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मीडिया को सचिवालय प्रतिबंध कर कौन-सा कृत्य छिपा रही सरकार: प्रीतम सिंह

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देहरादून। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने सचिवालय में मीडिया कर्मियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाए जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि साल के शुरुआत में अच्छे कार्यों की उम्मीद होती है, लेकिन सरकार कुछ और ही करने में लगी है। उन्होंने सरकार से पूछा है कि सचिवालय में वो ऐसा क्या कृत्य कर रही है, जिसे वो मीडिया से छिपाना चाहती है।
मंगलवार को प्रीतम सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भाजपा कार्यालय में एक व्यापारी के जहर खाने की घटना पर भाजपा को घेरा है। सिंह ने आरोप लगाया है कि जीएसटी और नोटबन्दी से व्यापारियों की कमर टूट गयी है और वो अब तक इससे उबर नहीं पा रहें हैं। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार अघोषित आपातकाल जैसा व्यवहार जनता व मीडियाकर्मियों के साथ कर रही है जो लोकतंत्र के लिए सुखद नहीं है। जिसकी कांग्रेस घोर भत्र्सना करती है।
सिंह ने मुख्यमंत्री पर व्यापारियों की फरियाद के बावजूद उसका सहयोग न करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आत्महत्या की कोशिश पर राजनीति करने का भाजपा के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि किसी के दुखदर्द में शमिल होना राजनीति है या भाव। कांग्रेस के नेता अगर कुशलक्षेम पूछते हैं तो भाजपा को इसमें दर्द क्यों हो रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री की ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार शपथ ग्रहण के समय भ्रष्टाचार और लोकायुक्त पर काम करने की बात कही थी लेकिन आज सत्ता को संभाले नौ महीनों हो गए फिर भी उत्तराखण्ड में लोकायुक्त की नियुक्ति क्यों नहीं कर पाई?
सिंह ने निकायों के परिसीमन में सरकार पर मनमानी का आरोप लगाते हुए कहा कि निकाय विस्तार का उचित प्रबंधन नहीं बल्कि अपने जीत को ध्यान में रखते हुए किया है। सरकार का तैयार परिसीमन पूरी तरह अव्यवस्थाओं से भरा हुआ है। उन्होंने कहा कि डोईवाला में सात गांवों को जोड़ा गया था लेकिन उन्हें लगा हम कमजोर हैं तो एक और गांव को जोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि हम नए साल में उमंग व उत्साह के साथ काम करेंगे। एक सवाल पर कहा कि हम इन्हीं साथियों के साथ काम करेंगे। इसके लिए जल्द ही नयी कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा। इस मौके पर पूर्व मंत्री दिनेश अग्रवाल, प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्य कांत धस्माना, पूर्व विधायक राजकुमार, अशोक वर्मा, पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, प्रदेश प्रवक्ता गरीमा दसौनी सहित कांग्रेस अन्य लोग मौजूद रहे।

‘बीटल्स महोत्सव’ को लेकर पर्यटन विभाग की तैयारियां तेज

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ऋषिकेश। ऋषिकेश में उत्तराखंड सरकार द्वारा आयोजित किए जाने वाले ‘बीटल्स महोत्सव’ को लेकर राज्य के पर्यटन विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। मंगलवार सुबह विभाग के अधिकारियों ने महर्षि महेश योगी की चौरासी कुटिया का स्थल निरीक्षण कर उनसे संबंधित सभी संभावित तैयारियों पर विस्तृत रूप से चर्चा की।

