्षित आंकड़ा तैयार किया जाएगा। साथ ही डिविजन वार एक सर्वे भी कराया जाएगा। इसमें यह भी देखा जाएगा कि कहां लाइन निर्माण की आवश्यकता है और कहां ट्रांसफार्मर लगाने की। खास बात ये है कि अभी तक केंद्रीय योजनाओं की डीपीआर यूपीसीएल एजेंसियों से तैयार कराता आया है, लेकिन इस मर्तबा खुद ही बनाने का फैसला लिया है। इस संबंध में सोमवार को एक बैठक भी होनी है। यूपीसीएल के मुख्य अभियंता एवं प्रवक्ता एके सिंह ने बताया कि दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में बिजली वंचित गांवों और तोकों तक बिजली पहुंचानी है। सौभाग्य के तहत कनेक्शन दिए जाएंगे। हालांकि, अधिकांश जगहों बिजली पहुंच है, जिससे लाइन निर्माण की जरूरत बहुत ज्यादा नहीं पड़ेगी।
देर रात्रि पनियाला में दबिश के दौरान पुलिस को मिली सफलता
(रुड़की) देर रात्रि गंगनहर पुलिस ने पनियाला गांव मे दबिश के दौरान एक वर्ष पूर्व 16 अक्टूबर 2016 को गांव के ही राव अब्बास, राव दिलशाद, राव समशाद, नोशाद पर बंदूक और हथियारों से हमला कर आधा दर्जन लोगों को गंभीर रूप से घायल करने के आरोप को धर दबोचा।
पुलिस कप्तान हरिद्वार के आदेश पर जांच बहादराबाद थाने में तैनात उप निरीक्षक चक्रधर शास्त्री को इस मामले की जांच सौपी गई थी। रविवार देर रात्रि जांच अधिकारी गंगनहर कोतवाली पहुंचे और उन्होंने पुलिस बल की मांग की। इस पर कोतवाली प्रभारी कमल कुमार लोधी मय फ़ोर्स ग्राम पनियाला पहुंचे और पूर्व प्रमुख राव सलीम, पूर्व दर्जाधारी मंत्री राव इंतजार, राव जलील, राव मुस्तकीम, नसीर, इकराम, राव तस्लीम के घर दबिश दी। दबिश के दौरान पुलिस एक आरोपी तस्लीम को पकड़ने में सफल रही, जबकि अन्य आरोपी फरार हो गए। इस दौरान आरोपी पक्ष के लोगों ने पुलिस के साथ अभद्र व्यवहार व पुलिस के काम मे बाधा डालने की कोशिश की जिस पर कोतवाली प्रभारी लोधी ने लाठियां फटकारी।
उल्लेखनीय है कि एक वर्ष पूर्व गांव के जुलहा बिरादरी के सुलेमान के मकान का दरवाजा तोड़ने ओर सुलेमान व उसके भाइयों पर राव सलीम व उसके साथिया ने जानलेवा हमला कर दिया था। हमले के दौरान राव अब्बास, राव दिलशाद अपने भाई के साथ अपने नए मकान से वापिस अपने घर जा रहे थे। इस बीच उन्होंने झगड़ा होते देख बीच बचाव किया तो हमलावर पक्ष राव सलीम व उसके साथियों ने जुलाहे पक्ष के साथ साथ इन पर बंदूक से फायर कर दिया और हथियारों से बुरी तरह से मारपीट करते हुए राव अब्बास व राव दिलशाद का हाथ तोड़ दिया व सिर में गंभीर चोट मार दी थी। उस समय गंगनहर पुलिस ने राव सलीम समेत आठ लोगो पर जानलेवा हमला करने व गंभीर रूप से घायल करने के आरोप में धारा 307,504,506 समते के धाराओं में मामला दर्ज किया था। उस समय सूबे में कांग्रेस की सरकार के चलते आरोपी पक्ष ने जांच कई बार बदलवा कर अब तक गिरफ्तारी से बचते चले आ रहे थे। लेकिन अब पुलिस कप्तान ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इस मामले में जल्द से जल्द आरोपियों को गिरफ्तार कर इनके उपर कानूनी कार्यवाही के आदेश दिए। जिस पर बहादराबाद थाने में तैनात जांच अधिकारी चक्रधर शास्त्री ने देर रात्रि गंगनहर पुलिस की मदद से एक आरोपी राव तस्लीम को पकड़ने में कामयाबी हासिल की। जांच अधिकारी चक्रधर शास्त्री ने बताया कि फरार आरोपियों को भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा अगर आरोपी कोर्ट में सरेंडर नही करते तो आरोपियों के घर की कुड़की की कार्यवाही की जाएगी।
