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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 18वीं प्राचीन श्री जगन्नाथ रथयात्रा की रस्सी खींच कर किया उद्घाटन

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देहरादून, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 18वीं प्राचीन श्री जगन्नाथ रथयात्रा की रस्सी खींच कर उद्घाटन किया। इससे पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने भगवान जगन्नाथ के रथ यात्रा कार्यक्रम में हिस्सा लिया उन्होंने सभी श्रद्धालुओं एवं भक्तों को शुभकामनाएं दी। भगवान जगन्नाथ के दर्शन को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी हुई है।

ऐसी मान्यता है कि जो भक्त भगवान जगन्नाथ के दर्शन किसी कारण नहीं कर पाते हैं, उन्हें भगवान स्वयं दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकलते हैं। कार्यक्रम में राज्य उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत भाजपा महानगर अध्यक्ष विनय गोयल आदि तमाम नेताओं ने भगवान जगन्नाथ के रथ की रस्सा खींच कर रथ को आगे बढ़ाया। 

बेकार सामान को नई ज़िदगी देती हैं देहरादून की ये लड़की

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कूड़े से कला के नये नमूने बनाने के लिये किसी 24 साल की युवती ने अपनी नौकरी छोड़ दी हो ये बात सुनने में अटपटी लगती है। पर ऐसी ही मिसाल पेश की है देहरादून की रहने वाली अर्शलीन कौर ने। अर्शलीन के पास बीएड की डिग्री है और वो देहरादून के एक संपन्न परिवार से आती हैं।  वो पिछले कुछ समय से ऐसी चीज़ों से गिफ्ट आइटम बनाने में लगी हैं जिन्हे आप और हम बिना सोचे फेंक देते हैं।

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अपने इस हुनर के बारे में अर्शलीन कहती हैं कि, “प्रकृति मेरी प्रेरणा रही है। मुझे मेरे दादा जी ने कांच की बोतलों को गिफ्ट में बदलने का आइडिया दिया था। मेरे पिता ने भी मेरा इस काम के लिये साथ दिया, और बस उसी के बाद से मैने कभी पीछे मुड़ के नही देखा। “

‘अर्शलीनस क्रियेशन’ के नाम से वो अपने घर से ही अपना स्टूडियों चला रही है औऱ अपनी सोच से आपके और हमारे लिये बेकार हो चुके सामान को नया रूप दे रही है। अर्शलीन ने कई तरह के सामानों के साथ काम किया लेकिन इन सब में उनके पसंदीदा हैं पुरानी काँच की बोतलें,जार आदि। वो कहती हैं,“खूबसूरत रंगों में मिलने वाले इम सामनाों को आप कई तरहके रंग रूप में ढाल सकते हैं और ये घरों को सजाने के लिये एक बेहतरीन सामान की शक्ल ले लेता है।” 

अर्शलीन द्वारा बनाये गये सामानों में बोटल प्लांटर, स्प्रिंलक्लर, बर्ड फीडर शामिल है। लेकिन उनकी खासियत है सामान को आपकी ज़रूरत के हिसाब से कस्टमाइज करना। अर्शलीन के हुनर के बारे में खास ये है कि इस काम की ट्रेनिंग उन्होने खुद से ही ली है, इसके साथ-साथ परिवार और दोस्तों से मिले साथ ने उन्हें इस मुकाम पर ला दिया है।

इस खास स्टूडियो के बारे में जानने के लिये आप इनके सोशल मीडिया चैनलों पर जा सकते हैं।

https://www.instagram.com/arshleenz_creation/

https://www.facebook.com/arshleen.kaur

आयकर विभाग का बेनामी संपत्तियों पर चाबुक, 3500 करोड़ की जब्ती, 900 केस दर्ज

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नई दिल्ली,  आयकर विभाग ने प्रोहिबिशन ऑफ बेनामी प्रोपर्टी ट्रॉन्जेक्शन एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए 3500 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति जब्त की है। आयकर विभाग ने बेनामी संपत्तियों पर कार्रवाई करते हुए 900 से ज्यादा मामले दर्ज किए हैं।

वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि 1 नवम्बर, 2016 से लागू हुए इस एक्ट के तहत अब तक 900 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इस एक्ट के तहत जब्त 3500 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्तियों में से 29 सौ करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां हैं। देशभर में फैली बेनामी संपत्तियों पर कार्रवाई के लिए 24 टीमें बनाई गईं हैं। 