बीटल्स के 50 वर्ष पूरे होने पर ऋषिकेश में आयोजित होने वाले 1 मार्च से 7 मार्च तक सात दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय योग सप्ताह के दौरान राज्य सरकार के पर्यटन विभाग ने बीटल्स महोत्सव आयोजित किए जाने का निर्णय लिया है। जिसके अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव दिलीप जावलकर ने बताया, कि गंगा के दोनों किनारों पर आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के दौरान ही 84 कुटिया में बीटल्स महोत्सव का आयोजन भी किया जा रहा है। जिसके लिए विश्व के कई देशों से हजारों की संख्या में लोग प्रतिभाग करने आ रहे हैं। जिनके स्वागत में कोई खामी ना रहे इसे लेकर राज्य का पर्यटन विभाग काफी गंभीर बना हुआ है। वह सभी सुविधाओं की संभावित आवश्यक सुविधाओं पर भी मंथन कर उन्हें जुटाने में लगा है। इस कार्य में वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों का भी सहयोग लिया जा रहा है। जो कि 84 कोटि को सजाने-संवारने का कार्य भी करेंगे।
इस संदर्भ में स्थानीय होटल व्यवसायियों के साथ आश्रम के संचालकों के साथ भी बातचीत की गई है। बीटल महोत्सव से संबंधित सभी गतिविधियां योग महर्षि की चौरासी कुटी में ही आयोजित की जाएंगी।

रम्भा का अस्तित्व बचाने की मांग

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ऋषिकेश। भाजपा के मंडल अध्यक्ष चेतन शर्मा ने तीर्थनगरी ऋषिकेश में चंद्रेश्वर नगर के उद्गम स्थल से निकलने वाली पवित्र रम्भा नदी का अस्तित्व बचाने के लिए राज्य सरकार से मांग की है। उन्होंने मंगलवार को केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी द्वारा रिस्पना और बिंदाल नदियों को ‘नमामि गंगे’ योजना का हिस्सा बनाने के ऐलान को स्वागत योग्य बताते हुए कहा कि पवित्र रम्भा नदी का मूल स्वरुप नष्ट हो चुका है। लोगों द्वारा गिराए जा रहे सीवरेज के पानी और काले की ढाल स्थित गैर-कानूनी धोबीघाट से न केवल नदी के अस्तित्व को खतरा पैदा हो गया है बल्कि निर्मल गंगा का सपना भी धराशायी हो गया है। वीरभद्र मन्दिर के समीप रम्भा का दूषित जल सीधे गंगा में मिल रहा है। इस ओर शीघ्र ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने रोष प्रकट करते हुए कहा कि दुर्भाग्य यह है कि स्थानीय जनप्रतिनिधि केवल अपने होर्डिंग्स पोस्टरबाजी और शिलान्यास तक सीमित हैं। कभी मजबूती के साथ ऐसे मुद्दों के लिए आगे नहीं आते। यह अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार को इस ओर अत्यधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।

डीएम ने की चारधाम ऑल वेदर रोड व रेलवे कार्यों की समीक्षा

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गोपेश्वर। जिलाधिकारी आशीष जोशी ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार गोपेश्वर में चारधाम आॅल वेदर रोड, रेलवे और देवसारी जल विद्युत परियोजना की प्रगति से जुड़े कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को चारधाम आॅल वेदर रोड को सर्वोच्च प्राथमिकता में से एक बताते हुए इससे जुड़े कार्यों को निर्धारित अवधि में पूरा करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने कहा कि आॅल वेदर रोड के तहत कमेडा से नंदप्रयाग तक थ्रीजी तैयार कर भारत सरकार को भेजा गया है। नन्द प्रयाग से चमोली, चमोली से पीपलकोटी तथा पीपलकोटी से हेलंग तक थ्रीजी की कार्रवाई पूरी हो चुकी है, जिसके लिए एनएच को मुआवजा धनराशि अवमुक्त करने के निर्देश दिए। एनएचआईडीसीएल के अधिकारी ने बताया कि कार्यों के सापेक्ष मुआवजा धनराशि अवमुक्त कर दी जाएगी। जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारियों को खातौनी अपडेट करने के भी निर्देश दिए हैं ताकि एनएच से मुआवजा धनराशि अवमुक्त होने पर प्रभावित परिवारों में धनराशि आवंटित हो सके। साथ ही जिलाधिकारी ने हेलंग-मारवाड़ी बाईपास पर भी शीघ्र थ्रीए की कार्रवाई करने के निर्देश उपजिलाधिकारी जोशीमठ को दिए हैं।
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने रेल परियोजना से प्रभावित ऐसे परिवारों को नोटिस भेजने के निर्देश दिए हैं, जिनकी भूमि इस परियोजना से प्रभावित हो रही है तथा वे जनपद से बाहर बस गए हैं। जिस पर उपजिलाधिकारी कर्णप्रयाग ने बताया कि ऐसे परिवारों का सर्वे का कार्य प्रगति पर है तथा 10 दिनों के भीतर संबंधित परिवारों को नोटिस भेजने की कार्रवाई पूरी हो जाएगी। डीएम ने पिडंर नदी पर सतलुज जल विद्युत निगम की देवसारी जलविद्युत परियोजना से जुड़े कार्यों की समीक्षा करते हुए 24 जनवरी तक सर्वे कार्य पूरा करने के निर्देश तहसीलदार थराली को दिए हैं। बैठक में अपर जिलाधिकारी ईला गिरि, एसडीएम योगेंद्र सिंह, एसडीएम केएन गोस्वामी आदि मौजूद रहे।

