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मास्टर प्लान के तहत औली होगा टूरिज्म डेस्टिनेशन के लिए तैयार

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Image Courtesy: www.cloud9miles.com

यह बात तो सब जानते हैं कि उत्तराखंड में पर्यटन को लेकर अपार संभावनाएं हैं।इसी क्षेत्र में राज्य के सीएम रावत भी उत्तराखंड के बेहतरीन टूरिस्ट डेस्टिनेशन औली को और आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं।

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जी हां आने वाले समय में मास्टर प्लान के तहत औली को टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जायेगा तथा भविष्य में विंटर गेम्स के आयोजन के लिए औली में सभी जरुरी व्यवस्थाओं को जोड़ने का पूरा प्रयास किया जायेगा।और यह बात हम नहीं कह रहें, यह बात प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने औली में 15 से 21 जनवरी तक आयोजित होने वाले फेडरेशन ऑफ इन्टरनेशनल स्कीइंग रेस की तैयारियों का जायजा लेते हुए कही।सीएम रावत ने कहा कि, “पूरे भारत में केवल उत्तराखण्ड को फिस रेस जैसी अन्तराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता आयोजित करने का मौका मिला है, जो हमारे राज्य के लिए बड़े सौभाग्य की बात है। प्रकृति ने चाहा तो इस प्रतियोगिता को सफलतापूर्वक आयोजन किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि औली विश्व के सबसे सुन्दरतम् स्थानों में से एक है। जहां पर्यटन की अपार सभावनाऐं है। यहां की सुन्दर वादियों का लुफ्त उठाने हर साल यहा लाखों पर्यटक पहुंचते हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य को फोकस करते हुए दूरगामी सोच के साथ औली को टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है तथा शीतकालीन खेलकूद प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए सभी संसाधन जोडे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर भी स्कीयर्स को तैयार करने के लिए अच्छे प्रशिक्षक रखने की व्यवस्था की जायेगी।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि औली में आयोजित होने वाली फिस रेस में शामिल होने वाले सभी खिलाडियों, पर्यटकों व महमानों के लिए सरकार की ओर से पूरी सुविधाऐं दी जायेगी। कहा कि इस वर्ष अभी भारी बर्फवारी नही हुई है किन्तु आने वाले समय में निश्चित रूप से और बर्फ पडेगी और औली में शीतकालीन खेल का आयोजन संपन्न होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि फिस रेस की तैयारियां लगभग पूरी की जा चुकी है।

फिस रेस की व्यवस्थाओं से जुड़े अधिकारियों की बैठक लेते हुए मुख्यमंत्री ने निर्धारित समय-सीमा के अन्तर्गत सभी आवश्यक व्यवस्थाऐं सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि आने वाले 16 जनवरी को केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी औली पहुंच रहे है, उनके साथ विचार-विमर्श कर औली में भविष्य में शीतकालीन खेलों, साहसिक पर्यटन व अन्य गतिविधियों की सम्भावनाओं को तलाशा जायेगा। बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री को फिस रेस आयोजन को लेकर की गयी व्यवस्थाओं की प्रगति से अवगत कराया तथा फिस रेस के अवशेष कार्यो को शीघ्र पूरा करने का भरोसा दिलाया।

बैठक से पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने औली के ढलानों पर एक किलोमीटर पैदल चलकर स्कीइंग स्लोपों का निरीक्षण भी किया तथा स्लोप पर कृ़त्रिम बर्फ बनाने वाली स्नोगन मशीन, आर्टीफिशियल लेक, स्नो वीटर, एवरेस्ट ग्रूमर आदि उपकरणों की स्थिति के बारे में जानकारी ली। स्लोप पर निरीक्षण के दौरान औली में वाहरी राज्यों से आये पर्यटकों ने भी मुख्यमंत्री से मुलाकात की।पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि औली एवं गौरसों को वल्र्ड क्लास विंटर डेस्टिनेशन बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में निश्चित रूप से बर्फवारी होगी तथा औली में फिस रेस सफलता पूर्वक संपन्न होगी। कहा कि फिस रेस के आयोजन में स्थानीय लोगों की सहभागिता भी बहुत जरूरी है।

