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बिजली कार्मिक 25 से करेंगे आंदोलन

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देहरादून। पे-मैट्रिक्स और पदोन्नत वेतनमान के मुद्दे को लेकर बिजली कार्मिक 25 नवंबर से आंदोलन शुरू करेंगे। वक्ताओं ने आंदोलन के तहत ऊर्जा के तीनों निगम मुख्यालयों में पहले दिन गेट मीटिंग आयोजित करने की बात कही। उसके बाद चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करने और हड़ताल करने की चेतावनी दी है।

पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन, पावर जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन, ऊर्जा कामगार संगठन, ऊर्जा ऑफीसर्स, सुपरवाइजर्स एंड स्टाफ एसोसिएशन ने संयुक्त रूप से आंदोलन का ऐलान किया हैं। संयुक्त मोर्चे के कुमाऊं मंडल मीडिया प्रभारी डीसी गुरुरानी और गढ़वाल मंडल मीडिया प्रभारी दीपक बेनीवाल ने बताया कि दीपावली के वक्त वित्त मंत्री प्रकाश पंत और शासन से वार्ता के बाद आंदोलन स्थगित करने का निर्णय लिया गया था। आश्वासन था कि एक माह के भीतर कार्मिकों की समस्याओं का समाधान कर दिया जाएगा। लेकिन, अभी तक इस ओर कोई कार्यवाही नहीं हुई है, जिससे कार्मिक संगठनों में रोष है। कहा कि 27 नवंबर से शाम पांच बजे के बाद कार्मिक अपना सरकारी मोबाइल स्विच ऑफ कर देंगे। बताया कि चार से 30 दिसंबर तक हरिद्वार, डाकपत्थर, रुड़की, हल्द्वानी, रुद्रपुर, श्रीनगर, उत्तरकाशी, देहरादून आदि क्षेत्र में केंद्रीय पदाधिकारी कार्मिकों के साथ बैठक करेंगे और मुख्य अभियंताओं को ज्ञापन सौपेंगे। इसके बाद भी मांगें नहीं मानी गई तो चार जनवरी को गांधी पार्क से सचिवालय कूच किया जाएगा और पांच जनवरी को अद्र्धरात्रि से हड़ताल शुरू कर दी जाएगी। 

यातायात नियंत्रित करने को हो सीपीयू की तैनाती

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विकासनगर। नगर क्षेत्र में यातायात व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए सीपीयू की तैनाती की मांग मानवाधिकार एवं आरटीआई एसोसिएशन ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से की है। इस आशय का ज्ञापन एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंद शर्मा व अन्य सदस्यों ने गुरुवार को एसएसपी को प्रेषित किया।

ज्ञापन के माध्यम से बताया गया है कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित विकासनगर कस्बा जौनसार-बावर परगने सहित उत्तरकाशी, टिहरी व हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले का प्रमुख व्यापारिक केंद्र होने के साथ ही चारधाम यात्रा का प्रमुख पड़ाव भी है। जबकि कस्बे में स्थित कृषि उत्पादन मंडी परिषद में हर रोज काश्तकार व व्यापारी नगदी फसलों के बेचने व खरीदने आते हैं। ऐसे में कस्बे में सैकड़ों यात्री व निजि वाहनों की आवाजाही लगी रहती है। लेकिन नगर में यातायात नियंत्रण की व्यवस्था नहीं होने से हर रोज जाम की स्थिति पैदा हो जाती है जिससे यहां आने लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती है।
इसके अलावा प्रेशर हॉर्न, गलत तरीके से वाहन पार्क करने, अनियंत्रित गति से वाहन चलाने से यहां अक्सर दुर्घटनाएं भी होती रहती है। जबकि अवैध खनन के वाहन संपर्क मार्गों में गलियों में अनियंत्रित गति से दौड़ते रहते हैं जिससे अनहोनी की आशंका बनी रहती है। पुलिस प्रशासन द्वारा विकासनगर कस्बे में यातायात नियंत्रण को सीपीयू की तैनाती का आश्वासन दिया गया था लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
एसोसिएशन ने ज्ञापन के माध्यम से विकासनगर सहित हरबर्टपुर में भी यातायात नियंत्रण की उचित व्यवस्था करने व सीपीयू के जवानों को तैनात करने की मांग की है। ज्ञापन पर अध्यक्ष अरविंद शर्मा के साथ ही सुलेमान, शब्बीर, आबिद, लियाकत अली आदि के हस्ताक्षर हैं।

