Page 244

66वीं ऑल इण्डिया पुलिस एथलेटिक्स चैम्पियनशिप का सीएम ने किया समापन

0

देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमन्त्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने महारणा प्रताप स्पोर्ट कॉलेज में आज 66 वें ऑल इण्डिया पुलिस एथलेटिक्स चैम्पियनशिप का समापन किया। इस दौरान मुख्यमन्त्री ने देश भर से आये सभी पुलिस टीमों के मार्चपास्ट की सालामी ली।

1d99939d-7a84-4904-9ef5-91ae81395889

अखिल भारतीय पुलिस एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के आयोजन सचिव व अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था अशोक कुमार द्वारा प्रतियोगिता की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि पुलिस एथेलिटिक्स चैंपियनशिप की उत्तराखंड पहली बार मेजबानी की गयी। चैंपियनशिप में 25 राज्यों वे सात केन्द्रीय शस्त्र पुलिस बल सहित कुल 32 टीमों के 1119(275 महिला खिलाड़ी) पुलिस के खिलाड़ियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। जिसमें कुल 44 प्रतियोगिताएं हुई। पुरूष एवं महिला दोनों को देखें तो  बीएसएफ, सीआरपीएफ एवं पंजाब मुख्य मुकाबला इन तीन टीमों में रहा। पुरूषो में उत्तराखण्ड एवं महिलाओं में महाराष्ट्र व केरल ने तीनों टीमों को काफी टक्कर दी।

इस प्रतियोगिता में उत्तराखण्ड ने

  • 05 गोल्ड,
  • 02 सिल्वर व
  • 01 ब्रान्ज के साथ राज्यों में उत्तराखण्ड ओवर ऑल चैम्पियन में चौथे स्थान पर रही।

पुरूषों में उत्तराखण्ड दूसरे स्थान पर रहीं। उत्तराखण्ड की महिलाओं ने पिछले 5 वर्षों से इस प्रतियोगिता में प्रतिभाग नहीं लिया था इस बार रिक्रूट महिला आरक्षियों द्वारा प्रतिभाग किया गया जिसमें महिलाएं सेमीफाइनल तक पंहुचने में सफल रहीं। पुलिस महानिदेशक ने अपने उदबोधन में मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड और विशिष्ट अतिथि माननीय खेल मंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा की अपने सीमित संसाधनों के बावजूद इस वृहद आयोजन को सफलता पूर्वक समपन्न कराने हेतु ऑल इण्डिया स्पोर्टस व उत्तराखण्ड स्पोर्टस बोर्ड, आयोजन समिति सहित सभी का धन्यवाद किया उन्होने सभी प्रतिभागियों पदक वियेजाओं को अत्यन्त अनुशासन से भाग लेने के लिए बधाई व शुभकामनाएं दी।

श्री एके.वर्मा अपर निदेशक आईबी व प्रतिनिधि ऑल इण्डिया स्पोर्टस कन्ट्रोल बोर्ड ने अपने सम्बोधन में कहा की वर्ष 2017 के लॉसएंजलिस में हुए वर्ल्ड पुलिस गेम्स में प्रतिभाग करने 151 स्वर्ण सहित कुल 321 पदक प्राप्त किये। उन्होंने पुर्व मे भी आयोजित वर्ल्ड पुलिस में बड़ी संख्या में प्राप्त किये जाने का उल्लेख किया, इसके अतिरिक्त अब तक 87 पुलिस कर्मियों को अर्जुन पुरस्कार, 25 को पदमश्री, 02 को पदमविभूषण, 06 को राजीव गाँधी खेल पुरस्कार से अलंकृत किये जाने की जानकारी दी, उन्होने इस वर्ष अखिल भारतीय पुलिस एथलेटिक्स चैम्पियनशिप-2017 के सफल आयोजन के लिए पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड, अपर पुलिस महानिदेशक सहित सभी अधिकारीयों/कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया गया।