जहां एक तरफ सरकार औली को टूरिज्म डेस्टिनेशन के लिए प्रयासरत हैं वहीं दूसरी तरफ औली और आसपास के होटल व्यापारी भी औली में होने वाले फीस रेस के लिए काफी उत्साहित हैं।औली के होटल ब्लू पॉपी के मालिक समीर ने टीम न्यूजपोस्ट में बातचीत में बताया कि, ”अब तक हमारे पास बहुत सी इन्कव्यारी और बुकिंग आ चुकी हैं।औली में हुई बर्फबारी के बाद औली और यहां के सभी होटल टूरिस्ट के स्वागत के लिए तैयार हैं।हालांकि स्कीईंग के लिए अभी भी एक और बर्फबारी की दरकार औली को है जो कि आशा है हो जाएगी।उन्होने कहा कि औली टूरिस्ट से पैक होगा और साथ ही औली के लिए यह समय हाई सीजन होता है तो हम सब भी काफी उत्साहित हैं।”

कठिन हालातों में पहाड़ों पर रोमांच का मज़ा लेने को शुरु हुई “वाईट राइड टू बद्रीनाथ”

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उत्तराखंड के प्राकृतिक सौंदर्य को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने और रोमांच के दीवानों के लिये “वेह्यर ईग्लस डेयर” ग्रुप ने शनिवार को देहरादून से“वाईट राइड टू बद्रीनाथ” की शुरुआत की। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने देहरादून से 35 सदस्यीय दल को बद्रीनाथ के लिए हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। प्रदेश में शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रवाना की गई इस टीम में 04 महिलाएं भी शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि “13 डिस्ट्रिक्ट 13 न्यू डेस्टिनेशन, टिहरी झील व आस पास के क्षेत्रों को साहसिक पर्यटक हब के रूप में विकसित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में पर्यटकों का आकर्षित करने के लिए संस्कृति ग्राम व गामीण पर्यटन की सरकार की योजनाएं कारगर साबित हो सकती हैं।”
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हिस्सा लेने वाली टीमों में 20 बाइकर और 4 एसयूवी मिलाकर कुल 35 सदस्य रहेंगे। इनमे पांच महिलाऐं भी इस रोमांच का हिस्सा बनेंगी। पहाड़ी रास्तों कीजटिलता और बाइकरों की सुरक्षा को देखते हुए इस दल के साथ इंस्ट्रक्टरों की टीम, मकैनिक और जरूरत में काम आने वाले पुर्जे साथ रहेंगे। इस दल में गुजरात, दिल्ली, कर्नाटक, हरियाणा, चण्डीगढ़ एवं तमिलनाडू के साहसिक पर्यटक हैं, जो बद्रीनाथ एवं उसके आस पास के बर्फीले क्षेत्रों में बाइक एव कारों से भ्रमण करेंगे। 5 दिन के इस सफर पर गया यह दल 10 जनवरी  को वापस देहरादून लौटेगा।

देहरादून से चलकर ये दल पीपलकोटी तक पहुंचेगा। इसके बाद मौसम से रूबरू होने के बाद सात जनवरी कोे नीति घाटी में ये अपना सफर करेंगे औऱ रात में जोशीमठ वापस पहुंचेंगे। आठ जनवरी को ये दल बद्रीनाथ जायेगा और भगवान से आशीर्वाद लेगा। ये दल वहां होटल स्नो क्रेस्ट में रुकेगा। होटल के मालिक श्री विरमानी ने कहा कि “इस दल के अपने यहां रहने से हम खासे उत्साहित हैं क्योंकि ये पहला मौका है जब हमारा होटल जनवरी में भी खुलेगा।”

