Page 225

फिल्म अभिनेत्री नहीं बनना चाहती थी नंदा

0

नई दिल्ली, बॉलीवुड अभिनेत्री नंदा के बारे में बहुत ही कम लोगों को पता होगा कि अभिनय नहीं बल्कि सेना में भर्ती होना चाहती थी। 8 जनवरी 1939 को जन्मी नंदा के घर का महौल शुरू से फिल्मी था क्योंकि नंदा के पिता मास्टर विनायक मराठी रंगमंच के हास्य कलाकार के साथ-साथ फिल्म निर्माता भी थे। पिता नंदा को फिल्म अभिनेत्री ही बनाना चाहता थे लेकिन नंदा का मन कहीं और ही लगता था। नंदा सुभाष चन्द्र बोस के व्यक्तित्व से काफी प्रभावित थीं। एक बार नंदा की मां ने उन्हें बाल कटवाने के लिए कहा क्योंकि उनके पिता चाहते थे कि वो उनकी फिल्म में लड़के का रोल करें। जिसको सुनकर नंदा अपनी मां पर बहुत गुस्सा हुई लेकिन मां के बहुत समझाने पर वह बाल कटवाने के लिए मान गई। हालांकि फिल्म के निर्माण के दौरान ही मास्टर विनायक का निधन हो गया।

नंदा के सिर से पिता का साया उठ गया। पिता के निधन के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर पड़ने लगी। घर की माली हालत को देखते हुए नंदा ने फिल्मों में बाल कलाकार के रूप में काम करना शुरू कर दिया। बतौर बाल कलाकार नंदा ने वर्ष 1948 में मंदिर, वर्ष 1952 में जग्गु, वर्ष 1954 में शंकराचार्य और अंगारे जैसी फिल्मों में काम किया। वर्ष 1956 में अपने चाचा वी. शांताराम की फिल्म “तूफान और दीया” से नंदा ने बतौर अभिनेत्री अपने सिने करियर की शुरुआत की। हालांकि फिल्म की असफलता से वह कुछ खास पहचान नहीं बना पायी।

फिल्म तूफान और दीया की असफलता के बाद नंदा ने राम लक्ष्मण, लक्ष्मी, दुल्हन, जरा बचके, साक्षी गोपाल, चांद मेरे आजा, पहली रात जैसी बी और सी ग्रेड वाली फिल्मों में बतौर अभिनेत्री काम किया लेकिन इन फिल्मों से उन्हें कोई खास फायदा नहीं पहुंचा। नंदा की किस्मत का सितारा निर्माता एल.वी. प्रसाद की वर्ष 1959 में प्रदर्शित फिल्म “छोटी बहन” से चकमा। इस फिल्म में भाई-बहन के प्यार भरे अटूट रिश्ते को रूपहले परदे पर दिखाया गया था। इस फिल्म में बलराज साहनी ने बड़े भाई और नन्दा ने छोटी बहन की भूमिका निभायी थी। शैलेन्द्र का लिखा और लता मंगेशकर द्वारा गाया फिल्म का एक गीत “भइया मेरे राखी के बंधन को निभाना” बेहद लोकप्रिय हुआ था। रक्षा बंधन के गीतों में इस गीत का विशिष्ट स्थान आज भी बरकरार है। फिल्म की सफलता के बाद नंदा कुछ हद तक फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गयी।

फिल्म “छोटी बहन” की सफलता के बाद नंदा को कई अच्छी फिल्मों के प्रस्ताव मिलने शुरू हो गये देवानंद की फिल्म “काला बाजार और हमदोनों” बी.आर. चोपड़ा की फिल्म “कानून” खास तौर पर उल्लेखनीय है। फिल्म काला बाजार में नंदा ने एक छोटी सी लेकिन महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। वही सुपरहिट फिल्म हमदोनों में उन्होंने देवानंद के साथ बतौर अभिनेत्री काम किया।

