कलियर शरीफ में फर्जी कर्मचारियों की ड्यूटी का सिलसिला जारी है। दरगाह के भीतर ड्यूटी देने वाले वास्तविक कर्मचारी ड्यूटी टाइम को फर्जी कर्मचारियों को बेचकर आराम फरमाते हैं, जबकि दरगाह और मजार के भीतर खड़े होने वाले फर्जी कर्मचारी जायरीनों से जमकर वसूली करते हैं।
फर्जी कर्मियों की करतूतों के चलते कई बार फटकारे जा चुके दरगाह दफ्तर के रवैये में रत्ती भर बदलाव नजर नहीं आ रहा है। नतीजतन लूट-खसोट का धंधा खूब फल-फूल रहा है। पिछले कुछ महीनों में फर्जी कर्मचारियों को लेकर दरगाह दफ्तर की भूमिका संदेहास्पद हुई है। कुछ शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए प्रशासन की ओर से 22 कर्मचारियों को हटाया भी गया है, लेकिन दरगाह दफ्तर ने गम्भीरता से नहीं लिया। हाल ही में नियुक्त हुए मैनेजर शमशाद अंसारी ने कार्यभार संभालते हुए व्यवस्था में सुधार की बात कही थी, लेकिन फर्जी कर्मियों की ड्यूटी के मुद्दे पर वे भी बेबस नजर आ रहे हैं।
स्थानीय समाजसेवियों का कहना है कि फर्जी कर्मचारियों के मामले में कई बार विवादों में फंसे दरगाह दफ्तर के जिम्मेदार पदाधिकारी औचक निरीक्षण कर फर्जी कर्मियों को रंगे हाथों पकड़कर कानूनी कार्रवाई करने की जरूरत महसूस नहीं करते, जिस कारण असली और नकली कर्मचारी बेधड़क होकर लूट-खसोट को अन्जाम दे रहे हैं। फिलहाल, फर्जी कर्मचारियों के चलते जहां जायरीनों का शोषण हो रहा है, वहीं दरगाह की आमदनी भी कम हो रही है।























