स्मार्ट डीएल आरसी के साथ ही जल्द शुरू होगा ई-चालान

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देहरादून। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य में बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम और सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए हेलमेट अनिवार्यता तथा वाहनों में डस्टविन बैग रखने के निर्देश देते हुए कहा कि ई-चालान प्रक्रिया को शीघ्र राज्य में लागू किया जाए। परिवहन विभाग द्वारा जारी किए जाने वाले स्मार्ट डीएल एवं स्मार्ट आरसी की भी शुरुआत की।
गुरुवार को सचिवालय में ई-चालान प्रक्रिया संचालित किए जाने से सम्बन्धित डेमोस्ट्रेशन का अवलोकन करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इस व्यवस्था को शीघ्र प्रभावी ढंग से प्रदेश में लागू किए जाने के निर्देश परिवहन विभाग को दिए। उन्होंने इस व्यवस्था से सम्बन्धित जानकारी एवं उपकरणों का अवलोकन करते हुए निर्देश दिए कि ई-चालान व्यवस्था के साथ ही डीएल एवं आरसी के लिये भी इसी प्रकार का सॉफ्टवेयर विकसित किया जाए। उन्होंने कहा कि ई-चालान की व्यवस्था होने से सड़कों पर एवं प्रवेश द्वारों पर अनावश्यक सड़क जाम की स्थिति से बचा जा सकेगा। चेक पोस्टों के साथ ही सभी थानों में इस प्रकार की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। शहरों में यातायात को नियन्त्रित करने, पर्यावरण प्रभावित करने वाले वाहनों की पहचान करने, वाहन के प्रवेश स्थल से ही उसकी गतिविधि की जानकारी आदि उपलब्ध होने सम्बन्धी साफ्टवेयर तैयार करने के लिये भी कार्ययोजना बनाये जाने के निर्देश भी उन्होंने दिए।
मुख्यमंत्री ने इस सम्बन्ध में बड़े शहरों में अपनायी जाने वाली प्रक्रिया का भी संज्ञान लेने को कहा। उन्होंने सड़क किनारे निष्प्रयोज्य वाहनों की पार्किंग रोकने के भी सख्त निर्देश दिए हैं। प्रदेश के प्रमुख शहरों की यातायात समस्या के समाधान, शहरों व हाई वे पर सड़क दुघर्टनायें रोकने के लिये विशेष प्रबन्ध किये जाने पर भी बल दिया। इस सम्बन्ध में परिवहन व पुलिस विभाग को आपसी समन्वय से कार्य करने के निर्देश भी उन्होंने दिए। इस सम्बन्ध में सचिव परिवहन डी. सेंथिल पाण्डियन ने सचिवाल में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के समक्ष प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने जानकारी दी कि इसके लिए सॉफ्टवेयर विकसित किया गया। इसका सीधा कनेक्शन परिवहन मंत्रालय के ‘वाहन’ सॉफ्टवेयर से रजिस्टर होगा। इस प्रक्रिया में वाहन नम्बर डालते ही वाहन से सम्बन्धित सभी डाटा, उसके स्वामी एवं चालक से सम्बन्धित सभी जानकारी शीघ्र मिल जाएगी एवं उसी समय चालन का प्रिन्ट भी दिया जाएगा।
एनआईसी द्वारा ई-चालान का साफ्टवेयर बनाया गया है। प्रारम्भिक चरण में यह मशीन सभी ए.आर.टी. ओ एवं एवं चैक पोस्टों पर उपलब्ध कराई जा रही हैं। उसके बाद यह मशीन सभी थानों में भी उपलब्ध कराई जायेंगी। परिवहन सचिव श्री पाण्डियन ने कहा कि अब स्मार्ट डीएल एवं आरसी बनाये जा रहें हैं। इन लाइसेंसों में क्यूआर कोड को स्कैन करने पर पूर्ण जानकारी उपलब्ध होगी।
इस अवसर पर एसएसपी कार्मिक पुलिस मुख्यालय केवल खुराना, आरटीओ देहरादून सुधांशू गर्ग, संजीव मिश्रा एवं एनआईसी के अधिकारी उपस्थित रहे।

‘2022 तक उत्तराखंड में विकास की आएगी बहार’