वर्ष 1965 नंदा के सिने करियर का अहम वर्ष साबित हुआ। इस वर्ष उनकी “जब जब फूल खिले” प्रदर्शित हुई। बेहतरीन गीत-संगीत और अभिनय से सजी इस फिल्म की जबरदस्त कामयाबी ने न सिर्फ अभिनेता शशि कपूर और गीतकार आनंद बख्शी और संगीतकार कल्याण जी-आनंद जी को शोहरत की बुंलदियां पर पहुंचा दिया। बल्कि नंदा को भी ‘स्टार’ के रूप में स्थापित कर दिया। वर्ष 1965 में ही नंदा की एक और सुपरहिट फिल्म ‘गुमनाम’ भी प्रदर्शित हुई।

मनोज कुमार और नंदा की मुख्य भूमिका वाली इस फिल्म में रहस्य और रोमांस के ताने-बाने से बुनी, मधुर गीत-संगीत और ध्वनि के कल्पनामय इस्तेमाल किया गया था। वर्ष 1969 में नंदा के सिने करियर की एक और सुपरहिट फिल्म “इत्तेफाक” प्रदर्शित हुई। दिलचस्प बात है कि राजेश खन्ना और नंदा की जोड़ी वाली सस्पेंस थ्रिलर इस फिल्म में कोई गीत नहीं था, बावजूद इस फिल्म को दर्शकों ने काफी पसंद किया और उसे सुपरहिट बना दिया।

वर्ष 1982 में नंदा ने फिल्म “आहिस्ता आहिस्ता” से बतौर चरित्र अभिनेत्री फिल्म इंडस्ट्री में एक बार फिर से वापसी की। इसके बाद उन्होंने राजकपूर की फिल्म “प्रेमरोग” और मजदूर जैसी फिल्मों में अभिनय किया। दिलचस्प बात है इन तीनों फिल्मों मे नंदा ने फिल्म अभिनेत्री पदमिनी कोल्हापुरे की मां का किरदार निभाया था।

वर्ष 1992 में नंदा ने निर्माता-निर्देशक मनमोहन देसाई के साथ परिणय सूत्र में बंध गयी लेकिन वर्ष 1994 में मनमोहन देसाई की असमय मृत्यु से नंदा को गहरा सदमा पहुंचा। अपनी दिलकश अदाओं से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने वाली नंदा 25 मार्च 2014 को इस दुनिया को अलविदा कह गयीं।

25 जनवरी को रिलीज होगी भंसाली की फिल्म ‘पद्मावत ’

0

नई दिल्ली, पद्मावती से बदलकर पद्मावत बनी संजय लीला भंसाली की फिल्म को केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड द्वारा यूए सर्टिफिकेट मिल गया है और यह अब 25 जनवरी को रिलीज होगी।

अक्षय कुमार की फिल्म पेडमैन भी इसी दौरान रिलीज हो रही है| गणतंत्र दिवस के दौरान दो बड़ी फिल्मों की बॉक्स ऑफिस में टक्कर होगी। खबरों के मुताबिक फिल्म को सेंसर बोर्ड से सशर्त सर्टीफिकेट मिल गया है और फिल्म निर्माताओं ने इसे इस महीने की 25 तारीख को रिलीज करने का फैसला लिया है।

फिल्म प्रदर्शित करने वालों को वायकॉम-18 की ओर से अनुमति मिल गई है। करीब 200 करोड़ में बनी फिल्म पद्मावत को 26 जनवरी को रिलीज करने से छुट्टियों को लाभ मिलेगा। पहले यह फिल्म ‘पद्मावती’ के नाम से 1 दिसंबर को रिलीज होने वाली थी, लेकिन करणी सेना समेत कई राजनीतिक हलकों से उठे विरोध के बाद इस फिल्म की रिलीज टल गई थी।

यह भी खबर है कि पद्मावत की रिलीज के चलते कुछ फिल्म निर्माता अपनी फिल्मों की रिलीज डेट में बदलाव कर रहे हैं। ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श के मुताबिक नीरज पांडे की फिल्म अय्यारी की रिलीज तारीख बदलकर 9 फरवरी 2018 कर दी गई है।

