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नही थम रही कन्या भ्रूण हत्याएं

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ऋषिकेश। तीर्थ नगरी में एक नवजात बच्ची का शहर के गोविंद नगर क्षेत्र से शव मिलने के कारण यहां सनसनी फैल गई। भ्रूण परीक्षण और कोख में कन्याओं की हत्याओं को लेकर एक बार फिर चर्चाओं का बाजार गर्म है।

पुलिस मामले की जांच कर आरोपियों को दबोचने की कोशिश में जुटी हुई है। लेकिन कड़वी सच्चाई बेटा और बेटियों में आज भी देखने को मिल रहा है जबकि भूण हत्या रोकने के लिए केन्द्र और राज्य सरकार अनेकों योजनाएं चला रही है फिर भी घटनाए रूकने का नाम नही ले रही है। ऋषिकेश में नवजात बच्ची के शव मिलने के बाद इसकी पुष्टि की जा सकती है। यहां के प्रबुद्ध समाज का कहना है कि भ्रूण हत्या पर रोक तभी संभव है जब इस संदर्भ में कानून को और सख्त बनाया जाए। इन सबके बीच बड़ा सवाल यह भी है कि कन्या भ्रूण हत्या के मामले आखिरकार कब और कैसे थमेंगे। हालांकि प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जो ऋषिकेश में वार्ता के दौरान प्रदेश में हो रही भ्रूण हत्या के साथ असंतुलित होते लड़कियों के जन्म की जनसंख्या पर चिंता जाहिर इसे दूर करने की बात भी कही है। 

केदारनाथ में बर्फबारी, बढ़ी ठंड

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रुद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम में शनिवार को हुई बर्फबारी से चोटियों ने सफेद चादर ओढ़ ली है। बर्फबारी कम होने से धाम में बर्फ जमा नहीं हो सकी। हल्की बर्फबारी से मौसम में भी ठंडक महसूस की गई।

शनिवार को दोपहर डेढ़ बजे से ढाई बजे तक केदारनाथ में बर्फबारी होने से ठंडक बढ़ गई। यहां कुछ देर काम में लगे मजदूर छतों के नीचे खड़े होने लगे किंतु बाद में बर्फबारी होते ही काम शुरू किया गया। हल्की बर्फबारी होने से धाम में बर्फ रुक नहीं सकी। देर शाम तक भी मौसम चारों ओर बादलों से घिरा रहा।

चमोली के खिलाड़ियों ने जीता स्वर्ण पदक

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गोपेश्वर। दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में प्रधानमंत्री के ‘खेलो इंडिया योजना’ के अंतर्गत वाॅक रेस में सुदरवर्ती चमोली जिले की एक बेटी व एक बेटे ने स्वर्ण पदक जीत कर राष्ट्रीय रिकॉर्ड कायम किया है। दोनों की इस उपलब्धि से उत्तराखंड का मान तो बढ़ा ही है। खिलाड़ियों के परिजन, कोच तथा विजेता खिलाड़ी कहते है कि प्रधानमंत्री के खेलों इंडिया सोच ने प्रोत्साहन और ताकत का काम किया है। खेलो इंडिया के अंतर्गत पांच किमी की अंडर-17 आयुवर्ग की वाॅक रेस में चमोली जिले के खल्ला मंडल गांव के परमजीत ने 21 मिनट 17 सेकेंड का समय लेकर न सिर्फ स्वर्ण पदक जीता बल्कि गत वर्ष के पूर्व सयम 21 मिनट 36 सैकेंड के रिकॉर्ड को भी ध्वस्त किया। चमोली जिले की ही गोपेश्वर की मानसी नेगी ने भी अंडर-17 आयु वर्ग में 3 किमी की वाॅक रेस में 14 मिनट 44 सैकेंड का समय लेकर स्वर्ण पदक जीता और पिछले राष्ट्रीय रिकॉर्ड 14 मिनट 46 सेकेंड को भी ध्वस्त किया है। इससे पूर्व भी दोनों ने अलग-अलग स्पर्धाओं में रजत पदक जीते हैं। परमजीत ने वडोदरा और भोपाल में इसी प्रतियोगिता में रजत पदक तथा मानसी भी अपने आयुवर्ग में रजत पदक जीती हैं।