बिना मिट्टी के फसल होगी पैदा

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क्या आप कल्पना कर सकते है बिना मिट्टी के खेती भी हो सकती हैं, शायद ये सुनकर आप को भी अटपटा जरुर लगेगा मगर अब ये सम्भव है, क्योंकि ये कारनामा कर दिखाया है जैवप्रौद्योगिकी निर्देशालय हल्दी पंतनगर के वैज्ञानिको ने, जिन्होने पानी में अपनी फसल तैयार कर सभी को चौंका दिया है, वैज्ञानिकों द्वारा तैयार की गयी ये फसल ना सिर्फ मिट्टी के फसल से बेहतर है बल्कि बिना रसायन के गुणवत्ता परक भी है।

किसी भी पौधे के लिए मिट्टी उतनी ही जरूरी होती है जितना कि मनुष्य के लिए उसकी सासे लेकिन पंतनगर जेवप्रौधोयोगिकी के वैज्ञानिको द्वारा अनोखी खेती की जा रही है वैज्ञानिको की टीम ने बिना मिट्टी से टमाटर, पालक, धनिया और चेरी के पेड़ों को उगा कर नया कीर्तिमान लिखा है, दरअसल इस विधि से तैयार की जा रही फसल को हाइड्रोपोनिक विधि कहते है।
वैज्ञानिको की माने तो बिन मिट्टी के कारण ही पोधो को बीमारी लगती है जिस कारण उसे जितना उत्पादन करना चाहिए था वो नही हो पाता है लेकिन वेज्ञानिको की टीम ने सिर्फ पानी से पेड़ो को जिंदा रखते हुए अधिक उत्पादन कर सबको चौका दिया है, यही नही, पानी मे उगाई गयी फसल की गुणवत्ता मिट्टी में उगाई फसल से बेहतर और स्वस्थ पाई गई है। वैज्ञानिको द्वारा अब तक टमाटर, चेरी, पालक ओर धनिया के पोधो में ये प्रयोग करते हुए सफलता हासिल की है, इस विधि से तैयार की गई फसल में रासायनिक दवाओ का प्रयोग ना के बराबर होता है।
वैज्ञानिको की माने तो पालक की फसल को बोए हुए 35 दिन हो गए है 35 दिनों के भीतर वो 3 बार इस से फसल ले चुके है पानी मे उगाए गयी फसल की गुडवत्ता अौर आकार देख वैज्ञानिक भी चोक गए है। पालक के पौधे की एक साख की लंबाई ओर चौड़ाई लगभग 30×17 सेंटीमीटर है, यही नही रासायनिक दवाओ का कम प्रयोग करने पर इन फसलो की कीमत अौर डिमांड भी अधिक हो सकती है। लगातार कम हो रही कृषि भूमि के लिए ये टेक्नोलजी काफी फायदे मंद हो सकती है, शहर के लोग इस विधि को अपनाते हुए घरों की छतों में लोन में या छोटी से छोटी जगह उत्पादन कर अपनी आय को बड़ा सकते है।
जैवप्रौद्योगिकी निर्देशालय के निर्देशक डॉ एमके नोटियाल के अनुसार, “हाइड्रोपोनिक विधि पहाड़ी जिलों के किसानों के लिए रामबाण साबित हो सकती है पहाड़ो के किसानों को अधिकांस बारिश के पानी पर निर्भर होना पड़ता है अगर बारिश के पानी को किसी ड्रम में एकत्रित कर इस प्रोजेक्ट के तहत खेती की जाय तो कम समय मे अधिक उत्पादन कर किसान अधिक मुनाफा कमा सकता है।” उन्होंने बताया कि अब तक इस विधि को पहाड़ी क्षेत्रों में अमली जामा पहनाने का काम किया जा रहा है जल्द ही ये टेक्नोलॉजी पहाड़ी किसानों को ट्रेनिग के माध्यम से दी जाएगी।

वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दूगना करने का  केंद्र ओर राज्य सरकार का सपना पूरा होगा कि नही ये तो भविष्य के गर्व में छिपा हुआ है लेकिन वेज्ञानिको द्वारा इज़ात की गई टेक्नोलॉजी हाइड्रोपोनिक विधि किसानों की खेती में चार चाँद लगा सकती है यही नही शहर में रहने वाले लोगो को भी इस विधि से घर मे खपत होने वाली सब्जियों से निजात मिल सकता है।

