बैंक मैनेजर को किया गिरफ्तार

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बाल विकास परियोजना जसपुर,  के अधिकारी (सीडीपीओ) के खाते से 20.50 लाख रुपये निकालने के मामले में पुलिस ने मुरादाबाद स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा के ब्रांच व ज्वाइंट मैनेजर को गिरफ्तार किया है।

दो फरवरी 2017 को कान्हा इंटरप्राइजेज संस्था के नाम से बने चेक का मुरादाबाद स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा(बीओबी) से भुगतान किया गया था। चेक के जरिये सीडीपीओ जसपुर के खाते से 20.50 लाख रुपये की रकम निकाली गई थी। सूचना मिलने पर सीडीपीओ लक्ष्मी टम्टा ने 23 मार्च को अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

पुलिस जांच में पता चला कि चेक एवं संस्था दोनों फर्जी थे। मामले की जांच कर रहे सब इंस्पेक्टर एनसी जुर्राल ने शनिवार को पूछताछ के बहाने मुरादाबाद सिविल लाइन स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा के प्रबंधक वीके सक्सेना तथा संयुक्त प्रबंधक अंकिता रोहतगी को जसपुर कोतवाली बुलाया।

बिना जांच किए इतनी अधिक रकम का चेक पास करने, असली नकली की पहचान न करने, फर्जी संस्था का खाता खोलने और दो लाख रुपये से अधिक का चेक होने पर स्थानीय बैंक शाखा से जानकारी न करने आदि सवालों का संतोषजनक उत्तर न देने पर पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने बैंक के उच्चाधिकारियों को इसकी जानकारी दी ।

जांच अधिकारी ने बताया कि दोनों बैंक अधिकारी गिरोह के अन्य सदस्यों से मिले थे। चेक तथा संस्था की जानकारी किए बिना इतनी बड़ी रकम खाते में ट्रांसफर करना इस बात के प्रमाण हैं। उधर, दोनों बैंक अधिकारियों ने कहा कि पुलिस के कहने पर वह जसपुर कोतवाली में मामले में सहयोग के लिए आए थे। रूटीन में चेक पास किया गया था। उन्हें फंसाया जा रहा है।

इस मामले में पुलिस काशीपुर की एक फाइनेंस कंपनी के शाखा प्रबंधक ऋतुराज शर्मा पुत्र तथा फराज खान को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।  एसआइ एनसी जुर्राल ने बताया कि फराज खान ने ही अवनीश कुमार निवासी सिविल लाइंस मुरादाबाद के नाम से फर्जी संस्था कान्हा इंटरप्राइजेज का प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत खाता खुलवाया था। इसी संस्था को बैंक ने नौ लाख रुपये का लोन भी दिया था। 20.50 लाख रुपये का संस्था के नाम चेक जमा होने पर बैंक ने लोन के रुपये जमा कर लिए थे।