भागीरथी इको सेंसिटिव जोन मास्टर प्लान पर वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के साथ विचार विमर्श

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मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सचिवालय में भागीरथी इको सेंसिटिव जोन के जोनल मास्टर प्लान पर वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के साथ विचार विमर्श किया। प्रस्तुतिकरण के माध्यम से वन विभाग की वार्षिक कार्य योजना रखी गयी। बताया गया कि योजना बनाने के पहले भौगोलिक अध्ययन कराया गया है।
कार्य योजना में ग्लेशियर, तालाब, जल स्रोत, पारिस्थितिकीय विशिष्टताओं का विशेषज्ञ संस्थाओं से कराए गए अध्ययन को शामिल किया गया है। जैव विविधता प्रबंधन समितियों को भी वनों की आग रोकने में शामिल किया गया है। बैठक में भटवाड़ी विकास खंड के 89 गांवों के जलागम प्रबंधन की जानकारी दी गई। सिंचाई विभाग द्वारा बाढ़ सुरक्षा के लिए फ्लड प्लेन जोन योजना के बारे में बताया गया।
राष्ट्रीय स्वच्छता मिशन के तहत सॉलिड और लिक्विड मैनेजमेंट, ग्राम्य विकास विभाग के ग्राम स्तरीय विकास योजना, कृषि और वानिकी विभाग की किसानों के आय बढ़ाने की योजनाएं, सड़क और अन्य अवस्थापना विकास योजनाओं और पर्यटन को बढ़ाने के लिए इको टूरिज्म योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया।
बैठक में अपर मुख्य सचिव डाॅ.रणवीर सिंह, सचिव वन श्री अरविंद सिंह ह्यांकी, प्रमुख वन संरक्षक वन्य जीव श्री डीपीएस खाती, पद्मश्री श्री चंडी प्रसाद भट्ट, निदेशक पीपुल्स साइंस इंस्टीट्यूट श्री रवि चोपड़ा, वाडिया इंस्टीटूट, आईआईटी रुड़की, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी,जैव विविधता बोर्ड, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित अन्य संस्थानों के वैज्ञानिक और विशेषज्ञ, जिलाधिकारी उत्तरकाशी श्री आशीष चैहान सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