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इसके बाद ये दल भारत चीन सीमा पर बसे आखिरी गांव माणा से होते हुए कर्णप्रयाग पहुंचेगा और रात वहीं रुकेगा। अगले दिन सुबह सुबह ये दल देहरादून के लिये वापस रवाना हो जायेगा। इस दल के सभी सदस्य खासे उत्साहित हैं क्योंकि इस सफर में न सिर्फ उन्हे उत्तराखंड के प्राकृतिक सौंदर्य को पास से देखने का मौका मिलेगा बल्कि पहाड़ों के जटिल रास्तों पर मुश्किल हालातों में बाइक चलाने के गुर भी सीखने को मिलेंगे।

सेरेना ने ऑस्ट्रेलियाई ओपन से नाम वापस लिया

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लंदन, अमेरिका की दिग्गज टेनिस स्टार सेरेना विलियम्स ने 15 जनवरी से शुरू होने वाले सत्र के पहले ग्रैंड स्लैम ऑस्ट्रेलियाई ओपन से नाम वापस ले लिया है।

36 वर्षीय सेरेना ने पिछले साल मेलबोर्न पार्क में ऑस्ट्रेलियाई ओपन का खिताब जीता था। सेरेना ने सितम्बर 2017 में अपने पहले बच्चे को जन्म देने के बाद पिछले हफ्ते ही एक प्रदर्शनी मैच खेलने के साथ टेनिस कोर्ट पर वापसी की।

सेरेना ने कहा कि, “वह सत्र के पहले ग्रैंड स्लैम में खेलने के लिए पूरी तरह तैयार नहीं है क्योंकि उनका मानना है कि उनकी तैयारी पूरी नहीं है। मेरे कोच और टीम ने हमेशा कहा कि जब आप पूरी तरह से तैयार हों तभी किसी टूर्नामेंट में हिस्सा लें। मुझे थोड़े और समय की आवश्यकता होगी। हालांकि मैं इस साल ऑस्ट्रेलियाई ओपन में नहीं खेलने से थोड़ी निराश हूं।

बायोमेट्रिक मशीन नहीं लगने से अपर आयुक्त ने जताई नाराजगी

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पौड़ी। जनपद पौड़ी गढ़वाल में शासन के निर्देशों के क्रम में आज अपर आयुक्त हरक सिंह रावत ने मंडल स्तर पर स्थापित मंडलीय कार्यालयों का औचक निरीक्षण कर बायोमैट्रिक उपस्थिति का जायजा लिया।
गुरुवार को अपर आयुक्त ने स्वास्थ्य, वन, कृषि, उद्यान, पशु पालन, लोक निर्माण, पेयजल निगम तथा जल संस्थान के साथ ही ग्रामीण निर्माण विभाग तथा शिक्षा विभाग के मंडलीय कार्यालयों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान अपर निदेशक ने कृषि, संयुक्त निदेशक उद्यान, अधीक्षण अभियंता ग्रामीण निर्माण विभाग के कार्यालयाध्यक्षों ने बताया कि विभागों में बायोमैट्रिक मशीनें लगी हैं, लेकिन उपस्थिति रिकार्ड एवं प्रिंट नहीं हो पा रही है। इन विभागों के अलावा अपर निदेशक, पशुपालन के कार्यालय की बायोमैट्रिक मशीन को तत्काल संचालित किए जाने के निर्देश दिए। अपर आयुक्त ने अपर निदेशक बेसिक तथा माध्यमिक, अधीक्षण अभियंता लघु सिंचाई के कार्यालयों में बायोमैट्रिक मशीन अभी तक नहीं लगाए जाने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि तत्काल बायोमैट्रिक उपस्थिति के लिए मशीन संचालित कराएं। निरीक्षण के दौरान मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग, वन संरक्षक, महा प्रबंधक जल संस्थान व मुख्य अभियंता उत्तराखंड पेयजल निगम के कार्यालयों में स्थापित बायोमैट्रिक मशीन की जांच के साथ ही उक्त सभी विभागों की उपस्थिति पंजिका का भी निरीक्षण किया व जांच में सभी विभागों के कार्मिक उपस्थित पाए गए। उन्होंने बताया कि शासन से प्राप्त निर्देशों के परिपालन में अब प्रत्येक माह में आयुक्त गढ़वाल मंडल द्वारा मंडलीय कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया जाएगा तथा निरीक्षण रिर्पोट शासन को भी उपलब्ध कराई जाएगी।