मकर सक्रांति और खिचड़ी संक्रांत पर लगी आस्था की डुबकी

मकर संक्रांत पर गंगा में डुबकी लगाते लोग

रविवार को मकर सक्रांति साल का पहला  स्नान है और इसमे गंगा स्नानं और दान पुण्य का विशेष महत्व होता है ,यही कारण है कि ऋषिकेश के गंगा तट पर भी  मकर सक्रांति के स्नान कि रोनक देखने लायक रही। बड़ी संख्या में दूर दूर से आये श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य का लाभ कमाया। इस अवसर पर दान पुण्य कर लोगों ने स्नान किया,जगह जगह धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन हुआ।

बढ़ती भीड़ के लिए पुलिस प्रसाशन ने सुरक्षा कि नज़र से व्यवस्थायें चाक चौबंद रखी। जगह जगह ट्रेफिक व्यवस्था के लिए पुलिस जवान तैनात रहे और घाटों पर जल पुलिस की निगहरानी रही। आज साल  का पहला स्नान है जिसके लिए देश भर के श्रद्धालु माँ गंगा में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। तीर्थ पुरोहित पंडित वेद प्रकाश के अनुसार “आधी रात के बाद सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे जिसके चलते भी मकर सक्रांति का महत्व बना रहेगा और श्रदालु गंगा में डुबकी लगा कर पुण्य का लाभ कमा सकते हैं।” साथ ही आज के दिन दान -पुण्य का विशेष फल मिलता है उत्तराखंड में खिचड़ी सक्रान्त भी इसे कहा जाता है चावल काली दाल तिल और गुड़ का भोग लगा कर दान किया जाता है।

मिसाल: विदेशी हाथ फिर संवार रहे हैं उत्तराखंड के वीरान गांवों को

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उत्तराखंड का पौड़ी और अल्मोड़ा जिला पलायन की दृष्टि से सबसे ज्यादा संवेदनशील है। आंकड़ें बताते हैं कि ये दो जिलें ऐसे है जिनमे सबसे ज्यादा पलायन हुआ है। लेकिन इन ज़िलों में पलायन को चुनौती देने औऱ सूने पड़े गांवों को बसाने के लिेये अब विदेश से भी हाथ आगे आये हैं। इंटनेशनल राउंड स्काव्यर क्मयूनिटी नाम की संस्था ने पौड़ी के डूंगरी गांव में एक कम्यूनिटी हॉल बनाकर गांव को दोबारा बसाने की अनूठी मिसाल पेश की है।

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दून स्कूल के अंबिकेश शुक्ला इस संस्थान के कोऑर्डिनेटर हैं।  उनके ही संरक्षण में कम्यूनिटी हॉल बनाने का काम दिसंबर में शुरु किया गया और अब इसका काम लगभग पूरा हो चुका है। अंबिकेश ने  न्यूजपोस्ट को बताया कि ”पौड़ी में बहुत से गांव हैं जिनमें पलायन हो चुका है और वो घोस्ट विलेज की श्रेणी में आ चुके है।पलायन को कम करने के लिहाज़ से हमने पौड़ी के डूंगरी गांव को चुना जिससे आसपास के सभी गांव के युवाओं को एक मौका मिल सके अपने गांव में रहकर कुछ करने का। अंबिकेश कहते हैं कि “इस क्मयूनिटी सेंटर को बनाने के पीछे सबसे बड़ा कारण था कि इसमे हम गांव के युवाओं को नि-शुल्क स्किल ट्रेनिंग दे सके। इसके लिए अपने कुछ विदेशी दोस्तों से मदद ली और इसको बनाने में दून स्कूल ने भी अपनी तरफ से कुछ फंड दिया।” अंबिकेश कहते हैं कि, “पहले भी दून स्कूल ने आपदा के बाद रुद्रप्रयाग में एक से डेढ़ करोड़ लागत का स्कूल बनाया है क्योंकि तब उस क्षेत्र को स्कूल की जरुरत थी अब राज्य में पलायन को रोकने के लिए दून स्कूल की यह छोटी सी कोशिश है।” यहां के स्कूली बच्चों ने एलईडी बल्ब बनाने की ट्रेनिंग ली है औऱ अब कोशिश है कि यह बच्चें गाँव के लोगों को यह सिखाकर स्वावलंबी बनने में मदद करे।

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पेशे से वकील पूरण सिंह नेगी ने अपनी ज़मीन बिना किसी पैसे के कम्यूनिटी सेंटर को बनाने के लिये दी। पूरण कहते हैं कि, ‘इस ज़मीन को देने के पीछे सबसे बड़ा कारण था आसपास के गांवों से हो रहे पलायन को रोकना। इस क्मयूनिटी हॉल के बनने से गांव वालों के पास एक जगह होगी जहां एक साथ बैठ कर वह कुछ भी नया सीख सकते हैं। साथ ही बेरोज़गार युवाओं के पास स्किल ट्रेनिंग लेने का भी विकल्प है।3cd4d05a-a9d0-4bdb-97db-5afdf6cae9d6