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मानसी के पिता नहीं है, परमजीत के पिता तंग हाल
इन प्रतिभाओं को आगे आने में निसंदेह उनके अंदर छिपी प्रतिभा, साहस और कुछ नया करने और रचने की शक्ति ही है। परमजीत के पिता जगमोहन खल्ला गांव में एक छोटी सी दुकान चलाकर परिवार का भरण पोषण करते हैं। कहते है कि बेटी की इच्छा रही कि वह निरंतर दौड़े। परमजीत और उसके पिता इस सफलता का श्रेय कोच गोपाल बिष्ट को देते हैं। कहते है कि हमारे लिए यही द्रोणाचार्य हैं। मानसी के पिता नहीं है। कुछ वर्ष पूर्व उनका देहावसान हो गया था। मानसी मझोठी गांव की रहने वाली है। गोपेश्वर में अपने परिजनों के साथ रह कर शिक्षा ग्रहण कर रही है। ये भी अपनी सफलता का श्रेय अपने कोच गोपाल बिष्ट को ही देती है।

खेल और मैदान की सुविधा हो तो और अच्छा प्रदर्शन हो सकता है
दिल्ली से फोन पर बातचीत करते हुए परमजीत और मानसी कहती है कि खेल मैदान अच्छा हो और सुविधा मिले तो और अधिक बेहतरीन प्रदर्शन हो सकता है। स्वर्ण पदक मिलने और राष्ट्रीय रिकार्ड बनाने पर भावुक हो दोनों ने कहा कि आज हम जहां पहुंचे है उसका श्रेय केवल और केवल हमारे कोच गोपाल बिष्ट को ही दिया जाता है। कोच गोपाल बिष्ट कहते है कि इन बच्चों में गजब की प्रतिभा है। बताते चले कि औलंपिक एथलेटिक मनीष रावत को भी प्रारंभिक दौर में गोपाल बिष्ट ने ही प्रोत्साहित किया था।

हावड़ा दून पांच घंटे पहुंची लेट, राप्ती रिशेड्यूल

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देहरादून। राजधनी देहरादून से आने वाली लंबी दूरी की गई गाड़ियां शनिवार को अपने निर्धारित समय से घंटों लेट पहुंची। जिस कारण देहरादून मुजफ्फरपुर राप्ती गंगा एक्सप्रेस को रिशेडयूल किया है।

शनिवार को हावड़ा से चलकर देहरादून आने वाली हावड़ा दून एक्सप्रेस अपने तय समय 7:35 मिनट से पांच घंटे विलंब पहुंची। जबकि मदुरई देहरादून चेन्नई एक्सप्रेस व इलाहाबाद लिंक एक्स्रपेस दो—दो की देरी से आई। गोरखपुर देहरादून राप्ती गंगा एक्सप्रेस चार घंटे लेट आई।
स्टेशन अधीक्षक करतार सिंह ने बताया कि रेलवे ट्रैक पर चल रहे निर्माण कार्य व कोहरे के कारण ट्रनें विलंब से दून आ रही है। जिस कारण देहरादून मुजफ्फरपुर राप्ती गंगा एक्सप्रेस को रिशेडयूल किया गया है जो अब 20:30 मिनट पर रवाना होगी। बाकि अन्य गाड़ियों को समय से रवाना किया जा रहा है। 

रुद्रप्रयाग के स्कूल में शुरु हुआ फिल्म मेकिंग और एक्टिग प्रशिक्षण

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रूद्रप्रयाग। जवाहर नवोदय विद्यालय जाखधार में 02 फरवरी से 11 फरवरी 2018 तक आयोजित दस दिवसीय फिल्म मेंकिग, एक्टिग प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ अपर जिलाधिकारी जी0सी0 गुणवन्त ने किया। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी ने कहा कि जिलाधिकारी के प्रयासों से यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा हैं। कहा कि जिलाधिकारी द्वारा गांव के बच्चों को शिक्षा के साथ रचनात्मक गतिविधियों में आगे लाने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, जिससे बच्चें वर्तमान प्रतिस्पद्र्धी युग में प्रतिभाग कर सके व उनका सर्वागीण विकास हो सके। अपर जिलाधिकारी कहा कि कार्यशाला के दौरान प्रशिक्षक द्वारा जो भी सिखाया जाएगा उसे प्रत्येक विद्यार्थी पूर्ण लग्न से सीखे। विद्यार्थियों को कैरियर के विषय में बताते हुए कहा कि अभी से लक्ष्य का चुनाव कर परिश्रम करे, जिससे ससमय लक्ष्य प्राप्त हो सके।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान पुणे से आए सीनियर फैकल्टी डाॅ0 जे0बी0सिंह ने कहा कि माता-पिता सोचते है उनका बच्चा आगे बढे, किन्तु अध्यापक की सोच व कर्तव्य होता है कि वह विद्यार्थी को स्वयं से भी आगे सही दिशा में ले जाए। उन्होने कहा कि प्रशिक्षण में भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान पुणे के कोर्स निदेशक ऋृतेश तांगसडे व फोनसोक लद्दाखी द्वारा क्रमशः फिल्म मेंकिग व एक्टिग की टेªनिंग दी जाएगी।