बाईक सवार की मौत कार में लगायी आग

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उधमसिंह नगर ,हाइवे पर एक कार व बाइक की टक्कर में बाइक सवार की मौके पर ही मौत हो गई। जिसके बाद घटना की सूचना मिलने पर मौके पहुंचे परिजनों ने कार में आग लगा दी। बताते हैं कि कार चालक संतुलन खो बैठा और कार ने पीछे से बाइक को टक्कर मार दी। जिससे बाईक सवार की मौके पर मौत हो गयी वहीं गुस्सायी भीड ने वाहन को आग के हवाले कर दिया जिसे दमकल आग बुझने का प्रयास तो किया मगर तब तक कार पूरी तरह जल चुकी थी।
सूचना पर अपर पुलिस अधीक्षक काशीपुर डा. जगदीश चंद्र मौके पर पहुंच गए। कार चालक किसी तरह से जान बचाकर फरार हो गया है। मामला गदरपुर थाना क्षेत्र के ग्राम धीमरखेड़ा का है, साबिर की लाश देखकर परिजनों ने आपा खो दिया। उन्होंने कार में आग लगा दी। पुलिस ने उत्तेजित भीड़ को तितर बितर किया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

वायु प्रदूषण में देहरादून की हवा नोएडा, कानपुर आदि शहरों से भी जानलेवा

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दिल्ली और आस पास के इलाकों में हो रहे प्रदूषण से बचने के लिये जो लोग देहरादून की वादियों का रुख करने की तैयारी में थे उनके लिये बुरी खबर है। केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड ने 273 शहरों के प्रदूषण स्तर पर ताज़ा आंकड़े जारी किये हैं। इन आंकड़ों के मुताबिक देहरादून की हवा की हालत खराब हो रही है औऱ हवा में प्रदूषण के कंणों के मामले में देहरादूून की हवा – नोएडा, कानपुर औऱ गाजियाबाद से भी खराब है।

इसके साथ साथ योगनगरी ऋषिकेश में भी प्रदूषण का स्तर मुंबई के जितना खराब है।इस बारे में जानकारी केंद्रीय पर्यावरण मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन ने संसद में एक प्रशन के जवाब में दी। इस सावल में मंत्रालय से राज्यभर से प्रदूषण के स्तरों का डाटा मांगा गया था। इन आंकड़ों को जमा करने के लिये तीन बातों का ध्यान रखा गया SO2, NO2 और PM10 के स्तरों का।

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देहरादून की बात करें तो यहां का PM10 स्तर 241 रहा जो गीजियाबाद(235), नोएडा(176) और मुरादाबाद(196) जैसे शहरों से भी ज्यादा है। उत्तराखंड में प्रदूषण को लेकर ये चौंकाने वाले आंकड़े केवल देहरादून तक सीमित नही हैं। हरिद्वार और ऋषिकेश में PM10 का स्तर 129(हरिद्वार) 119(ऋषिकेश) है। ऋषिकेश में प्रदूषम का स्तर देश का आर्थिक राजधानी मुंबई के बराबर रहा। वहीं हवा में अगर SO2 की बात करें तो देहरादून में ये आंकड़ा 26 है जो महाराष्ट्र के उल्लाहसनगर के बराबर है औऱ नोएडा (8), गाजियाबाद(15), कानपुर(7), मेरठ(7),  रांची(20) जैसे शहरों से कहीं ज्यादा है।

जानकारों के मुताबितक ये आंकड़े आने वाले पर्यावरण के तूफान की तरफ इशारा कर रहे हैं। पर्यावरणविद रवि चोपड़ा कहते हैं कि, “ये आंकड़े परेशान करने वाले हैं। कई साल पहले 1980-90 के दशक में इस तरह का प्रदूषण का स्तर देखने को मिला था। हमने कई साल पहले देहरादून की हवा को लगातार मॉनिटर करना बंद कर दिया था पर अब शायद इसे दोबारा शुरू करने की जरूरत है।”