प्रदूषण का खतरा: मसूरी में चलेंगे ई रिक्शा
दिल्ली और अन.सी.आर के इलाके में फैले प्रदूषण और गंदी हवाओं ने मसूरी प्रशासन को हरकत में ला दिया है। इसके चलते आरटीओ ने मसूरी में ई-रिकशा का ट्रायल रन किया। ये ट्रायल रन मॉल रोड से कंपनी गार्डन से कैमल बैक रोड पर शनिवार को किया गया। आरटीओ विभाग के सुधांशु गर्ग का कहना है कि, “हमने मसूरी में ई-रिकशों की सफलता जांचने के लिये ये ट्रायल किया था और हम नतीजो से खासे खुश हैं। अब हम इसके प्रस्ताव बनाकर आगे अधिकारियों के पास भेजेंगे और हमें इस पर सहमति मिलने की पूरी उममीद है।”
आरटीओ अधिकारियों का कहना है कि, “ई-रिकशो के प्रयोग से न केवल वातावरण को साफ रखने में मदद मिलेगी साथ ही साथ मसूरी के आम लोगों और यहां आने वाले पर्यटकों को भी सफर के दौरान समय बचाने में मदद मिलेगी। मसूरी एक बड़ा पर्यटक स्थल है और यहां आम पर्यटकों के अलावा काफी विशिष्ट व्यकती भी आते हैं। ऐसे में ये सभी के लिये लाभदायक साबित हो सकता है।” प्रशासन के इस कदम से रिकशा चालक भी काफी खुश हैं। रिकशा चालक संघ के अधयक्ष विजय पाल का कहना है कि “अगर ये कदम उठाया जाता है तो हमें काफी फायदा मिलेगा। अभी हम दो लोगों को ही ले जा सकते हैं पर ई-रिकशा से हम बहुत लोगों को ले जा सकेंगे और इससे हमें मसूरी में होने वाली बरसात से भी बचाव मिलेगा।”
हांलाकि इस प्रस्ताव से सभी लोग खुश नही हैं। राजय के होटल वयापारियों के संगठन के अधयक्ष सनी साहनी का कहना है कि, “ई-रिकशा की जगह गोलफ कारट जयादा कारगर साबित होते, ये न केवल बुजुरग लोगों के लिये आरामदेह रहता साथ ही शहर के हिसाब से भी सुंदर दिखता।”
मसूरी उन चुनिंदी हिल स्टेशनों में से है जो देश विदेश के लाखों लोगों की पसंद बना हुआ है। और यही कारण है कि पहाड़ों की रानी पर पर्यटकों के दबाव के चलते प्रदूषण के बढ़ते सतर का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में अगर शहर में ई-रिकशा शुरू होते हैं तो पर्यटकों के साथ-साथ पर्यावरण को भी आराम मिलने की उम्मीद की जा सकती है।
जोशीमठ पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का भव्य स्वागत
(गोपेश्वर),रविवार को उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत का जोशीमठ पहुंचने पर क्षेत्र के कांग्रेसियों ने ब्लॉक सभागार में आयोजित समारोह में फूल-मालाओं से उनका भव्य स्वागत किया। उनके सम्मान में उन्हें शाल भी ओढ़ाई। इस अवसर पर पैनखंडा संघर्ष समिति के लोगों ने भी पूर्व सीएम का स्वागत किया।
पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि पैनखंडा क्षेत्र को ओबीसी का दर्जा मिला है, लेकिन इसका लाभ तभी सार्थक होगा जब आपका एक पांव हमेशा गांव में रहे। गांव का विकास नहीं रुकना चाहिए और न ही पलायन हो। इस समय उत्तराखंड में उल्टी गंगा बह रही है। विकास के तमाम कार्य रुके पड़े हैं। इस बार के चुनाव में जनता ने कर्मठ राजेन्द्र सिंह भंडारी को भी हरा दिया। इसीलिए कह रहा हूं कि उत्तराखंड की जनता जब हल जोतने वाले बैल को नहीं अपना रही है तो ऐसे में विकास कैसे होगा?
