Page 339

किच्छा स्थित बिजली सब-स्टेशन के ट्रांसफार्मर पर लगी आग

0

किच्छा स्थित बिजली के सब स्टेशन के ट्रांसफार्मर पर आग लगने से आसपास के क्षेत्र की बिजली आपूर्ति ठप हो गई। एक घंटे में आग पर काबू पाया गया।

विद्युत सब स्टेशन में ट्रांसफार्मर में आग लगने से आसपास के क्षेत्र की बिजली आपूर्ति ठप हो गई। दमकल की दो गाड़ियों से आग पर काबू पाया गया।…….बिजली घर में लगें 250 केवीए ट्रांसफार्मर में अचानक आग लग जाने से हड़कंप मच गया। आग लगने की सूचना अग्निशमन विभाग को देने के साथ ही विधुत आपूर्ति ठप कर दी गई। ऊर्जा निगम के अधिकारी भी आनन फानन बिजलीघर पहुंच गए।

अपने संसाधनों से आग पर काबू पाने केंप्रयास शुरू कर दिए,  लेकिन आग की लपटों के आगे सब बेबस हो गए। एफएसओ हरीश गिरी दमकल के दो वाहनों के साथ पहुंचे और एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आग से 250 केवीए का ट्रांसफार्मर फुंक गया। ऊर्जा निगम बिजली आपूर्ति सुचारु करने के प्रयास में जुट गया

नेता ने हड़पी जमीन, न्याय न मिलने पर पीड़ित ने दी आत्महत्या की चेतावनी

0

हरिद्वार, शिवसेना के एक नेता पर एक ग्रामीण ने विक्रय की गई भूमि से अधिक भूमि हड़पने का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी को पत्र भेजकर न्याय दिलाने की गुहार लगाई है। साथ ही न्याय न मिलने पर परिवार समेत आत्महत्या करने की चेतावनी दी है।

अशोक कुमार पुत्र स्व. चंद्रभान निवासी ग्राम मिस्सरपुर, कनखल ने जिलाधिकारी को भेजे पत्र में कहा है कि, “उसके पिता ने शिवसेना नेता छविराम सैनी पुत्र राजाराम सैनी को पूर्व में 2 बीघा 6 बिस्वा भूमि विक्रय की थी। विक्रय के साथ भूमि पर कब्जा भी दे दिया था। जबकि, छविराम ने विक्रय की गई भूमि से अधिक भूमि पर कब्जा कर लिया है।” उन्होंने कहा कि, “तहसीलदार हरिद्वार की मदद से छविराम ने भूमि को अपने नाम भी दर्शा लिया है। अतिरिक्त भूमि पर कब्जा छोड़ने की बात कहने पर छविराम उनके साथ गाली-गलौच व मारपीट करता है। मामले की शिकायत कनखल पुलिस से भी की गई, लेकिन नेता के दबाव में आकर पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी।”

पीड़ित का कहना है कि, “पूर्व में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को भी शिकायती पत्र भेजा था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।” अशोक ने आरोप लगाया कि छविराम ने उनकी जमीन पर कब्जा करने के साथ उनकी दुकानों को भी तोड़ दिया और घर का सारा सामान बाहर फेंक दिया। वह बेघर हो गए हैं। उक्त भूमि के अतिरिक्त उसके पास कोई और भूमि नहीं है। नेता द्वारा उसे लगातार परेशान किया जा रहा है। अब महज आत्महत्या का ही रास्ता बचा है। यदि न्याय नहीं मिला तो वह परिवार के साथ आत्महत्या कर लेगा, जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।”

पीड़ित ने छविरम के कब्जे वाली भूमि शीघ्र वापस दिलाने की मांग की है। वहीं इस मामले में जिलाधिकारी दीपक रावत का कहना है कि, “मामले की जांच की जा रही है, दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।”

 

तमाम घरेलू व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को एसटीपी से जोड़ा जाएः सीएम

