रुद्रपुर: एनएच 74 मुआवजा घोटाले में निलंबित डिप्टी कलेक्टर एनएस नगन्याल आज तक एसआईटी के हाथ नहीं लगे हैं। वह पांच नवंबर को एसआईटी के छापे के बाद से भूमिगत चल रहे हैं। वहीं डाटा एंट्री आपरेटर भी फरार चल रहा है। गौरतलब है कि बीती पांच नवंबर को निलंबित पीसीएस अफसर नगन्याल के देहरादून स्थित सरकारी आवास पर एसआईटी का छापा मारा था। उस वक्त से नगन्याल भूमिगत चल रहे हैं। एसआईटी ने उसी दिन निलंबित चल रहे पीसीएस अफसर भगत सिंह फोनिया को गिरफ्तार किया था। यहां बता दें कि एनएच घोटाले में उक्त पीसीएस अफसर निलंबित किए गए थे। हालांकि छापे के बाद एसआईटी ने नगन्याल की गिरफ्तारी के लिए कोई प्रयास नहीं किए। उन पर बैकडेट में जमीनों की 143 करने का आरोप है। उनके हस्ताक्षरों के मिलान की एफएसएल रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है। पूर्व एसएलएओ डीपी सिंह के आत्मसमर्पण के बाद अब एसआईटी नगन्याल की गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर सकती है। वहां फरार चल रहे डाटा एंट्री आपरेटर अर्पण की गिरफ्तारी के लिए एसआईटी लगी हुई है। आरोप है कि डाटा एंट्री आपरेटर के खाते में बड़ी रकम का लेन देन हुआ है, जिसका वह संतोषजनक जवाब नहीं दे सका। डाटा एंट्री आपरेटर के मोबाइल की कॉल डिटेल भी एसआईटी के पास है। हालांकि अभी कई और अफसरों, कर्मचारियों एवं किसानों की गिरफ्तारियां होनी हैं, लेकिन उससे पहले एसआईटी अपनी जांच को आगे बढ़ा रही है। बाजपुर तहसील क्षेत्र की जांच अब रफ्तार पकड़ रही है। बाजपुर में चकबंदी प्रक्रिया वाले गांवों में अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर जमीनों की 143 करने वाले अधिकारी कर्मचारियों पर भी गाज गिरनी तय मानी जा रही है। इसके अलावा जांच आगे बढ़ी तो अन्य सफेदपोशों पर भी कानून का शिकंजा कसा जा सकता है।
जब एक युवा ने एमएनसी की नौकरी छोड़ की ”संस्कृति” की शुरुआत
शिक्षा एक ऐसा धन है जो बांटने से कम नहीं होता बढ़ता जरुर है, ऐसे ही एक युवा पिछले दस सालों से बच्चों के लिए शिक्षा का ऐसा माध्यम बन चुके हैं जो शायद स्कूल और कालेजों से हटकर हैं। हम बात कर रहे हैं जोगिंदर रोहिला की जिन्होंने साल 2007 में अपने घर में लाइब्रेरी खोलकर यह नेक शुरुआत की थी और आज अलग-अलग राज्यों में इनकी लगभग 20 लाइब्रेर बच्चों की शिक्षा के लिए काम कर रही हैं।
32 साल के जोगिंदर रोहिला वैसे तो बहादुरगढ़ हरियाणा के रहने वाले हैं लेकिन आजकल वह देहरादून में रह रहे हैं।यू तो जोगिंदर ने एशिया, यूरोप और साउथ अमेरिका जैसे देशों में टीसीएस जैसी मल्टीनेशनल कंपनी में भी काम किया है, लेकिन अब वह एक एंटरप्रेन्योर की तरह काम रहें हैं।
जोगिंदर की अपनी एक आईटी कंपनी है, इसके अलावा वह अपने एनजीओ ‘संस्कृति’ के माध्यम से बच्चों को शिक्षा देने का प्रयास कर रहे हैं।साल 2007 में उन्होंने पहली लाइब्रेरी अपने घर में खोल कर इसकी पहल की थी। फिर वह ना रुके ना झुके, बस आगे बढ़ते गए और आज भारत के अलग-अलग कोनों में उनकी 20 से भी ज्यादा लाइब्रेरी चल रही हैं।
जोगिंदर रोहिला से टीम न्यूजपोस्ट की खास बातचीत में उन्होंने बताया कि, “वह बहुत नीचे स्तर से शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव लाना चाहते थे” और इसी सोच के साथ उन्होंने ‘संस्कृति’ एनजीओ की शुरुआत की।जोगिंदर मानते हैं कि, “किसी भी काम को करने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति की जरुरत होती और दृढ़ता से किया कोई भी काम असफल नहीं होता।”