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इस बारे में राज्य प्रदूषण बोर्ड के चैयरमैन एस पी सुबद्धि कहते हैं कि “हवा की क्वालिटि घंटाघर और आईएशबीटी में शहर के अन्य इलाकों से खराब है। राजधानी बनने के बाद से ही शहर में निर्माण और यातायात में काफी इजाफा हुआ है। उत्तराखंड में गर्मियों में पर्यटकों औऱ जंगलों की आग के कारण हवा के स्तर में गिरावट आती है और ये बारिशों के साथ संभल भी जाती है। लेकिन लंबे समाधान के लिये एक नई पॉलिसी पर काम करना ज़रूरी है।”

गौरतलब है कि राज्य बनने के बाद से ही देहरादून में खासतौर पर बड़े पैमान पर निर्माण काम होते हुए दिखा। इनमें सरकारी के साथ-साथ निजि क्षेत्र में हुए निर्माण अहम हैं। लेकिन इन निर्माणों को करते हुए पर्यावरण का कितना ख्याल रखा गया ये कह पाना ज़रा मुश्किल है। और इसी नज़रअंदाज़ी का नतीजा है प्रदूषण बोर्ड के ये ताजा आंकडे़।

आयोग के हस्तक्षेप से पुलिस की उडी नींद

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राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग भारत सरकार की सदस्य डा. स्वराज विदवान ने बीते दिनों गदरपुर के अमरपुरी में हुई दलित छात्रा की रेप के बाद हत्या के मामले में उन्होंने छात्रा के परिजनों से मुलाकात की और रुद्रपुर में प्रेस वार्ता की इस दौरान उन्होंने कहा कि, “दलित छात्रा के साथ बलात्कार के मामले में भले ही मुख्य आरोपी की मौत हो गई, लेकिन अन्य आरोपी अभी भी पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी है। इसके अलावा मुकदमें में एससीएसटी एक्ट की धाराओं को भी आयोग के दबाव में बढ़ाया गया है। इसमें लापरवाही बरती गई तो संबंधित महकमें के अधिकारी सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगे।”
बता दें कि थाना गदरपुर क्षेत्र के गांव अमरपुरी में 30 दिसंबर को कक्षा 12वीं की छात्रा के साथ बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी। हत्या करने वाले युवक कमलजीत के घर से छात्रा का शव बरामद हुआ था।  इसके बाद कमलजीत ने भी जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली थी। जिसके बाद यह मामला पुलिस के लिए ओर पेचीदा बन गया था।
इस मामले में पुलिस ने जहां की तहां कार्रवाई को रोक दिया था। मामले की शिकायत एससीएसटी आयोग भारत सरकार तक पहुंची। शिकायत के बाद यहां पहुंची राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग भारत सरकार की सदस्य डा. स्वराज विदवान ने जारी बयान में स्पष्ट किया कि मुकदमें के अन्य आरोपियों को अविलंब गिरफ्तार किया जाए, आयोग के इस केस में दखल देने से पुलिस महकमें की नींद उड़ गई है।

किसानों पर शिकंजा कसेगी एसआईटी

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उधमसिंह नगर, वर्ष 2017 की सुर्खियों रहे एनएच घोटाले को लेकर अब एसआईटी के हाथ अब किसानों तक पहुचने लगे है भू अधिग्रहण मामले को लेकर अधिकारियों संग मिल कर सरकार को राजस्व में करोड़ो का चूना लगाने वाले ऐसे किसानों को अब एसआईटी बख्शने के मूड में नही दिखाई दे रही है, लिहाज एसआईटी ने दो दर्जन से अधिक किसानों के बैंक एकाउंट सीज करने की कार्यवाही शुरु कर दी है।

सूत्रों के मुताबिक दो दर्जन किसानों के खिलाफ एसआईटी को बेक डेट में कृषि योग्य भूमि को कामर्शियल एक्टविटीज में दर्शा कर सरकार को करोड़ो रूपये का चूना लगाया गया है जिसके बाद एसआईटी ने इसे सभी किसानों के खातों को सीज करते हुए कार्यवाही शुरु कर दी है।