0

सभी घर, होटल एवं अन्य संस्थानों को सीवर ट्रीटमेंट प्लान (एसटीपी) से जोड़ा जाना सुनिश्चित किया जाए। यह कहना है मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का। वह साेमवार को नमामि गंगे की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को नियमित मॉनिटरिंग करने के लिए दिशा-निर्देश दे रहे थे।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में भारत सरकार के राज्य मंत्री डॉ. सत्यपाल सिंह और विभागीय अधिकारियों के साथ नमामि गंगे की बैठक की। बैठक में गंगा को स्वच्छ, अविरल तथा निर्मल बनाए रखने के लिए घाटों के सौन्दर्यीकरण, घाटों की सफाई, गंगा की स्वच्छता, सीवर ट्रीटमेंट प्लान (एसटीपी) पर विस्तार से चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि एसटीपी के जो कार्य हुए हैं, उसमें यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी घर, होटल एवं अन्य संस्थान इससे जुड़े हों। इसकी नियमित मॉनिटरिंग की जाए।

उन्होंने कहा कि स्थलीय निरीक्षण कर प्रत्येक 15 दिन में रेटिंग की जाए। नमामि गंगे केन्द्र सरकार का महत्वपूर्ण प्रोजक्ट है। कार्यों में तेजी लाने के लिए राज्य एवं जिला स्तर पर गंगा कमेटी की समय-समय पर बैठक ली जाए। स्टेट प्रोजेक्ट मोनेटरिंग ग्रुप (एसपीएमजी) का शीघ्र डेशबोर्ड बनाया जाए। इससे कार्यों की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति का समय-समय पर सही आंकलन किया जा सके। उन्होंने कहा कि गंगा की स्वच्छता सभी संबंधित विभागों द्वारा मिल-जुलकर कार्य करने पर ही संभव हो पाएगी।
उन्होंने कहा कि हरिद्वार में कनखल स्थित सती घाट को भी नमामि गंगे के अंतर्गत विकसित किया जाए। गंगा घाटों पर नियमित सफाई अभियान चलाएं। गंगा के किनारे ठोस अपशिष्ट डालने वालों पर कार्यवाही की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि कूड़ा निर्धारित स्थानों पर ही डाला जाए।

केन्द्रीय राज्य मंत्री डॉ. सत्यपाल ने कहा कि, “नमामि गंगे के तहत होने वाले सभी कार्यों को निर्धारित समयावधि में पूरा किया जाए। गंगा की स्वच्छता के लिए व्यापक स्तर पर जन-जागरुकता अभियान चलाना जरूरी है। यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी इंडस्ट्री एवं होटल एस.टी.पी से जुड़े हों। सभी इंडस्ट्रियों का निरीक्षण किया जाए कि उनमें दूषित जल संचार उपचार सयंत्र (ई.टी.पी) की उचित व्यवस्था है या नहीं। यदि किसी इंडस्ट्री में ईटीपी की उचित व्यवस्था नहीं है तो उन पर त्वरित कार्यवाही की जाए। इसके लिए पुलिस भी सक्रियता से कार्य कर सकती है।”

नवोदय विद्यालय के छात्रों से मिले पूर्व सीएम हरीश रावत

0

बद्रीनाथ यात्रा से लौटते हुए उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत सोमवार को पीपलकोटी स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय के छात्रों से रूबरू हुए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी का जवाहर नवोदय विद्यालय का संचालन करना एक सुनहरे भारत की परिकल्पना थी, जो आज देश के कोने-कोने में इन विद्यालयों ने साकार कर दिखाया है।

बद्रीनाथ के कपाट बंद होने के बाद लौटते हुए रविवार की रात्रि पूर्व सीएम पीपलकोटी में रुके। सोमवार को नवोदय विद्यालय के प्रधानाचार्य भगवान सिंह ने उन्हें विद्यालय में आने का न्योता दिया। पूर्व सीएम का विद्यालय में पहुंचने पर फूल माला पहनाकर भव्य स्वागत किया गया। पूर्व सीएम के स्वागत में स्कूली छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी दी।