अधिकारियों के रवैये से विधानसभा अध्यक्ष खफा

ऋषिकेश, उत्तराखंड में बेलगाम होती अफसरशाही का क्या हाल है इसका जीता जागता उदाहरण मिला विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा बुलाई गई सभी विभागों की समीक्षा बैठक में जिसमें विभागों के अधिकारी नदारद रहे जिससे नाराज होकर विधानसभा अध्यक्ष ने बैठक स्थगित कर दी ।
उत्तराखंड में अफसरशाही बेलगाम हो चुकी है सचिवालय से लेकर जिला मुख्यालय में अधिकारी ना तो जनप्रतिनिधियों की सुनते हैं और ना ही आप लोगों की, हाल यह है कि उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष द्वारा ऋषिकेश में बुलाई गई समीक्षा बैठक में कई विभागों के अधिकारी नहीं पहुंचे जिसके चलते विधानसभा अध्यक्ष भड़क गए और उन्होंने  समीक्षा बैठक को निरस्त कर दिया और देहरादून डीएम से तुरंत संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई करने का आदेश दे दिया।
विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चांद अग्रवाल ने खुद फ़ोन कर बहुत से अधिकारीयों से उनके न पहुंचने की वजय भी पूछी, विधानसभा अध्यक्ष ने साफ़ कहा है की इस तरह का हाल अब बर्दाश नहीं किया जायेगा। गौरतलब है कि ऋषिकेश नगर पालिका सभागार में विधानसभा अध्यक्ष द्वारा सभी प्रमुख विभागों की एक समीक्षा बैठक आहूत की गई थी जिसमें पेयजल, चिकित्सा, प.ङबलू.ङी जैसे कई विभागों को अपने कार्यों का ब्यौरा देना था लेकिन अधिकारियों के ना पहुंचने से समीक्षा बैठक मजाक बनकर रह गई।
तुरंत निरस्त कर अधिकारियों के खिलाफ लापरवाही बरतते और निर्देश ना मानने पर कार्यवाही करने की बात की गई।उत्तराखंड की अफसरशाही में किसी भी प्रकार का जनप्रतिनिधियों का डर नहीं रह गया है, अफसर बेलगाम होकर कार्य कर रहे हैं जिसका खामियाजा उत्तराखंड की जनता को समय समय पर उठाना पड़ता है ना तो इस पर मुख्य सचिव के निगाहें है और ना ही सरकार इस पर ठोस कदम उठा पा रही है।
                 

कडी सुरक्षा में हुआ अंतिम संस्कार

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सितारंगज, में हुए खूनी नरसंहार के बाद माहौल तनाव पूर्म बना है, दो लोगों की मौत से दहला सितारगंज अब भी कराह रहा है, वहीं जमीनी विवाद में तलवार और गोलियां चलने से मारे गए दो लोगों का अंतिम संस्कार संगीनों के साए में किया गया। एसएसपी डॉ. सदानंद दाते स्थिति पर पूरी नजर रखे हुए थे।

सितारगंज में रविवार को नगर कीर्तन निकलने के बाद दो पक्षों में तलवार और गोलियां चल गई थी। जिसमें जनता फार्म के दलजीत सिंह उर्फ सोनू और वृष्टि के हरबंस सिंह की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद से तनाव फैल गया, जिसे देखते हुए एसएसपी ने दोनों व्यक्तियों के अंतिम संस्कार के दौरान सुरक्षा के लिहाज से दोनो गांव में भारी सुरक्षा बल तैनात किया। अंतिम संस्कार से पहले एसएसपी ने दोनों मृतकों के घर जाकर परिजनों को न्याय दिलाने का भरोसा दिया साथ ही आश्वस्त किया कि हमलावर बहुत जल्द गिरफ्तार कर लिए जाएंगे।