”सेव द गर्ल चाइल्ड” के लिए फिक्की की महिला बिजनेस शाखा निकालेगी कार रैली 

0

देहरादून, उत्तराखंड में कम होते लिंग अनुपात और राज्यों में कम होती बालिका जन्म दर को लेकर फिक्की की वीमेन बिजनेस शाखा जन जागरूकता के लिए वुमन कार रैली का आयोजन करने जा रही है जिससे राज्य में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और सेव द गर्ल चाइल्ड को एक नई उम्मीद मिलेगी।

उत्तराखंड प्रोजेक्टर की नवनिर्वाचित चेयरपर्सन शिल्पी अरोड़ा ने जानकारी देते हुए बताया कि, “मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित होकर उत्तराखंड की महिला सशक्तिकरण व बाल विकास मंत्री रेखा आर्य रैली को मुख्यमंत्री आवास से हरी झंडी दिखाकर रवाना करेगी।” शिल्पी ने कहा है कि। “बेटियों से आंखें चुराने वाले दंपति को सीख देने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के प्रति जागरूकता के उद्देश्य इस रैली का आयोजन किया जा रहा है।राज्य में बिगड़ते लिंगानुपात पर भी चिंता व्यक्त की क्योंकि राष्ट्रीय अध्यक्ष भरत राम वर्मा का रैली की अध्यक्षता करेंगे।

14 जनवरी को होने जा रही है कार्यक्रम के उद्देश्य पर बोलते हुए फ्लो के सदस्य आलोक ने कहा कि, “यह कार्य में अपना एक अलग महत्व रखती है क्योंकि भारत के कई हिस्सों व राज्यों से महिलाएं जीवन में कई क्षेत्रों में अपनी क्षमता और ड्राइव दिखाने के लिए फलों के माध्यम से आगे आ रही हैं। राज्य भर के विभिन्न शहरों और स्थानों से महिलाओं ने कार रैली के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है और यह रैली पूरे राज्य में महिला सशक्तिकरण को एक नई उम्मीद देगी साथ ही रूढ़िवादी सोच पर अंकुश लगाएगी।

अब वन कर्मियों को सिखाया जाएगा ड्रोन उड़ाना

0

देहरादून। अब वन कर्मियों को वन्यजीव और संपदा की सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीक और कानूनों के प्रभावी इस्तेमाल की ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि वर्तमान चुनौतियों में भी वे अपना काम बेहतर ढंग से कर सकें। पिछले कुछ सालों में राज्य में लगातार वन्य जीव तस्करी बढ़ी है। इसके अलावा उनके तरीकों में भी बदलावा आया है।

यारशागंबू, लीसा, लकड़ी समेत वन्य संपदा की तस्करी के मामले भी बढ़ हैं। ऐसे में वन विभाग भी तस्करी रोकने और सुरक्षा के आधुनिक तरीके और तकनीकें इस्तेमाल कर रहा है। इसमें ड्रोन कैमरेों से जंगलों पर नजर रखने, ट्रैकिंग के लिए जीपीएस सिस्टम का उपयोग करने सहित कई आधुनिक तकनीक शामिल हैं। इसके अलावा वन कानूनों में बदलाव, वर्तमान समय में उनका बेहतर इस्तेमाल, बेहतर कार्ययोजना आदि पर भी विभाग का खास फोकस है। इसके लिए सभी डिवीजनों में वन दरोगा और फारेस्ट गार्ड को इन तकनीकों और तरीकों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अलावा वन्यजीव कानून का अपडेट और उनके ज्यादा प्रभावी इस्तेमाल की भी जानकारी दी जा रही है।
इस दौरान पीसीसीएफ एचआर मोनीष मलिक ने बताया कि वर्तमान में ड्रोन और जीपीएस जैसी आधुनिक तकनीकें वनों की सुरक्षा के लिए जरूरी हो गई हैं। निचले स्तर के कर्मचारियों को इसकी जानकारी होना जरूरी है। इसका उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है, वन कानूनों के प्रभावी इस्तेमाल की भी जानकारी विभाग दे रहा है।