छात्र-छात्राओं के बीच उन्होंने अपने प्राथमिक पठन-पाठन का जिक्र भी किया। इस दौरान रावत भावुक होते नजर आये। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि शिक्षा के साथ-साथ अपनी सभ्यता व संस्कृति से जुड़े रहें व अपने गांव और अपने माता-पिता से जुड़े रहने का आग्रह भी किया, जिससे एक सुनहरे भारत के निर्माण का सपना पूरा कर सके।

स्पीकआउट के जिया से न्यूजपोस्ट की छोटी सी मुलाकात

0

25 साल के जिया कुरैशी एक ऐसे युवा है जो हमेशा से कुछ अलग करना चाहते थे और बहुत जल्दी ही उन्हें पता चल गया था कि वह अपने आप को कहां देखना चाहते हैं। ‘स्पीकआउट’ को शुरु करने का फैसला जिया ने बहुत पहले ही कर लिया था लेकिन इसकी शुरुआत उन्होंने अगस्त 2016 से की। ग्राफिक एरा यूनिर्वसिटी, देहरादून से ग्रेजुएशन करने के बाद वह बैंगलोर में सर्वर एनालिस्ट कर रुप मे काम कर रहे हैं। नैनीताल में पले बड़े जिया ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अमतुल पब्लिक स्कूल, नैनीताल से की है और यहीं से जिया ने खुद से कुछ अलग करने का सोचा। ‘स्पीकआउट फाउंडेशन’ जिया की मां ने शुरु किया और उसे सहयोग उनके दोस्त दे रहे हैं।

टीम ‘न्यूजपोस्ट’ से जिया की खास बातचीत में उन्होंने बताया कि, ”उन्हें लिखने का शौक हमेशा से था और वह अपने फेसबुक वॉल पर आए दिन कुछ ना कुछ लिखते रहते थे। एक दिन जिया ने सोचा कि जैसे मैं लिखता हूँ वैसे क्यों ना दूसरों के लिखे काम को फेसबुक के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया जाए?”।बस इसी सोच के साथ उन्होंने ‘स्पीकआउट’ की शुरुआत की।

a7e9ef80-080b-430b-ae84-dde95638a043

शुरुआत में स्पीकआउट के काम फॉलोवर थे लेकिन अब लगभग तीन हजार फॉलोवर के साथ ‘स्पीकआउट’ ने लोगों के दिलों में जगह बना ली है। जिया कहते हैं कि, ”एक वो दिन था और एक आज का दिन है ‘स्पीकआउट’ रुका नहीं, बहुत सी वर्कशॉप, ओपन माइक सेशन और अब एक किताब लांच कर चुके  है।”

जिया को किस बात ने स्पीकआउट शुरु करने के लिए उत्सुक किया?वह कहते हैं कि, ”मैं अपने व्यक्तिगत फेसबुक प्रोफाइल में अपने विचार लिखता था, एक दिन मैंने सोचा कि लोगों से उनके लेखों को साझा करने के लिए क्यों न पूछें जिन्हें मैं दुनिया के सामने संपादित और पेश कर सकूं ?  मैंने लोगों से प्रतिक्रिया लेनी शुरू की, मैंने इसे एक ऐसी शुरुआत की जहां सभी लेखकों को उनके लेखन साझा करने का मौका मिले।” 2016 के अगस्त में लेखकों को एक साथ लाने के लिए फेसबुक पेज शुरू किया। “पहले दिन जब मैने स्पीकआउट के लिए लिखा तब मैंने अपने एफबी प्रोफाइल पर लिखा था कि मैं पेज के लिए लेखों को आमंत्रित कर रहा हूँ, और उस वक्त मेरे पास केवल एक एंट्री थी, अब हमारा पेज 3000 फॉलोवर के साथ मजबूत है। उस दिन से आज तक यह प्लेटफार्म वर्कशॉप, ओपन माइक और किताबों के साथ आगे बढ़ रहा हैं।” साथ ही स्पीकआउट किसी एक फॉर्म को प्रमोट नहीं करता वह कविता, शॉर्ट स्टोरी, गाना, शायरी हो या कुछ भी क्रिएटिव हो स्पीकआउट उस काम को लोगों के सामने लाता है। किसी की भावनाओं की रचनात्मकता को प्रोत्साहित करना और इस क्षेत्र में मान्यता लाने के लिए ऐसे सभी कलाकारों को एक साथ लाने के लिए ‘स्पीकाउट’ एक अकेला प्लेटफॉर्म है।