उन्होंने पैनखंड़ा वासियों से अपील करते हुए कहा कि अपने गांवों को न छोड़ें। गांव से पलायन होगा तो विकास रुक जाएगा। यहां से पूर्व सीएम हरीश रावत, राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा व अन्य कांग्रेसी कार्यकर्ता बद्रीनाथ धाम को रवाना हो गए। जहां वे बद्रीनाथ कपाट बंद होने की प्रक्रिया में भाग लेंगे।
फूलों की घाटी पर वन विभाग की निगाहें चौकस
(गोपेश्वर),विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी 31 अक्टूबर को पर्यटकों के लिए अगले सीजन तक के लिए बंद कर दी गई थी, ताकि शीतकाल में कोई वन तस्कर या अन्य अवैध कार्य करने वाला फूलों की घाटी में प्रवेश न कर पाए। इसके लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। वन कर्मियों की गश्त घाटी में बढ़ा दी गई है। यहां आने-जाने वालों पर सीसीटीवी से भी नजर रखी जाएगी।
विश्व धरोहर फूलों की घाटी में जैविक विविधता का संसार है। दुर्लभ कस्तूरी मृग, स्नो लैपर्ड समेत अनेक वन्य जीव इस घाटी में हैं। शीतकाल में जब फूलों की घाटी बंद होती है तो वन्य प्रणियों के शिकारी और तस्करों के यहां घुसने और वन्य प्राणियों के शिकार करने की आशंका बनी रहती है। पूर्व में ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। उसी के मद्देनजर वन विभाग वन्य प्राणियों के प्रति और अधिक सक्रिय हुआ है।
नन्दा देवी बायोस्फेयर रिजर्व के डीएफओ चंद्र शेखर जोशी ने बताया कि वन विभाग ने फूलों की घाटी में अवैध रूप से कोई घुस न पाए, इसके लिए व्यवस्था कर ली है। लगातार मॉनिटरिंग भी की जा रही है।
पुलिस ने किया स्कूली बच्चों को जागरूक
रुद्रपुर, ट्रांजिट कैंप थाना क्षेत्र की पुलिस ने एसएसपी डा. सदानंद दाते के निर्देश पर एसएचओ एमपी सिंह के नेतृत्व में स्कूलों में नशे के खिलाफ और यातायात के प्रति जागरूक करने का अभियान चलाया। इस अभियान के अंतर्गत बच्चों को नशे के प्रति सचेत किया और कहा कि नशा इंसान की सेहत को तो बिगाड़ ही देता है साथ ही कई पुश्तों पर कुप्रभाव पड़ता है। नशा करने वालों को समाज में भी हीन भावना से देखा जाता है। नशा इंसान की इज्जत को नीलाम करा देता है। इससे जितना दूर रहेंगे हम उतना ही बेहतर इंसान बन सकेंगे। इसलिए सभी बच्चों को अच्छे संस्कारों का समावेश करना ही उन्हें जीवन का लक्ष्य बनाना होगा।
सेंट मैरी स्कूल और इंडियन पब्लिक जूनियर हाई स्कूल के छात्रों के बीच एसआई प्रदीप कुमार और एसआई आनंद गिरि ने अपने विचार रखते हुए कहा कि वे यातायात के नियमों का पूरी तरह से पालन करें। सभी को यातायात के नियमों के प्रति जागरूक किया। उन्होंने यह भी बताया कि बच्चे जब तक बालिग न हो जाएं तब तक वे वाहन न चलाएं अन्यथा वे कानून की गिरफ्त में आ जाएंगे जो उनके भविष्य के लिए ठीक नहीं है।
पुत्र और बहु पर गालीगलौज कर मारपीट करने का आरोप
रुद्रपुर, ठेली लगाकर गुजर बसर कर रही एक महिला को उसके पुत्र से ही जान का खतरा बना हुआ है। महिला का आरोप है कि उसका पुत्र और बहु उसके साथ गालीगलौज कर अक्सर मारपीट करते हैं।