मोबिलिटी प्लान बनने के बाद ही मेट्रो डीपीआर को स्वीकृति

0

देहरादून। मेट्रो रेल परियोजना को सुव्यवस्थित बनाने के लिए अभी डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) को स्वीकृति मिलने में थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा। अब परियोजना की डीपीआर को कैबिनेट में रखने से पहले उसका कॉम्प्रेहेंसिव मोबिलिटी प्लान (व्यापक गतिशीलता योजना) तैयार किया जाएगा। मार्च माह तक प्लान तैयार हो जाएगा और फिर डीपीआर को कैबिनेट में रखा जाएगा।

उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक जितेंद्र त्यागी के मुताबिक देहरादून से हरिद्वार व ऋषिकेश तक के मेट्रोपोलिटन क्षेत्र का कॉम्प्रेहेंसिव मोबिलिटी प्लान तैयार करने का निर्णय लिया गया है। इसकी जिम्मेदारी शहरी विकास मंत्रालय के संयुक्त उपक्रम मास ट्रांजिट कंपनी को दी गई है। कंपनी प्लान के तहत मेट्रो की संभावनाओं के साथ ही हर तरह के नागरिक यातायात की संभावनाओं का सर्वे किया जाएगा। इसमें बस, बिक्रम, ऑटो आदि भी शामिल किए गए हैं। पता लगाया जाएगा कि यातायात के लिहाज से मेट्रोपोलिटन क्षेत्र में लोगों का आवागमन किस तरफ अधिक रहता है और कहां किस तरह के यातायात साधन विकसित किए जाने चाहिए। ताकि मेट्रोपोलिटन क्षेत्र में यातायात का विकास संतुलित ढंग से हो सके।
पहले फेज के लिए दो माह का समय
मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक त्यागी ने बताया कि पूरे मेट्रोपोलिटन क्षेत्र में मोबिलिटी प्लान तैयार करने के लिए सात माह की अवधि रखी गई है। हालांकि परियोजना के पहले फेज में दून के दो मेट्रो कॉरीडोर का निर्माण किया जाना है, लिहाजा कंपनी से आग्रह किया गया है कि पहले फेज का प्लान दो माह में तैयार कर दिया जाए। इससे डीपीआर स्वीकृति को सात माह का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। पहले फेज के दो कॉरीडोर की लंबाई करीब 24 किलोमीटर रखी गई है और इस पर करीब 3,372 करोड़ रुपये की लागत आएगी। वर्ष 2021-22 तक पहले फेज का निर्माण भी पूरा कर लिया जाएगा और इसके बाद अगले फेज में शेष परियोजना पर काम किया जाएगा।
इस तरह आकार लेनी परियोजना
पहला फेज :आइएसबीटी-कंडोली/राजपुर, लागत 1760 करोड़ रुपये। एफआरआइ-रायपुर, लागत 1612 करोड़ रुपये।
दूसरा फेज :हरिद्वार-ऋषिकेश लागत 4740 करोड़ रुपये। आइएसबीटी-नेपाली फार्म, लागत 5026 करोड़ रुपये।
अगले वित्तीय वर्ष के लिए मांगे 250 करोड़ : उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने अगले वित्तीय वर्ष मार्च 2018 से परियोजना को गति देने की तैयारी कर ली है। इसके लिए कॉर्पोरेशन ने वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए राज्य सरकार से करीब 250 करोड़ रुपये की मांग की है। उम्मीद की जा रही है कि डीपीआर स्वीकृति मिलने के बाद इस राशि का प्रावधान भी बजट में कर दिया जाएगा।

बीजेपी सरकार जाति व धर्म के नाम पर लोगों को बांट रही है : राहुल गांधी

0

नई दिल्ली, बहरीन में सरकारी मेहमान के तौर पर गए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने वहां प्रवासी भारतीयों के ग्लोबल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पीपुल ऑफ इंडिया ऑरिजन (जीओपीआईओ) को संबोधित करते हुए सोमवार को आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार लोगों को धर्म और जाति के आधार पर बांट रही है।