इस अवसर विद्यालय के प्रधानाचार्य संजीव झाझरिया ने कार्यक्रम में अपर जिलाधिकारी द्वारा बहुमूल्य समय देने के लिए व दूर-दराज क्षेत्रों से आए अभिभावकों का धन्यवाद ज्ञापित किया। कहा कि सन् 1980 के दशक में विद्यालय की स्थापना की गई थी जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छी शिक्षा में सुलभता हो। कार्यशाला के विषय में प्रधानाचार्य ने बताया कि विद्यालय के 34 बच्चों द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभाग किया जा रहा है।

विश्व कप का खिताब जीतने वाले सबसे युवा कप्तान बने पृथ्वी शॉ

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नई दिल्ली, भारत को अंडर-19 विश्व कप का खिताब दिलाने वाले पृथ्वी शॉ सबसे युवा कप्तान बन गए हैं। इस मामले में पृथ्वी ने ऑस्ट्रेलिया के मिशेल मार्श को पीछे छोड़ दिया है। मार्श ने वर्ष 2010 में ऑस्ट्रेलियाई टीम को विश्व कप का खिताब दिलाया था। उस समय उनकी आयु 18 साल 102 दिन थी। वहीं,पृथ्वी की आयु अभी 18 साल 86 दिन हैं।

इसके अलावा बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज मनजोत कालरा (नाबाद 101 ) खिताबी मुकाबले में शतक जड़ने वाले दूसरे बल्लेबाज बन गए हैं। मनजोत से पहले वर्ष 2012 में उन्मुक्त चंद (नाबाद 111) ने खिताबी मुकाबले में शतक लगाया था।

उल्लेखनीय है कि भारतीय टीम ने प्रतियोगिता में अजेय रहते हुए खिताब अपने नाम किया है। भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 8 विकेट से हराकर चौथी बार आईसीसी अंडर-19 विश्व कप का खिताब जीत लिया है। भारतीय टीम टूर्नामेंट में अजेय रही है। इस जीत के साथ ही भारत चार बार विश्व कप जीतने वाला पहला देश बन गया है।

भारत ने खिताबी मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया द्वारा दिये गए 217 रनों के लक्ष्य को मनजोत कालरा के बेहतरीन नाबाद शतकीय पारी 101 रन की बदौलत 38.5 ओवर में 2 विकेट के नुकसान पर 220 रन बनाकर लक्ष्य हासिल कर लिया।

खेलमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने अंडर-19 विश्व कप का खिताब जीतने पर भारतीय टीम को बधाई दी है। खेलमंत्री ने ट्विटर पर दिए अपने बधाई संदेश में कहा, “आपने कर दिखाया! अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप का खिताब जीतने पर आप को बधाई। राहुल द्रविड़ के मार्गदर्शन में पूरी टीम ने शानदार काम किया। देश को आप पर गर्व है!” 