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उत्तरकाशी। कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत ने गुरुवार को उत्तरकाशी में लोनिवि निरीक्षण भवन परिसर में जनता मिलन कार्यक्रम के दौरान ग्रामीणों की समस्याएं सुनी। इस दौरान अधिकांश शिकायतें पेयजल, सड़क, मुआवजा, रोजगार, आर्थिक सहायता संबंधित मिली, जिनका मौके पर संबंधित विभागीय अधिकारियों से निराकरण करवाया गया।

कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि हमारी सरकार की पहली प्राथमिकता दुरुस्त ग्रामीण क्षेत्र में सड़क, स्वस्थ्य, बिजली, पेयजल आदि मूलभूत समस्या को दूर करना है। इसके लिए उन्होंने डीएम को पांच साल का रोड मैप भी तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की जवानी व पानी को राज्य के काम में लाया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार काम करके दिखाएगी। उन्होंने कहा कि 2022 तक उत्तराखंड में विकास की बहार आएगी। उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में 13800 बच्चों को कौशल विकास प्रशिक्षण दिया गया है। अगले पांच वर्ष के भीतर एक लाख से भी अधिक युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण देकर रोजगार के लिए आत्म निर्भर बनाया जाएगा। बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराने के लिए राज्य सरकार ने विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की है।राज्य में उद्योगों के क्षेत्र में कई बेरोजगार काम कर रहे है, लेकिन वे किसी कार्य विशेष में प्रशिक्षित न होने के कारण उनकों योग्यता के हिसाब से कार्य नहीं मिल पा रहा है, जिसके लिए सरकार ने स्किल डेवलपमेंट का कार्य प्रारंभ किया, इसके माध्यम से बेरोजगार व्यक्ति को उसकी योग्यता के हिसाब से प्रशिक्षित किया जाएगा। राज्य ने अपना स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम भी चलाया है, जिसमें स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिया जा सके।
मंत्री ने कहा कि चिन्यालीसौड हवाई पट्टी को 2007 से रेख-देख नहीं की गई। सरकार चिन्यालीसौड, नैनीसैणी एवं गौचर हवाई पट्टी दुरस्त कर जौलीग्रांड एवं अन्य हवाई पट्टी से बस सेवा शुरू कर रही है। पूर्व केंद्र सरकार द्वारा आपदा के दौरान जारी धनराशी को क्षतिग्रस्त एवं आपदा प्रभावित क्षेत्र में न लगाकर अन्य जगहों पर लगाया गया है, जिससे अकेले सिंचाई विभाग की 300 करोड रुपये की बाढ़ सुरक्षा कार्य की देनदारी है। इस मौके पर गंगोत्री विधायक गोपाल रावत, यमुनोत्री विधायक केदार सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष जशोदा राणा, भाजपा जिला अध्यक्ष श्याम डोभाल, ब्लॉक प्रमुख भटवाड़ी चंदन सिंह पंवार, डीएम आशीष चौहान, पुलिस अधीक्षक ददनपाल आदि मौजूद रहे। 

25 दिसंबर से मसूरी में शुरु होगा विंटर लाइन कार्निवाल

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आने वाले 25 दिसंबर में क्रिसमस सेलिब्रेशन के साथ-साथ उत्तराखंड में मनाया जाएगा विंटर लाइन कार्निवाल। मसूरी में आयोजित होने वाले विन्टरलाईन कार्निवाल की तैयारियों को लेकर प्रशासन ने कमर कस ली है। ज्यादा से ज्यादा पर्यटकों को लाने के लिए इसका सोशल मीडिया में प्रचार प्रसार किया जाएगा।

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विकासभवन के सभागार में जिलाधिकारी एसए मुरूगेशन की अध्यक्षता में बैठक हुई। जिलाधिकारी ने इस महोत्सव पर खर्चे को लेकर सम्बन्धित अधिकारियों एवं समिति के सदस्यों के साथ बातचीत की। उन्होंने कहा कि, “कार्यक्रम को बेहतर बनाने के लिए बड़े ग्रूपस को भी प्रायोजक बनाया जाए। कार्निवाल का सोशल मीडिया व फेसबुक पर प्रचार-प्रसार कराया जाए।” इस कार्निवाल में उन्होने लीक से हटकर मनाने के निर्देश अधिकारियो को दिये। उन्होने कहा कि, “कार्निवाल के अवसर पर विभिन्न राज्यों की शोभायात्रा एवं बैंड का प्रदर्शन भी कराया जाये,” इसमें मसूरी में होटल व्यवसायियों से उन्होने अपेक्षा की है कि जो कलाकार बाहर से बुलाये जायेंगे उनके खाने एवं ठहरने की व्यवस्था की जिम्मेदारी उनके द्वारा वहन की जाये।