 सीएम रावत ने 100 मीटर महिला वर्ग, 4X400 महिला वर्ग तथा 4X400 पुरुष वर्ग के विजेताओं को मेडल तथा निरीक्षक मनीष रावत को बैस्ट एथलीट का पुरस्कार प्रदान किया, इसके अतिरिक्त अन्य श्रेणियों के विजेताओं को ट्रॉफी व पंजाब को ओवर ऑल चैम्पियनशिप ट्रॉफी प्रदान कि गई। तथा अखिल भारतीय पुलिस एथलेटिक्स चैम्पियनशिप की “स्मारिका” का विमोचन भी किया गया।सीएम रावत ने कहा कि में पूरे भारत से प्रतिभाग करने आये खिलाड़ियों, कोच आदि का स्वागत करते हुए कहा की यह उत्तराखण्ड का सौभाग्य है, कि इस वर्ष इस प्रतियोगिता का आयोजन करने का हमें अवसर प्राप्त हुआ।

अंत में मुख्यमन्त्री नें 66वीं0 अखिल भारतीय एथलेटिक्स चैम्पियनशिप 2017 की समापन की औपचारीक घोषणा करते हुए ऑल इण्डिया स्पोर्टस कन्ट्रोल बोर्ड के ध्वज को पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड को अगली प्रतियोगिता तक अपनी अभिरक्षा में रखने हेतु प्रदान किया गया।समापन समारोह में दीपम सेठ पुलिस महानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था ने धन्यवाद ज्ञापन दिया तथा कार्यक्रम का संचालन श्रीमती श्वेता चोबे अपर पुलिस अधीक्षक सीबीसीआईडी द्वारा किया गया।

इस अवसर पर अरविन्द पाण्डे माननीय खेल मन्त्री उत्तराखण्ड, आनन्द वर्धन प्रमुख गृह सचिव सहित उत्तराखण्ड पुलिस के समस्त वरिष्ठ पुलिस अधीकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

बाल विकास विभाग को मिले 14 अधिकारी

0

देहरादून। राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) महिला सशक्तिकरण बाल विकास एवं पशुपालन मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि बाल विकास विभाग के अन्तर्गत लोक सेवा आयोग से चयनित नवनियुक्त बाल विकास परियोजना अधिकारियों में से 14 अधिकारियों की तैनाती की गई है। उन्होंने बताया कि अधिकांश अधिकारियों को पर्वतीय जनपदों में तैनात किया गया है।

शुक्रवार को मंत्री आर्या ने आशा व्यक्त की कि विभाग को नये अधिकारी मिलने से विभागीय योजनाओं को त्वरित गति से संचालित कराया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से जन्म से 06 वर्ष तक की आयु के बच्चे एवं गर्भवती/धात्री महिलाएं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से लाभान्वित हो सकेंगी। उन्होंने यह भी बताया कि पशुपालन विभाग में 15 पशुचिकित्सा फार्मेसिस्टों की मुख्य पशुचिकित्सा फार्मेसिस्ट के पद पर पदोन्नति कर दी गई है।
आर्या ने बताया कि जनपदों में पशुपालकों की समस्याओं का त्वरित गति से निस्तारण करने हेतु एवं राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ प्रत्येक पशुपालक को मिल सकें। इसलिए पदोन्नत अधिकांश मुख्य पशुचिकित्सा फार्मेसिस्टों को भी पर्वतीय जनपदों में तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि इससे पर्वतीय जनपदों के पशुपालकों को अत्याधिक लाभ मिल सकेगा। 

पांडवास के “शकुना दे” ने तोड़े पिछले सभी रिकॉर्ड

0

अपनी नई पेशकश “शकुना दे” के रिलीज होने के हफ्ते भर में ही पांडवास ग्रुप को खुशी की एक और वजह मिल गई है। ग्रुप का ये वीडियो लोगों के बीच काफी सराहा जा रहा है औऱ इस गाने ने इस ग्रुप के अभी तक के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिये हैं।एक हफ्ते में इस वीडियो को यू ट्यूब पर एक लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है। इस कामयाबी पर टीम भी मानती है कि उन्हे खुशी के साथ साथ हैरानी भी है क्योंकि ये कोई डांस नंबर नही ंथा। इसके बावजूद इस वीडियो को इस तरह की सफलता मिलना उत्साह बढ़ाता है।