बीस से भी अधिक लाइब्रेरी के बाद जोगिंदर लाइब्रेरी की संख्या सौ तक पहुंचाने की चाहत रखते हैं।जोगिंदर की ख्वाहिश है कि वह ‘संस्कृति करियर गाइडेंस’ के माध्यम से कम से कम 10 हजार बच्चों तक पहुंचे और उन्हें शिक्षित कर सकें। देहरादून में रहते हुए जोगिंदर जल्द ही उत्तराखंड में भी अपनी लाइब्रेरी शुरु करने वाले हैं जिसमें से एक दून में तो दूसरा पहाड़ी गांव डूंगा में स्थापित करने की कोशिश कर रहें है।जोगिंदर के इस पहल में उनके परिवार व दोस्तों ने उनका पूरा सहयोग किया।
आपको बतादें कि जोगिंदर द्वारा खोली गई लाइब्रेरी में बच्चें बिना किसी शुल्क के किताबें पढ़ सकते हैं और शिक्षित हो सकते हैं।जोगिंदर से यह पूछने पर कि क्या इन लाइब्रेरी से समाज में कुछ बदलाव आ रहा? जोगिंदर का कहना था कि, “मेरे हिसाब से लाइब्रेरी का होना बच्चों के लिए एक अलग मौका है अपने विषय से हटकर कुछ अलग पढ़ने का। एक ऐसा जरिया है जो हर बच्चें को पसंद होता है।बहुत से बच्चे लाइब्ररी में जाते हैं और पढ़ाई करते है जिससे उनकी रिडिंग स्किल बेहतर होती है।”
जोगिंदर द्वारा खोली गई लाइब्रेरी ना केवल बच्चों के लिए बल्कि उनके मां-बांप के लिए भी बड़ी उपलब्धि है जिसके माध्यम से वह अपने बच्चों को और अधिक शिक्षित बना सकते हैं। ‘संस्कृति’ एनजीओ के अलावा जोगिंदर ने हाल में ही अपनी पहली किताब ‘ड्रिम्स ‘भी लॉंच की है जिसके लिए टीम न्यूजपोस्ट उनहें बहुत सारी शुभकामनाएं देता है।
उत्तराखंड में टिहरी और पौड़ी के गांव सबसे प्यासे
गंगा-यमुना का मायका उत्तराखंड के गांवों को पीने के लिए पानी भी मयस्सर नहीं है। केंद्र सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय की रिपोर्ट भी इसकी तस्दीक कर रही है। प्रदेश के 39,282 गांव-मजरों में से करीब 56 फीसदी, यानी 21,706 में ही मानक के अनुसार पेयजल मिल पा रहा है, इसमें सबसे खराब स्थिति टिहरी और पौड़ी जिले की है। यहां क्रमश: 21 और 32 फीसदी ही बस्तियों को पर्याप्त पानी मिल रहा है।
नेशनल रूरल ड्रिंकिंग वाटर प्रोजेक्ट (एनआरडीडब्यूपी) के तहत जारी आंकड़ों पर गौर करें तो तस्वीर चौंकाने वाली है। मानकों के अनुसार, प्रतिदिन प्रतिव्यक्ति 40 ली. के हिसाब से पानी की उपलब्धता होनी चाहिए, लेकिन उत्तराखंड के 44 फीसदी गांव-मजरों की स्थिति दयनीय है। टिहरी और पौड़ी के अलावा राजधानी देहरादून, हरिद्वार, चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों की स्थिति भी बेहतर नहीं है। यहां भी आधी से ज्यादा बस्तियां पेयजल के लिए हर रोज संघर्ष कर रहे हैं। हालांकि कुमाऊं के जिलों में हालात कुछ बेहतर हैं, लेकिन यहां सर्वाधिक संकटग्रस्त जिला अल्मोड़ा है। टिहरी की जिलाधिकारी सोनिका ने बताया कि टिहरी की गंभीर स्थिति को देखते हुए पहली बार पांच साल का प्रोजेक्ट ‘पानी’ तैयार किया गया है, इसमें उन क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा, जहां पर पानी की खासी कमी है।
पानी के लिए तरसती बस्तियां
जिला – बस्तियां
टिहरी – 78.49
पौड़ी – 67.47
देहरादून – 59.53
हरिद्वार – 49.11
चमोली – 49.76