जिया से ये पूछने पर कि वह ‘स्पीकआउट’ के प्रदर्शन से वह कितने संतुष्ट हैं? इसपर उनका जवाब था, “मैं छोटे लक्ष्यों को पाने में विश्वास करता हूं, जो कम समय-सीमाओं और लक्ष्यों के अंदर हासिल की जा सकती हैं।  इसलिए मैं स्पीकाउट के प्रदर्शन से संतुष्ट हूं।” जिया ने कहा कि, “एक साल की छोटी से समय-सीमा के अंदर हमने न केवल एक मंच मान्यता हासिल की है, बल्कि बंगलौर, लखनऊ और देहरादून जैसे स्थानों में वर्कशॉप और ओपन माईक का आयोजन किया है, और इसके अलावा हमारी पुस्तक का पहला संस्करण भी हाल ही मे लॉन्च हुआ।”

जिया से यह पूछने पर कि वह ‘स्पीकआउट’ को कैसा देखना चाहते हैं, इसपर जिया ने कहा कि ” जहां तक योजनाओं का संबंध है, मैं क्रिएटिवी को अभिव्यक्त करने के लिए सभी संभावित क्षेत्रों को शामिल करने के लिए काम करना जारी रखना चाहता हूं, अवसरों की तलाश जारी रखने के लिए कि हम अपने ‘स्पीकआउट’ परिवार में अधिक से अधिक कलाकार, अधिक भौगोलिक कवरेज, अलग-अलग फॉर्म और विविध प्लेटफार्म शामिल करने पर काम कर रहे हैं”।

जिया से पूछने पर कि बीटेक करने के बाद साहित्य में झुकाव कैसे, इसपर उनका जवाब था कि, “मुझे लगता है कि यह सवाल गलत रूप से तैयार किया गया है। यह हमेशा बीटेक और साहित्य,स्कूलिंग और साहित्य रहा है।और मैं इसे साहित्य की बजाय क्रिएटिवीटी कहना चाहूंगा। यह केवल एक माध्यम नहीं है, बल्कि यह व्याख्यान प्रस्तुति, संगीत, नाटक,शॉर्ट स्टोरी या किसी भी रूप में हो सकती है, और हर कोई जानता है कि हम इंजीनियर बहुत क्रएटिव होते हैं, और हम जानते हैं कि हमारे काम के साथ अपने पैशन को कैसे पाना है।”

आंकड़ों के लिहाज से 2017 चारधाम सबसे सफल यात्रा

0

ऋषिकेश, श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा ने भी शीतकाल के लिए विराम ले लिया। वर्ष 2013 की आपदा के बाद इस वर्ष की चारधाम यात्रा आंकड़ों के लिहाज से सबसे सफल रही। इस दौरान चारधाम सहित प्रसिद्ध श्री हेमकुंड साहिब में कुल 18 लाख 53 हजार 900 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।

इस वर्ष 29 अप्रैल को गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ चारधाम यात्रा शुरू हुई थी। तीन मई को केदारनाथ धाम व छह मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा ने गति पकड़ ली थी। नतीजा, दूसरे सप्ताह ही ऋषिकेश में वाहनों का टोटा पड़ने लगा। लिहाजा प्रशासन को कुमाऊं मंडल सहित अन्य स्रोतों से भी चारधाम के लिए वाहनों का इंतजाम करना पड़ा। हालांकि, मानसून काल में यात्रा कुछ हल्की रही, लेकिन इसके बाद फिर उसने रफ्तार पकड़ ली।