पार्टी का अध्यक्ष पद संभालने के बाद राहुल भारत के बाहर प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) को पहली बार संबोधित कर रहे थे। उन्होंने ऐलान किया कि वह अगले छह माह में एक ‘नई चमकदार कांग्रेस पार्टी’ देंगे। ये संकेत देते हुए कि संगठन में बदलाव होंगे जिसमें लोग भरोसा करेंगे। देश में ‘गंभीर समस्या’ के मद्देनजर उन्होंने प्रवासी भारतीयों से आग्रह किया कि वे इस समस्या का समाधान करने में मदद करें और इस पुनर्गठन का हिस्सा बनें।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने वहां से केंद्र की मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘लोगों को धर्म और जाति के आधार पर बांट रही है। उन्होंने कहा कि सरकार रोजगार विहीन युवाओं के गुस्से को सामुदायिक नफरत में बदल रही है।’

प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए राहुल ने देश के लिए अपना दृष्टिकोण पेश करते हुए तीन प्राथमिकताओं का जिक्र किया। ये प्राथमिकताएं हैं, रोजगार, स्वास्थ्य तंत्र और एक शिक्षा प्रणाली।

उन्होंने कहा, ‘भारत आज आजाद है, लेकिन यह एक बार फिर खतरे में है। आज दो खतरे साफ हैं। सरकार रोजगार पैदा करने में विफल रही है। रोजगार नहीं होने से युवाओं में गुस्सा है। सभी धर्मों के लोगों को साथ लाने की बजाय सरकार रोजगारविहीन युवाओं के गुस्से को सामुदायिक नफरत में बदल रही है।’

पशुओं को सर्दी कर सकती है बीमार

0

कड़ाके की सर्दी और शीत लहर से जहां आम जनजीवन प्रभावित है, वहीं पशुओं के भी बीमार होने का खतरा कम नहीं है। अगर इस मौसम में पशुओं के रहन-सहन और आहार का ठीक तरह से इंतजाम नहीं किया गया तो पशु के स्वास्थ्य व दुग्ध उत्पादन की क्षमता पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।

पशु चिकित्सक की सलाह है कि ठंड के मौसम में पशुपालक अपने पशुओं को संतुलित आहार दें। सीधी हवा से बचाएं।अधिक कोहरे और शीत लहर की वजह से पशुओं में निमोनिया जैसी खतरनाक बीमारी होने का अंदेशा रहता है। इस बीमारी से उचित देखभाल के जरिए ही पशुओं को बचाया जा सकता है। यह बीमारी खासकर बछड़ों पर जल्दी असर करती है।

जनवरी के महीने में कंपकंपाती ठंड से न सिर्फ इंसानों के बीमार होने का खतरा है, बल्कि पशुओं के भी बीमार होने का डर है। ऐसे में पशुपालकों को पशुओं की ज्यादा देखभाल करने की जरूरत है। हमारी जरा सी लापरवाही पशु की जान ले सकती है। ऐसे में जरूरी है कि समय समय पर पशुओं की देखरेख की जाए। पशुपालकों को चाहिए कि कोहरे में पशुओं को अंदर कमरे में बांधे और उसके दरवाजे पर कोई कपड़ा टांग दें, जिससे हवा जानवर के पास तक नहीं पहुंच पाए। पशु के बैठने की जगह रोज नया पुआल डालें। रखा हुआ पानी हरगिज न पिलाएं, हमेशा ताजा पानी पिलाएं, पशु के ऊपर किसी गर्म कपड़े का झूल सिलकर डाल दें। बछड़ों को कोहरे में बाहर न बांधे।

पशु चिकित्साधिकारी राजेश रतूड़ी कहते हैं कि, “इन दिनों में पशुओं को विशेष देखभाल की जरूरत होती है। पशुओं के खान-पान व दूध निकालने का समय एक ही रखना चाहिए। इसके अलावा ठंड में पशुओं को बीमारियों से बचाने के लिए पशुपालन विभाग की ओर से चलाए जाने वाले विशेष टीकाकरण अभियानों में टीके लगवाने चाहिए, पशु ठंड के मौसम में निरोग रह सके।”

नौ साल से फरार आरोपी को एसटीएफ ने किया गिरफ्तार

0

देहरादून, स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) उत्तराखण्ड ने नौ साल से फरार ईनामी व शातिर अपराधी नसीम उर्फ मोटा को सोमवार को मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया। आरोपी ने वर्ष 2008 में अपने साथियों के साथ मिलकर थाना ज्वालापुर क्षेत्रान्तर्गत वादी डा. नईम निवासी ज्वालापुर हरिद्वार के घर पर घुसकर नगदी व लाखों के जेवर की चोरी को अंजाम दिया था।