कलाकारों को एयरपोर्ट से लाने एवं उन्हे छोड़ने की जिम्मेदारी गढवाल मण्डल विकास निगम करे। अगली बैठक उनके कैम्प कार्यालय में होगी, जिसमें इवैन्ट मैनेजमैन्ट कमेटी, फंड राईसिंग कमेटी एवं प्रचार-प्रसार कमेटियों का गठन किया जायेगा। बैठक में नगर पालिका अध्यक्ष मसूरी मनमोहन सिंह मल्ल, अपर जिलाधिकारी अरविन्द पाण्डेय व वीर सिंह बुदियाल, उप जिलाधिकारी मसूरी मीनाक्षी पटवाल, क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी केएस रावत, अध्यक्ष होटल यूनियन मसूरी आरएन माथुर, सचिव होटल यूनियन मसूरी संजय अग्रवाल आदि मौजूद थे।

आधार के बिना बोर्ड परीक्षा में नहीं होंगे शामिल

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हल्द्वानी। हर काम में जरूरी हो चुके आधार कार्ड को उत्तराखंड की बोर्ड परीक्षा में भी लागू करने की तैयारी की जा रही है। अब परीक्षा के आवेदन पत्र में आधार नंबर भी देना होगा। उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद अगले साल से इसे शुरू कराएगा।

परिषद द्वारा हर साल हाईस्कूल व इंटर की बोर्ड परीक्षा कराई जाती है। इसके लिए स्कूलों से संस्थागत व प्राइवेट परीक्षार्थियों द्वारा आवेदन पत्र भरे जाते हैं। बैंक, मोबाइल व गैस कनेक्शन आदि में आधार को लिंक करने के बाद अब इसे शिक्षा विभाग ने अपने यहां भी लागू करने का फैसला लिया है। इसके लिए हाईस्कूल व इंटर के आवेदन पत्रों में परीक्षार्थियों से उनके आधार नंबर मांगे जाएंगे। शिक्षा विभाग का कहना है कि अगले साल की होने वाली बोर्ड परीक्षा में इसे पूरी तरह से लागू करने का प्रयास किया जाएगा। आवेदन पत्र में ही एक कॉलम होगा, जिसमें परीक्षार्थियों को अपना आधार कार्ड का नंबर लिखना होगा।

निदेशक ने माध्यमिक शिक्षा ने कहा कि बोर्ड के अलावा विद्यालयों में पढ़ने वाले सभी छोटे बच्चों व शिक्षकों का आधार कार्ड भी अनिवार्य किया गया है। बच्चों का आधार कार्ड बनने से सरकार की जो भी छात्रवृत्ति से संबंधित या अन्य स्कीम हैं, उनको डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर के तहत आधार से लिंक किया जाएगा। शिक्षा निदेशक आरके कुंवर का कहना है कि आधार कार्ड का हर जगह उपयोग हो रहा है तो बोर्ड के आवेदन पत्रों में भी इसे लागू किया जा रहा है। आधार नंबर से छात्र की पहचान होगी। अगले साल होने वाली परीक्षा से इसे लागू करने का प्रयास रहेगा।

निगम का बढ़ा दायरा, पार्षदों के कुनबे में भी बढ़ोतरी

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रुद्रपुर- नगर निगम का दायरा बढ़ गया है। शासन ने इसका गजट जारी कर दिया। इसके मुताबिक शहर की आबादी अब एक लाख 85 हजार हो जाएगी। यानी जनसंख्या में करीब 35 हजार का इजाफा होगा। साथ ही 4716.7952 हेक्टेयर क्षेत्रफल भी बढ़ जाएगा। निगम में पार्षदों का कुनबा भी बढ़ेगा। 20 के स्थान पर अब 40 वार्ड होंगे। गजट जारी होने के बाद निगम ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है। परिसीमन का कार्य जल्द शुरू हो जाएगा।