इस काम में सूत्रधार की भूमिका निभाने वाले मनीष जोशी भी इस कम्यूनिटी सेंटर को लेकर खासे उत्साहित हैं। मनीष कहते हैं कि, “अब तक राउंड स्काव्यर के लगभग 50-52 स्कूल हैं। इस ग्रुप के लोग पहले फंड इकट्ठा करते हैं फिर अपने रिर्सोसेस के माध्यम से नए काम करते हैं। जैसा कि डूंगरी गांव में भी इन्होंने ईंट,पत्थर,सीमेंट से लेकर सारी मजदूरी खुद की है। इस अंर्तराष्ट्रीय ग्रुप ने ना केवल गांव में एक कम्यूनिटी सेंटर बनाया है बल्कि आने वाले समय में वह गांव के बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिये अंर्तराष्ट्रीय स्तर के टीचरों को यहां लाने की तैयारी कर रहे हैं। इस कम्यूनिटी सेंटर में योगदान देने वालों ने बिना किसी सरकारी मदद के अपने पैसों और अपना समय देकर इस कम्यूनिटी सेंटर को तैयार किया है।

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मनीष ने ना केवल एक संरक्षक का काम किया है बल्कि 20-25 विदेशियों के रहने से लेकर सभी सुख-सुविधाओं का ध्यान मनीष ने रखा है।टीम न्यूजपोस्ट मनीष,अंबिकेश और पूरण जैसे लोगों को तहे दिल से सलाम करती है जिन्होंने बिना किसी व्यक्तिगत फायदे के  पौड़ी जिले में पलायन रोकने के लिए उम्दा पहल की है।

जनता के बीच पहुंचे त्रिवेंद्र, लोगों ने घेरा शिकायतों और फरियादों के साथ

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मुख्यमंत्री ने राजकीय इण्टर काॅलेज गंगोलीहाट के खेल मैदान में आम जनता की समस्यायें सुनी। मुख्यमंत्री ने सरकारी कार्यक्रमों से अलग हटते हुए खुद जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं को सुना। उन्होंने मौक पर ही लोगों की परेशानियों के हल के लिये जिलाधिकारी पिथौरागढ़ और अन्य अधिकारियों को आदेश दिये।
इस मौके पर 25.49 करोड़ रूपये की 14 विकास योजनाओं का भी शिलान्यास किया गया।  कार्यक्रम संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि, “सरकार के 10 माह पूर्ण होने जा रहे है इन 10 माहों में प्रदेश में भ्रष्टाचार को पूर्णतः समाप्त करने में सरकार सफल रही है,मुख्य उद्देश्य भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाना है। इस मुहिम को सफल बनाने में सभी से भागीदारी निभाने की उन्होंने अपील की।”
जनसमस्यां निवारण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कुल लागत 25.49 करोड़ रू की जिन 14 विकास योजनाओं का शिलान्यास किया गया व 5 कृषकों को एक-एक लाख रूपये के कृषि ऋण के चैक वितरित किये गये। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने ‘बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं’ कार्यक्रम के अंतर्गत सभी को बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं की शपथ दिलायी। जनपद पिथौरागढ़ पूर्व में सर्वे के अनुसार 1000 बालकों पर 813 बालिकाएं थी जो इन 10 माहों में विशेष अभियान तथा जनता की जागरूकता के अनुसार 1000 पर 914 हो गयी है इसके लिये उन्होंने जिलाधिकारी को बधाई दी।

ऋषिकेश कांग्रेस जिलाध्यक्ष पर दो लाख का जुर्माना 

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नैनीताल, तथ्य छिपाने के मामले को गंभीरता से लेते हुए हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता ऋषिकेश के कांग्रेस जिलाध्यक्ष पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगया है। साथ ही जनहित याचिका को खारिज कर दिया। याचिकाकर्ता द्वारा दो लाख रुपये की धनराशि दो सप्ताह में हाई कोर्ट बार एसोसिएशन वेलफेयर फंड में जमा नहीं की जाती है तो रजिस्ट्रार जनरल द्वारा देहरादून जिलाधिकारी को राजस्व वसूली के लिए पत्र भेजा जाएगा। आपको बतादें कि याची द्वारा यह तथ्य कोर्ट के सामने रखा कि इस मामले में यह पहली याचिका है।