रुद्रप्रयाग – 47.46
अल्मोड़ा – 35.35
उत्तरकाशी – 34.96
चंपावत – 27.28
पिथौरागढ़ – 23.78
बागेश्वर – 17.28
नैनीताल – 13.88
यूएस नगर – 4.59
अब उत्तराखंड के सभी बंदी होंगे कंप्यूटर प्रशिक्षित
राज्य कारागार के सभी बंदी अब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के छात्र होंगे। इग्नू क्षेत्रीय केन्द्र देहरादून के द्वारा प्रमुख सचिव आनंद वर्धन की पहल पर उत्तराखंड राज्य के विभिन्न कारागारों के बंदियों के लिये निशुल्क कंप्यूटर शिक्षा का अभियान प्रारम्भ किया जा रहा है। बंदियों को शिक्षित समाज को हिस्सा बनाने की दिशा में शनिवार को शिविर का आयोजन किया गया।
जिला कारागार देहरादून में आयोजित हुआ इग्नू प्रवेश शिविर, इग्नू क्षेत्रीय केन्द्र देहरादून के उपनिदेशक डाॅ. रंजन कुमार एवं सहायक क्षेत्रीय निदेशक डाॅ. जगदम्बा प्रसाद के दिशा निर्देशन में संचालित किया गया। शिविर का आयोजन कारागार अधीक्षक महेन्द्र सिंह ग्वाल एवं जेलर राकेश वर्मा के द्वारा कारागार परिसर में किया गया जिसमें लगभग 200 बंदियों ने प्रतिभाग किया।
शिविर के प्रारंभ में कारागार अधीक्षक एमएस ग्वाल ने बताया कि कारागार में बंदियों के सर्वांगीण विकास हेतु कारागार के भीतर ही इग्नू अध्ययन केन्द्र संचालित होता है। जिसमें लगभग एक दर्जन शैक्षणिक एवं रोजगारपरक कार्यक्रम बंदियों हेतु उपलब्ध हैं। इग्नू के उपनिदेशक डाॅ. रंजन कुमार ने इंतिहास के विभिन्न प्रसंगों का उदाहरण देते हुए बंदियों को प्रेरित किया कि शिक्षा के द्वारा जीवन में मूलभूत परिवर्तन संभव हैं एवं कारागार बंदियों हेतु दूरस्थ शिक्षा आजादी की लड़ाई के समय से अबतक जीवन परिवर्तन का एक सशक्त माध्यम रही है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष इग्नू द्वारा बड़े स्तर पर बंदियों को कंप्यूटर प्रशिक्षित किया जाएगा।
सहायक क्षेत्रीय निदेशक डाॅ.जगदम्बा प्रसाद ने बंदियों को इग्नू के विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए बताया कि कारागार में रहते हुए अध्ययन करने से न सिर्फ समय का सदुपयोग होता है बल्कि भविष्य में रोजगार पाने की संभावनाओं का बड़ा द्वार भी खुल जाता है। तत्पश्चात इग्नू के अधिकारियों द्वारा बंदियों की शिक्षा के प्रति विभिन्न जिज्ञासाओं का समाधान किया गया। शिविर में इग्नू के विभिन्न कार्यक्रमों में बंदियों ने प्रवेश लिया। कंप्यूटर शिक्षा के लिए सूचना तकनीकी में प्रमाण पत्र एवं कंप्यूटर साक्षरता कार्यक्रम चलाये जायेंगे।
कंप्यूटर प्रशिक्षण कारागार देहरादून परिसर में उपलब्ध कंप्यूटरों के द्वारा परिसर के भीतर ही चलाया जायेगा। कृषि में रूचि रखने वाले बंदियों हेतु जैविक कृषि में प्रमाणपत्र, मधुमक्खी पालन में प्रमाणपत्र आदि कार्यक्रम संचालित होंगे। इसके अलावा शैक्षणिक योग्यता बढ़ाने के लिए बीए, बीकाॅम एवं जैसे कई विषयों में स्ताकोत्तर डिग्री भी उपलब्ध कराई जाएगी। अधिक पढे़ लिखे बंदियों हेतु स्नातकोत्तर डिप्लोमा कार्यक्रम भी संचालित किए जाएंगे। कारागार अधीक्षक ने बताया कि देहरादून कारागार में लगभग 500 बंदियों को इग्नू के विभिन्न कार्यक्रमों में प्रवेश दिया जायेगा।
स्कूली बच्चों को दिखाई राजू बजरंगी