उत्तराखण्ड राज्य की झांकी ‘ग्रामीण पर्यटन’ दिखेगी गणतंत्र दिवस परेड में

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गणतंत्र दिवस परेड, 2018 राजपथ नई दिल्ली में उत्तराखण्ड राज्य की झांकी ‘ग्रामीण पर्यटन (Village Tourism) को रक्षा मंत्रालय द्वारा नई दिल्ली में आयोजित बैठक में अंतिम रूप से चयनित कर लिया गया है। यह जानकारी देते हुए महानिदेशक सूचना डाॅ.पंकज कुमार पाण्डेय ने बताया है कि,रक्षा मंत्रालय भारत सरकार के अधीन गठित विशेषज्ञ समिति के सम्मुख 29 राज्यों और 20 मंत्रालयों द्वारा अपने प्रस्ताव पे्रषित किये गये थे। जिसमें से अंतिम रूप से केवल 14 राज्य 7 मंत्रालयों की झांकियों का चयन किया गया है। 
झांकी चयन की एक लंबी प्रक्रिया है, जिसके तहत चरणबद्ध रूप से विषय का चयन, डिजायन का प्रस्तुतिकरण, थ्री-डी माॅडल एवं संगीत का प्रस्तुतिकरण विशेषज्ञ समिति के सम्मुख किया जाता है। डाॅ.पाण्डेय ने बताया कि, “राज्य गठन से लेेकर अभी तक उत्तराखण्ड द्वारा वर्ष 2003 में ‘फृलदेई‘, वर्ष 2005 में ‘नंदा राजजात, वर्ष 2006 में ‘फूलों की घाटी‘, वर्ष 2007 में ‘कार्बेट नेशनल पार्क, वर्ष 2009 में ‘साहसिक पर्यटन‘, वर्ष 2010 में ‘कुंभ मेला‘, वर्ष 2014 में ‘जड़ी-बूटी, वर्ष 2015 में ‘केदारनाथ‘ तथा वर्ष 2016 में ‘रम्माण‘ विषयों की झांकियों का प्रदर्शन राजपथ पर किया जा चुका है।”
देवभूमि के नाम से विख्यात उत्तराखण्ड में प्रकृति और संस्कृति के मनमोहक नजारे बिखरे पड़े हैं, उत्तराखण्ड ग्रामीण पर्यटन के विकास की दृष्टि से अत्यंत संभावनाशील राज्य है। इस शांत व सुरम्य पर्वतीय अंचल के ग्रामीण क्षेत्रों में लोक-जीवन, कला-संस्कृति और विरासत के अद्भुत और अद्वितीय आयाम पर्यटकों को बरबस अपनी ओर आकर्षित करते हैं। शहरों की भीड़भाड़ से दूर उत्तराखण्ड की शांत वादियां, यहां साफ-सुथरी आबो-हवा, विविधतापूर्ण विरासत और अतिथि सत्कार की समृद्ध लोक परंपरा ग्रामीण पर्यटन के दृष्टिकोण से उत्तराखण्ड को आदर्श गंतव्य के रूप में स्थापित करती हैं। इससे जहाॅं स्थानीय समुदाय को आर्थिक व समाजिक रूप से लाभ होता है, वहीं पर्यटको को समृद्ध पर्यटन की अनूठी अनुभूति से साक्षात्कार का सुअवसर प्राप्त हो रहा है। पर्यावरण के प्रति संवेनदशील ग्रामीण पर्यटन के अंतर्गत सांस्कृतिक पर्यटन, प्राकृतिक पर्यटन और पारिस्थितकीय पर्यटन जैसे अनेकों आयामों को सम्मिलित करते हुए इसमें स्थानीय समुदाय की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है।
महानिदेशक सूचना डाॅ.पाण्डेय ने बताया कि, “उत्तराखण्ड में ग्रामीण पर्यटन के विकास के लिए प्रभावी प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य के अनेक गाॅंवों में होम-स्टे योजना संचालित की जा रही है। गाॅंवों में अवसंरचना के विकास तथा पर्यटन को प्रोत्साहित करने के परिणाम उत्साहजनक हैं। इससे सामाजिक-आर्थिक विकास के साथ ही पलायन जैसी गंभीर समस्या से निपटने में भी मदद मिली है और रोजगार के नए व बेहतर अवसर प्राप्त हो रहे हैं। इन सब आयामों पर केन्द्रित राज्य की झांकी के अग्र भाग में काष्ठ कला से निर्मित भवन व पयर्टकों का स्वागत करते हुए पारम्परिक वेशभूषा में महिला व पुरूषों को दर्शाया गया है। झांकी के मध्य भाग में पर्यटकों के साथ पारम्परिक नृृत्य, ग्रामीण परिवेश, जैव विविधता तथा पर्यटकों का आवागमन व झांकी के पृृष्ष्ठ भाग में होम स्टे हेतु वास्तु शिल्प के भवन, योग-ध्यान व बर्फ से ढके पहाड़ को दर्शाया गया है। “