गौरतलब है कि एनएच 74 घोटाले में अब तक 8 अधिकारियों सहित मुख्य निलंबित पीसीएस अधिकारी डीपी सिंह की गिरफ्तारी हो चुकी है।

वही जिले के कप्तान सदानंद दाते ने बताया कि, “काशीपुर के बाद अब गदरपुर तहसील की जाच एसआईटी के द्वारा की जा रही है जिले के अधिकारियों के बाद अब किसानों में एसआईटी शिकंजा कस रही है ऐसे तमाम किसानों के बैंक एकाउंट को सीज किया जा चुका है जिनके खिलाफ एसआईटी को पुख्ता सबूत मिले है ताकि वो अपने एकाउंट को खूर्द बुर्द ना कर सके जाच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी।”

मीडिया पर रोक दाल में कालाःप्रीतम सिंह

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काशीपुर, सचिवालय में मीडिया की रोक पर राजनीति गर्मा गयी है, पीसीसी चीफ प्रितम सिंह ने कहा कि क्या सरकार अपने कारनामों को मीडिया से छुपाना चाहती है जो मीडिया से दूरी बनायी जा रही है, काशीपुर में पत्रकारों से रुबरु होते हुए पीसीसी चीफ ने कहा कि सरकार का निर्णय चौथे स्तम्भ का अपमान है, वहीं उन्होने कहा कि सरकार के इस निर्णय की जितनी भी निंदा की जाय कम होगा।

खिर क्या वजह है जो सरकार मीडिया पर पाबंदी लगा रही है? उसको स्पष्ट करना चाहिए, आखिर क्या हो रहा सचिवालय में एेसा जो मीडिया को सचिवालय में बैन किया जा रहा है? उन्होने कहा कि, सरकार के इस निर्णय से यही लगता है कि दाल में कुछ काला है।”

जब विभागों ने हाथ खड़े किए तो महिलाओं ने उठाया रास्ता बनाने का बीड़ा

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गोपेश्वर, चमोली जिले के विकास खंड दशोली बमियाला मोटर मार्ग पर कांडई गांव जाने वाले पैदल मार्ग को बनाने के लिए ग्रामीणों ने कई बार पीएमजीएसवाई व मनरेगा से मार्ग को बनाने की गुहार लगायी लेकिन जब विभागों ने हाथ खड़े कर दिए तो गांव की महिलाओं ने स्वयं ही श्रमदान कर मार्ग बनाने का बीड़ा उठाया है।

पुरसारी-बमियाला मोटर मार्ग के निर्माण के दौरान कांडई जाने वाले पैदल मार्ग का सौ मीटर से अधिक पुस्ता ढह गया था। ग्रामीण इस पैदल मार्ग को ठीक करने की कई बार गुहार पीएमजीएसवाई व मनरेगा से बनाये जाने की गुहार लगायी लेकिन एक लंबा समय गुजर जाने के बाद भी जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो महिला मंगल दल अध्यक्षा शांति देवी के नेतृत्व में महिलाओं ने स्वयं ही मार्ग को ठीक करने के लिए श्रमदान करने का निर्णय लिया।

शांति देवी कहती है कि, “यह पैदल मार्ग गांव के आने-जाने के साथ ही महिलाओं के जंगल जाने का रास्ता भी तथा उनके मवेशी भी इसी मार्ग से होकर गुजरते है। कई बार डर लगा रहता था कि कोई इस रास्ते से गिर न जाय। इसलिए उन्होंने स्वयं ही रास्ते को बनाने का निर्णय लिया है।”

वहीं पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य महानंद बिष्ट कहते है कि कई बार प्रशासन व शासन से भी पत्राचार कर इस मार्ग को बनाने की गुहार की गई लेकिन किसी ने नहीं सुना अब महिलाऐं आगे आयी है उनके साथ पुरुष वर्ग भी इस मार्ग को बनाने में सहयोग करेगा।