अदालत की जानकारी में आया कि इस प्रकार की जनहित याचिका पहले ही निस्तारित हो गई है और याचिकाकर्ता ने गलत तथ्य प्रस्तुत किया। कोर्ट ने इस प्रकार की प्रवृत्ति को तत्काल रोकने के आदेश पारित करते हुए जनहित याचिका को खारिज कर दिया। कांग्रेस के ऋषिकेश के जिलाध्यक्ष जयेंद्र चंद्र रमोला ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि देहरादून रोड भारत माता मंदिर इंटर कॉलेज गोविंद नगर के पास 35 बीघा खुली जमीन है, ऐसे में वहां से कूड़ा हटाकर अन्यत्र ट्रंचिंग ग्राउंड बनाया जाए। साथ ही इसे कोर्ट को गुमराह करने का सुनियोजित प्रयास बताते हुए साफ किया कि याची के अधिवक्ता द्वारा यह नहीं कहा गया कि उनकी जानकारी में यह नहीं था और पूर्व में पीआइएल निस्तारित हो चुकी है। सरकार की ओर से मुख्य स्थायी अधिवक्ता परेश त्रिपाठी ने दलील दी कि याचिका ग्राह्य नहीं है और इसे खारिज किया जाए।

वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति वीके बिष्ट व न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद याचिका को खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया। साथ ही आदेश दिया कि याचिकाकर्ता दो सप्ताह में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन वेलफेयर फंड में इस रकम को जमा करे, अन्यथा रजिस्ट्रार जनरल कलेक्टर देहरादून को वसूली के लिए पत्र भेजेंगे।

अभिभावकों ने मांगी भीख, बनादो स्कूल

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हल्द्वानी, अभिभावक ने सरकार को आईना दिखाने के लिए सडकों पर भीख मांग कर स्कूल के भवन के लिए पैसे जुटाना शुरु कर दिया है, सालों से स्कूल भवन का निर्माण नहीं हो पाया है एेसे में स्कूली बच्चे दुसरी जगह जाकर पढने को मजबूर है लिहाजा सरकार से तो कोई आस नहीं है, तो अब अभिभावकों ने भीख मांग कर स्कूल भवन निर्माण का मन बनाया है।

ये मामला है हल्द्वानी का जहां अभिभावक सडको पर भीख मांगते नजर आ रहे हैं, कहने को तो शिक्षा को लेकर सरकारें कितने ही दावे कर ले। लेकिन जमीनी हकीकत असली तस्वीर बयां करती है। हल्द्वानी में स्कूल भवन के लिए अभिभावकों को भीख मांगनी पड़ी है। हल्दवानी के मुस्लिम बाहुल्य इंदिरानगर प्राथमिक विद्यालय का पुनर्निर्माण तीन साल बाद भी नहीं हुआ है। स्कूल के 370 से अधिक बच्चे जीआइसी बनभूलपुरा के सभागार में पढ़ने को मजबूर हैं। क्षेत्र वासियों के लंबे समय से चल रहे आंदोलन के बाद भी स्कूल भवन बनाने की कवायद शुरू नहीं हुई है। अधिकारी बजट के अभाव का रोना रोते हैं।

सरकार की आंख खोलने के लिए इंदिरानगर जन विकास समिति के साथ अभिभावकों ने  भीख मांगकर चंदा इकट्ठा किया। बाद में बुद्धा पार्क में धरना देकर जमकर नारेबाजी की।

खूनी संघर्ष में बदला बच्चों का विवाद

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किच्छा, बच्चों के बीच हुए विवाद में छिनकी में दो पक्ष आमने सामने आ गए। दोनों में जमकर तलवारबाजी हुई, जिसमें दोनों पक्षों के सात लोग घायल हो गए, घायलो को सीएचसी किच्छा में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि बच्चों के बीच हुए विवाद को हवा मिली तो दो परिवार आमने आ गए, दोनों पक्ष हाथ में तलवार और लाठी लेकर एक दूसरे से भिड़ गए।

तलवार के हमले से एक पक्ष के मो माजिद, सगीर अहमद, रफीक अहमद, नाजिम अंसारी और दूसरे पक्ष के तसलीम, तौकीर अंसारी, तसवर नवी, जरीना घायल हो गए। घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। सूचना मिलने पर पुलिस ने भी अस्पताल में डेरा डाल दिया।