देहरादून: सरकार के आश्चर्यजनक कदम नोटबंदी की पहली सालगिरह के बाद से आखिर क्या बदलाव आए यह जानना जरुरी था।नोटबंदी होने के बाद कई लोगों को डिजिटल लेनदेन करने के लिए मजबूर होना पड़ा।लेकिन एक साल बाद अगर देखें तो इससे काफी बदलाव आया है।
इसी कड़ी में टीम न्यूजपोस्ट ने शहर के विभिन्न भागों में दुकानों, सड़क के किनारे विक्रेताओं और व्यापारिक प्रतिष्ठानों, दोनों बड़े और छोटे, में एक छोटा सर्वे किया, केवल यह देखने के लिए क्या शहर में ऑनलाइन भुगतान की ओर सकारात्मक शुरुआत हुई है? यहां बाजारों में जाकर पता चला कि बहुत से नकद आधारित लेनदेन डिजिटल मोड में बदल चुके हैं।

चकराता रोड के किनारे खाने का स्टाल लगाने वाले राजकुमार बताते हैं कि, “मेरे पेटीएम बटुए में मेरे पास 10 हजार रुपये हैं। नोटबंदी के बाद, ग्राहक ई-वॉलेट के माध्यम से भुगतान करना चाहते थे बस फिर तबसे ही मैंने भी मोबाइल वॉलेट का उपयोग करना शुरू कर दिया था। यह एक बेहद आसान और सुविधाजनक मोड है हालांकि शुरुआत में मुझे थोड़ी दिक्कत हुई लेकिन अब मुझे यह इस्तेमाल करना ज्यादा आसान लगता है।राजकुमार ने बताया कि हमारे यहां आने वाले युवाओं में 50% से अधिक युवा अब डिजिटल पेमेंट पसंद करते हैं। “
नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले साल 8 नवंबर को 500 और 1,000 रुपये के नोटों को बंद करने का फैसला किया जिससे पूरे राष्ट्र को जैसे झटका लग गया था। पैसों को वापस जमा करने के लिए एटीएम और बैंकों के बाहर वो सारी भीड़ लग गई थी जो आम दिनों पर सड़कों पर दिखाई देती थी।
“शुरू में, लोग मोबाइल वॉलेट का इस्तेमाल करने या डिजिटल भुगतान करने में संकोच करते थे लेकिन अब इन मोडों के साथ लोग काफी सहज हो गए हैं।या हम ये भी कह सकते हैं, वे उन चीजों को खरीदने या बेचना पसंद करते हैं, जो डिजिटल लेनदेन के जरिए हो सके। अगर पहले एक या दो लोग मोबाइल वॉलेट का उपयोग कर रहे थे, तो अब पांच से छह हो चुका है। हालांकि, यह भी सच है कि इनमें से कई लोग युवा हैं जो पहले से ही इंटरनेट बैंकिंग इस्तेमाल करते थे,” घंटाघर के पास एक मेडिकल स्टोर के मालिक सुनील राणा ने बताया।
अब समय ऐसा आ गया है कि आइसक्रीम पार्लर से, किराने की दुकानों से सैलून तक, डेबिट कार्ड या मोबाइल वॉलेट के माध्यम से पेमेंट का विकल्प लगभग हर जगह है।वहीं दूसरी ओर, निवासियों की एक छोटी संख्या ऐसी भी है जो मानते हैं कि डिजिटल भुगतान नकदी के उपयोग को आसानी से बदल नही सकता हैं।
रेखा नेगी, एक देहरादून स्थानीय ने कहा, “मोबाइल वॉलेट का इस्तेमाल करना सबसे आसान काम है। लोग इसे आसानी से इस्तेमाल करते हैं और पिछले एक साल से, डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिला है। मुझे नहीं पता है कि देश की अर्थव्यवस्था में कितना बदलाव आया है लेकिन यह निश्चित रूप से बदला है कि कई लोगों, विशेष रूप से युवाओं की लेन-देन की आदतों में बदलाव आ चुका है। हम में से अधिकांश आज पेटीएम का उपयोग करते हैं। “





















