2013 में केदार घाटी की आपदा के बाद चारधाम यात्रा पूरी तरह ठप पड़ गई थी। वर्ष 2014 व 2015 में भी स्थिति निराशाजनक ही रही। वर्ष 2016 में स्थिति कुछ संभली, मगर बीच में हुई बारिश के कारण यात्रा फिर लडख़ड़ा गई। हालांकि, इस वर्ष चारधाम दर्शन करने वाले यात्रियों की संख्या 13 लाख 35 हजार 239 पहुंच गई। लेकिन, इस वर्ष की यात्रा आंकड़ों के लिहाज से बेहतरीन रही।

राज्य सरकार ने आपदा से सबक लेते हुए त्रिलोक सिक्योरिटी सिस्टम को यात्रियों के फोटोमैट्रिक पंजीकरण की जिम्मेदारी सौंपी। इससे चारधाम यात्रा के काफी हद तक व्यवस्थित आंकड़े सामने आ रहे हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो इस वर्ष त्रिलोक सिक्योरिटी सिस्टम के सभी 16 केंद्रों पर सात लाख 63 हजार 69 यात्रियों ने पंजीकरण कराया। जबकि, चारों धाम में कुल दर्शनार्थियों की संख्या 18 लाख 53 हजार 900 रही।

उ.प्र. से पहुंचे सबसे अधिक यात्री 

चारधाम दर्शनों को इस वर्ष सबसे अधिक 98161 यात्री उत्तर प्रदेश से पहुंचे। जबकि महाराष्ट्र से 90114, मध्य प्रदेश से 75216, पंजाब से 74521, राजस्थान से 64069, गुजरात से 49607, दिल्ली से 44033 कर्नाटक से 36246, हरियाणा से 32371, आंध्र प्रदेश से 32238 यात्रियों ने चारधाम दर्शन किए। इसके अलावा लक्षद्वीप सबसे कम दो, मिजोरम से चार, नागालैंड से 17 व दमन व दीव से 49 यात्री चारधाम पहुंचे। देश के सभी 29 राज्यों व सात केंद्र शासित प्रदेशों से यात्री यहां पहुंचे।

13 हजार विदेशी पहुंचे चारधाम

इस वर्ष 12827 विदेशी यात्रियों ने भी चारधाम दर्शन किए, जो कि 2013 के बाद सर्वाधिक संख्या है। इससे पूर्व, वर्ष 2016 में 7112, वर्ष 2015 में 6919 व वर्ष 2014 में 319 विदेशी यात्री चारधाम दर्शनों को पहुंचे थे।

धाम———– पंजीकृत श्रद्धालु

यमुनोत्री———–303784

गंगोत्री————-353266

केदारनाथ———-560053

बदरीनाथ———–509718

हेमकुंड साहिब—125079

कुल—————1853900

बिल्डरों को पेनाल्टी में राहत देने की तैयारी में छूट रहे पसीने

0

देहरादून। तय समय के बाद पंजीकरण को आवेदन करने वाले बिल्डरों को रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) में पेनल्टी में छूट देने के फॉमूर्ले की खोज में आवास विभाग के अफसरों की चकरघिन्नी बनी है। इस संबंधी में अन्य राज्यों की ओर से अपनाई गई व्यवस्था/फॉर्मूले के बाद भी तस्वीर साफ नहीं हो पा रही। दरअसल, रियल एस्टेट (रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट) एक्ट-2016 एक केंद्रीय कानून होने के नाते राज्य के अधिकारी किसी भी तरह की चूक करने को तैयार नहीं हैं। यही वजह है कि इस कैबिनेट की बैठक में पेनल्टी में राहत देने के मसले को रखा नहीं जा सका।