यातायात व्यवस्था सुधारने के लिये यातायात समीक्षा बैठक आयोजित

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मंगलवार को डीजीपी उत्तराखण्ड अनिल के0 रतूड़ी, की अध्यक्षता में पुलिस मुख्यालय उत्तराखण्ड में राज्य की यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए यातायात समीक्षा बैठक आयोजित की गयी जिसमें उन्होंने कहा कि ”फिलहाल यातायात व्यवस्था बेहतर बनाना पुलिस का मुख्य कार्य हो गया है क्योंकि जनता इससे ज्यादा प्रभावित है।जेसे कि उत्तराखण्ड राज्य पर्यटन प्रधान राज्य है और अधिक से अधिक संख्या में लोगों का आगमन यहाँ हो रहा है जिससे सड़कों पर भी यातायात का दबाव बढ़ रहा है । हमें अपने सीमित संसाधनों का प्रयोग करके जनता के हित में कार्य करना है।”

बैठक में अशोक कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था उत्तराखण्ड, राम सिंह मीणा, अपर पुलिस महानिदेशक, प्रशासन,दीपम सेठ, पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, पुष्पक ज्योति, पुलिस उपमहानिरीक्षक, गढ़वाल परिक्षेत्र, केवल खुराना पुलिस उपमहानिरीक्षक/निदेशक- यातायात, लोकेश्वर सिंह, पुलिस अधीक्षक यातायात देहरादून, मंजूनाथ टी0सी0, पुलिस अधीक्षक,यातायात हरिद्वार, और प्रभारी सीपीयू सहित अन्य अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

अशोक कुमार ने कहा कि प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण ओवर स्पीड,नशे में वाहन चलाना, रेश ड्राइविंग,ओवरलोडिंग, वाहनों एवं सड़कों की खराब स्थिति तथा अप्रशिक्षित चालक होना है जिनकी रोकथाम करना पुलिस की प्राथमिकता है।

इस बैठक में कुछ खास बिन्दुओं पर विचार-विमर्श किया गयाः-

  • दुर्घटना सम्भावित/बोटल नेक/ब्लैक स्पॉट स्थानों का चिन्हीकरण कर सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु चेतावनी बोर्ड लगाये जाने हेतु निर्देशित किया गया।
  • जनपद हरिद्वार एवं ऊधमसिंहनगर में 100-100 तथा जनपद पौड़ी एवं टिहरी में 30-30 यातायात कर्मियों की नियुक्ति किये जाने का निर्णय लिया गया।
  • समस्त जनपदों में यातायात जागरुकता के सम्बन्ध में अभियान चलाकर आमजन को यातायात नियमों एवं सड़क सुरक्षा के प्रति जागरुक करने हेतु निर्देशित किया गया।
  • सड़कों पर अतिक्रमण के विरुद्घ 133 सीआरपीसी के अन्तर्गत कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देशित किया गया।
  • समस्त जनपदों में नये पार्किंग स्थल विकसित किये जाने का निर्णय लिया गया।
  • सड़क दुर्घटनाओं के मुख्य कारणों जैसे ड्रंकन ड्राईविंग, रेड लाईट जम्पिंग, ओवर स्पीड, ओवर लोड़िंग, रैश ड्राईविंग, एवं मालवाहक वाहनों में सवारी बैठाना में  शत-प्रतिशत डीएल निरस्तीकरण की कार्यवाही करने हेतु भी निर्देशित किया गया।
  • पार्किंग स्थलों, बाईपास, फ्लाईओवर के निर्माण एवं सड़कों के सुधारीकरण हेतु अन्य सम्बन्धित विभागों एम0डी0डी0ए0,पी0डब्लू0डी0,एन0एच0आई0ए0 आदि से समन्वय स्थापित करने का भी निर्णय लिया गया है।
  • प्रधानमंत्री भारत सरकार के निर्देशनुसार यातायात जागरुकता हेतु प्रदेश की स्थानीय बोलियों (गढ़वाली,कुमाऊंनी व जौनसारी) में यातायात जागरुकता संदेश सोशल मीडिया के माध्यम से भी प्रचारित-प्रसारित करने हेतु भी निर्देशित किया गया।