सूरों से सजा ये म्यूजिक वीडियो किसी भी बॉलिवुड गीत को कड़ी टक्कर दे सकता है। सात मिनट का ये वीडियो अंजलि खरे और इशान डोभाल की आवाज़ों से सजा है। वहीं वीडियो में बाप बेटी के रिश्ते के उतार चढ़ाव से दर्शकों को रबरू कराने का काम अनूप त्रिवेदी और प्रिया अधिकारी ने किया है।

इस वीडियो के निर्देशक कुणाल और इशान न्यूजपोस्ट को बताते हैं कि “अधिकतर गाने पुरुष प्रधान होते हैं लेकिन ये गाना एक बेटी के अपने पिता के साथ रिश्तों की कहानी को बयां करता है।और इसलिये हर आम आदमी इससे अपने आपको जुड़ा हुआ महसूस कर सकता है। “

इसी साल अपने एलबम फुलौरी की सफलता के बाद टीम ने शकुना दे पर काम करना शुरु कर दिया था। कुणाल कहते हैं कि वीडियों में प्रिया ने जो कुमाउंनी ओढ़नी पहनी है वो वीडियो के आने के बाद से काफी मशहूर हो गई है। इस ओढ़नी को ऋषिकेश के डिजाइनर गणेश व्यास ने बनाया है।

जहां एक तरफ इस गीत को संजोने में करीब करीब 9 महीने का समय लग गया वहीं वीडियो को शूट करने में भी 1 महीने से ज्यादा का समय लगा।वीडियो की शूटिंग अल्मोड़ा के रानीखेत के पंतकोटली गांव में की गई है।इस विडियो में लाला बाज़ार के साथ-साथ अल्मोड़ा की मशहूर खीम सिंह की दुकान को भी दिखाया गया है। कुणाल कहते हैं कि “इस वीडियो में हमने जहां पहली बार 35एमएम कैमरे का इस्तेमाल किया है वहीं पहली बार कलाकारों का प्रोफेशनल मेकप भी कराया गया है जो पिछले दो सीजन में नहीं किया गया था।”

आने वाले दिनो में पांडवास ग्रुप अपने लगातार बढ़ते फैन बेस के लिये शॉर्ट  फिल्में भी बनाने की तैयारी में हैं। जो जरूर उनके चाहने वालों को पसंद आयेंगी।

गुटखा आैर तंबाकू की सार्वजनिक बिक्री पर नौ दुकानों का चालान

0

गोपेश्वर। चमोली जिले के नंदप्रयाग, तेफना व थिरपाक बाजार में स्वास्थ्य विभाग, पुलिस व संस्था के सदस्यों ने गुटखा, तंबाकू का सार्वजनिक तौर पर बिक्री करने के जुर्म में 09 दुकानों का चालान कर 900 रुपये का अर्थदंड वसूला।

शुक्रवार को नोडल अधिकारी डॉ नीरज कुमार सिन्हा के नेतृत्व में पुलिस व हिमाद संस्था के सदस्यों की एक टीम ने नंदप्रयाग, तेफना व थिरपाक के बाजारों में सार्वजनिक तौर पर प्रदर्शन कर गुटका व तंबाकू को बेचने के जुर्म में 09 दुकानदारों का चालान किया तथा उनसे अर्थदंड के रूप में 900 रुपये भी वसूल किए। साथ ही अन्य दुकानदारों को चेतावनी दी कि यदि कोई दुकानदार ऐसा करता हुआ पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लायी जाएगी तथा दुकानदारों को यह भी हिदायत दी गई कि 18 साल से कम उम्र के बच्चों को नशीले पदार्थों को न बेंचे। टीम में चिकित्सा विभाग के डॉ नीरज कुमार सिन्हा, संदीप कंडारी, हिमाद के सुभाष कुमार, पुलिस से सिपाही महेश त्यागी व विनोद थपलियाल आदि शामिल रहे। 

