जनपद पौड़ी गढ़वाल में मानव और मांसभक्षी प्राणी संघर्ष रोकथाम को लेकर आयोजित विचार गोष्ठी में वन महकमे के साथ-साथ वाइड लाइफ विशेषज्ञों ने मनुष्यों के ऊपर जंगली जानवरों के हमलों के कारणों तथा उनको रोकने के उपायों पर मंथन किया।
वाइल्ड लाइफ संस्थान तथाग की संयुक्त पहल पर आयोजित बैठक में वन विभाग पौड़ी समेत लैंसडोन तथा टिहरी तथा वाइल्ड लाइफ संस्थान देहरादून के वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञों ने कई अहम बिन्दुओं पर रोशनी डाली।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी सुशील कुमार ने पर्वतीय जिलों में बाघ और आग की घटनाओं को बेहद चिंताजनक बताया। कहा कि इन घटनाओं को विशेष रणनीति के तहत रोका जाना अहम है। उन्होंने कहा कि जंगली जानवरों व मानव के बीच के संघर्ष को कम करने के लिए वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञों से रायशुमारी की जा रही है। उन्होंने पर्यावरण के लिए गुलदार समेत अन्य जंगली जानवरों की भूमिका को भी अहम बताया। उन्होंने कहा कि लोगों को पर्यावरण तंत्र में इनके वास्तविक वजूद से भी अवगत कराना जरूरी है।
जंगली जानवरों से प्रभावित मुख्य गावों में मॉडल प्रोजेक्ट के तहत विशेष रूप से जागरूक तथा घटनों को रोकने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके अलावा, वन विभाग के कार्मिकों के साथ-साथ ग्रामीणों को मॉक ड्रिल के माध्यम से गुलदार, भालू आदि के हमलों से बचने, रेसक्यू करने तथा इन्हें पकड़ने की तकनीकी विधियां बतायी जाएंगी।
इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे, डीएफओ लैंसडोन मयंक शेखर, वाइल्ड लाइफ संस्थान के विशेषज्ञ डॉ एसएस बिष्ट, डॉ एसपी गोयल आदि ने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञ डॉ सत्य कुमार ने किया।
 
                






















