देश की प्रगति के लिए बच्चों को विज्ञान की शिक्षा जरूरीः राज्यपाल

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देहरादून, राज्यपाल डाॅ. कृष्ण कांत पाल ने कहा कि, “देश की प्रगति के लिए बच्चों को विज्ञान की शिक्षा देना आवश्यक है। बच्चों में विज्ञान के प्रति रूचि जाग्रत कर उनमें वैज्ञानिक सोच विकसित की जाए।” राज्यपाल झाझरा स्थित आंचलिक विज्ञान केंद्र (विज्ञान धाम) की दूसरी वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर विज्ञान धाम में ही राज्यपाल ने जैव विविधता उद्यान का भी उद्घाटन किया।
राज्यपाल ने जैव विविधता उद्यान के शुभारम्भ पर खुश होकर कहा कि, “इससे जड़ी बूटियों व पौधों की विभिन्न प्रजातियों की पहचान एक ही स्थान पर करना सम्भव होगा। इससे छात्रों, शोध छात्रों, वनस्पतिशास्त्रियों व आयुर्वेद से जुड़े लोगों को लाभ होगा, तमाम प्रजातियों के पौधों की पहचान व विस्तृत जानकारी के लिए यह संदर्भ केंद्र के रूप में महत्वपूर्ण सिद्ध होगा।”
 राज्यपाल ने कहा कि देश की तरक्की के लिए वैज्ञानिक सोच विकसित करनी होगी। इसके लिए बच्चों को विज्ञान की शिक्षा के लिए पे्ररित करना आवश्यक है। हमारे संविधान के अनुच्छेद 51(ए) में संवैधानिक कर्तव्यों का उल्लेख किया गया है। इनमें एक संवैधानिक दायित्व यह भी है कि वैज्ञानिक सोच और अनुसंधान व अन्वेषण की भावना विकसित करें।
राज्यपाल ने कहा कि किसी भी देश का विकास, वहां विज्ञान के स्तर पर ही निर्भर करता है। बच्चों में विज्ञान की मानसिकता जाग्रत करने से देश का आने वाला कल सुनहरा होगा। आंचलिक विज्ञान केंद्र इसमें अहम भूमिका निभा सकता है। राज्यपाल ने सुझाव दिया कि आंचलिक विज्ञान केंद्र की वीडियो फिल्म बनाकर इसे विभिन्न स्कूलों में बच्चों को दिखाई जाए।

उत्तराखंड के ये फुटबॉलर भाई बहन कहते हैं “बेंड इट लाइक पंवार”

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साहिल और रक्षा पंवार, देहरादून के यह भाई-बहन इन दिनों फुटबॉल के अपने सपने को हकीकत में जी रहे हैं। दोनों एक पेशेवर फुटबॉल क्लब के लिए खेल रहे हैं अौर कई बार अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उत्तराखंड और भारत देश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

18 साल के साहिल पंवार जो वर्तमान में कक्षा 12 के इम्तेहान देने वाले हैं पढ़ाई के साथ-साथ फुटबॉल के मैदान में एक डिफेंडर के तौर पर माहिर हैं और अभी भारतीय सुपर लीग में एफसी पुणे सिटी के साथ जुड़े हैं। कुछ हफ्ते पहले, 13 जनवरी को साहिल फुटबॉल क्लब से जुड़े और वहां भी अपना जलवा बिखेर दिया। इससे पहले वह एफसी पुणे सिटी अकादमी (क्लब की जूनियर टीम) का हिस्सा थे।

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साहिल बताते हैं, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं इतनी जल्दी सीनियर टीम का हिस्सा बन जाऊंगा। यह मेरे लिए एक सपने की तरह सच साबित हुआ है, आने वाले मैचों में मुझे अपना खेल खेलना है।”

दूसरी तरफ, उनकी बड़ी बहन रक्षा ने 13, 14, 16 और अंडर 19 फुटबॉल टूर्नामेंट में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया है। जिसमें भारतीय टीम का श्रीलंका में कप्तान के रूप मे, एशियन फुटबॉल कन्फेडरेशन चैम्पियनशिप 2009 को लीड किया। वह 2017 में एफसी पुणे सिटी महिला टीम का भी हिस्सा बनी, हालांकि चोट के कारण वह खेल नहीं सकी।

दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक, वर्तमान में वरिष्ठ राष्ट्रीय महिला टीम का हिस्सा बनने की तैयारी रक्षा कर रही हैं और साथ ही साथ कोच भी बनना चाहती  है। “जब मैनें खेलना शुरू किया, तो मैं लड़कों के साथ अभ्यास करती थी, क्योंकि लड़कियों के साथ खेलने के लिए कोई लड़की थी ही नहीं।

हालांकि यह भाई-बहन को साथ समय बिताने का मौका कम ही मिलता है, लेकिन दोनो एक दूसरे के काफी करीब हैं और एक दूसरे को हिम्मत और खेल से जुड़ी गाइडेंस भी देते रहते हैं। साहिल कहते हैं, “मैं हमेशा मार्गदर्शन के लिए रक्षा को देखता हूं और उसकी राय लेता हूं, वह मेरी ताकत है।”

पवाँर भाई-बहन अपने फुटबॉलर पिता दीपक से प्रेरित हैं जो उनके पहले कोच भी थे। दोनो अपने पिता के शुक्रगुज़ार हैं कि उन्होने न सिर्फ उन्हे खेल के गुर सिखाये बल्कि फुटबॉल जैसे खेल को लेकर समाज से आने वाले दबाव की चिंत्ता न करते हुए अपने बच्चों को अपने सपने जीने का मौका दिया।