औली में कृत्रिम बर्फ बनाने का काम शुरू

0

गोपेश्वर। चमोली जिले के औली में फिस रेस से पहले औली की ढलानों पर जंक खा रही कृत्रिम स्नो गन फ्रेंच एवं स्पेन के विशेषज्ञों के अथक प्रयास के बाद अब ठीक हो गई है। गुरुवार की देर सांय को ट्रायल लिया गया, जिसमें कृत्रिम स्नो गनो ने बर्फ बनाना शुरू कर दिया है।
औली में 15 से 21 जनवरी तक फिस रेस का आयोजन होना है, जिसके लिए जिला स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक के मंत्रियों से लेकर अधिकारियों की लगातार हो रही मैराथन बैठकों में फिस रेस को सफलतापूर्वक संचालित किये जाने के लिए विचार मंथन किये जा रहे हैं। इसी कड़ी में यदि आयोजन के दौरान औली में बर्फबारी नहीं हो पाती तो उसके लिए पूर्व में लगी कृत्रिम बर्फ बनाने वाले उपकरणों को ठीक करने के लिए पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के प्रयासों के बाद फ्रेंच तथा स्पेन से तीन सदस्यीय तकनीकी विशेषज्ञों की टीम औली पहुंची है, जो फिस रेस के आयोजन तक औली में ही रहेगी। उनके प्रयासों से गुरुवार को देर रात्रि को कृत्रिम बर्फ बनाने वाली मशीनों को ठीक करने के बाद ट्रायल लिया गया, जिसमें वे सफल रहे। हालांकि गुरुवार को देर सायं को तापमान उतना कम नहीं था, जितना की बर्फ बनाने के लिए जरूरी है परंतु अंदाजा लगाया जा रहा है कि तापमान में गिरावट आ सकती है और कृत्रिम बर्फ के माध्यम से भी फिस रेस का आयोजन किया जा सकता है। कृत्रिम बर्फ बनाने वाली मशीनों से बर्फ बनने के बाद आयोजकों के चेहरे भी खिल उठे हैं। आशा की जा रही है कि यदि समय से बर्फ ना भी गिरे तो फिस रेस का सफलता पूर्व संचालन किया जा सकता है।

डीपीआर के कारण 35 योजनाओं का काम अधर में लटका

0

देहरादून। राज्य में शहरों से लगे ग्रामीण इलाकों में प्रति व्यक्ति 135 लीटर पानी उपलब्ध कराने की राह में पेयजल निगम व जल संस्थान की लापरवाही आड़े आ रही है। स्थिति ये है कि वर्ल्ड बैंक की ओर से छह माह पूर्व इन योजनाओं के प्रस्ताव पास कर दिए गए थे, लेकिन अब तक दोनों विभाग अपनी डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) ही नहीं भेजी है, जिस कारण निगम व जल संस्थान को योजनाओं के लिए बजट जारी नहीं किया गया।

बता दें कि शहर से लगे 35 इलाकों में योजनाओं का निर्माण होना है। इनमें से 25 योजनाओं का निर्माण जहां पेयजल निगम करेगा, वहीं दस योजनाओं को तैयार करने की जिम्मेदारी जल संस्थान के पास है। पिछले छह महीने से दोनों संस्थान डीपीआर पर काम कर रहा है, लेकिन हैरत की बात ये है कि अब तक पेयजल 25 में से मात्र छह ही डीपीआर भेज पाया है, लेकिन जल संस्थान की ओर से अब तक एक भी डीपीआर नहीं भेजी गई है। डीपीआर नहीं आने के कारण ही वल्र्ड बैंक की ओर से जारी किए जाने वाले 150 मिलियन डॉलर यानी 975 करोड़ रुपये जारी नहीं कर पाया है।
शहरों से लगे इन इलाकों में बनेगी योजनाएं
देहरादून-ऋषिकेश: ढालवाला, जीवनगढ़, सेंट्रल होपटाउन, रायपुर, नत्थनपुर, मेहूंवाला माफी, नथुवावाला, ऋषिकेश देहात, गुमानीवाला, प्रतीतनगर व खड़कमाफी।
हल्द्वानी-काठगोदाम: फतेहपुर रेंज, मुखानी, हल्द्वानी तल्ली और बिथोरिया नंबर एक, कुसुमखेड़ा, बामोरी तल्ली बंदोबस्ती और गौज्जाली उत्तर रेंज।
हरिद्वार-रुड़की: हरिपुर कलां, सैदपुरा, बंगेरी महाबतपुर, नगला इमरती, ढंडेरा, मोहनपुर मोहम्मदपुर, रवाली महदूद, बहादराबाद, जगजीतपुर।
खटीमा: उमरूखुर्द, महोलिया, बंदिया।
अतिरिक्त क्षेत्र: खटियारी, कंचल गुसाईं, नगला, पदमपुर, काशीरामपुर।