देहरादून। सिद्धबली प्रोडक्शन की फिल्म ‘राजू बजरंगी’ एक हफ्ते की स्क्रीनिंग के अंतिम दिन शनिवार को सहसपुर ब्लॉक के राजकीय मध्यमिक इंटर कॉलेज के बच्चों एवं जैन समाज से जुड़े लोगों ने फिल्म का आनंद उठाया।
फिल्म प्रोड्यूसर शिवनारायण रावत ने बताया कि फिल्म को बहुत लोगों ने पसंद किया है, इसको देखते हुए यह फैसला लिया गया है कि अब इस फिल्म को मॉल में भी प्रदर्शित किया जाएगा। फिल्म देखने पहुंचे वैश्य समाज के पदाधिकारी सोहन लाल गुप्ता ने कहा कि फिल्म के माध्यम से एक साथ कई संदेश देने की कोशिश की गई है। उन्होंने कहा कि जहां आज के दौर में कमर्शियल फिल्में बन रही हैं, वहां इस तरह की धार्मिक फिल्म बनाना पने आप में काबिले तारीफ है। उन्होंने कहा कि वे इस फिल्म को अपने प्रयासों से मॉल में भी प्रदर्शित करवाएं।
फिल्म के प्रोड्यूसर शिवनारायण रावत ने कहा कि एक हफ्ते में फिल्म को देखने कई स्कूलों के बच्चे आए, जिनमें हिल फाउंडेशन, आर्यन स्कूल एवं एशियन स्कूल शामिल थे। उन्होंने कहा कि फिल्म को बहुत ही बढ़िया रिस्पॉस मिला है। जल्द ही फिल्म को मॉल में प्रदर्शित किया जाएगा, जिससे यह फिल्म और अधिक लोग देख सकेंगे।
प्रत्येक गुरुवार को समाधान पोर्टल की शिकायतों की होगी समीक्षा
देहरादून। मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड सरकार के समाधान पोर्टल में प्राप्त शिकायतों की समीक्षा अब प्रत्येक सप्ताह के गुरुवार को की जाएगी।
अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व वीर सिंह बुदियाल ने शनिवार को यहां एक जारी बयान में बताया कि वर्तमान में विभागवार शिकायतों की प्राप्ति एवं लम्बित होने के कारण शिकायतों की संख्या बढ़ती जा रही है। शिकायतों के निस्तारण आख्या ससमय प्राप्त न होने के कारण शिकायतें स्वतः उच्चस्तर हस्तान्तरित हो जाती है। इसे देखते हुए प्रत्येक गुरुवार को प्रातः 11 बजे समीक्षा करने का समय नियम किया गया है। उन्होंनेे बताया कि किसी भी सप्ताह में गुरुवार के दिन राजकीय अवकाश होने की स्थिति में उसके अगले दिन समाधान में प्राप्त शिकायतो एवं अन्य माध्यमों से प्राप्त शिकायतों की समीक्षा की जाएगी। इस सम्बन्ध में उन्होंने समस्त विभागाध्यक्षों से अपने अधीनस्थों को निर्देशित करने का अनुरोध किया है।
‘भाजपा-कांग्रेस दोनों ही पहाड़ विरोधी’ : यूकेडी
ऋषिकेश। उत्तराखंड क्रांति दल के पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष त्रिवेंद्र सिंह पंवार ने भाजपा की सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि यह सरकार जन पक्षीय विषयों पर पूरी तरह से विफल गई है, जो कि पहाड़ों में विकास के नाम पर लोगों को ठगने का कार्य कर रही है, जिसके प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए अब उक्रांद ‘पहाड़ बचाओ-गांव बचाओं’ के नारे के साथ हरिद्वार से अभियान छेड़ेगी।
उक्रांद के पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष त्रिवेंद्र सिंह पंवार ने प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि जिन महिलाओं को भाजपा और नरेंद्र मोदी ने सब्जबाग दिखाकर सरकार बनाई है, उनका भ्रम टूट चुका है। उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार की प्राथमिकता राज्य में शराब को गंगाजल की तरह घर-घर पहुंचाने की है। जबकि देश की आजादी के बाद सार्वजनिक वितरण प्रणाली सबसे प्रभावी योजना को इस सरकार ने बंद कर दिया