ड्रोन कैमरों की मदद से रखा जायेगा हाथियों को रेलवे पटरियों से दूर

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वन अधिकारियों ने उत्तराखंड के जंगलों में जानवरों के मूवमेंट पर नज़र रखने के लिये अब ड्रोन कैमरों की मदद लेने का फैसला किया है। इसके लिये खासतौर पर उधमसिंह नगर जिले के टांडा बेल्ट में ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया गया है।

एक ड्रोन एक मानव रहित विमान या एक उड़ान रोबोट है, जो दूर से नियंत्रित किया जा सकता है या सॉफ्टवेयर-नियंत्रित उड़ान योजनाओं के माध्यम से स्वायत्तता से उड़ सकता है।

इस प्रयोग के लिये दो रेलवे पटरियों – लालकुआन से काशीपुर और लालपुर तक रुद्रपुर जो टांडा जंगलों से होकर गुजरती हैं चुना गया है।इन दोनों ही रास्तों पर हाथियों का कॉरिडोर है, हाथी वाले झुंड अक्सर पानी और चारे की तलाश में पटरियों के करीब आते हैं, जिससे दुर्घटनाएं होती हैं। पिछले साल अप्रैल में, टांडा वन विभाग में एक ट्रेन द्वारा टक्कर लगने से दो हाथियों की मौत हो गई थी।

वन संरक्षक पराग मधुकर ढकते बताते हैं कि”यह पहली बार है कि उत्तराखंड में घातक घटनाओं से बचने के लिए ड्रोन प्रौद्योगिकी के जरिए हाथियों की आवाजाही पर नजर रखी जाएगी। वन अधिकारियों को ड्रोन से निपटने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

पायलट प्रोजेक्ट में पांच ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा, इसमे पहले चरण में, लॉकुआ और रुद्रपुर रेलवे पटरियों पर ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा। एक ड्रोन 2000 मीटर की ऊंचाई पर उड़ सकता है और 9 किलोमीटर के एक खंड को कवर कर सकता है।

दिन के दौरान ट्रेन के निर्धारित समय से 30 मिनट पहले ड्रोन की उड़ान भरी जाएगी, यदि पटरियों के पास एक हाथी या झुंड देखते हैं, तो वन अधिकारी संबंधित रेलवे स्टेशन मास्टर को सूचित करेंगे, जो ट्रेन के ड्राइवर को उस क्षेत्र में ट्रेन की गति को कम करने के लिए निर्देशित करेगा।

भारत में एशियाई हाथियों की सबसे बड़ी जंगली आबादी है। जानकारों का भी मानना है कि ड्रोन की मदद से रेल हादसों में मारे जाने वाले हाथियों और अन्य जानवरों का संख्या पर काबू पाया जा सकता है।

आस्ट्रेलिया को हरा चौथी बार वर्ल्ड चैंपियन बना भारत

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अंडर 19 वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया को 8 विकेट से हराकर भारत चौथी बार वर्ल्ड चैंपियन बन गया है। इस मैच में भारत की ओर से मनजोत कालरा (101*) ने शानदार शतक बनाया। मनजोत के अलावा इस मैच में भारतीय गेंदबाजों का भी रहा, जिन्होंने ऑस्ट्रेलियाई पारी को 216 रन पर ही समेट दिया। भारत ने रेकॉर्ड चौथी बार यह खिताब अपने नाम किया है। मनजोत को उनके शानदार खेल के लिए मैन ऑफ द मैच का खिताब दिया गया। इस टूर्नामेंट में शुभमन गिल को उनके शानदार परफॉर्मेंस के लिए मैन ऑफ द सीरीज का खिताब दिया गया। शुभमन ने इस टूर्नमेंट में कुल 5 पारियां खेलीं, जिनमें उन्होंने एक शतक समेत 3 फिफ्टी बनाईं। पूरे टूर्नमेंट में गिल ने कुल 372 रन बनाए।

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आईसीसी अंडर-19 विश्व कप के खिताबी मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने 217 रनों के लक्ष्य रखा था।ऑस्ट्रेलिया ने इस मैच में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। जोनाथन मेरलो के 76, परम उप्पल के 34,नाथन मैस्विनी के 23 और जैक एडवर्ड्स के 28 रनों की बदौलत ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 47.2 ओवरों में सभी विकेट खोकर 216 रन बनाए।

भारत की तरफ से ईशान पोरल,शिवा सिंह,अनुकूल रॉय,कमलेश नगरकोटी ने 2-2 और शिवम मावी ने 1 विकेट लिए।