बच्चों को बेहतर पाठक बनाने के लिए चम्पावत में एक अनूठी पहल

0

बच्चों को बेहतर पाठक बनाने के लिए चम्पावत में एक अनूठी पहल शुरु की गई है। जनपद में इस कार्यक्रम को एसईआरआई (Scaling up Early Reading Intervention) के नाम से जाना जाता है। साल 2016 में इस कार्यक्रम को 504 स्कूलों में शुरू किया गया था। इसका मकसद बच्चों को स्वतंत्र पाठक बनाना है। कार्यक्रम के तहत बच्चों में पढ़ने की आदत व बुनियादी पाठन सिखाया जा रहा है। जनपद के हर स्कूल में टीचर एक शिक्षण पद्धति के अनुसार कक्षा 1 और 2 के बच्चों के साथ हिंदी भाषा के सेशन लेते है। बच्चे इस सेशन में संस्था द्वारा दी गयी रोचक और आनंददायक किताबों को स्कूल में तो पढ़ते ही हैं साथ साथ घर ले जाकर वे अपने घरवालों के साथ भी इन किताबों की कहानियों को सांझा करतें हैं।

“सरकार के साथ गहन साझेदारी में बड़े पैमाने पर काम करने का जो मॉडल SERI कार्यक्रम के द्वारा चम्पावत में क्रियान्वित किया गया उसके परिणाम आशानुरूप बेहतर हैं! हमारा प्रयास होगा कि अब इस मॉडल को अन्य जिलों एवं अन्य राज्यों में दोहराया जाये,” यह कहना है सौरब बैनरजीनिदेशक का।

जनपद चम्पावत में इस कार्यक्रम से जुड़े लोगों का मानना है कि जनपद में प्राथमिक शिक्षा को लेकर इस समय खास ध्यान देने की ज़ररूत है। अगर आप प्राथमिक विद्यालयों में जाते हैं तो आपको बच्चे आसानी से किताबों के साथ दिख जाएँगे लेकिन शायद ही कोई बच्चा क्लास 1 औऱ 2 का होगा जो आसानी से किताब को पढ़ते हुए मिल जाये। लेकिन अब ये सब बदल रहा है।इस कार्यक्रम के पीछे USAID (United States Agency for International Development), सर्व शिक्षा अभियान, जिला प्रशासन और रूम टू रीड द्वारा किये गये प्रयास हैं जिसके माध्यम से बच्चों में पढ़ने की आदत का विकास हुआ है।

DM Addressing audience on SERI Luanch Event (2)

आज तक इस कार्यक्रम से लगभग 15,000 बच्चे लाभांवित हुए हैं और लगभग 815 टीचरों को भी ट्रेनिंग दी गई है।इस  साल केवल तीन महीने (अगस्त, सितम्बर व अक्टूबर) में ही बच्चों ने 1,56,997 बार पुस्तकालयों की किताबों का लेन-देन किया है।

इस पूरे कार्यक्रम को जिलाधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक) व जिला शिक्षा एवों प्रशिक्षण संस्थान की निगरानी औऱ देखरेख में चलाया जा रहा है। जिला स्तर पर SERI की सफलता का एक प्रमुख कारण अहमद इकबाल, जिलाधिकारी चम्पावत है।अहमद बताते हैं कि “रूम टू रीड की सफलता देखकर इस मॉडल को अन्य जिलों और राज्यों में भी लागू किया जा सकता है। मुझे ये देखकर काफी खुशी होती है कि इस पहल से बच्चों में पढ़ने की क्षमता इतनी तेजी से विकसित होती है।” 