जनता दरबार में ज़हर खाने वाले प्रकाश की मैक्स अस्पताल में मौत

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देहरादून। बीते शनिवार को हल्द्वानी निवासी प्रकाश पांडे ने जनता दर्शन कार्यक्रम में जहर खाया जिसके बाद उन्हें मैक्स अस्पताल में भर्ती किया गया था जहां उनकी हालत नाज़ुक बनी हुई थी लेकिन मंगलवार दोपहर को प्रकाश का निधन हो गया।ज़हर खाने के बाद प्रकाश की हालत बेहद नाज़ुक थी जिसकी वजह से उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। सीएमओ डॉ वाईएस थपलियाल ने बताया कि प्रकाश का पोस्टमार्टम मैक्स हॉस्पिटल में ही होगा।

आपको बतादें कि बीते शनिवार को हल्द्वानी के स्थानीय निवासी प्रकाश पांडे ने बीजेपी कार्यालय में चल रहे जनता दर्शन कार्यक्रम में जहर खाकर था। लेकिन जहर खाने से पहले वह रो-रोकर अपनी शिकायत दर्ज करा रहे थे। ट्रांसपोर्टर प्रकाश पांडे बैंक के कर्ज से परेशान थे। उसका कहना था कि जीएसटी और नोटबंदी ने उनका कारोबार ठप कर दिया था। वह कर्ज तले डूब गये है और अब उसके पास और कोई रास्ता नहीं बचा इसलिए वह यह कदम उठा रहे हैं।शनिवार को देहरादून के बलवीर रोड स्थित बीजेपी कार्यालय में सुबोध उनियाल जनता दर्शन कार्यक्रम में लोगों की समस्या सुन रहे थे और ऐसे ही प्रकाश भी वहां अपनी शिकायत लेकर पहुंचा था। जहर खाने के बाद बीजेपी  कार्यकर्ताओं ने प्रकाश पांडे को दून अस्पताल पहुंचाया,जहां उसका इलाज किया जा रहा है। जाते-जाते भी कारोबारी सरकार के खिलाफ बोलता रहा। उन्हें गम्भीर हालत में दून हॉस्पिटल के आईसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया जहां डॉक्टरों ने बताया कि उनके पेट से जहरीला पदार्थ निकाल दिया गया है लेकिन प्रकाश की हालत गंभीर बनी हुई थी।

pritam singh

जहां एक तरफ प्रकाश की मौत ने बीजेपी सरकार पर सवालिया निशान लगा दिए हैं वहीं कांग्रेस सरकार प्रकाश की मौत पर हमलावर हो गई है।प्रकाश के मौत की खबर सुनते ही कांग्रेस के पीसीसी अध्यक्ष प्रीतम सिंह,सूर्यकांत धस्माना समेत कई नेता का मैक्स अस्पताल में तांता लग गया है।पीसीसी अध्यक्ष प्रीतम संह ने कहा कि ”प्रकाश का परिवार उनके मृत्यु से टूट गया है और प्रकाश की मौत का कारण ज़हर नहीं बल्कि नोटबंदी और जीएसटी है।राज्य सरकार और केंद्र सरकार के उठाए कदम से प्रकाश जैसे ना जाने कितने लोगों को दुख पहुंचाया है।सिंह ने कहा कि प्रकाश आज से नहीं बल्कि काफी समय से अपनी परेशानी लेकर सरकार से मिन्नतें कर रहे थे लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई और यह आत्महत्या नहीं बल्कि सरकार के किए गए फैसले का बैकफायर है।”

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हल्द्वानी निवासी ट्रासंपोर्टर प्रकाश पाण्डे के निधन पर शोक व्यक्त किया है, उन्होंने दिवंगत की आत्मा की शांति एवं दुःख की इस घड़ी में उनके परिजनो को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है।मुख्यमंत्री ने कहा कि, “स्व. प्रकाश पांडे की जीवन रक्षा के लिए सभी आवश्यक एवं बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई र्गइं। उनको इलाज के लिए शीघ्र मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डाॅक्टरों को उनको बेहतर ट्रीटमेंट देने को कहा गया था।मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की  कि इस प्रकार की दुर्भाग्यपूर्ण घटना की पुनरावृत्ति न हो।”