है, जो दुर्भाग्य की बात है, जिसे सरकार को जनहित में तत्काल वापस लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश का किसान आत्महत्या करने को मजबूर है। क्योंकि उसकी हालत अत्यंत चिंताजनक है, यहां तक कि राज्य निर्माण के बाद तेजी से बढ़ रहा है, खेत-खलियान भी सूनसान हो गए हैं। राज्य के मुख्य तीन हजार स्कूल बंद करने की कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पहाड़ विरोधी हैं, जिनके खिलाफ उत्तराखंड क्रांति दल व्यापक स्तर पर जन आंदोलन करेगा, जिसके लिए तीन दिसम्बर को हरिद्वार में कार्यकर्ताओं का सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जिसमें पार्टी के सदस्यता अभियान को लेकर विस्तृत रूप से चर्चा की जाएगी। प्रेसवार्ता में जय प्रकाश उपाध्याय प्रभारी केंद्रीय महामंत्री बीके पाल, युद्धवीर सिंह, रामलाल नवानी, एनपी रतूड़ी, राजपाल राणा, मोहित डोभाल, शांति तडियाल, किशन सिंह रावत, सहित अन्य लोग भी उपस्थित रहे।
केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य में तेजी, जल्द भेजी जाएंगी मशीनें
(रुद्रप्रयाग) केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों की रफ्तार तेज करने के लिए प्रशासनिक स्तर पर कवायद जारी है। स्वयं रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल दो दिन से यहां डेरा डाले हुए हैं। उन्होंने बताया कि जल्द ही निर्माण कार्यों के लिए जल्द ही भारी मशीनें केदारनाथ भेजी जाएंगी। डीएम ने कहा कि यदि मौसम ने साथ दिया तो सभी काम निर्धारित समय पर पूरे हो जाएंगे। हालांकि केदारनाथ में मौसम परीक्षा ले रहा है। बीते सात दिन में यहां तीन बार एक-एक फुट हिमपात हो चुका है। इससे काम प्रभावित हो रहा है।
शुक्रवार को डीएम ने पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि केदारनाथ मंदिर से संगम तक पैदल मार्ग को नया स्वरूप दिया जाएगा। 250 मीटर लंबे पुराने मार्ग से मलबा हटाने के बाद इसे पचास मीटर चौड़ा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि मौसम मेहरबान रहा तो मलबा हटाने का कार्य अगले माह पांच दिसंबर तक कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगले साल यात्रा शुरू होने से पहले इसे सीसी मार्ग बना दिया जाएगा। इस दौरान उन्होंने सरस्वती नदी के तट पर चल रहे बाढ़ सुरक्षा कार्यों में तेजी लाने के भी निर्देश दिए। डीएम ने उत्तराखंड अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण को भी पावर प्लांट समय पर तैयार करने को कहा। डीएम ने कहा कि पुनर्निर्माण कार्य को तेज करने के लिए पोकलैंड मशीनों की संख्या भी बढाई जाएगी। फिलहाल यहां तीन पौकलैंड मशीन, दो जेसीबी व पांच डंफर हैं। उन्होंने कहा कि लिनचोली और केदारनाथ के बीच कुछ जगहों पर पैदल मार्ग की स्थिति खराब है, जिसे जल्द से जल्द ठीक लिया जाएगा। इसके साथ ही केदारनाथ में मंदाकिनी नदी पर घाट निर्माण कार्य के लिए ई-टेंडरिंग की प्रक्रिया चल रही है।
एसबीएम पब्लिक स्कूल पर चला मिश्रा बंधू के सूरों का जादू
ऋषिकेश। स्पीक मैके संस्था 40 वर्षों से भारतीय संस्कृति और संगीत को बढ़ावा देने का काम कर रही है इसी कड़ी में भरत मंदिर स्कूल में स्कूली बच्चों को मिश्रा बन्दुओं ने भारतीय संस्कृत संगीत से रूबरू कराया, और स्कूली बच्चों ने भी उनके संगीत को जमकर पसंद किया