रुद्रपुर को नगर निगम का तमगा वर्ष 2012 में मिला था। तभी से सीमा विस्तार की कवायद चल रही थी। कोशिशों को मंजिल भाजपा सरकार में मिली। राजस्व ग्राम बिगबाड़ा, रुद्रपुर देहात, शिमला बहादुर देहात, लमरा देहात, रम्पुरा देहात, जगतपुर देहात, फाजलपुर महरौला, भूरारानी, कल्याणपुर, फुलसुंगा और फुलसुंगी को नगर निगम सीमा में शामिल करने को हरी झंडी मिल गई। गुरुवार को इसका गजट भी जारी हो गया। नए क्षेत्रों के जुड़ने से आबादी में 35 हजार का इजाफा हो गया है। यानी आबादी डेढ़ लाख से बढ़कर एक लाख 85 हजार हो गई है। निगम का क्षेत्रफल भी 4716.7952 हेक्टेयर बढ़ गया है। निकाय चुनाव निकट हैं, ऐसे में निगम में परिसीमन की तैयारी तेज कर दी गई है। साथ ही नए क्षेत्रों से दावेदारों ने भी सरगर्मी बढ़ा दी है।

 

तीर्थ नगरी की नैसर्गिक सुंदरता के कायल हुए विदेशी पर्यटक

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ऋषिकेश। ठंड की शुरुआत के बीच तीर्थ नगरी की हसीन वादियां पर्यटकों को खूब लुभा रही हैं। रोजाना बड़ी संख्या में पर्यटक यहां आ रहे हैं। इनमे विदेशी पर्यटकों की तादाद भी अच्छी खासी देखने को मिल रही है।

बद्रीनाथ धामपात के बाद देवभूमि में ठंड का असर दिखने लगा है। खुशगवार मौसम के बीच तीर्थ नगरी का शांत वातावरण और यहां की नैसर्गिक सुंदरता खूब भा रही है। इस वर्ष शरद ऋतु के आगाज में भी तीर्थाटन के लिए यहां आने वाले श्रद्धालुओं के साथ पर्यटकों की भी अच्छी खासी भीड़ उमड़ी रही है।
खेलों के रोमांच के साथ योग की शांति के लिए सात समुन्दर पार से आये विदेशी पर्यटक भी इस भीड़ के सैलाब मे शामिल हैं। ऋषिकेश के मठों-मन्दिरों में धार्मिक अनुष्ठानों के बीच संतों-महात्माओं के अमृत प्रवचनों से आध्यात्मिकता के शीर्ष पर पहुंचा जा सकता है, इसे अब महसूस किया जाने लगा है। तीर्थ नगरी के इतिहास पर नजर दौड़ाएं तो इस स्थल को प्राचीन काल में कई ऋषि-मुनियों ने अपनी साधना के लिए चुना था। शिवालिक पर्वत श्रृंखलाओं की गोद में प्राकृतिक खूबसूरती के बीच सुबह-शाम गूंजने वाली वेद ऋचाएं यहां की अध्यात्मिक शांति की संजीवनी हैं। यहीं से गंगा की धारा शांत-संयमित होकर गंगासागर की ओर बढ़ती है। योग-ध्यान के इस केंद्र को आठवीं सदी में आदि गुरु शंकराचार्य ने भी हिमालय गमन से पहले अपना पड़ाव बनाया था। महर्षि महेश योगी ने इस स्थल को कर्मभूमि बनाया और ‘चौरासी कुटी’ की स्थापना की। इन सबके बीच योग ध्यान और अध्यात्म की इस पावन भूमि में पर्यटकों की बढ़ती आमद से यहां का बाजार भी चहका है।

‘राम मंदिर मुद्दे को धर्म गुरु और अखाड़ा परिषद सुलझाएंगे’

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श्री बनखण्डी साधु बेला आश्रम के पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी गौरी शंकर दास महाराज ने कहा कि अब समय आ गया है कि अयोध्या में श्रीरामलला का मंदिर निर्माण संत महापुरुषों के सानिध्य में शीघ्र होगा।

भारत की सर्वोत्तम संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि महाराज भी चाहते हैं कि देश के धर्माचार्यों के सानिध्य में शीघ्र राम मंदिर का निर्माण हो क्योंकि राम मंदिर में करोड़ों हिन्दुओं की आस्था जाग चुकी है, अगले माह सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मसले पर फैसला भी आने वाला है। कोर्ट के फैसले के बाद संत महापुरुष चाहते हैं कि करोड़ों हिन्दुओं की आस्था को ध्यान मे रखते हुए मंदिर निर्माण शीघ्र होना चाहिए।