2017 घोटालों के नाम रहा जिला उधमसिंहनगर

0

वर्ष 2017 अब विदाई की ओर है। लोग नए साल के स्वागत की प्रतीक्षा में हैं। गुजरा साल अब इतिहास बन जाएगा। मगर ऊधमसिंह नगर जिले के ये साल हमेशा यादगार रहेगा, क्योकि यहां एक नहीं बल्कि कई बड़े घोटालों का खुलासा, जांच और बडी कार्यवाही भी इसी जिले में अमल में लायी गयी। हालांकि जीरो टारलेंस का दावा करने वाली सरकार भी इसी साल अस्तित्व में आयी, जिसने इन मामलों की जांच तो कराई।

साल 2017 जनपद उधमसिंहनगर में घोटालों के लिए यादगार बन गया है, और एसी यादगार जिसने प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में भी घोटालों के रुप में बदनामी अपना नाम रोशन किया, कई घोटाले उजागर हुए तो कई घोटालों में जांच भी हुई, सिर्फ एनएच 74 में हुए करोड़ों के घोटाले में दो पीसीएस अफसरों समेत दस लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जबकि टीडीसी घोटाले में सिर्फ एफआईआर हुई है, लेकिन आरोपी अभी बाहर हैं। इसी तरह खाद्यान्न घोटाले में जांच हुई, मगर घोटाला सामने आने के बावजूद आज तक एफआईआर नहीं हुई। साल खत्म होता उससे पहले सिडकुल घोटाला भी सामने आ गया है। इस मामले में भी जांच के आदेश भर ही हुए हैं। वहीं इन घोटालों पर प्रदेश की भाजपा सरकार जहां अपनी उपलब्धि के रुप में बयां कर रही है तो कांग्रेस अब घोटाले की जांच में ही खामियां तलाश कर राजनैतिक रोटियां सेक रही है, भाजपा जीरो टालरेंस का नारा देकर जहां अपना कार्यकाल निभा रही है तो कांग्रेस भी इन घोटालों की जांच में पारदर्शीता ना होने की बात कह कर सरकार को घेरने की पुरी कोशिश कर रही है। विपक्ष चीखता रहा कि बड़ी मछलियों को बचाया जा रहा है, मगर उनकी आवाज को दबा दिया गया।एसआईटी ने अब तक की विवेचना में दो पीसीएस अफसरों समेत दस लोगों को गिरफ्तार किया है। सभी जेल में हैं। हालांकि इतने बड़े घोटाले में दर्जनों की संख्या में अधिकारी, कर्मचारी, किसान व बिचौलिए शामिल थे, लेकिन महीनों से चल रही पुलिस की कार्रवाई को नाकाफी कहा जा सकता है। घोटालों की इसी कड़ी में टीडीसी के घोटाले का राजफाश हुआ। करीब 16 करोड़ के इस घोटाले में टीडीसी के तत्कालीन प्रबंध निदेशक समेत नौ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। इसकी जांच के लिए भी एसआईटी को सौंपी गई है। इस साल में सैकड़ों करोड़ का खाद्यान्न घोटाला प्रकाश में आया। इसकी जांच के लिए एसआईटी का गठन हुआ। एसआईटी ने जांच रिपोर्ट सरकार को दे दी। साल के अंतिम महीने में सिडकुल घोटाला भी सामने आ गया। इसमें मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दे दिए हैं। यह भी कहा है कि यदि जरूरत पड़ी तो एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। फिलहाल करोड़ों के इस घोटाले की जांच भी शुरू नहीं हो सकी है।