इस मामले में अभियुक्त के साथियों गुलशेर पुत्र मसूद, शाकिर पुत्र इरशाद, मुन्तजिर पुत्र मो. नौशाद सभी निवासी एबाबनगर, ज्वालापुर, हरिद्वार को पूर्व में ही गिरफ्तार किया जा चुका है। गिरफ्तार अभियुक्त नसीम उपरोक्त घटना के दिन से ही फरार चल रहा था। इस सम्बन्ध में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, हरिद्वार ने उक्त अभियुक्त की गिरफ्तारी पर 2500 का ईनाम घोषित किया गया था।
शातिर अपराधी गिरफ्तारी से बचने के लिये अपने ठिकाने बदलता रहता था तथा गिरफ्तारी से पूर्व लोनी गाजियाबाद में निवासी कर था। एसटीएफ टीम को उक्त शातिर अपराधी के मुजफ्फरनगर आने की सूचना प्राप्त हुई। एसटीएफ टीम ने तत्काल कर्रवाई करते हुये शातिर अपराधी नसीम उपरोक्त को गिरफ्तार किया। नसीम पर उप्र व अन्य प्रान्तों में भी आपराधिक मामलों में कई मुकदमें पंजीकृत हैं। पूछताछ के दौरान अभियुक्त ने बताया कि वह वर्ष 2008 से अपनी फरारी के दौरान लोनी, गाजियाबाद, दिल्ली,एनसीआर आदि क्षेत्रों में निवास कर रहा था। 

फिस रेस स्थगित, अब 16 फरवरी से होगा आयोजन

0

देहरादून। उत्तराखंड सरकार की ओर से 15 से 21 जनवरी, 2018 तक आयोजित कराए जाने वाली एफआईएस (फिस) स्की रेस खराब मौसम के कारण स्थगित कर दी गई है। अब यह रेस 16 से 22 फरवरी के बीच होगी।

सोमवार सचिव पर्यटन दलीप जावलकर ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि फिस रेस कराए जाने की पूर्ण तैयारी युद्धस्तर पर की जा रही है और सभी अवस्थापना संबंधित कार्य समय से पूर्ण किए जा रहे हैं। मुख्य सचिव और सचिव पर्यटन लगातार कार्यों की प्रगति की समीक्षा के लिए स्थलीय भ्रमण कर रहे हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंहं रावत और पर्यटन सतपाल महाराज ने पांच जनवरी को स्थलीय भ्रमण कर प्रगति की समीक्षा की थी। लेकिन, इसी बीच आठ जनवरी को विन्टर गेम्स फेडरेशन ऑफ इण्डिया के अध्यक्ष जेएस ढिल्लों ने कहा कि एफआईएस रेस के आयोजन से जुड़ी सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गयी हैं और कृत्रिम बर्फ बनाए जाने की मशीन आदि चालू होने के बावजूद भी तकनीकी विषेशज्ञों ने औली की वर्तमान परिस्थति को मूल्यांकित करते हुए अभी रेस स्थगित करने की सलाह दी है। उनका कहना है कि औली स्लोप पर पर्याप्त प्राकृतिक बर्फ न होने के कारण अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप निर्धारित तिथियों में एफआईएस रेस कराया जाना सम्भव नहीं है। शायद ऐसा गलोबल वार्मिंग के कारण असामान्य रूप से अधिक तापमान होने के फलस्वरूप बर्फबारी का न होना भी है, लेकिन रेस की सभी तैयारियों को दृश्टिगत रखते हुए तकनीकी समिति की सलाह पर डब्लयूजीएफआई ने एफआईएस रेस को 16 फरवरी, 2018 तक स्थगित किए जाने का निर्णय लिया गया।
गौरतलब है कि ईरान मे भी आयोजित होने वाली एफआईएस रेस भी तापमान में अधिकता एवं पर्याप्त बर्फ न होने कारण स्थगित की गई है। ढिल्लो ने यह भी बताया कि यूरोपियन देशों में भी कभी-कभी पर्याप्त बर्फ न होने के कारण एफआईएस रेस को स्थगित किया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही मौसम केन्द्र देहरादून की ओर से आगामी सप्ताह में आंशिक रूप से बादल छाए रहने के साथ ही मैासम साफ रहने और अधिकतम तापमान में वृद्धि का पूर्वानुमान दिया गया है। ऐसे में बर्फबारी की संभावना न्यून है और इसलिए इस अंतरराष्ट्रीय स्तर का आयोजन को राज्य सरकार द्वारा डब्लयूजीएफआई की सलाह पर उक्त आयोजन को 16 फरवरी, 2018 से कराए जाने का निर्णय लिया गया है। 