दरअसल, रियल एस्टेट (रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट) एक्ट में स्पष्ट किया गया है कि जिन बिल्डरों ने निर्माणाधीन परियोजनाओं में एक मई 2017 से पहले कंप्लीशन सर्टिफिकेट (कार्यपूर्ति प्रमाण पत्र) नहीं लिया, वे सभी 31 जुलाई तक रेरा में पंजीकरण के लिए आवेदन कर लेंगे। ऐसा न करने की सूरत में कुल परियोजना लागत के 10 फीसद तक जुर्माना वसूल करने की व्यवस्था एक्ट के सेक्शन 59-1 में की गई है। तय समय के भीतर 168 बिल्डर पंजीकरण को आवेदन कर चुके थे। जबकि इसके बाद भी पंजीकरण को आवेदन जारी रहे, जो संख्या अब तक 252 पहुंच चुकी है। पेनल्टी अवधि में बिल्डरों के बढ़ते आवेदन को देखते हुए राज्य सरकार ने व्यवस्था की थी कि एक एक अगस्त से 31 अक्तूबर तक अलग-अलग फेज में आवेदन करने वाले बिल्डरों पर एक, दो, पांच फीसद की पेनल्टी लगाई जाएगी। जबकि इसके बाद 10 फीसद जुर्माने का प्रावधान किया गया। हालांकि उत्तराखंड रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशंस ने रियल एस्टेट सेक्टर के मंदी के दौर से गुजरने का हवाला देते हुए गुहार लगाई कि पेनल्टी को माफ किया जाए और अन्य राज्यों की तरह वहन करने योग्य पेनल्टी लगाई जाए। राज्य सरकार भी इस बात से सहमत हो गई और अन्य राज्यों की व्यवस्था का अध्ययन किया गया। इसको लेकर रेरा सेल प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज चुकी है। इसमें 60 फीसद तक की जा चुकी रजिस्ट्री (बिक आदि बिंदु राहत के लिए शामिल किए गए। हालांकि शासन के अधिकारियों ने एक्ट व अन्य राज्य की व्यवस्था के अध्ययन में पाया कि इसमें 10 फीसद तक पेनल्टी की बात कही गई है, जबकि अन्य राज्यों ने जुर्माने की निर्धारित राशि तय की है। लिहाजा, बिना उचित जांच-पड़ताल के अन्य राज्य की व्यवस्था को लागू करने से केंद्रीय कानून की खिलाफत हो सकती है। वहीं, अधिकारियों ने केंद्रीय राज्य आवास मंत्री हरदीप सिंह पुरी की उस बात का भी संज्ञान लिया, जिसमें वह कह चुके हैं कि कुछ राज्य रियल एस्टेट (रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट) एक्ट के खिलाफ काम कर रहे हैं। दूसरी तरफ तेलंगाना व कर्नाटक में ऐसी ही व्यवस्था के खिलाफ कुछ लोग कोर्ट भी जा चुके हैं। यही वजह है कि आवास विभाग के अधिकारी राहत के फार्मूले पर नए सिरे से मंथन में जुट गए हैं।
रेरा प्राधिकारी व सचिव आवास अमित नेगी ने बताया कि इस समय रियल एस्टेट सेक्टर मंदी के दौर से गुजर रहा है, लिहाजा बिल्डरों को राहत देने को हरसंभव विकल्प पर विचार किया जा रहा है। हालांकि निर्णय कानून के दायरे हो, इसलिए समय लग रहा है। यदि बिल्डरों को राहत नहीं देते हैं तो उससे परियोजना की लागत बढ़ेगी और निवेशकों पर ही उसका बोझ पड़ेगा।
राज्य में बिल्डरों पर पेनल्टी की स्थिति
168, शून्य
64, एक फीसद
10, दो फीसद
08, पांच फीसद
02, 10 फीसद
अन्य राज्यों में यह व्यवस्था
उत्तर प्रदेश, एक अगस्त से 15 अगस्त तक पंजीकरण कराने में किसी तरह की पेनल्टी नहीं। इसके बाद 31 अक्तूबर तक के लिए 1000 रुपये की पेनल्टी पर पंजीकरण का प्रावधान। गुजरात, 30 सितंबर तक कोई पेनल्टी नहीं। इसके बाद 31 अक्तूबर तक रजिस्ट्रेशन के बराबर पेनल्टी। गोवा, पहले 31 अक्तूबर तक किसी तरह की पेनल्टी नहीं थी, जिसे बढ़ाकर अब 31 दिसंबर किया गया है। महाराष्ट्र, अगस्त माह तक एक लाख रुपये या रजिस्ट्रेशन की राशि जो भी अधिक हो। इसके बाद 30 सितंबर तक दो लाख रुपये का जुमार्ना या रजिस्ट्रेशन की दोगुनी राशि जो भी अधिक हो। 