साल 2017 घोटालों का जिला बनकर रह गया उधमसिंहनगर, आधा दर्जन घोटालों को जन्म देने वाले इस जिले में घोटाले भी उजागर हुए और की घटालों में जांच भी हुई कुछ में कार्यवाही हुई तो कुछ में आज भी कार्यवाही लम्बित है, फिलहाल घोटालेबाजों का जो भी हो मगर सत्तापक्ष और विपक्ष को जरुर एक दुसरे की टांग खींचने का मौका दे दिया, वहीं 2018 में देखना होगा कि
आखिर जीरो टालरेंस की सरकार में घोटाले कितने प्रभावी रुप से खुलते हैं और क्या घोटाले में संलिप्त बडे नामों को दबा दिया जाता है या फिर उजागर होते हैं।

वन दरोगा भर्ती के विरोध में संघ पहुंचा वन मंत्री के पास

0

देहरादून। वन विभाग में वन दरोगा के पदों पर सीधी भर्ती का कर्मचारियों ने विरोध शुरू कर दिया है। वन बीट अधिकारी और वन आरक्षी संघ का एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को इस मांग के साथ वन मंत्री डा. हरक सिंह से उनके आवास पर मुलाकात की।

गुरुवार को वन बीट अधिकारी संघ प्रांतीय अध्यक्ष वीरेंद्र पांडे ने बताया कि वन विभाग में वन आरक्षी से लेकर उप वन क्षेत्राधिकारी तक की सेवा नियमावली में संशोधन की कवायद चल रही है। जिसका कि वन कर्मचारी विरोध करते हैं। उन्होंने मांग की कि सेवा नियमावली में शैक्षिक और आयु की योग्यता में बदलाव ना किया जाए। इस पर वन मंत्री डा. रावत ने उन्हें बताया कि शैक्षिक योग्यता और आयु सीमा में बदलाव के लिए उन्होंने शासन को प्रस्ताव बनाने को कहा है।लेकिन अभी वह प्रस्ताव उनके पास नहीं आया है। वन मंत्री ने कर्मचारियों को ये भी बताया कि वन दरोगा के लिए सीधी भर्ती के लिए उन्होंने शासन को कोई निर्देश नहीं दिए हैं। कर्मचारियों ने उनसे मांग की कि वन दरोगा के पदों को शत प्रतिशत पदोन्नति से ही भरा जाए। ताकि सभी वन रक्षकों को प्रमोशन का अवसर मिले। इस पर वन मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वे इस पर कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखेंगे। वार्ता के दौरान वन फील्ड कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप पंवार, वन बीट अधिकारी संघ के संरक्षक इंद्रमोहन कोठारी,प्रदेश महामंत्री अनिल पवार, आशीष कोठारी,बृज मोहन सिंह रावत, अनिल कुमार चौहान, राकेश रत्नाकर,प्रकाश नेगी,राम चंद्र पांडे और राजेंद्र रावत आदि मौजूद थे।

मुख्य सचिव ने पुलिस चैंपियनशिप के विजेताओं को मेडल प्रदान किये

0
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में 66वें अखिल भारतीय पुलिस चैंपियनशिप के विजेताओं को मेडल प्रदान किया। इसके बाद अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि, “उत्तराखण्ड पहली बार अखिल भारतीय पुलिस चैंपियनशिप की मेजबानी कर रहा है, यह उत्तराखण्ड के लिए गौरव की बात है। इस सफल आयोजन के लिए उन्होंने उत्तराखण्ड पुलिस को बधाई दी। कहा कि राज्य के डीजीपी खुद भी राष्ट्रीय स्तर के एथलीट रहे हैं। इसलिए उम्मीद की जानी चाहिए कि पुलिस बल में खेल प्रतिभा को बढ़ावा मिलेगा।”
मुख्य सचिव ने 25 राज्यों और 7 केंद्रीय बलों से प्रतिभाग करने वाली सभी 32 टीमों को बधाई दी। आशा व्यक्त की कि इनमें से कईं एथलीट अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में देश का प्रतिनिधित्व करेंगे। इससे पहले एडीजी लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार ने मुख्य सचिव का स्वागत किया और चैंपियनशिप के बारे में जानकारी दी।
इस अवसर पर डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी, सचिव खेल  भूपिंदर कौर औलख, डी.आई.जी. श्री पुष्पक ज्योति, अपर सचिव खेल विम्मी सचदेव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।