स्वामी गौरी शंकर दास महाराज ने बताया कि अब देश के समस्त संत समाज को एकजुट होकर अयोध्या मसले पर खुलकर सामने आना होगा। तभी रामलला का मंदिर बनने की प्रक्रिया में तेजी आएगी। उन्होंने कहा कि कुछ विदेशी शक्तियां हमारे संत समाज को बदनाम करने की साजिशें रच रहे हैं, जिसे संत समाज कतई बर्दाश्त नहीं करेगा और संतों की आस्था के साथ खिलवाड़ करने वालों को कतई बक्शा नहीं जाएगा। भारतीय संस्कृति का परचम देश के साथ-साथ विदेशों में भी हमारे संत महापुरुषों ने फहराया है और हमारी सनातन परम्पराओं को पूरे विश्व में प्रचारित-प्रसारित किया।

स्वामी ने कहा कि आदि अनादिकाल से गुरु शिष्य की परम्परा का निर्वाह होता चला आ रहा है क्योंकि गुरु ही शिष्य का परमात्मा से साक्षात्कार कराता है और गुरु ही परमात्मा का दूसरा स्वरुप कहलाते हैं। इसीलिए शिष्य को चाहिए कि अपने से बड़ों का आदर सत्कार करें और अपने गुरुजनों की सेवा करें और भारतीय सनातन परम्पराओं का निर्वाह बखूबी करते रहें। उन्होंने श्रीश्री रविशंकर के लिए कहा कि जो पहल राम मंदिर के मुद्दे को लेकर अब शुरू की है। यह पहल बहुत पहले श्रीश्री रविशंकर को करनी चाहिए थी क्योंकि राम मंदिर के मुद्दे को लेकर कई धर्मगुरु और धर्माचार्य वर्षो से मंदिर मसले को सुलझाने को लेकर प्रयासरत है। इसीलिए अब देश के सभी संत महापुरुषों को रामलला के मंदिर को लेकर एकजुटता दिखानी चाहिए, तभी अयोध्या में राम मंदिर बनेगा। 

आई.एम.ए परेड रिहर्सल, के दौरान यातायात डाइवर्ट प्लान

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24/11/2017 का यातायात डाइवर्ट प्लान

 निम्नवत रहेगा: –

1- परेड के दौरान आईएमए की ओर कोई भी यातायात नहीं जायेगा तथा आईएमए की तरफ जीरो जोन रहेगा।
2- बल्लूपुर से आने वाले समस्त यातायात रांगणवाला चौकी आईएमए के पास से डायवर्ट कर मीठी बैरी से होकर प्रेमनगर की ओर मुख्य मार्ग पर जा सकेगा।
3- प्रेमनगर की ओर से आने वाले यातायात को आईएमए एम.टी सेक्शन गेट की ओर डाइवर्ट कर रांगणवाला बैरियर की ओर निकाला जायेगा। उक्त यातायात रांगणवाला बैरियर से बल्लूपुर, पण्डितवाडी की ओर जा सकेगा।
4- विकासनगर की ओर से आने वाले भारी वाहनों को हर्बटपुर चौक से धर्मावाला चौक की ओर डाइवर्ट किया जायेगा। उक्त यातायात धर्मावाला चौक से शिमला बाईपास होते हुए शहर की ओर आ सकेगा।
5- देहरादून से विकासनगर, हर्बटपुर होते हुए दिल्ली जाने वाले भारी वाहनों को शिमला बाईपास से डाइवर्ट कर विकासनगर, धर्मावाला की तरफ भेजा जायेगा।
6- देहरादून की ओर से विकासनगर जाने वाले समस्त यातायात को बल्लूपुर से बल्लीवाला होते हुए जी.एम.एस रोड होते हुए कमला पैलेस की ओर से शिमला बाईपास की ओर निकाला जायेगा। उक्त यातायात शिमला बाईपास से विकासनगर की ओर जा सकेगा।
7- समस्त भारी वाहनों को पूर्णतः हर्बटपुर, शिमला बाईपास चौक तथा बल्लूपुर चौक से जीएमएस रोड की ओर डायवर्ट किया जायेगा।

दिनांक 24/11/17 को समस्त भारी वाहन 15:30 बजे से 17:45 बजे तक डायवर्ट किया जायेगें। आमजन से अपील है कि असुविधा से बचने के लिए चौपहिया वाहन से प्रयोग कम से कम करते हुये दोपहिया वाहनों का प्रयोग करे तथा यातायात व्यवस्था बनाने में जनपद पुलिस को अपना सहयोग प्रदान करें।