डॉक्टरों के ग्रुप ने लंडौर के स्कूली बच्चों को बांटे ट्रेक-सूट और ऊनी कंबल

0

मसूरी। एनएससीबी, मेडिकल कॉलेज, जबलपुर के 68 साथी डॉक्टर मसूरी हिल-स्टेशन में अपने 78वी सालगिरह बनाने के लिये आये। इस मुलाकात को खास बनाने के लिए इन लोगों ने लंडौर कैंट में सरकारी प्राथमिक विद्यालय, मसूरी के छात्रों को ठंड से बचने के लिए गरम ट्रैक-सूट और कंबल दिए।

बहुत ही छोटे से समारोह में, प्राथमिक विद्यालय के बीस छात्र सुबह लाइन बनाकर स्कूल में अपने सर उदित शाह के साथ खड़े मिले जिन्हें सर्दियों के चरम पर आने से पहले ही डॉक्टरों के इस ग्रुप ने गरम ट्रेक-सूट और ऊनी कंबल बाटे।

इस कार्यक्रम में कोई व्याख्यान नहीं थे, कोई भाषण नहीं केवल गरीब छात्रों के लिए कुछ करने की ललक थी। स्थानीय तौर पर इस कार्यक्रम को आयोजित करने वाले आभा सैली, पूर्व प्रिंसिपल मसूरी गर्ल्स इंटर कॉलेज और प्रोफेसर गणेश सैली ने कहा कि, ‘इस उम्र में ऐसा अच्छा काम करना काबिले तारीफ है, और यह एक ऐसी भावना है जो आगे बढ़ानी चाहिए। डॉक्टरों द्वारा किया गया यह नेक काम बहुत लंबा रास्ता तय करेगा। ‘

प्रिंसिपल मोहम्मद तस्लीम ने कहा कि, ‘ये उदार डॉक्टर अपने आदर्श वाक्य ‘पुनर्मिलित, पुनर्मिलन और पुनजागरण’ के लिए जीवित रहते हैं, जो इन छात्रों को याद रहेंगे और उम्मीद है कि वे अपने जीवन में भी इसे आगे बढ़ाऐंगे।’

गैर न्यायपंचायत क्षेत्र में खुलेंगे फाॅर्मर मशीन बैंकः सुबोध उनियाल

0

उत्तरकाशी। कृषि, उद्यान एवं रेशम विकास मंत्री सुबोध उनियाल ने तहसील बडकोट के गैरबनाल में आयोजित राजकीय देवलांग सांस्कृतिक मेला का बतौर मुख्य अतिथि के रूप में विधिवत दीप प्रज्ज्वलित कर मेले का शुभारंभ किया। इस मौके पर काबिना मंत्री सुुबोध उनियाल ने गैर न्यायपंचायत क्षेत्र में फाॅर्मर मशीन बैंक खोलने की घोषणा की। जबकि राजकीय इण्टर कालेज गडोली के नाम शदीद राकेश चमयान के नाम पर रखने की मांग पर उन्होने मुख्यमंत्री से वार्ता करने का आश्वासन दिया। साथ ही खेल मैदान के लिए विधायक निधि से प्रयास करने का आश्वासन दिया।