भारतमाला परियोजना से 10 हजार करोड़ की सड़कें स्वीकृत

0

देहरादून, केंद्र सरकार ने उत्तराखण्ड के लिए भारतमाला परियोजना के तहत 10 हजार करोड़ रुपये की लागत से 570 किलोमीटर लंबाई की कुल 5 सड़कें मंजूर की हैं। इन सभी सड़कों पर निर्माण कार्य अगले 6 माह में शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। इन 5 मार्गों में 94 किलोमीटर लंबाई का बैजनाथ-थराली-कर्णप्रयाग मार्ग, 147 किलोमीटर लंबाई का अस्कोट-धारचूला-मालपा-लिपुलेख मार्ग, 216 किलोमीटर का बैजनाथ-बागेश्वर-कपकोट-मुनस्यारी-सेराघाट-जौलजीवी मार्ग, 51 किलोमीटर लंबा माना-मूसा पानी-माणा पास और 63 किलोमीटर लंबा जोशीमठ-मलारी मार्ग शामिल हैं। अल वेदर रोड परियोजना की समीक्षा के दौरान केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी दी।

एक स्थानीय होटल में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ राज्य की सड़क परियोजनाओं की संयुक्त समीक्षा बैठक के दौरान गड़करी ने राज्य के विकास के लिए प्रतिबद्धता दोहराई। इस दौरान मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि वह शीघ्र ही सभी जिला अधिकारियों के साथ बैठक कर भू-अधिग्रहण, मुआवजा वितरण और वन भूमि हस्तांतरण के बाकी बचे सभी मामलों पर समयबद्ध कार्यवाही करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि, “राज्य सरकार केंद्र सरकार की सभी परियोजनाओं को शीर्ष प्राथमिकता पर ले रही है और प्रत्येक स्तर पर जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी।उपस्थित सभी अधिकारियों को निर्माण कार्यों की गुणवत्ता, समयबद्धता और आमजन की समस्याओं के प्रति संवेदनशील रहने की हिदायत दी। ऊर्जा विभाग को शीघ्र लाइनों और खम्भों को शिफ्ट करने के निर्देश दिए।”

बैठक में बताया गया कि चारधाम ऑल वेदर रोड के 900 किलोमीटर मार्ग के सापेक्ष 400 किलोमीटर मार्ग के कार्य अवार्ड कर दिए गए हैं। गडकरी ने भू-अधिग्रहण, मुआवजा वितरण और वन भूमि मामलों में राज्य सरकार की तत्परता की प्रशंसा की। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने मार्च 2018 तक परियोजना के सारे प्रोजेक्ट के टेंडर करने का लक्ष्य निर्धारित करने के निर्देश दिए। बैठक के दौरान बड़ेथी और नालूपानी के लैंड स्लाइड क्षेत्रों पर भी काम तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। बताया गया कि गंगा यमुना घाटी को जोड़ने वाली 1300 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाली 4.5 किलोमीटर लम्बी सिल्क्यारा टनल पर भी शीघ्र काम शुरू किया जाएगा। दिल्ली-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए लगभग 90 प्रतिशत कार्य के लिए जून 2018 और सभी कार्य पूरा करने कोदिसम्बर 2018 की डेडलाइन कार्यदायी संस्था और कांट्रेक्टर को दी गई। आलवेदर परियोजना में इको सेंसिटिव जोन के अंतर्गत आने वाले सभी प्रोजेक्ट्स को अनुश्रवण कमेटी की अनुपस्थिति में सीधे वन मंत्रालय को भेजा जाएगा। दिल्ली-शामली-सहारनपुर-देहरादून एक्सप्रेस हाईवे बनाया जाएगा और अगले 06 माह में इसका कार्य शुरू होने की संभावना है। केंद्रीय मंत्री श्री गडकरी ने कहा कि वर्ष 2019 तक उत्तराखण्ड में कुल 50 हजार करोड़ रूपये के सड़क कार्य दिए जाएंगे, जिसमें से बहुत से कार्य पूर्ण हो जाएंगे और बहुत से कार्य प्रारंभ किए जाएंगे। सड़क परिवहन के मामले में उत्तराखण्ड 2019 तक एक बदला हुआ राज्य नजर आएगा। आल वेदर रोड के लिए काटे जा रहे पेड़ों पर टिप्पणी करते हुए श्री गड़करी ने बताया की हर एक पेड़ के बदले 10 पेड़ लगाए जाएंगे। सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है।