बनारस घराने से निकल कर मिश्रा बंधु पूरे विश्व में भारतीय संगीत को एक नई पहचान दिला रहे हैं, स्पिक मेके के तत्वाधान में हिंदुस्तानी संगीत कार्यक्रम का आयोजन ऋषिकेश के एसबीएम पब्लिक स्कूल में किया गया। रितेश मिश्रा ने विभिन्न रागों के जरिए छात्रों को मंत्रमुग्ध किया, वहीं तबले पर रजनीश मिश्रा और हारमोनियम पर कांता प्रसाद ने उनका साथ दिया। रितेश व रजनीश ने राग भैरव की विभिन्न प्रस्तुतियों से खूब वाहवाही लूटी साथ ही उन्होंने छात्रों को शास्त्रीय संगीत की बारीकियां भी सीखाई।
आपको बता दें की मिश्रा बंधू की शिक्षा दिल्ली यूनिवर्सिटी में हुई है, घर में भारतीय संस्कृत का माहौल बचपन से ही मिला और उसी के साथ अपने घराने की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं. भारतीय राग में ख्याल, तप्पा ,तराना ,भजन और अन्य संस्कृति कलाओं में हर जगह अपनी आवाज का जादू बिखेर देते हैं पूरे विश्व भर में इनके अलग-अलग कार्यक्रम होते हैं. अपनी आवाज से सबको मंत्रमुग्ध कर देते हैं, इन्हें युवा रत्न अवार्ड 1999 और भविष्य ज्योति अवार्ड 2007 संगीत नाटक अकादमी उस्ताद बिस्मिल्लाह खान अवार्ड 2008 और संगीत समृद्धि सम्मान 2010 में प्राप्त है. उनहोने साथी यंग जनरेशन को मैसेज देते हुए कहा कि स्कूल और कॉलेज में इस तरह के कार्यक्रमों की जरूरत है जिससे हम अपने भारत की संस्कृति और परंपरा को नई जनरेशन के साथ बैठ सकें और भारतीय संगीत की पहचान करा सके ऋषिकेश पहुंच कर उन्हें बहुत अच्छा लगा और कहा कि ऋषिकेश में एक अलग सा आभामंडल है जो उंहें आकर्षित करता है.
ऋषिकेश पहुंचे मिश्रा ब्रदर्स का कहना है की आज कल के नौजवान क्लासिकल संगीत से दूर भाग रहे है ऐसे में जरुरत है तो युवाओं को देश की असल संस्कृति से रूबरू कराना।
‘पद्मावती’ के समर्थन में 26 को होगा ‘ब्लैकआउट’
संजय लीला भंसाली के निर्देशन में बनी फिल्म ‘पद्मावती’ के समर्थन में इंडियन फिल्म एवं डायरेक्टर्स एसोसिएशन (आईएफटीडीए) के अध्यक्ष अशोक पंडित ने फिल्म एवं टेलीविजन उद्योग के 20 अन्य निकायों के साथ मिलकर 15 मिनट के ब्लैकआउट करने का ऐलान किया है।
अशोक पंडित ने एक निजि चैनल से हुई बातचीत में बताया कि हम पद्मावती और फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली को समर्थन देना जारी रखेंगे क्योंकि अपने तरीके से कहानी कहना एक रचनात्मक शख्स का बुनियादी अधिकार है। उन्होंने कहा कि संजय लीला एक जिम्मेदार फिल्म निर्माता हैं और एक इतिहास से संबंध रखने वाली फिल्म बनाना आसान काम नहीं है। अशोक पंडित ने कहा कि फिल्म के प्रति अपना समर्थन दर्शाने के लिए 26 नवम्बर को मुम्बई की सभी शूटिंग इकाईयों की रोशनी 15 मिनट के लिए बुझा दी जाएगी और कोई शूटिंग नहीं होगी। उऩ्होंने कहा कि हम ऐसी ताकतों का विरोध करते हैं जो फिल्म निर्माताओं और कलाकारों को धमकाते हैं।
उल्लेखनीय हो कि फिल्म ‘पद्मावती’ का राजस्थान की करणी सेना शूटिंग के शुरुआत से ही विरोध कर रही है इस विरोध में फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली के साथ हाथापाई भी हुई थी। विरोध कर रहे लोगों का मानना है कि फिल्म में अलाउद्दीन और रानी पद्मावती के बीच ड्रीम सिक्वेंस दर्शाये गए हैं, जो कि राजपूतों की मर्यादा का अपमान है।