रविवार को मेले में पहुंचे कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि भारी मात्रा में प्रदेश के अन्दर फल कलेक्सन सेन्टर खोले जा रहे हैं। सरकार ने काश्तकारों की फसल की क्षति को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में फसल बीमा का मानक न्याय पंचायत स्तर पर किया है। सरकार इस साल काश्तकारों की कृषि भूमि की जांच रिपोर्ट मुहैया करायेगी। गुणवत्ता परक खाद दी जाएंगे। पर्वतीय बीज विकास की स्थापना की गई है। नौजवानों को कृषि के क्षेत्र में कार्य करने के जिले में 2 प्रतिशत की ब्याज पर ऋण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बागवानी के क्षेत्र में गम्भीरता से कार्य कर रहे है, बागवानी को हिमाचल प्रदेश के बराबर बनाने के लिए सरकार बागवानी काश्तकारों की सहयोग करेंगे। उन्होने चकबंदी विंग गांव को लेकर कहा कि सरकार, मैं एक गांव हूं, के तहत वीर माधोसिंह भण्डारी के नाम पर हर ब्लाक में एक गांव का चयन कर रही है, जिन गांवों में सामुहिक खेती की प्रथा आज भी विद्यमान है, उक्त गांव में कृषि के क्षेत्र में एक करोड़ खर्च किया जाएगा। उन्होने कहा कि 10 या 10 से अधिक किसानों को आंशिक चकबंदी के तहत सरकार कानूनी संरक्षण दे रही है। अतिवृष्टि से फसलों की नुकसान पर 10 हजार तक के सहायता मंडी परिषद के द्वारा काश्तकारों को दिया जा रहा है। जल्द ही सरकार महिला स्वायत समूह को एक मुस्त फण्ड देने जा रही है जिससे वे अपनी आजिविका का संवर्धन कर आर्थिक रूप से सम्मपन बन सकें। इस दौरान यमुनोत्री विधायक केदार सिह रावत, पुरोला विधायक राजकुमार, नौगाव ब्लाक प्रमुख रचना बहुगुणा, दीपक बिजल्वाण आदि शामिल रहे। 

‘आप’ ने किया महानगर कार्यकारिणी का विस्तार

0

देहरादून। आगामी नगर निगम चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) ने अभी से अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। सोमवार को देहरादून महानगर इकाई ने लक्ष्मी रोड स्थित जिला कार्यालय में एक बैठक आयोजित की। महानगर अध्यक्ष विशाल चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में नगर निगम चुनाव व कार्यकारिणी विस्तार सहित कई नीतिगत निर्णय लिए गए।
महानगर अध्यक्ष विशाल चौधरी ने कहा कि आम आदमी पार्टी आगामी नगर निगम चुनावों में भाजपा और कांग्रेस दोनों को कड़ी चुनौती देने के लिये तैयार है। संगठनात्मक रूप से आम आदमी पार्टी प्रत्येक वार्ड में बूथ अध्यक्ष व पोलिंग सेंटर प्रभारी बनाने की रणनीति पर काम कर रही है और आने वाले समय में नगर निगम सीमा विस्तार के अंतर्गत प्रत्येक नवगठित वार्डों में बूथवार और बूथ एजेंट बनाए जाएंगे। प्रत्येक वार्ड में वार्ड अध्यक्षों व वार्ड सचिवों की नियुक्तियां पहले ही की जा चुकी है, जो तेजी से सदस्यता अभियान पर काम कर रहे हैं।
बैठक में महानगर कार्यकारिणी का विस्तार करते हुए विपिन खन्ना को महानगर उपाध्यक्ष, राधव दुआ को शिक्षक प्रकोष्ठ महानगर अध्यक्ष व दिनेश सती को राजीव नगर वार्ड सचिव पद पर सर्वसम्मति से नियुक्त किया गया। विशाल चौधरी ने बताया कि 26 नवम्बर को आम आदमी पार्टी के स्थापना दिवस पर दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में देहरादून से बड़ी संख्या में कार्यकर्तागण भाग लेने जाएंगे।
इस बैठक में प्रदेश मीडिया प्रभारी कुलदीप सहदेव, जिला सचिव अभिषेक बहुगुणा, जिला उपाध्यक्षद्वय विनोद बजाज व सुदेश चौरसिया, महानगर सचिव विनय राणा, राजपुर विधानसभा प्रभारी सरिता गिरी, कैंट विधानसभा प्रभारी उपमा अग्रवाल, रायपुर विधानसभा प्रभारी जीतेन्द्र पन्त, डोईवाला विधानसभा प्रभारी दिनेश पेटवाल, शैलेश तिवारी, धर्मेन्द्र ठाकुर, राजेन्द्र सिंह, कमल राणा, धीरेन्द्र कुमार आदि उपस्थित रहे।