बैठक में सभी परियोजनाओं के ठेकेदार कंपनियों को भी बुलाया गया था। केंद्रीय मंत्री श्री गडकरी ने अधिकारियों के समक्ष सभी ठेकेदारों की समस्याएं भी सुनी और उन पर यथोचित कार्यवाही करने के निर्देश भी दिए। ऑल वेदर रोड परियोजना में बीआरओ द्वारा कार्यों में प्रदर्शित की जा रही शिथिलता पर नाराजगी व्यक्त करते हुए केंद्रीय मंत्री श्री गडकरी ने उन्हें शीघ्र ही सभी कार्यों की डीपीआर बनाने के निर्देश दिए । बैठक में चारधाम ऑल वेदर रोड के सभी प्रोजेक्ट्स पर विस्तृत चर्चा की गई।

इसके साथ ही टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग-125 की प्रगति की समीक्षा भी की गई। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अंतर्गत काशीपुर-सितारगंज 4 लेन, सितारगंज- टनकपुर 2 लेन, रुद्रपुर-काठगोदाम 4 लेन, नगीना-काशीपुर 4 लेन, मुजफ्फरनगर-हरिद्वार 4 लेन, हरिद्वार-देहरादून 4 लेन, हरिद्वार- नगीना 4 लेन और एनएच-73 के रुड़की-छुटमलपुर तथा एनएच-72ए छुटमलपुर-गणेशपुर मार्ग की समीक्षा भी की गई। बैठक में केन्द्रीय राज्यमंत्री अजय टम्टा, सांसद हरिद्वार डॉ.रमेश पोखरियाल ’निशंक’, राज्य मंत्री डॉ.धन सिंह रावत, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह आदि मौजूद थे।

दावोस की तर्ज पर विकसित होगा औलीः गडकरी
बैठक के बाद पत्रकारों से वार्ता करते हुए केंद्रीय मंत्री श्री गडकरी ने बताया कि, “औली को दावोस की भांति अंतर्राष्ट्रीय डेस्टिनेशन बनाने के लिए काम शुरू किया गया है। इसके लिए विश्व स्तरीय कंसल्टेंसी एजेंसी की सेवा भी ली गई है। कंसल्टेंसी एजेंसी द्वारा उत्तराखण्ड और हिमाचल में ऐसे 100 स्थल चिह्नित किए गए हैं, जहां पर रोपवे ,केबल कार और फरनकुलर रेलवे जैसे वैकल्पिक परिवहन साधनों का उपयोग किया जा सकता है।” उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री के साथ बैठक कर इन सभी स्थानों पर विस्तृत चर्चा करेंगे और शीघ्र ही एक ठोस कार्ययोजना बनाई जाएगी। श्री गडकरी ने यह भी कहा कि उत्तराखंड की बड़ी झीलों और नदियों के लिए सी-प्लेन पर भी विचार किया जा सकता है। यह परिवहन के एक वैकल्पिक साधन के साथ ही पर्यटकों के आकर्षण का एक प्रमुख जरिया भी बनेगा।