वार्ड संख्या नौ स्थित रम्पुरा निवासी सरस्वती पत्नी सोहनलाल ने पुलिस को तहरीर देकर कहा है कि उसने अपने पुत्रों का विवाह धूमधाम से कर दिया है। जिसके चलते उस पर करीब डेढ़ लाख रुपये का कर्जा भी चढ़ गया है। बीते दिवस उसका एक पुत्र उसकी केले बेचने वाली ठेली पर आया और उसके साथ गालीगलौज करने लगा। जब उसने ऐसा करने से मना किया तो कहा कि वो घर आएगी तो उसे जान से मार डालूंगा।
उक्त आरोपों की तहरीर महिला सरस्वती ने पुलिस को सौंपी और बताया कि उसके पुत्र के अलावा पुत्रवधु भी उसके साथ गालीगलौज कर अक्सर मारपीट करती है। महिला का आरोप है कि उसका पुत्र कोई काम धाम करता नहीं है और अक्सर पैसे की डिमांड करता रहता है। जिससे वो काफी परेशान हो गई है। पुलिस ने मामले में तहरीर ले ली है। पुलिस ने बताया कि मामले में जांच शुरू कर दी है। इधर, पुलिस ने मामले में समाचार लिखे जाने तक रिपोर्ट दर्ज नहीं की है।
पुलिस लाइन में दंगाइयों ने धावा बोल दिया
रुद्रपुर, रविवार को पुलिस लाइन में दंगाइयों ने धावा बोल दिया। दंगाइयों से निपटने के लिए एसपी सिटी ने तीन थानों की फोर्स बुलाई, मगर पुलिस फोर्स देर से पहुंची, जिससे स्थिति विस्फोटक हो गई। पुलिस को आंसू गैस, पानी का छिड़काव करना पड़ा। फिर भी दंगाई नियंत्रण में नहीं आए तो लाठीचार्ज और फायरिंग करनी पड़ी।
पुलिस लाइन में अपनी मांगों को लेकर लोग प्रदर्शन कर रहे थे। पहले एलआईयू के जवानों ने दंगाइयों की बात को समझ कर उच्चाधिकारियों को सूचित किया। प्रदर्शनकारी वेतन विसंगति को लेकर विरोध कर रहे थे तथा पुलिस के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। उसके बाद पुलिस ने दंगाइयों को समझाने का प्रयास किया, मगर दंगाई उग्र हो गए। जिस पर घुड़सवार पुलिस के जवानों ने दंगाइयों को खदेडऩे की कोशिश की। स्थिति नियंत्रण में न होने के कारण पानी की बौछार की गई। उसके बाद आंसू गैस के गोले दागे गए। हालांकि आंसू गैस का पहला गोला गलत दाग दिया गया, जिस पर संचालन कर रहे अफसर ने जवान को टोका। फिर दो और गोले दागे गए। इसके बाद पुलिस ने लाठी चार्ज किया। जवाब में दंगाइयों ने पथराव कर दिया, जिस पर पुलिस टीम को पीछे हटना पड़ा। बाद में पुलिस ने फायरिंग की, जिसमें चार दंगाई घायल हो गए।
घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस बुलाई गई। हालांकि घायलों को उठाने पर भी विरोध हुआ, मगर पुलिस ने विरोध करने वालों को खदेड़ दिया। दरअसल, यह सब पुलिस की मॉकड्रिल का हिस्सा था।
…और फिर सामने आई पुलिस की लापरवाही
रुद्रपुर, एसपी सिटी देवेंद्र पिंचा ने पुलिस की सक्रियता परखने को पुलिस लाइन में मॉक ड्रिल का आयोजन किया था। रविवार को सुबह ठीक 11 बज कर 20 मिनट पर एसपी सिटी ने रुद्रपुर, ट्रांजिट कैंप व पंतनगर पुलिस को फोन करके पुलिस लाइन में दंगा होने की सूचना दी। एसपी सिटी की सूचना के 20 मिनट बाद ट्रांजिट कैंप पुलिस सबसे पहले मौके पर पहुंची, लेकिन आधी अधूरी तैयारी के साथ। आधा घंटे बाद कोतवाली पुलिस पहुंची, लेकिन पुलिस कर्मियों की संख्या काफी कम थी। जिस पर एसपी सिटी ने नाराजगी जताई तो कोतवाल ने कहा कि, “सत्यापन अभियान में पुलिस कर्मी व्यस्त थे, पहले पता होता तो फोर्स को सत्यापन में नहीं लगाते, जिस पर एसपी सिटी ने कहा कि दंगा पहले बता कर नहीं होता।’ करीब 40 मिनट बाद पंतनगर पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन पूरी तैयारी के साथ।